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छत्तीसगढ़: सेंट्रल लाइब्रेरी में युवा गढ़ रहें अपना सुनहरा भविष्य

छत्तीसगढ़:- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बिलासपुर प्रवास के दौरान यहां सेंट्रल लाइब्रेरी की सौगात दी थी। इस लाइब्रेरी का उपयोग कर युवा अब अपने सुनहरे भविष्य के लिए भरपूर मेहनत कर रहे हैं। प्रदेश की इस डिजीटल लाइब्रेरी की स्थापना के बाद यहां 680 से ज्यादा पंजीकृत सदस्य हैं जो इस सर्व सुविधायुक्त डिजीटल लाइब्रेरी में पठन-पाठन कर रहे हैं। बिलासपुर संभाग समेत पूरे प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है, ऐसे में काफी समय से शहर में एक सर्व सुविधायुक्त लाइब्रेरी की कमी महसूस की जा रही थी। नगर पालिक निगम और बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्रदेश के पहले डिजिटल लाइब्रेरी की भी स्थापना की गई है। सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर में पाठकों के पढ़ने के लिए अलग-अलग विषयों की पांच हजार पुस्तकें उपलब्ध है। जिसमें कला, विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कानून, मोटिवेशनल, मेडिकल, अध्यात्म, प्रतियोगी परीक्षाओं के स्टडी मटेरियल शामिल है। इसके अलावा साहित्य जगत, उपन्यास और ख्यातिलब्ध लेखकों की पुस्तकों का भी संग्रह रखा गया है। इसी तरह डिजिटल लाइब्रेरी में तीस कंप्यूटर सिस्टम इंस्टाल किया गया है जिसमें पांच हजार स्टडी मटेरियल उपलब्ध है। इसके जरिए लोग देश-दुनिया से जुड़ भी रहें है और डिजिटल तरीके से पढ़ाई भी हो रही है।


छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए रायगढ़ से आकर बिलासपुर में कोचिंग कर रही छात्रा सुश्री मनीषा पटेल विगत मार्च माह से सेंट्रल लाईब्रेरी में प्रतिदिन 7-8 घण्टे बैठकर अपनी पढ़ाई कर रही हैं। यहां का शांत वातावरण, साफ सफाई और अनुशासन उन्हें बहुत पसंद है। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण चलते सार्वजनिक स्थलों पर जाने से लोग बच रहे है लेकिन सेंट्रल लाईब्रेरी में प्रोटोकाल का पालन कड़ाई से किया जा रहा है। जो सदस्य इसका उल्लंघन करता है उस पर अर्थदण्ड भी लगाया जाता है। इस व्यवस्था से लाईब्रेरी में संक्रमण का खतरा कम है। इसलिए वह प्रतिदिन बिना नागा के लाईब्रेरी का लाभ ले रही है। मेडिकल के छात्र डॉ. रजत अग्रवाल प्रीपीजी की तैयारी कर रहे है। वे जनवरी माह से रोज आते है और डिजिटल लाईब्रेरी का लाभ उठा रहे है।

उन्होंने बताया कि लाईब्रेरी का माहौल उन्हें बहुत पसंद है। घर में पढ़ाई सुविधाजनक नहीं है, यहां बैठकर वे पूरी एकाग्रता के साथ अध्ययन कर पाते है। सेंट्रल लाइब्रेरी में सदस्यता के लिए अलग-अलग वर्गों हेतु शुल्क निर्धारित किया गया है, जिसमें सामान्य नागरिकों के लिए, छात्रों के लिए, पूर्व शासकीय सेवक, वरिष्ठ नागरिक, कार्पोरेट से जुड़े लोगों के लिए अलग-अलग शुल्क अलग निर्धारित किया गया है. सदस्यता शुल्क माह, तिमाही, अर्धवार्षिक और आजीवन सदस्यता के आधार पर लिया जा रहा है। सेंट्रल लाइब्रेरी प्रदेश की पहली लाइब्रेरी है जहाँ बच्चों के लिए एक अलग जोन बनाया गया है। जहां बच्चों के पढ़ने के लिए एक अलग वातावरण है। जिसमें ई बुक, आडियों बुक, बोर्ड बुक, पिक्चर बुक, साथ में मस्ती के लिए उपकरण भी उपलब्ध हैं। सेंट्रल लाइब्रेरी में अगर कोई पुस्तकें दान करने का इच्छुक हो तो वह दान कर सकता है। इसके लिए सहायक प्रभारी श्री विकास पात्रे, मो. 7440944000 और लाइब्रेरियन श्री धनकुमार महिलांग फोन नंबर-07752434279 से संपर्क किया जा सकता है।
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बलौदाबाजार : सैनिक स्कूल अंबिकापुर में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश हेतु परीक्षा परिणाम जारी

बलौदाबाजार  :- प्रदेश के एक मात्र सैनिक स्कूल अंबिकापुर में सत्र 2021-22 हेतु कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश हेतु परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया  है। अधिक जानकारी के संबंध में  सैनिक स्कूल अंबिकापुर की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट सैनिकस्कूलअम्बिकापुर डॉट वोआरजी डॉट इन में जाकर विस्तृत परीक्षा परिणाम एवं निर्देश देख सकतें है। इसके साथ ही स्कूल की दूरभाष क्रमांक 07774-261609 और मोबाईल नंबर 7747032999 से संपर्क किये जा सकते है।

 

 

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रायपुर : विभागीय परीक्षा का परिणाम घोषित

रायपुर :-  राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा संचालित विभागीय परीक्षा 25 जनवरी से 1 फरवरी तक शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय,रायपुर में आयोजित की गई थी। इसका परीक्षाफल घोषित किया गया है। उपायुक्त रायपुर संभाग आनंद मसीह ने बताया कि परीक्षा परिणाम का अवलोकन संभाग आयुक्त के कार्यालय में किया जा सकता है।

 

 
 

 

 

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राज्य खेल पुरस्कार के लिए 10 अगस्त तक कर सकते है आवेदन

रायपुर :-  छत्तीसगढ़ शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, निर्णायकों को खेल पुरस्कार प्रदान कर राज्य खेल अंलकरण सें सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार राज्य के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों, प्रशिक्षकों, निर्णायकों को प्रदान किये जाते हैं। इसके लिए विभाग द्वारा 7 अगस्त तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसे बढ़ा कर अब 10 अगस्त कर दिया गया है। आवेदन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के जिला कार्यालय या संचालनालय में राज्य खेल संघों से अनुशंसा सहित आवेदन निर्धारित तिथि तक कार्यालयीन समय अवधि में जमा किए जा सकते हैं। खिलाड़ी को पृथक-पृथक वर्षों के लिए पृथक-पृथक आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्रों का प्रारूप मय विज्ञापन विभाग की वेबसाइट www.sportsyw.cg.gov.in पद  पर उपलब्ध है। 

राज्य खेल अंलकरण के अंतर्गत सीनियर वर्ग के ऐसे खिलाड़ियों को शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा, जिनके द्वारा राष्ट्रीय चैैम्पियनशिप में या राष्ट्रीय खेलों में कोई पदक प्राप्त किया गया हो या अधिकृत अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व किया गया हो। इसी प्रकार जूनियर वर्ग के उन खिलाड़ियों को शहीद कोैशल यादव पुरस्कार से अंलकृत किया जाएगा, जिनके द्वारा जूनियर वर्ग के राष्ट्रीय चैैम्पियनशिप में कोई पदक प्राप्त किया गया हो। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने विगत 5 वर्षों में  चार बार सीनियर वर्ग राष्ट्रीय चैैम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले महिला, पुरूष खिलाड़ियो को शहीद पंकज विक्रम सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
 
प्रशिक्षकों, निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह पुरस्कार से अलंकृत किया जायेगा। खेल से जुड़े 55 वर्ष या अधिक उम्र के अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लिया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया हो या संबंधित ने ऐसी कोई उल्लेखनीय सेवा खेल के क्षेत्र में की हो, जिसके आधार पर उन्हें सम्मानित किये जाने हेतु विचार किया जाए, उन्हें शहीद विनोद चौबे सम्मान से अलंकृत किया जावेगा। इसी प्रकार सीनियर व जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय प्रतियोगिता पदक प्राप्त दल को मुख्यमंत्री ट्राफी प्रदान की जाती है। पुरस्कार के नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र मे प्रकाशित किए गए है, नियमों के अंतर्गत पात्रता रखने वाले आवेदकों को पुरस्कार के लिए प्रावीण्यता के आधार पर चयन किया जाएगा।
 
शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार हेतु 03 लाख रूपये, शहीद कौशल यादव पुरस्कार हेतु एक लाख 50 हजार रूपये, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार हेतु एक लाख 50 हजार रूपये, शहीद विनोद चौबे सम्मान एवं पंकज विक्रम सम्मान हेतु 25-25 हजार रूपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार सीनियर एवं जूनियर वर्ग के दलीय खेलों के लिए मुख्यमंत्री ट्राफी प्रदान की जायेगी, जिसमें ऐसे दलीय खेल जिसके सदस्यों की संख्या 04 है, उन्हें सीनियर वर्ग में दो लाख रूपये एवं जूनियर वर्ग में एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा तथा ऐसे दलीय खेल जिनमें सदस्यों की संख्या 04 से अधिक है, उन्हें सीनियर वर्ग में 5 लाख रूपये तथा जूनियर वर्ग में 3 लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार के अतिरिक्त मानपत्र, अलंकरण फलक, ब्लेजर एवं टाई प्रदान की जाएगी।
 
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त विजेताओं को प्रोत्साहन नियम के तहत नगद राशि पुरस्कार अलंकरण प्रदान किया जाता है। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में (1 अप्रैल से 31 मार्च तक 2 वर्ष के लिए) जिन खिलाड़ियों ने सब जूनियर, जूनियर एवं सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया है, वे खिलाड़ी जिला कार्यालय एवं अपने खेल संघों से आवेदन फार्म प्राप्त कर निर्धारित तिथि तक अपना आवेदन जमा कर सकेंगे।
 
इसी प्रकार खेलवृत्ति (डाईट मनी) के लिए जिन खिलाड़ियों  ने विगत वर्ष अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे पदक प्राप्त किया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया हो, खेलवृत्ति हेतु आवेदन कर सकेंगे। खेलवृत्ति के अधिकतम आयु 19 वर्ष से अधिक नही होने चाहिए। खेल संघों से प्रोत्साहन के लिए उनके द्वारा वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में (1 अप्रैल से 31 मार्च दो वर्ष के लिए) अर्जित की गई उपलब्धि के लिए प्रेरणा निधि के आवेदन जिला कार्यालय या संचालनालय में निर्धारित तिथि तक जमा कर सकेंगे।
 
पुरस्कार, नगद राशि, खेलवृत्ति प्रेरणा निधि हेतु आवेदन फॉर्म संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण या विभाग के सभी जिला कार्यालय एवं राज्य खेल संघों से प्राप्त किये जा सकते है। शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार के आवेदन संघों के माध्यम से नियमानुसाार निर्धारित प्रक्रिया के तहत राज्य खेल संघों की अनुशंसा सहित प्राप्त किये जायेंगे। खेल संघ पृथक-पृथक वर्षवार दो पुरस्कारों (एक महिला, एक पुरुष खिलाड़ी) के लिये वरीयता के आधार पर 2-2 खिलाड़ियों के नाम की अनुशंसा कर सकेंगे। पंकज विक्रम पुरस्कार के आवेदन संचालनालय एवं जिला कार्यालय में खिलाड़ियों से सीधे स्वीकार नही किये जायेंगे।  
 
पुरस्कार नियम में प्रावधानों के अनुरूप जिन खिलाड़ियों की मान्यता प्राप्त संघ द्वारा पुरस्कार के लिए अनुशंसा नहीं की गई है और तुलनात्मक रूप से उनकी उपलब्धि अधिक है, तो ऐसे खिलाड़ी तत्संबंधी विवरण प्रस्तुत कर, निर्धारित प्रारूप में अपना व्यक्तिगत विवरण लेख करते हुए अब 10 अगस्त 2021 तक, कार्यालयीन समय में संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण, सरदार वल्लभ भाई पटेल, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, जी.ई. रोड, रायपुर या खेल विभाग के जिला कार्यालयों में अपना आवेदन सीधे जमा कर सकते हैं।
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आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया फिर शुरू

सूरजपुर:-  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत जिला में आयुष्मान कार्ड बनायें जा रहें हैं। इस कार्ड को दिखाते ही राज्य के अनुबंधित में सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में शत-प्रतिशत निःशुल्क इलाज मिलेगा। आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया फिर शुरु प्रदेश के च्वाइस सेंटर में निःशुल्क कार्ड बनायें जाएंगे। भारत सरकार एवं राज्य शासन के निर्देशानुसार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत जिले के अनुमति प्राप्त च्वॉइस सेंटर में पात्र हितग्राहियों की पात्रता अनुसार आयुष्मान कार्ड सह पंजीयन बनाने का काम 30 अप्रैल तक संचालित था। परंतु कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए इस कार्य को स्थगित किया गया था।


इसे अब पुनः प्रारंभ कर दिया गया है, जिससे हितग्राही आपातकालीन अथवा जरूरत के आधार पर जिलें, प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर पंजीकृत अथवा सूचीबद्ध शासकीय, निजी अस्पताल में भर्ती होकर 5 लाख रूपये या 50 हजार रूपये तक की प्रति वर्ष स्वास्थ्य लाभ लेकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जिन पात्र हितग्राहियों ने पूर्व में विभिन्न चिन्हांकित चॉइस सेंटर में अपना पंजीयन करायें थे उसी चॉइस सेंटर में अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड पुनः दिखाकर निःशुल्क पी.व्ही.सी. कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। राज्य नोडल एजेंसी ने बताया कि पूर्व में 1 मार्च से 31 मार्च तक आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया जारी थी। जिसे बढ़ाकर 30 अप्रैल तक किया गया था। इस अवधि में आपके द्वार आयुष्मान योजना के तहत पंजीयन के मामले में छग १० देश में सर्वश्रेष्ठ रहा था। इस अवधि से सबसे अधिक कार्ड बनाये गये। आयुष्मान कार्ड एवं पंजीयन की अधिक जानकारी के लिए कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर या टोल फ्री नंबर 104 में संपर्क कर सकते है।

इसे पुनः प्रारंभ करने संचालक स्वास्थ्य सेवाए मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य नोडल एजेंसी द्वारा प्राप्त निर्देश एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में ऐसे हितग्राही जिन्होंने अभी तक आयुष्मान कार्ड पंजीयन नहीं करवायें है वे अपना राशन कार्ड व आधार कार्ड लेकर नजदीकी चॉइस सेंटर में जाकर कार्ड बनवा सकते है। अब तक जिले में 364593 आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके है तथा जनवरी 2021 से माह जुलाई तक 3657 हितग्राहियों को इस योनजा के माध्यम से इलाज की सुविधा प्रदान किया गया है। जब भी अस्पताल आये तो अपना राशन कार्ड व आधार कार्ड अवश्य ले कर जायें।
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रायपुर : बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए बनेगी विशेष कार्ययोजना

  •   लक्ष्यों का निर्धारण और उनकी उपलब्धि के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

 रायपुर :-  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विभागों की समीक्षा बैठक के दौरान बस्तर संभाग के सातो जिलों में विशेष कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य आधारित क्रियान्वयन के निर्देश विभिन्न विभागों को दिए थे। इसी संदर्भ में आज मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आदिवासी विकास विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, जल संसाधन विभाग, वन विभाग, खाद्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सचिवों सहित बस्तर संभाग के संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर, मुख्य वन सरंक्षक, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और समस्त वनमण्डलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। 

मुख्य सचिव  जैन ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए लक्ष्य आधारित कार्ययोजना बनाने की बात कही है। बस्तर संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में देवगुड़ी एवं घोटूल के विकास एवं पुनर्निर्माण के संबंध में समीक्षा करते हुए  जैन ने कहा है कि वनवासियों के आस्था से जुड़े इन स्थानों का विकास धार्मिक आयोजनों के साथ ही सामुदायिक उपयोग के लिए भी किया जा सके इस हेतु कार्ययोजना अगस्त माह तक राज्य स्तर पर प्रस्तुत करना है। कार्ययोजना के निर्माण के लिए देवगुड़ी-घोटुल में जन सुविधा के लिए जरूरी संसाधन जैसे-पेयजल की व्यवस्था, सामुदायिक बैठकों के लिए शेड निर्माण, बाउण्ड्री, शौचालय आदि जरूरी तथ्यों को शामिल किया जाए। साथ ही देवगुड़ी-घोटुल के लिए जमीन का चिन्हांकन गांव वालों की सहमति से किया जाए।
 
इसी से लगकर सुपोषित बाड़ी विकसित करने की कार्ययोजना को भी शामिल की जाए। इसके लिए उन्होंने विभिन्न विभागों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फंड के साथ ही बस्तर विकास प्राधिकरण और राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। वनाधिकार मान्यता पत्रों के वितरण की समीक्षा करते हुए श्री जैन ने कहा कि आगामी विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त के दिन हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्रों का वितरण किया जाना है। इस हेतु सभी जिले मान्यता पत्रों की स्वीकृति और उनके वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित कर ले।  जैन ने सीएसआर मद के कार्यों में आवश्यकतानुसार संशोधन की प्रक्रिया पूरी करने और राज्य स्तरीय हाई पॉवर कमेटी से इसका अनुमोदन प्राप्त करने के निर्देश दिए है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की परिक्षेत्र विकास निधि हेतु गठित हाई पॉवर कमेटी की बैठक में एनएमडीसी की सीएसआर मद से क्षेत्रों के विकास के लिए जरूरी विकास कार्यों की स्वीकृति दी गयी है।
 
 सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कनिष्ठ सेवा चयन आयोग की प्रगति और आयोग के माध्यम से बस्तर क्षेत्रों में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की भर्ती की समीक्षा करते हुए  जैन ने रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मार्गदर्शिका बनाने के निर्देश बस्तर संभागायुक्त को दिए है। उन्होंने कहा है कि विभागों के लिए ऐसे पद जिन पर तत्काल रूप से भर्ती आवश्यक है इन्हें प्रथम चरण में शामिल करते हुए वित्त विभाग की अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाना है। इसके लिए  जैन ने राज्य में संचालित हो रहे व्यावसायिक भर्ती परीक्षा मण्डल (व्यापम) की भर्ती प्रक्रिया का अवलोकन करने कहा है। भर्ती प्रक्रिया में समस्त आवश्यक बाते जैसे-विज्ञापन का प्रारूप, आवेदन का प्रारूप, योग्यता, स्कूटनी, परीक्षा, आवेदन की सरल प्रक्रिया आदि पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। अगस्त माह के अंत तक बस्तर संभाग में रिक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों में करिष्ठ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भर्ती के लिए जरूरी दिशा निर्देश निर्धारित करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए हैं।
 
बस्तर क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन का चिन्हांकन और उनका उद्योगों के अनुरूप विकास करने के निर्देश जैन ने दिए है। इसके लिए विशेष रूप से कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर और बस्तर जिले को कार्ययोजना बनाने कहा गया है। बस्तर संभाग में प्रवाहित होने वाली इंद्रावती नदी सहित अन्य नदियों पर सिंचाई के लिए मेगा लिफ्ट योजनाओं के निर्माण के लिए कार्ययोजना बनाने कहा गया है। इसके लिए जल संसाधन-राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से स्थल निरीक्षण और क्षेत्र के हितग्राहियों से चर्चा के निर्देश दिए गए है|
 
सड़क किनारे के वृक्षारोपण को सुरक्षित रखने के लिए बांस के ट्री-गार्ड के निर्माण और उनके विक्रय की राशि के भुगतान की समीक्षा करते हुए  जैन ने कहा कि समूहांे द्वारा निर्मित ट्री-गार्ड के खरीदी की शेष बकाया राशि का भुगतान 15 अगस्त तक कर लिए जाए और इस वर्ष के लिए ट्री-गार्ड की खरीदी की कार्ययोजना जिलेवार बना लिए जाए। वन क्षेत्रों से घास की कटाई और चारागाह विकास की समीक्षा करते हुए जैन ने पिछले वर्ष और इस वर्ष के हरे चारे की उत्पादन का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करने कहा है। साथ ही चारागाह में लगाए गए नेपियर घास के उत्पादन और कटाई पर विशेष ध्यान देने कहा है। समर्थन मूल्य में मक्के की खरीदी में जिला स्तर पर आ रही प्रमुख समस्याओं और उनका निराकरण के निर्देश जैन ने दिए है।
 
मक्का उत्पादक किसानों को विभाग द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी मोबाईल संदेश के माध्यम से  देने कहा है। खाद्य विभाग के सचिव को नियमित रूप से मक्का उत्पादक जिलों का भ्रमण और किसानों से चर्चा करने के निर्देश दिए गए है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिीनिक योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के सभी हाट बाजारों में मेडिकल टीम नियमित और निश्चित रूप से पहुंचे इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव वन  मनोज पिंगुआ, सचिव सामान्य प्रशासन  डी.डी. सिंह, मिशन संचालक स्वास्थ्य डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण में होगी प्रदेश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका : सीएम भूपेश बघेल

रायपुर : - मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण में प्रदेश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। युवाओं को शिक्षा और रोजगार की बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार का यह प्रयास है युवाओं को सकारात्मक वातावरण मिले जिससे उनकी रचनात्मक शक्ति का उपयोग प्रदेश और देश के विकास में किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहाँ अपने निवास कार्यालय से छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष श्री जितेंद्र मुदलियार, सदस्य श्री उत्तम वासुदेव और श्री अजय सिंह ने पदभार ग्रहण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने की। उन्होंने नवनियुक्त अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे प्रदेश की युवा शक्ति को रचनात्मक दिशा देने में सफल होंगे। 

 
इस अवसर पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, विधायक सर्वश्री दलेश्वर साहू, भुनेश्वर बघेल, श्रीमती छन्नी साहू, श्री शोभाराम बघेल, श्री राजमन बेंजाम, श्री विक्रम शाह मण्डावी, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री संदीप साहू, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला, राजनांदगांव की महापौर श्रीमती हेमा देशमुख खेल एवं युवा कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थीं।
 
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह अच्छा संयोग है कि आज पूर्व विधायक श्री उदय मुदलियार की जयंती है और आज ही के दिन उनके चिरंजीवी श्री जितेन्द्र मुदलियार छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री उदय मुदलियार एक मिलनसार और जिंदादिल जनप्रतिनिधि थे। उनकी शहादत हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। छत्तीसगढ़ के विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमने युवा शक्ति के बल पर नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण का सपना देखा है। युवा प्रतिभाओं को तराशना और उन्हें उपयुक्त मंच प्रदान करना हम सबकी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार की प्राथमिकता में युवाओं के चरित्र का निर्माण भी शामिल है।
 
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस और रचनात्मक सुविधा से भरपूर हमारे युवा भविष्य के छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस उम्मीद के साथ उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है उन पर वे खरा उतरेंगे और छत्तीसगढ़ की प्रगति में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। यही गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का असली स्वरूप है। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने भी अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में राजनांदगांव जिले से आए अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 

 

 

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छत्तीसगढ़ के नाशपाती का स्वाद पहुंचा दूर-दूर तक

छत्तीसगढ़/रायपुर :-  राज्य सरकार द्वारा भी नवाचारों को लगातार प्रोत्साहित करने के साथ अधिक से अधिक लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। नवाचारों के दिशा में कदम बढ़ाते हुए जशपुर जिले के किसानों ने नाशपाती की खेती को बड़े पैमाने पर अपनाया है। यहां के बगीचा-सन्ना क्षेत्र के किसान बहुत अधिक मात्रा में इसकी खेती करते है। जिले के लगभग 17 सौ किसान नाशपाती का उत्पादन से जुड़े हैं। यहां 750 हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 700 टन नाशपाती का उत्पादन होता है।

दीर्घवर्ती फसल के रूप में नाशपाती का उत्पादन कर किसान हर साल अच्छा मुनाफा कमाते हैं। दिल्ली,रांची जैसे बड़े शहरों के साथ उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में यहां के नाशपाती की मांग होने लगी है। इसका लाभ महिलाओं को प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को इसके वैल्यू चेन मार्केटिंग से जोड़ा गया है। इससे यहां की महिलाओं को न सिर्फ रोजगार का एक नया साधन उपलब्ध हुआ है बल्कि वे जशपुर के नाशपाती का स्वाद दूर दराज तक पहुंचाने में सहयोग कर रही हैं। इसी कड़ी में बगीचा तहसील की मां खुडिया रानी महिला कृषक उत्पादक संगठन से जुड़ी महिलाएं वैल्यू चेन मार्केटिंग के तहत् जिले में अधिक मात्रा में होने वाले नाशपाती को दूसरे राज्यों और जिलों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं। उनके द्वारा सन्ना के किसानों से 27 क्विंटल नाशपाती की खरीदी कर उसे पड़ोसी जिला रायगढ़ में विक्रय किया गया है।

समूह की महिलाओं ने बताया कि जशपुर जिले  में वन सम्पदा की कोई कमी नहीं है। वह इससे अपनी आमदनी को बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने नाशपाती फल को सप्लाई कर इसकी शुरूआत की है। उन्होंने बताया कि उन्हें पहली बार में ही 7 हजार 500 रुपए का लाभ प्राप्त हुआ है। जिससे समूह की महिलाओं में काफी प्रसंन्नता व्याप्त है। वह इस कार्य को आगे बड़े पैमाने पर करने की तैयारी कर रही है जिससे उन्हें अत्यधिक लाभ हो सके।
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समूह की महिलाओं के लिए सेंट्रिंग सामान बना आय का जरिया

महासमुन्द : - छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ अंतर्गत विकासखण्ड सरायपाली के ग्राम पंचायत किसड़ी के जय माॅ दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सेंट्रिंग सामान से आजीविका संबंधित गतिविधि का कार्य कर रही है।जय माॅ दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा इण्डियन ओवरसीज बैंक से एक लाख का बैंक लिंकेज के माध्यम से सेंट्रिंग का सामान खरीदकर स्थानीय स्तर पर आवास निर्माण कार्य में लगाकर अच्छी आय प्राप्त कर रही हैं। साथ ही आस-पास के गांवों में भी सेंट्रिंग सामान को किराया देकर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं, जिसके कारण उनके आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। इस कार्य से वे बहुत खुश है। 

आज समूह की महिलाओं के पास आमदनी के कई जरिये हैं। जिससे वे नियमित रूप से ऋण की राशि भुगतान कर रही है। कभी चन्द रुपए के लिए कड़ी धूप या बरसते पानी में रोजी रोटी कमाकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाली यह महिलायें आज सच्ची लगन और ईमानदारी से हजार रुपए हर दिन कमा कर क्षेत्र के लोगों के लिए मिसाल बनी हुई है। आत्म विश्वास से लबरेज ये महिला समूह आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से सशक्त हो गई है। सेंट्रिंग सामान से उन्हें स्थानीय स्तर पर घर से ही काम मिल जाने के कारण समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं को समय-समय पर आजीविका संबंधित कार्यों की जानकारी संबंधित अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा दी जाती है |

 

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कुपोषण को दूर करने 22 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनी पोषण वाटिकाएं

रायपुर :-  महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं तैयार हो चुकी हैं।

 
इन पोषण वाटिकाओं में आंगनबाड़ी परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी व फल उत्पादित किया किए जा रहे हैं। उत्पादित पौष्टिक साग-सब्जियों और फल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राही बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें आहार के रूप प्रदान किया जा रहा है।

कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भेंटकर लोगों को अपने घरों में बाड़ियां तैयार करने और उनमें पौष्टिक साग-सब्जी लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे बच्चों को ताजा और बेहतर आहार उपलब्ध हो ओर वे कुपोषण के शिकार न हो। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक असर हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है। जो कुपोषण दूर करने में काफी सहायक है |

 

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रायपुर : बस्तरवासियों को शीघ्र मिलेगी सर्व सुविधायुक्त खेल परिसर की सौगात

छत्तीसगढ़ :- अपने मनोरम प्राकृतिक सौन्दर्य एवं विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के कारण पूरे देश एवं दुनिया में विख्यात बस्तर की धरा खेल प्रतिभाओं से भी परिपूर्ण रही है। इन खेल प्रतिभाओं को तराशने एवं उन्हें अनुकूल सुविधा मुहैया कराने की आवश्यकताओं को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। राज्य शासन के विशेष प्रयासों से खेल प्रतिभाओं को उचित प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण संस्थान की स्थापना का बस्तरवासियों का सपना शीघ्र साकार होने जा रहा है। इस वर्ष के अंत तक जगदलपुर शहर के धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर में खेलों के लिए कई सुविधाएं प्रारंभ हो जाएंगी। इसके साथ ही वर्ष 2022 के शुरूआत में ही बस्तरवासियों को बहुउद्देशीय एवं बहुउपयोगी खेल परिसर की बहुप्रतिक्षित सौगात मिल जाएगी। बस्तर की खेल प्रेमी जनता की मंशा अनुरूप राज्य शासन की विशेष पहल से लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से कई खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यह खेल परिसर आदिवासी बहुल बस्तर संभाग की खेल प्रतिभाओं को तराशने तथा उन्हें जरूरी सुविधा प्रदान कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।


उल्लेखनीय है कि संभाग मुख्यालय जगदलपुर के धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर मैदान में वृहद स्तर पर बहु उपयोगी खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इस खेल परिसर में 4 करोड़ 48 लाख रूपए लागत की बहुउद्देशीय बॉलीबाल हाल के अलावा 400 मीटर कॉम्पीटीशन एवं 200 मीटर वार्मअप सिंथेटिक ट्रेक, 120 मीटर आरचरी रेंज के अलावा एक ही परिसर में इंडोर खेलों की खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों की पूर्ण सुविधा से युक्त बहुउद्देशीय हाल का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा खेल परिसर में ऊंची कूद, लंबी कूद, कबड्डी कोर्ट, बॉलीबॉल कोर्ट व 200 मीटर 6 लेन का पै्रक्टिस टेªक निर्माण कार्य किया जाना है। इसके साथ ही इस परिसर में लंबी दौड़, तीरंदाजी, कबड्डी, बॉलीबॉल, ऊंची कूद आदि के लिए भी मैदान व कोर्ट का निर्माण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बस्तर के खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों केे द्वारा फुटबाल, क्रिकेट मैदान, 400 मीटर सिंथेटिक टेªक एवं मल्टीपरपस हाल निर्माण की लम्बे समय से मांग की जा रही थी।


इस क्रीड़ा परिसर में निर्माणाधीन खेल मैदान अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप तैयार किये जा रहे हैं। जिससे की बस्तर में आने वाले समय में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन किया जा सके। राज्य शासन के मंशानुरूप समय-सीमा में गुणवत्तायुक्त ढ़ंग से इस खेल परिसर के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने हेतु कलेक्टर श्री रजत बंसल द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। यहां की खेल प्रतिभाएं उचित प्रशिक्षण, मार्गदर्शन एवं सुविधाओं के मिलने से आने वाले समय में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा को स्थापित करने में सफल होंगी।

 

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आपदा प्रबंधन के तहत् बाढ़ से बचाव के लिए हुआ मॉक ड्रिल

नारायणपुर :- कलेक्टर श्री धर्मेष कुमार साहू के निर्देष पर राजस्व, पुलिस, वन, नगर सेना, नगर पालिका, जनपद पंचायत सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में नारायणपुर के बाकुलवाही तालाब में आपदा प्रबंधन के तहत बाढ़ से बचाव के लिए नगर सेना के जवानों द्वारा मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान बाढ़ की स्थिति मे लोगों को सुरक्षित बचाने और उनके प्रथम चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देष्य से मॉक ड्रिल किया गया। इस अवसर पर अनुविभागिय अधिकारी राजस्व  दिनेष कुमार नाग, संयुक्त कलेक्टर  गौरी षंकर नाग, डिप्टी कलेक्टर  वैभव क्षेत्रज्ञ,  फागेष सिन्हा, जिला नगर सेनानी  मनोहर चौहान, तहसीलदार सुनील कुमार सोनपीपरे,  केतन भोयर, नायब तहसीलदार ख्याति नेताम सहित वन विभाग के कर्मचारी, राजस्व एवं नगर सेना के जवान विषेश रूप से उपस्थित थे। 

जिला नगर सेनानी  चौहान ने बताया कि मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति में नगर सेना बचाव के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। आपदा प्रबंधन के तहत इसके लिए व्यवस्था की गई है। उन्होने बताया कि बाढ़ की स्थिति मे आवष्यकता पड़ने पर कैम्प की व्यवस्था की जाएगी। बाढ़ बचाव के लिए एक एल्युमिनियम बोट है जिसमें एक साथ 10 से 12 लोगों को रेस्क्यू किया जा सकता है। एक और रबर बोट की भी मांग की गई है। इसके अलावा 40 एच.पी के दो मोटर इंजन, 23 नग लाइफ जैकेट, 38 नग लाइफबॉय, 3 बंडल लायॅनोन की रस्सी, 3 नग वाटर प्रूफ टेन्ट उपलब्ध है।
 
इन सभी सामाग्रीयों का परीक्षण कर लिया गया है। इसके अलावा बाढ़ बचाव की अन्य सामग्रियों में 18 नग सर्च लाइट, 12 नग ट्रक ट्यूब, 5 नग ड्रम, 2 नग तारपोलिन सीट, 1 नग एक्सटेंषन लेडर, 2 नग चप्पू, 34 नग गम बूट, 22 नग बाल्टी, 5 नग जरकीन, 2 नग फावड़ा, 6 नग गैंती, 24 नग बैलचा, 8 नग तगाड़ी, 2 नग वायरलेस, 3 नग चैनसा, 2 नग कुल्हाड़ी, 1 नग फर्स्ट एड बाक्स, 2 नग ऑस्कर लाइट एवं 1 नग ओ.बी.एम स्टैण्ड उपलब्ध है। उन्होने बताया कि जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन कर लिया गया है। संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों माड़िन नदी, आमदई नदी, कुकुर नदी, कोचवाही नदी, कसावाही नदी क्षेत्र षामिल है। बाढ़ आने की स्थिति में तत्काल बचाव की

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषित बच्चों और महिलाओं को मिला नया जीवन

छत्तीसगढ़/रायपुर :-  मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान कुपोषित बच्चों और महिलाओं  के जीवन में वरदान साबित हो रहा है। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्म भोजन, अतिरिक्त पौष्टिक आहार सहित निःशुल्क स्वास्थ्य और परामर्श सेवाएं प्रदान करने से कुपोषित बच्चों, एनीमिक महिलाओं को कई प्रकार के स्वास्थ्यगत परेशानियों से निजात मिल रही है।    

 

इन्ही में से एक वनांचल और आदिवासी क्षेत्र बीजापुर के संतोषपुर की फुलदई साहनी  हैं, जो करीब सालभर पहले एनीमिया से पीड़ित थीं। उनका हिमोग्लोबिन स्तर 7 ग्राम और वजन मात्र 35 किलोग्राम था। वह पूरी तरह कमजोर हो गयी थी। लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित रूप से पौष्टिक आहार तथा स्वास्थ्य जांच सहित उपचार मिलने से अब फुलदई एनीमिया से मुक्त हो गयी है। फुलदई साहनी बताती हैं कि एनीमिया से पीड़ित होने के कारण वह बहुत कमजोर महसूस करती थीं। घरेलू काम करने के दौरान जल्दी थक जाती थीं। उनकी साढ़े 4 वर्ष की बेटी पूर्वी साहनी भी कमजोर थी, लेकिन अब आंगनबाड़ी केन्द्र में देखभाल से कुपोषण में मध्यम श्रेणी में आ गई है।
 
फुलदई ने बताया कि आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता का नियमित  परामर्श मिलता रहा, इससे उनके साथ बेटी पूर्वी को भी बहुत फायदा हुआ है। आंगनबाड़ी केन्द्र में उन्हें नियमित तौर पर गर्म पौष्टिक भोजन सहित अंडा, चिक्की, पौष्टिक बिस्किट और अतिरिक्त पौष्टिक आहार दिया जाता है। इसके साथ ही नियमित रूप  से स्वास्थ्य का परीक्षण और उपचार भी मिलता है। इन सभी का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ और मार्च 2021 तक उनके स्वास्थ्य में व्यापक सुधार आया। फुलदई का हिमोग्लोबिन स्तर 12 ग्राम होने सहित वजन 46 किलोग्राम हो गया।
 
वहीं बेटी पूर्वी गंभीर कुपोषण से बाहर होकर मध्यम श्रेणी में आ गई है। उसका वजन 14 किलोग्राम हो गया। फुलदई कहती हैं, कि वह अब शारीरिक रूप से सक्षम महसूस कर रही हैं। घरेलू कार्य सहित घर की खेती-किसानी कार्य में अपने पति श्री राजू साहनी का सहयोग कर रही हैं। उन्हें अब थकान-कमजोरी जैसी कोई समस्या नहीं है। अभी भी उन्हें नियमित तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृहभेंट कर उचित खान-पान, स्वच्छता तथा साफ-सफाई का ध्यान रखने समझाईश दी जाती है। जिस पर वह पूरी तरह अमल कर रही हैं। इस महत्ती योजना के लिए फुलदई ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

 

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BIG BREAKING: भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला… अगस्त के इस तारिक से शुरू होंगे स्कूल और कॉलेज… इस तरिके से लगेंगी कक्षाएँ…

 भूपेश कैबिनेट में स्कूलों को खोलने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। कैबिनेट प्रदेश में स्कुल और महाविद्यालयों को खोलने के लिए दो अगस्त की तारीख तय की है।(BIG BREAKING)

 
कैबिनेट में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति में प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए 2 अगस्त 2021 से भौतिक रूप से शिक्षण तथा अध्यापन कालखण्डो में विद्यार्थियों को उपस्थिति का निर्णय लिया गया।
जिसके तहत कक्षाओं का संचालन प्रतिदिन 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ किया जाएगा। यानी विद्यार्थी अलटरनेट डे कक्षा में उपस्थित होंगे। समस्त संकायों / कक्षाओं के लिए पूर्व से संचालित ऑनलाइन कक्षाएं भी यथावत संचालित रहेंगी। कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाएगा।
स्थानीय पार्षद एवं पालकों की सहमति
कक्षा 10वीं और 12वीं के कक्षाएं 2 अगस्त 2021 से शुरू होंगी। कक्षाओं का संचालन विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ किया जाएगा। इसके लिए पालकों की सहमति आवश्यक होगी।
 
यदि कोविड के एक भी प्रकरण नहीं है, ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतो पालकों के परामर्श से स्कूलों के संचालन का निर्णय ले सकेंगी। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के संचालन के संबंध में स्थानीय पार्षद एवं पालकों की सहमति से निर्णय लिया जाएगा।
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