धान का कटोरा

चूना पत्थर और रेत का अवैध परिवहन, 5 गाड़ियां जब्त

रायगढ़। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने जिले में खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण के विरुद्ध लगातार कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर चतुर्वेदी के निर्देश पर खनिज विभाग द्वारा खनिजों के अवैध परिवहन करते हुए 5 वाहन एवं खनिज रेत के अवैध भण्डारण के 2 मामलों में कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज किया गया है। अवैध परिवहन में संलिप्त वाहनों को सुरक्षार्थ हेतु कलेक्ट्रेट परिसर, रायगढ़ में रखा गया है।
उप संचालक खनिज राजेश मालवे ने बताया कि करन अम्बवानी वाहन क्रमांक सीजी 13 बी डी 7564, भुनेश्वर भगत वाहन महिन्द्रा सोल्ड, अनिल एक्का वाहन क्रमांक सीजी 14 एमडी 1958 के द्वारा टे्रक्टर के माध्यम से रेत तथा सुभाश पटेल वाहन क्रमांक सीजी 13 बीसी 6437 तथा मेसर्स अमन ट्रांसपोर्ट वाहन क्रमांक सीजी 13 एआर 3952 के द्वारा हाईवा में चूना पत्थर का अवैध परिवहन किया जा रहा था।
उपरोक्त सभी वाहनों पर खान एवं खनिज (निकास और विनियमयन)अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। पूर्व में भी जिले के खनिज ठेकेदारों, खनिज परिवहन, उत्खनन, भण्डारणकर्ताओं को भी निर्देशित किया गया है कि बिना वैध दस्तावेज के खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण करना दण्डनीय अपराध है।
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नारायणपुर में 6 इनामी नक्सलियों का आत्मसमर्पण

  • नक्सल उन्मूलन नीति लाई रंग
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। गुरुवार को जिले में सक्रिय चार महिला और दो पुरुष इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वाले इन छह नक्सलियों पर कुल 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों की पहचान धनाय हलामी (24), दशमती कोवाची (20), सुकाय उर्फ रोशनी पोयाम (20), चैतराम उसेंडी उर्फ रूषी (28), गंगू पोयाम (20) और शारी उर्फ गागरी कोवाची (20) के रूप में हुई है। ये सभी नक्सली माड़ डिविजन और अमदेई एरिया कमेटी में सक्रिय थे।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण का प्रमुख कारण सुरक्षाबलों की बढ़ती उपस्थिति, पुलिस के प्रभावशाली अभियान और नक्सली संगठन के भीतर शोषण और अव्यवस्था से उपजी निराशा रही। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने नक्सल संगठन की अमानवीय, हिंसक और दिशाहीन विचारधारा से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इसके साथ ही उन्हें शिक्षा, रोजगार, पुनर्वास और सुरक्षा संबंधी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
इस साल 110 नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण
पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्ष 2025 में अब तक कुल 110 नक्सली नारायणपुर जिले में आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो सरकार की प्रभावी रणनीति और विश्वास निर्माण के प्रयासों का परिणाम है। गौरतलब है कि इससे पूर्व सुरक्षाबलों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान दो महिला नक्सलियों को मार गिराया था। यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अबूझमाड़ और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है और नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है।
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नया नल कनेक्शन लगवाने के नाम पर जोन 5 में अवैध वसूली

  • ली गई मोटी रकम, रसीद केवल 5600 रुपए की
रायपुर। राजधानी रायपुर के नगर निगम जोन क्रमांक 05 में भ्रष्टाचार की नई परतें खुलने लगी हैं। यहां जनहित के नाम पर नागरिकों से भारी-भरकम वसूली की जा रही है, जबकि सरकारी रसीद मामूली रकम की दी जाती है। ताजा मामला भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67 चंगोराभाठा का है, जहां एक महिला हितग्राही से नल कनेक्शन के नाम पर ₹35,000 से ₹40,000 तक की अवैध वसूली की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मई 2023 में मीनू दुबे नामक महिला ने अपने घर में नया नल कनेक्शन लगवाने के लिए आवेदन दिया था। इस पर जल विभाग के ठेकेदार संजय साहू द्वारा उनसे पहले ₹20,000 की मांग की गई। इसके अतिरिक्त नल फिटिंग और अन्य सामान के नाम पर अलग से राशि वसूली गई। अंततः कुल मिलाकर ₹35,000 से ₹40,000 लिए गए, लेकिन रसीद मात्र ₹5600 की थमाई गई।
मीनू दुबे ने "सुशासन तिहार" के दौरान इस संबंध में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उल्टे ठेकेदार संजय साहू द्वारा नल उखाड़ने की धमकी दी जा रही है। ठेकेदार का यह भी दावा है कि "जहां शिकायत करना हो, कर दो, मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा।"
स्थानीय लोगों और शिकायतकर्ता ने सवाल खड़े किए हैं कि क्या यही है "सबका साथ, सबका विकास"? और क्या इसी को कहते हैं भाजपा का सुशासन? इस मामले में जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के उच्च अधिकारियों से मांग की गई है कि ठेकेदार संजय साहू का ठेका तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। संजय साहू को संरक्षण देने वाले जोन आयुक्त एवं जल विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़िता से वसूली गई शेष राशि उसे तत्काल लौटाई जाए। जोन 05 में यह अकेला मामला नहीं है। इससे पहले भी क्षेत्र में जल आपूर्ति, सफाई और निर्माण कार्यों को लेकर कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन प्रभावशाली संरक्षण और लचर निगरानी के चलते भ्रष्टाचार पर कोई ठोस अंकुश नहीं लग पाया है। नगर निगम मुख्यालय की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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राखड़ बांध फूटने से गांव में घुसा मलबा, ग्रामीणों में आक्रोश

कोरबा। कटघोरा के ग्राम डिंडोलभाटा स्थित छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल (CSEB) का राखड़ बांध अलसुबह तेज बारिश की वजह से टूट गया. राखड़ के बहकर गांव में घुसने पर लोग जान बचाते हुए घर छोड़कर भागे.
समाचार लिखे जाने तक किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है, लेकिन मंडल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. तेज बारिश की वजह से बड़ी तबाही मच सकती है. बहरहाल, घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचा पुलिस-प्रशासनिक अमला गांव को खाली कराने में जुटा है.
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हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार किया गया

रायपुर. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे का कुछ ही देर में अंतिम संस्कार कार्यक्रम शुरू हो गया. मरवाही शमशान घाट में नेताओं और कला क्षेत्र के प्रसिद्ध हस्तियों का पहुंचना जारी है. भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और मंत्रिमंडल के सदस्य पहुंच चुके हैं.
वहीं चर्चित कवि कुमार विश्वास, सूफी भंजन गायक पद्मश्री मदन चौहान, कवि सुदीप भोला, गायक-अभिनेता सुनील तिवारी, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह भी मौजूद हैं. डॉ. सुरेंद्र दुबे ने हास्य और व्यंग्य जैसी विधाओं को सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक चिंतन का जरिया बनाया. मंच पर उनकी प्रस्तुति, शब्दों का चयन और आत्मविश्वास दर्शकों को प्रभावित करता था. उन्होंने अपनी कविताओं से केवल हँसाया नहीं, बल्कि सामाजिक विसंगतियों, राजनीतिक हलचलों और मानवीय संवेदनाओं को भी छुआ और लोगों को सोचने पर मजबूर भी किया.
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छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार आज

  • सीएम ने कहा- उनकी कमी की पूर्ति होना संभव नहीं
  • पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे ने छत्तीसगढ़ का नाम देश और दुनिया में विख्यात किया
रायपुर\बेमेतरा\दुर्ग\कोरबा। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन राज्य के साथ ही साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. सीएम विष्णुदेव साय गुरुवार रात सुरेंद्र दुबे के निवास पहुंचे. उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए ये बातें कही. सीएम ने शोक-संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी गहरी संवेदना प्रकट की. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, धमतरी नगर निगम के महापौर रामू रोहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
सीएम ने कहा "पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे ने छत्तीसगढ़ का नाम देश और दुनिया में विख्यात किया. सुरेंद्र दुबे की कमी की पूर्ति होना संभव नहीं है. प्रभु से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति दें."
कौन है सुरेंद्र दुबे: डॉ. सुरेन्द्र दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा शहर के गंजपारा में हुआ. बेमेतरा शहर में ही उनकी शिक्षा हुई और यही के रामलीला मंच से उन्होंने कला का रास्ता चुना. वे पेशे से आयुर्वेदाचार्य थे, लेकिन उनका असली परिचय एक हास्य कवि के रूप में रहा. उन्होंने हास्य-व्यंग्य की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई. उन्होंने पांच किताबें लिखीं और देश-विदेश के कई कवि सम्मेलनों और टेलीविज़न कार्यक्रमों में भाग लिया. वे 2008 में काका हाथरसी से हास्य रत्न पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी रहे है
भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2010 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा. इसके अलावा उन्हें 2012 में पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान, और अमेरिका में लीडिंग पोएट ऑफ इंडिया जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिले. वर्ष 2019 में वॉशिंगटन में उन्हें हास्य शिरोमणि सम्मान से नवाजा गया.
भिलाई निवासी और उनके सहयोगी कवि गजराज दास महंत ने उन्हें याद करते हुए कहा "सुरेन्द्र दुबे सिर्फ कवि नहीं, प्रेरणास्त्रोत थे. उनके साथ मंच साझा करना मेरे लिए सौभाग्य रहा।डॉ. दुबे की रचनात्मकता और हास्य-कला पर देश के तीन विश्वविद्यालयों ने शोध कर पीएचडी की उपाधि दी, जो उनकी साहित्यिक गहराई को दर्शाता है. उनका निधन छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है."
कोरबा से जुड़ी सुरेंद्र दुबे की यादें: कवि सम्मेलन का मंच सजा हुआ था. पद्मश्री सुरेंद्र दुबे के साथ ही अन्य कवि मंच पर पहुंच चुके थे. लेकिन श्रोताओं की संख्या कम थी. किसी को उम्मीद नहीं थी की ठीक निर्धारित समय पर कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. खाली कुर्सियों को देख आयोजक और कवि थोड़े हिचके, लेकिन सुरेंद्र दुबे का अंदाज निराला था. वह छत्तीसगढ़ की जनता के मिजाज को समझते थे. अपनी क्षमता पर भी उन्हें पूरा भरोसा था. अपने फन में माहिर और आत्मविश्वास से लबरेज दुबे ने कहा कि "यह मेरी जिम्मेदारी है"...फिर क्या था उन्होंने माइक अपने हाथ में थामा और फिर देखते ही देखते हजारों का हुजूमों पड़ा. देर रात तक ठहाकों का दौर चला.
यह स्मृति पद्मश्री सुरेंद्र दुबे से जुड़ी हुई है और यह वाक्या कोरबा जिले का है. जिसके बारे में हास्य कवि सम्मेलन के आयोजक और कोरबा जिले के वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र जायसवाल ने बताया. सुरेंद्र दुबे से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया.
जायसवाल आगे कहते हैं "वह दिन मुझे आज भी एकदम अच्छे से याद है. जब हमारे द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में श्रोताओं के कम संख्या देखकर भी उन्होंने कैसे माइक संभाला और फिर देखते ही देखते हजारों के भीड़ उमड़ पड़ी. वह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और यहां के माटी की खुशबू को उन्होंने जिस तरह से देश-विदेश में फैलाया, लोगों को प्रभावित किया. वह अद्वितीय है. अब तो उनकी स्मृतियां ही शेष हैं. सदैव सबको हंसाने वाले आज हम सभी को रुला कर चले गए. समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह से अपने विचारों को व्यक्त करूं."
मशहूर पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे की ख्याति ऐसी थी कि छत्तीसगढ़ से लेकर पूरे देश और विदेशों तक भी उन्होंने कई कवि सम्मेलन में हिस्सा लिया.उनके निधन पर देश के प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने भी सोशल मीडिया पर अपने विचारों को साझा किया और कहा कि "छत्तीसगढ़ी साहित्य का एक वैश्विक राजदूत आज इस दुनिया से विदा हो गया, जिसकी कमी हमेशा खलेगी".
बेमेतरा में सुरेन्द्र दुबे के के बचपन के मित्र रेवेंद्र शर्मा ने बताया "बेमेतरा के श्री राम लीला मंच में उन्होंने शुरुआती दिनों में राम और सीता का अभिनय किया था. वे बचपन से ही कलाकारी में रुचि रखते थे. वह सहज एवं सरल स्वभाव के थे.
पड़ोसी नरसिंह नंदवाना ने कहा "सुरेंद्र दुबे के आकस्मिक निधन से शोकग्रस्त हूं. वह मेरे पड़ोसी थे और उनके साथ मेरा बहुत ही अच्छा संबंध था. बेमेतरा में रामलीला कार्यक्रम में विभिन्न पात्रों किरदार निभाते थे."
प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने ACI अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया. उनके निधन से साहित्य और हास्य कविता जगत में शोक की लहर है.
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विशाल मेगा स्वास्थ्य शिविर के पोस्टर का विमोचन

रायपुर। चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा रविवार 29 जून 2025 को चेंबर भवन में आयोजित होने वाले विशाल मेगा स्वास्थ्य शिविर के पोस्टर का आज चेंबर संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी और चेंबर अध्यक्ष सतीश थौरानी ने संयुक्त रूप से विमोचन किया। यह मेगा स्वास्थ्य शिविर समाज के सभी वर्गों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। शिविर में विभिन्न प्रकार की चिकित्सा जांचें और परामर्श उपलब्ध होंगे, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
इस अवसर पर, चेंबर संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी ने स्वास्थ्य शिविर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले। यह शिविर इसी दिशा में हमारा एक छोटा सा प्रयास है।" चेंबर अध्यक्ष सतीश थौरानी ने बताया, "इस मेगा स्वास्थ्य शिविर में शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे। हमारा प्रयास है कि यह शिविर सफल हो और अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठाएं।"
चेंबर ने सभी व्यापारियों एवं शहरवासियों से इस स्वास्थ्य शिविर में उपस्थित होकर इसका लाभ उठाने का आग्रह किया है। इस अवसर पर चेंबर प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी, संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी, कार्यकारी अध्यक्ष राधा किशन सुंदरानी, राजेश वासवानी, कार्यकारी महामंत्री कपिल दोशी (कार्यक्रम संयोजक), उपाध्यक्ष दिलीप इसरानी (कार्यक्रम समन्वयक), लोकेश चंद्रकांत जैन, राजेश गुरनानी, मंत्री राहुल खूबचंदानी (कार्यक्रम संयोजक), आकाश दुदानी (कार्यक्रम संयोजक), सांस्कृतिक प्रभारी अनिल जोत सिंघानी (कार्यक्रम संयोजक) सहित रवि सचदेव एवं सागर जी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। मेगा स्वास्थ्य शिविर में कार्यक्रम संयोजक के रूप में कार्यकारी महामंत्री विकास आहूजा एवं मंत्री अलोक शर्मा अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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राज्यपाल ने खैरागढ़ जिले में गोद ग्राम सोनपुरी के विकास कार्यों का लिया जायजा

  • स्वास्थ्य, शिक्षा, जल आपूर्ति, खेती और स्व-सहायता समूहों पर दिया गया विशेष जोर
रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका दो दिवसीय दौरे पर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई पहुंचे। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने  अधिकारियों के साथ बैठक लेकर विकास कार्यों की जानकारी ली। विशेष रूप से उन्होंने अपने गोद लिए ग्राम सोनपुरी में संचालित योजनाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की।
राज्यपाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषि, उद्यानिकी और जल जीवन मिशन जैसे बुनियादी सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक ग्रामीण तक पहुँचना चाहिए, यह सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
खेती और प्रोसेसिंग पर बल-
राज्यपाल श्री डेका ने ग्राम सोनपुरी में टमाटर की खेती की संभावनाओं को देखते हुए बाड़ी में टमाटर उत्पादन करने कहा। उन्होंने कहा कि टमाटर के अधिक उत्पादन को देखते हुए उसकी प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना जरूरी है, ताकि किसानों को बेहतर मूल्य मिले और फसल की बर्बादी न हो।
शत-प्रतिशत योजना लाभ का देने निर्देश-
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत शत-प्रतिशत कार्ड बनाए जाएं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को शीघ्र लाभान्वित किया जाए।
जल जीवन मिशन के तहत नल-जल पहुंच सुनिश्चित करें-
जल जीवन मिशन की प्रगति पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने सोनपुरी में प्रत्येक घर तक नल से शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्रोतों की सततता बनाए रखने के लिए वर्षा जल संग्रहण, सोखता गड्ढे और पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण जैसे उपायों को प्राथमिकता देने को कहा।
एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण का आह्वान-
राज्यपाल ने ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के अंतर्गत सभी शासकीय भवनों जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन और स्वास्थ्य केंद्रों में अधिकाधिक वृक्ष लगाने का आग्रह किया। उन्होंने इसे पर्यावरण और मातृत्व दोनों से जुड़ी एक संवेदनशील पहल बताया।
शिक्षा में ड्रॉपआउट रोकने निर्देश-
स्कूल छोड़ चुके बच्चों की जानकारी लेते हुए राज्यपाल ने ऐसे बच्चों को दोबारा विद्यालय से जोड़ने के लिए ठोस पहल करने को कहा। उन्होंने ग्रामीणों को साक्षर बनाने की भी अपील की, ताकि वे कम से कम अपना नाम लिख सकें।
महिला समूहों की सराहना-
राज्यपाल ने स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि समूहों को आवश्यक संसाधन एवं प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति को और सशक्त किया जाए। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि तीन माह के भीतर ग्राम  सोनपुरी में चल रहे समस्त विकास कार्यों की जानकारी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी योजना में कोई कमी या बाधा पाई गई, तो उसे तत्काल दूर करते हुए गुणवत्ता युक्त कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।
दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु निर्देश-
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने पुलिस विभाग के कार्यों की जानकारी लेते हुए सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए समुचित उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने खासकर मोटरसाइकिल दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया। उन्होंने शहर में भारी वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए वाहन मालिकों को अपने चालकों को समझाइश देने को कहा। साथ ही दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां सुरक्षा उपाय जैसे स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड आदि लगाने के निर्देश दिए।
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मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की पहल पर ढोढ़ीबहार में लगाया गया नया ट्रांसफार्म

  • पुनः बहाल हुई विद्युत आपूर्ति, ग्रामीणों ने जताया मुख्यमंत्री के प्रति आभार
जशपुरनगर। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की पहल के फलस्वरूप ग्राम ढोढ़ीबहार में विद्युत आपूर्ति पुनः शुरू हो गई है। ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बिजली संकट से जूझ रहे ग्रामीणों को अब बड़ी राहत मिली है। विद्युत आपूर्ति बहाल होने पर ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि  कुनकुरी तहसील के ग्राम ढोढ़ीबहार में ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण ग्रामीणों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या से परेशान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर तत्काल समाधान की मांग की थी। कैंप कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की, जिसके तहत विद्युत विभाग द्वारा ग्राम में नया ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया गया। इससे बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से बहाल हो गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा बगिया में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में जनसमस्याओं का तत्परता के साथ समाधान किया जाता है। विशेषकर बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी आवश्यकताओं से संबंधित समस्याओं पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जा रही है।
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जल एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने ग्राम मनगटा, जोरातराई, मुड़ीपर में निकाली गई जलयात्रा

राजनांदगांव। महिलाओं ने जूनून एवं जज्बे के साथ राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मनगटा, जोरातराई, मुड़ीपर में जलयात्रा निकाली। महिलाओं ने कलश लेकर गांव में भ्रमण करते हुए जल एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पद्मश्री श्रीमती फूलबासन यादव ने सोख्ता गड्ढा बनाने के लिए श्रमदान किया तथा ग्रामीणों को सोख्ता गड्ढा बनाने प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पानी के बूंद-बूंद को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। लगातार प्रयास से हरियाली बहिनी नीर और नारी जलयात्रा एक दिन भी रूकी नहीं चाहे गर्मी हो या बरसात हो, यह अभियान न रूकने वाला है, महिलाओं के उत्साह को देखते हुए ऐसा लग रहा आने वाले गर्मी में परिणाम अच्छा आएगा। हरियाली बहिनी बड़ी संख्या में पौधे लगाकर उसे वृक्ष बनाने के लिए कार्य कर रही है। महिलाएं स्वयं तो पौधा लगा रही है। साथ ही दूसरे को भी प्रोत्साहित कर रही है। इस दौरान हरियाली बहिनी अभियान के शिव कुमार देवांगन, जानिया साहू, सरपंच  मनगटा बैजनाथ सिन्हा, सरपंच जोरातराई रमाकांत साहू, सरपंच मुड़ीपर मीणा साहू सहित बिहान कैडर के अलावा पंचायत टीम, महिला समूह, ग्रामवासी उपस्थित थे।
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बिहान योजना से ग्रामीण महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

  • टेंट-साउंड संचालन, सिलाई सेंटर और स्थानीय उत्पादों से बदल रही जीवन की दिशा
रायपुर। शासन की बिहान योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास हो रहे हैं। जिले की महिलाएं अब न केवल अपने परिवार का सहारा बन रही हैं, बल्कि समाज में प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर रही हैं।
सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत कुदरगढ़, जनपद पंचायत ओड़गी की सरस्वती आजीविका महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों ने सामूहिक रूप से टेंट, बर्तन एवं साउंड सिस्टम सेवा की शुरुआत कर एक नई मिसाल कायम की है। समूह का गठन 27 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत किया गया था। शासन से उन्हें 15,000 रुपये की रिवॉल्विंग फंड और 60,000 (साठ हजार रुपये) की सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त, बैंक लिंकेज के माध्यम से 3,00,000 का ऋण भी प्राप्त हुआ।
इस वित्तीय सहयोग से समूह की 6 सदस्यों ने व्यवसाय की शुरुआत की, जो अब गांव एवं आस-पास के क्षेत्रों में शादी-विवाह, मेले एवं सामाजिक आयोजनों में सेवा प्रदान कर रहा है। विगत एक वर्ष में इस समूह ने लगभग 3,00,000 की आय अर्जित की, जिससे ये महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। यह पहल अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी उद्यमिता की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रही है।
प्रीति गुर्जर- सिलाई सेंटर से बनीं लखपति दीदी
ग्राम पंचायत खर्रा, विकासखंड ओड़गी की श्रीमती प्रीति गुर्जर ने बिहान योजना के माध्यम से अपने जीवन की दिशा ही बदल दी है। वे वर्ष 2014 से प्रीति महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं। वर्ष 2015 में उन्हें 15,000 की रिवॉल्विंग फंड राशि मिली, जिसमें से 5,000 लेकर उन्होंने पहली सिलाई मशीन खरीदी और सिलाई का काम शुरू किया। इसके बाद सीआईएफ के अंतर्गत मिले 60,000 में से उन्होंने 10,000 लेकर दो और मशीनें खरीदीं। वर्ष 2016 में समूह को 1,20,000 का बैंक लोन प्राप्त हुआ, जिससे उन्होंने 70,000 की राशि निकालकर तीन और मशीनें जोड़ीं। वर्तमान में प्रीति का सिलाई सेंटर उन्हें प्रति माह 7,000 की आय दे रहा है।
इसके अतिरिक्त, वे बांस से बनी सामग्रियों और झाड़ू की दुकान भी संचालित करती हैं, जिससे उन्हें प्रति माह 2,000 की आमदनी होती है। साथ ही, वे एफएलसी-आरपी के रूप में भी कार्यरत हैं और 6,360 प्रतिमाह का मानदेय अर्जित कर रही हैं। आज प्रीति गुर्जर की कुल मासिक आय 15,360 और वार्षिक आय 1,84,360 है, जिससे वे “लखपति दीदी” की श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं। उन्होंने न केवल आत्मनिर्भरता हासिल की है, बल्कि अपने परिवार को मजबूत आधार दिया है और बच्चों को बेहतर शिक्षा भी प्रदान कर रही हैं।
बिहान योजना- ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव की बयार
बिहान योजना के अंतर्गत स्वरोजगार और सामूहिक उद्यमिता के ज़रिए महिलाएं अब केवल समूह की सदस्य नहीं, बल्कि अपने गांव की आर्थिक विकास की वाहक बन रही हैं। सूरजपुर जिले में महिला सशक्तिकरण की यह कहानी न केवल बदलाव का प्रतीक है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा है।
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वन अधिकार पट्टा से बदली श्रीमती पांचोबाई की तकदीर

  • धरती आबा अभियान बना आदिवासी महिलाओं की ताकत का प्रतीक
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित धरती आबा अभियान ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब अधिकारों को काग़ज़ों में नहीं, ज़मीन पर उतारा जाए, तो वह ज़िंदगियों में बदलाव लाते हैं। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखंड के ग्राम छीतापाली की आदिवासी महिला श्रीमती पांचोबाई की कहानी इसी बदलाव की गवाही देती है।
वर्षों से अपने परिवार के साथ जंगल पर निर्भर रहकर खेती करने वाली श्रीमती पांचोबाई के पास अपनी ज़मीन का कोई कानूनी हक़ नहीं था। हर वर्ष उन्हें इस असमंजस का सामना करना पड़ता था, क्या हम अगली फसल भी इसी ज़मीन पर बो पाएँगे? लेकिन धरती आबा अभियान के अंतर्गत आयोजित जनजातीय ग्राम उत्कर्ष शिविर में उन्हें वह अधिकार मिला, जिसकी उन्हें वर्षों से प्रतीक्षा थी।
वन अधिकार पत्र सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं था, बल्कि उनकी ज़िंदगी में आत्मविश्वास, सुरक्षा और भविष्य की उम्मीदों की एक नई नींव भी बना। श्रीमती पांचोबाई कहती हैं अब मैं सिर्फ खेत में काम करने वाली महिला नहीं, बल्कि उस ज़मीन की हक़दार हूं जिस पर मैं सालों से जी रही हूं। अब मेरा परिवार निवासरत भूमि का मालिक है एवं सशक्त महसूस कर है।
वन अधिकार पट्टा मिलने के बाद उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे कृषि उपकरण, बीज सहायता और सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ भी मिलने लगा है। यह परिवर्तन सिर्फ उनके जीवन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ग्राम की अन्य महिलाओं को भी जागरूक और प्रेरित कर रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चलाए जा रहे धरती आबा अभियान ने छत्तीसगढ़ के हजारों वंचित परिवारों को वन अधिकार की जमीन दी है। अब वे केवल जंगल में रहने वाले लोग नहीं, बल्कि उस ज़मीन के मालिक हैं जिस पर उनकी पीढ़ियों ने मेहनत की है। श्रीमती पांचोबाई की मुस्कान आज एक महिला की नहीं, बल्कि पूरे समाज के बदलाव की तस्वीर बन गई है।
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विशेष लेख : सेमीकंडक्टर बनेगा छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का नया ईंधन

  • आलेख- जी.एस केशरवानी
रायपुर। भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में छत्तीसगढ़ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नवा रायपुर अटल नगर में 1100 करोड़ रुपये की लागत से छत्तीसगढ़ की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का भूमिपूजन किया जा चुका है। देश की प्रसिद्ध सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी पोलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट की आधारशिला रखकर विकसित छत्तीसगढ़ की तरक्की को नई गति दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नई उद्योग नीति और इज ऑफ डुईंग बिसनेस के तहत् राज्य द्वारा दी जा रही सुविधाओं और सहुलियतों से राज्य में निवेश का नया वातावरण तैयार हुआ है। सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी पॉलीमैटेक ने भी दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टमेंट समिट में छत्तीसगढ़ में निवेश की इच्छा जताई थी और मात्र तीन महीने के भीतर ही भूमिपूजन का कार्य संपन्न हुआ। यह छत्तीसगढ़ में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की सफलता को दर्शाती है। 
छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना से जहां एक ओर बड़े पैमाने पर चिप्स का निर्माण होगा, वहीं तकनीकि शिक्षा प्राप्त युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे। राज्य सरकार द्वारा न केवल सेमीकंडक्टर निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है बल्कि सेमीकंडक्टर के लिए पूरे इको सिस्टम तैयार  करने की भी योजना पर भी काम किया जा रहा है, जिसमें चिप डिजाईन से लेकर मेनुफेक्चरिंग और पैकेजिंग की पूरी व्यवस्था होगी। राज्य सरकार द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाटा सेंटर जैसे नए और तकनीकि उद्योगों को बढ़ावा देने से राज्य में तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा साथ ही रोजगार के नए-नए अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यह मंत्र दिया है कि दुनिया के कम्प्यूटर में लगने वाले चिप में कम से कम एक चिप भारत में बना हो। उन्होंने वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में वर्ष 2030 तक 10 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सेमिकंडक्टर मिशन की शुरूआत की है। सेमीकंडक्टर की महत्ता और उपयोगिता को सरल शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है। वाहनों का जिस प्रकार ईंधन पेट्रोल है, ठीक उसी प्रकार सेमीकंडक्टर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का मस्तिष्क और संचालक है। मोबाइल, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, रक्षा उपकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन और स्मार्ट डिवाइस इन सभी में सेमीकंडक्टर की केंद्रीय भूमिका होती है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ महीने पहले ही नई औद्योगिक नीति लागू की है, जिसके परिणामस्वरूप महानगरों में आयोजित इन्वेस्टर समिट से अब तक साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अनुदान के साथ ही कई प्रकार की सुविधाएं दे रही है। सिर्फ सेमीकंडक्टर ही नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी सेक्टर में भी राज्य सरकार निवेश को प्रोत्साहन दे रही है। देश का पहला एआई डेटा सेंटर पार्क नवा रायपुर में बनाया जा रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ एक प्रमुख तकनीकी हब के रूप में उभरेगा।
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"मोर गांव मोर पानी" महाअभियान के तहत भू-जल संरक्षण की ऐतिहासिक पहल

  • 25 जून को सरगुजा जिले की 439 ग्राम पंचायतों में जनसहभागिता से चला जल संरक्षण का वृहद अभियान
रायपुर। भू-जल स्तर को बढ़ाने और वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मोर गांव, मोर पानी महाअभियान के अंतर्गत वृहद जनअभियान सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। सरगुजा जिले की 439 ग्राम पंचायतों में जनसहभागिता से यह अभियान एक साथ संचालित किया गया, जिसमें व्यापक रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सोखपिट निर्माण के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा दिया गया।
प्रधानमंत्री आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग
इस महाअभियान के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभान्वित 1085 हितग्राहियों के आवासों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण किया गया। इससे न केवल जल संग्रहण होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के जलस्तर में भी वृद्धि होगी।
सोखपिट निर्माण से होगा जल का भूमि में संचयन
भू-जल रिचार्ज की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए 355 सोखपिट का निर्माण किया गया। विशेष रूप से 723 स्व-सहायता समूह की महिलाओं के घरों में सोखपिट का निर्माण किया। 
शासकीय भवनों में जल संरक्षित करने की पहल
जिले भर के शासकीय भवनों में भी जल संरक्षण को प्राथमिकता दी गई। इस अभियान के तहत 216 ग्राम पंचायत भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए। 124 अन्य शासकीय भवनों (जैसे स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र आदि) में भी यह प्रणाली स्थापित की गई। 12 ग्राम पंचायत भवनों एवं 55 अन्य शासकीय भवनों में पहले से मौजूद रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की मरम्मत कर उन्हें पुनः क्रियाशील बनाया गया।
“एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान से हरियाली को मिलेगा बढ़ावा
मोर गांव मोर पानी महाअभियान के साथ-साथ जिले में एक पेड़ मां के नाम 2.0 वृक्षारोपण कार्यक्रम भी जनसहभागिता से संचालित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री आवासों, पंचायत भवनों एवं ग्रामीणजनों के घरों में 12 हजार 475 पौधों का रोपण किया जा चुका है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन और हरियाली को प्रोत्साहन मिल रहा है।
इस अभियान की सफलता में जनसामान्य, पंचायती राज संस्थाओं, स्व-सहायता समूहों, ग्राम स्तरीय कर्मचारियों एवं ग्रामीणजनों की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही। यह पहल न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि ग्रामीणों में जल के प्रति जागरूकता एवं जिम्मेदारी का भी प्रतीक बन गया है।
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छत्तीसगढ़ की खनिज विविधता है देश की आर्थिक समृद्धि का आधार : खनिज सचिव

  • छत्तीसगढ़ में सामरिक एवं रणनीतिक खनिजों के दोहन पर तकनीकी सहित विभिन्न पहलुओं पर हुई विस्तृत चर्चा
  • निवेश और औद्योगिक विकास को गति मिलने की संभावना
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में उपलब्ध सामरिक एवं रणनीतिक महत्व के खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण एवं दोहन के संबंध में राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में एकदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के सचिव एवं खनिज संसाधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से परिपूर्ण एक समृद्ध राज्य है, जहाँ 28 प्रकार के प्रमुख खनिज जैसे- कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, लौह अयस्क, बाक्साइट, टिन अयस्क के साथ-साथ लीथियम, कोबाल्ट तथा रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे सामरिक एवं परमाणु महत्व के खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल प्रोग्राम ऑन एक्सप्लोरेशन स्ट्रैटेजी तथा नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) के अंतर्गत संचालित प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना तथा राज्य में रणनीतिक खनिज परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
इस कार्यशाला का आयोजन खनिज संसाधन विभाग तथा छत्तीसगढ़ भूविज्ञान एवं खनन संचालनालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसका उद्देश्य भारत की क्रिटिकल मिनरल्स क्षमता के समुचित दोहन हेतु वैज्ञानिक अन्वेषण तकनीकों को प्रोत्साहित करना, प्रस्ताव प्रस्तुतिकरण प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना तथा राष्ट्रीय स्तर की रणनीतिक अन्वेषण नीतियों मंप राज्य की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करना था।
कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के श्री रविकांत गुप्ता ने छत्तीसगढ़ की भूवैज्ञानिक विशेषताओं एवं ओजीपी क्षेत्रों की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड के श्री भुवनेश्वर कुमार ने लीथियम, कोबाल्ट, ग्रेफाइट, निकल, टंगस्टन, फॉस्फेट जैसे खनिजों की खोज हेतु आधुनिक भू-भौतिकीय एवं भू-रासायनिक तकनीकों पर आधारित प्रस्तुति दी, जिससे अधिकारियों को नवीनतम विधियों की जानकारी प्राप्त हुई। एनएमईटी से श्री अक्षय वर्मा ने प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया, वित्तीय सहायता एवं अनुदान नीतियों की जानकारी साझा करते हुए एनएमईटी के अंतर्गत उपलब्ध अवसरों को रेखांकित किया और राज्य की अधिक सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में छत्तीसगढ़ की भूमिका पर बल
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की खनिज विविधता और गुणवत्ता इसे वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी बना सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि खनिज उत्पादन, बाज़ार मांग और भविष्य की संभावनाओं के बीच संतुलन स्थापित कर राज्य खनिज आधारित औद्योगिक विकास का नेतृत्व कर सकता है।
समापन सत्र में राज्य में अब तक किए गए खनिज सर्वेक्षणों, उनके निष्कर्षों एवं प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने तकनीकी दक्षता तथा अंतर-विभागीय समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। भूविज्ञान एवं खनन संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि खनिज संसाधन किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति का मूल आधार होते हैं। कार्यशाला ने यह स्पष्ट किया कि पारदर्शी, तकनीकी रूप से सक्षम एवं समयबद्ध प्रक्रियाएं अपनाकर छत्तीसगढ़ न केवल निजी एवं सार्वजनिक निवेश को आकर्षित कर सकता है, बल्कि राष्ट्रीय रणनीतिक खनिज नीति में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। सभी प्रतिभागियों ने खनिज आधारित सतत औद्योगिक विकास हेतु संयुक्त प्रयास और दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर कार्यशाला में आईआईटी धनबाद के प्रो. साहेंद्र सिंह, आईबीएम के श्री प्रेम प्रकाश, संचालक श्री रजत बंसल, संयुक्त संचालक श्री अनुराग दीवान एवं श्री संजय कनकाने सहित विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय एजेंसियों, अनुसंधान संस्थानों, नीति सलाहकारों एवं तकनीकी विशेषज्ञों ने सहभागिता की।
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प्रधानपाठक तत्काल निलंबन

बालोद। जिला बालोद के डौण्डी विकासखंड स्थित शासकीय प्राथमिक शाला चिपरा के प्रधानपाठक श्री सरजूराम ठाकुर को विद्यालय में मदिरा पान करते पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.सी. मरकले द्वारा की गई।
श्री मरकले ने बताया कि 24 जून को प्रधानपाठक श्री ठाकुर को विद्यालय के अपने कक्ष में मदिरा पीते हुए पाया गया। इस कृत्य से न केवल विभाग की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि उनका यह कृत्य शिक्षक जैसे मर्यादित पद की गंभीर अवहेलना भी है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी, डौण्डी द्वारा इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। जांच उपरांत यह स्पष्ट हुआ कि प्रधानपाठक का व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम (1), (2), (3) का स्पष्ट उल्लंघन है और इसे गंभीर कदाचार की श्रेणी में रखा गया। इस आधार पर श्री ठाकुर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, डौण्डी, जिला बालोद निर्धारित किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
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व्यवहारिक ज्ञान और जीवनोपयोगी स्किल्स ही सफलता की कुंजी : वित्त मंत्री

  • छत्तीसगढ़ के शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती देने के लिए हो रही राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों की स्थापना
  • नटवर स्कूल के शाला प्रवेशोत्सव में छात्रों से किया संवाद 
रायगढ़। वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने स्कूली बच्चों से शाला प्रवेश उत्सव में संवाद करते हुए कहा कि केवल डिग्री के लिए पढ़ाई करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान और जीवनोपयोगी स्किल्स ही असली सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने कहा कि जो छात्र लगातार सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं, वही जीवन में आगे बढ़ते हैं। श्री चौधरी बुधवार को जिला मुख्यालय रायगढ़ के नटवर इंग्लिश मीडियम स्कूल में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने नवप्रवेशी बच्चों को पुस्तकें और गणवेश वितरित किए और उन्हें नए शिक्षण सत्र के लिए शुभकामनाएं दीं।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा का स्मरण करते हुए बताया कि कैसे एक बार रटकर नहीं, समझकर लिखने की सलाह ने उनके सोचने और अभिव्यक्ति की दिशा बदल दी। यही आदत उनके लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी की मजबूत नींव बनी। उन्होंने कहा कि उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किस मुकाम तक पहुंच सकता है, एक छोटे से गांव बायंग से निकलकर पहले कलेक्टर और आज प्रदेश के वित्त मंत्री का दायित्व संभालना इसी का प्रमाण है। 
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों की स्थापना पर जोर दे रही है। हाल ही में गृहमंत्री श्री अमित शाह ने नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी है। राज्य में पहले से ही आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, ट्रिपल आईटी, सीपेट, एनआईएफटी और हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाएं संचालित हो रही हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि छात्रों के मार्गदर्शन और अध्ययन संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए नालंदा लाइब्रेरी नेटवर्क की स्थापना की जा रही है। रायगढ़ में प्रदेश की सबसे बड़ी नालंदा लाइब्रेरी बनने जा रही है, जहां प्रयास संस्था का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंनेे छात्रों से इन संसाधनों का अधिकतम लाभ लेने और कठिन परिश्रम के साथ अपने सपनों को साकार करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, महापौर श्री जीवर्धन चौहान ने भी विद्यार्थियों को प्रेरित किया। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।
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जिला मुख्यालय से 90 किमी दूर वनांचल के सालातोंग में हर घर नल से पहुंचा पानी

  • नियद नेल्ला नार और जल जीवन मिशन से दूरस्थ व दुर्गम गांवों में पहुंच रहा शुद्ध पेयजल
रायपुर। नियद नेल्ला नार और जल जीवन मिशन से बस्तर के दूरस्थ व दुर्गम गांवों में भी स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। दोनों योजनाओं के माध्यम से सभी घरों में नल से जल पहुंचाया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के सुदूर वनांचल पोटकपल्ली ग्राम पंचायत के आश्रित गांव सालातोंग में जल जीवन मिशन के तहत सभी कार्यों को पूर्ण कर हर घर में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए हर घर जल प्रमाणीकरण किया गया है। नल से घरों में जल पहुंचने के पहले वहां पेयजल के लिए मुख्य रूप से हैण्डपंप पर ही निर्भरता थी। 
जिला मुख्यालय सुकमा से 90 किलोमीटर दूर सालातोंग में जल जीवन मिशन के अंतर्गत करीब 50 लाख रुपए की लागत से सौर ऊर्जा आधारित जल आपूर्ति की व्यवस्था विकसित की गई है। संवेदनशील इलाके में स्थित सालातोंग नक्सल प्रभावित गांव है। राज्य शासन के नियद नेल्ला नार के तहत चयनित गांवों में विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता से किया जा रहा है जिनमें सालातोंग भी शामिल है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत वहां जल आपूर्ति के लिए चार पानी टंकियां लगाई गई हैं। कुल 3800 मीटर पाइपलाइन बिछाकर दो सोलर पंपों के माध्यम से गांव के सभी घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
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