दुनिया-जगत

प्रधानमंत्री मोदी का ब्राजील में 'राम भजन' की मधुर धुनों के साथ किया गया भव्य स्वागत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में 'राम भजन' की मधुर धुनों के साथ भव्य स्वागत किया गया। रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील की राजकीय यात्रा शुरू की। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा के विशेष निमंत्रण पर पीएम मोदी ब्राजील की राजकीय यात्रा पर गए हैं। जब पीएम मोदी ब्रासीलिया के अल्वोराडा पैलेस पहुंचे तो यहां 'राम भजन' की विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ उनका स्वागत हुआ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आधिकारिक वार्ता से पहले ब्रासीलिया के अल्वोराडा पैलेस पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत 'राम भजन' की विशेष प्रस्तुति के साथ किया गया।" शास्त्रीय गायिका मीता रवींद्र कुमार कराहे प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में भक्ति गीत प्रस्तुत करती नजर आईं। इस दौरान 'राम भजन' की मधुर धुनों के साथ प्रधानमंत्री मोदी भी भजन का आनंद लेते दिखे। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के साथ खड़े पीएम मोदी भजन सुनते हुए 'ताली' बजा रहे थे।
मीता रवींद्र कुमार कराहे ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से मिली और उन्हें 'नमस्ते' कहकर अभिवादन किया। मैंने कहा कि मैं अगले दिन उनके लिए गाने जा रही हूं। मुझे यह निमंत्रण ब्राजील सरकार की ओर से मिला था।" उन्होंने बताया कि ब्राजील के लोग व्यवहार और मेहमान नवाजी में भारतीयों जैसे हैं। उन्होंने कहा, "अपनी मातृभूमि से दूर रहने के बावजूद ब्राजील "दूसरा भारत" जैसा लगता है।" शास्त्रीय गायिका मीता ने बताया, "मैंने 10-11 साल की उम्र से ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। ब्राजील सरकार की ओर से मुझे जो निमंत्रण मिला था, उसमें लिखा था कि राष्ट्रपति लूला चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के देश से कोई व्यक्ति उनके पसंदीदा भजन की प्रस्तुति दे।"
प्रधानमंत्री मोदी का मंगलवार को राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने ब्रासीलिया स्थित अल्वोरादा पैलेस में गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी की यह यात्रा रियो डी जेनेरियो में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद शुरू हुई। अपनी बातचीत के दौरान इन नेताओं ने दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को भारत और ब्राजील के बीच रणनीतिक साझेदारी का 'मुख्य वास्तुकार' बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्राजील के नेता ने "हमारे संबंधों को गहरा करने" में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "राष्ट्रपति लूला के साथ सार्थक बातचीत हुई, जो हमेशा भारत-ब्राजील मैत्री के प्रति भावुक रहे हैं। हमारी बातचीत में व्यापार संबंधों को गहरा करने और द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने के तरीके शामिल थे। हम दोनों सहमत हैं कि आने वाले समय में इस तरह के संबंधों के पनपने की अपार संभावनाएं हैं।"
उन्होंने राष्ट्रपति लूला के साथ अपनी बैठक की तस्वीरें भी साझा कीं। एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, "स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर काबू पाना भी हमारी बातचीत में चर्चा के प्रमुख विषय थे। अन्य क्षेत्र जहां हम और भी अधिक निकटता से काम करेंगे, उनमें रक्षा, सुरक्षा, एआई और कृषि शामिल हैं। स्पेस, सेमीकंडक्टर और डीपीआई में भारत-ब्राजील सहयोग से हमारे लोगों को लाभ होगा।"
राष्ट्रपति लूला के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा, "मैं रियो और ब्रासीलिया में गर्मजोशी से स्वागत के लिए अपने मित्र राष्ट्रपति लूला को धन्यवाद देता हूं। अमेजन की सुंदरता और आपकी आत्मीयता से हम बहुत प्रभावित हुए हैं। आज राष्ट्रपति की ओर से ब्राजील के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होना न सिर्फ मेरे लिए, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए बहुत गर्व और भावना का क्षण है। मैं इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति, ब्राजील सरकार और ब्राजील के लोगों को धन्यवाद देता हूं।"
उन्होंने कहा, "मेरे मित्र राष्ट्रपति लूला भारत और ब्राजील के बीच सामरिक साझेदारी के मुख्य वास्तुकार हैं। उन्होंने हमारे संबंधों को गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके साथ हर मुलाकात ने मुझे दोनों देशों की प्रगति और भलाई के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है। मैं यह सम्मान भारत के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता और हमारी स्थायी मित्रता को समर्पित करता हूं।"
और भी

पीएम मोदी और राष्ट्रपति लूला के बीच व्यापार और निवेश समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

ब्रासीलिया। ब्राजील में भारत के राजदूत दिनेश भाटिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा को लेकर बात की। उन्होंने पीएम मोदी की ब्राजील यात्रा को काफी अहम बताया। साथ ही दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का भी उल्लेख किया।
ब्राजील में भारत के राजदूत दिनेश भाटिया ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। यह 57 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्राजील की आधिकारिक राजकीय यात्रा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला के बीच अच्छी बातचीत मुलाकात हुई। दोनों नेताओं की बहुत अच्छी केमिस्ट्री देखने को मिली। दोनों ने कई ऐसे विषयों पर चर्चा की, जो पहले शायद चर्चा के लिए टेबल पर नहीं आए थे। इनमें व्यापार और निवेश, रक्षा साझेदारी, कृषि, ऊर्जा साझेदारी, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल थे। इसके अलावा, डिजिटल प्रौद्योगिकी पर भी बात हुई।"
राजदूत दिनेश भाटिया ने बताया, "दोनों देशों के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। ये समझौते दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेंगे, खासकर दोनों देश ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं। इनके बीच संबंध और गहरे, प्रगाढ़ और मजबूत होंगे।"
भारतीय राजदूत ने कहा, "ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इसके अलावा, एक समझौता सूचना आदान-प्रदान को लेकर भी हुआ, जो आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध को रोकने में मदद करेगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर भारत के ब्राजील में राजदूत दिनेश भाटिया ने कहा, "वीजा उदारीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो यह जरूरी हो जाता है कि व्यापारी और वास्तविक पर्यटक आसानी से वीजा प्राप्त कर सकें।" पीएम मोदी के राष्ट्रपति लूला को भारत आने के न्यौते पर राजदूत ने कहा, "ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने पीएम मोदी के निमंत्रण को स्वीकार किया है। जल्द ही उनके दौरे की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।"
और भी

नेतन्याहू ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया

इजरायल। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बताया कि उन्होंने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान उन्होंने ट्रंप को नामांकन पत्र सौंपा। नेतन्याहू ने कहा, "मैं आपको नोबेल पुरस्कार समिति को भेजा गया पत्र प्रस्तुत करना चाहता हूं, श्रीमान राष्ट्रपति। यह शांति पुरस्कार के लिए आपका नामांकन है, जिसके आप हकदार हैं। और आपको यह मिलना चाहिए।" उसके बाद नेतन्याहू ने पत्र ट्रंप को सौंप दिया। ट्रंप, जिन्होंने लंबे समय से खुद को एक महान शांतिदूत बताया है और नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की अपनी इच्छा को खुले तौर पर व्यक्त किया है, नामांकन से आश्चर्यचकित दिखाई दिए।
उन्होंने नेतन्याहू से कहा, "विशेष रूप से आपकी ओर से यह बहुत सार्थक है। बहुत-बहुत धन्यवाद।" नेतन्याहू ने ट्रंप की "शांति और सुरक्षा की खोज" की प्रशंसा की, विशेष रूप से "कई देशों में, लेकिन अब, विशेष रूप से मध्य पूर्व में" उनके नेतृत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा कि "हमारी टीमें मिलकर चुनौतियों का सामना करने और नए अवसरों को जब्त करने के लिए एक असाधारण संयोजन बनाती हैं", उन्होंने ईरान के खिलाफ हाल ही में अमेरिकी हमलों का जिक्र किया। नेतन्याहू ने कहा, "हम जिस तरह से बात कर रहे हैं, वह एक देश में, एक के बाद एक क्षेत्र में शांति स्थापित कर रहे हैं।" इजरायल के प्रधानमंत्री सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ निजी रात्रिभोज के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे।
यह इस साल उनकी तीसरी मुलाकात है, जो गाजा में इजरायल के चल रहे सैन्य अभियान और अनसुलझे बंधक संकट को लेकर बढ़ते दबाव के बीच हुई है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिवार दोनों नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं कि भविष्य में होने वाले किसी भी युद्धविराम समझौते में सभी शेष बंदियों की रिहाई शामिल हो। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, इससे पहले नेतन्याहू ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। वार्ता व्हाइट हाउस के पास राष्ट्रपति के गेस्ट हाउस ब्लेयर हाउस में हुई।
और भी

ब्रासीलिया में पीएम मोदी : सांबा रेगे, शिव तांडव स्तोत्र और शास्त्रीय नृत्य से किया गया स्वागत

ब्रासीलिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के बाद मंगलवार को ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे। यहां पीएम मोदी का स्वागत पारंपरिक सांबा रेगे की संगीतमय प्रस्तुति से किया गया। इसके बाद होटल पहुंचने पर शिव तांडव स्तोत्र पाठ और भारतीय शास्त्रीय नृत्य का भावपूर्ण प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे "यादगार स्वागत" बताया और प्रवासियों की अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए प्रशंसा की।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "थोड़ी देर पहले ब्रासीलिया पहुंचा। भारतीय समुदाय ने यादगार स्वागत किया, जो एक बार फिर दर्शाता है कि हमारे प्रवासी कितने भावुक हैं और वे अपनी जड़ों से कितने जुड़े हुए हैं।" उन्होंने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें उत्साहित और उत्साही प्रवासी भारतीय तिरंगा थामे प्रधानमंत्री मोदी का हाथ जोड़कर अभिवादन करते नजर आ रहे हैं।
पीएम मोदी सोमवार को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए "बहुत ही उत्पादक" रियो डी जेनेरियो यात्रा पूरी करने के बाद ब्राजील पहुंचे। भारतीय पीएम 2 जुलाई से 10 जुलाई तक 5 देशों की यात्रा पर हैं। अब तक वे घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, और अर्जेंटीना का दौरा कर चुके हैं। फिलहाल वे ब्राजील दौरे पर हैं और यहां से नामीबिया जाएंगे। राजकीय यात्रा पर ब्राजील की राजधानी पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे पर ब्राजील के रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेरो फिल्हो ने स्वागत किया।
पीएम मोदी मंगलवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, डिफेंस, एनर्जी, स्पेस, टेक्नोलॉजी, खेती और हेल्थ समेत कई मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने लिखा: "इंडिया-ब्राजील के बीच मजबूत साझेदारी में नए कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की राजकीय यात्रा पर राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे। आगमन पर, हवाई अड्डे पर ब्राजील के रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेरो फिल्हो ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पारंपरिक ब्राजीलियाई सांबा रेगे प्रदर्शन द्वारा स्वागत को शानदार संगीतमय बनाया गया।"
प्रधानमंत्री मोदी ने भी लिखा: "ब्रासीलिया हवाई अड्डे पर, बटाला मुंडो बैंड ने कुछ बेहतरीन रचनाएं बजाईं। उनका यह प्रयास एफ्रो-ब्राजीलियन पर्क्यूशन, विशेष रूप से ब्राजील के साल्वाडोर दा बाहिया के सांबा-रेगे को बढ़ावा देने का वैश्विक प्रयास है।" कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री ने रियो डी जेनेरियो की अपनी यात्रा को "बहुत उत्पादक" बताया था।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "अब राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया जा रहा हूं। भारत-ब्राजील संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर राष्ट्रपति लूला के साथ विस्तृत बातचीत करूंगा। मेरी ब्राजील यात्रा का रियो चरण बहुत उत्पादक रहा। हमने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यापक विचार-विमर्श किया। मैं राष्ट्रपति लूला और ब्राजील सरकार को उनके ब्रिक्स प्रेसीडेंसी के माध्यम से इस मंच को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए किए गए काम के लिए बधाई देता हूं। विश्व नेताओं के साथ मेरी द्विपक्षीय बैठकें विभिन्न देशों के साथ भारत की मित्रता को भी बढ़ावा देंगी।"
पीएम मोदी ने सोमवार को पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों को उच्च प्राथमिकता देने के लिए ब्रिक्स की प्रशंसा की। उन्होंने इन विषयों को मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया, साथ ही इस बात पर जोर दिया कि भारत के लिए जलवायु न्याय केवल एक विकल्प नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक दायित्व है।
पर्यावरण, सीओपी-30 और वैश्विक स्वास्थ्य पर ब्रिक्स सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण सुरक्षा हमेशा से भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे लिए यह सिर्फ ऊर्जा की बात नहीं है, यह जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने की बात है। मुझे खुशी है कि ब्राजील की अध्यक्षता में ब्रिक्स ने पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उच्च प्राथमिकता दी है। ये विषय न केवल आपस में जुड़े हुए हैं, बल्कि मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।"
और भी

ब्रिक्स को दक्षिण का नेतृत्व करना चाहिए : PM नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ब्रिक्स समूह को "वैश्विक दक्षिण के देशों की आकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए और उनका नेतृत्व करना चाहिए।" 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 6 और 7 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित किया गया था। उन्होंने 'बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामलों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मजबूत करना' नामक एक सेमिनार में भाग लेते हुए यह बयान दिया। उन्होंने इस सेमिनार में भाग लेने और बोलने के बारे में एक्स वेबसाइट पर पोस्ट किया। इसमें कहा गया है: ब्रिक्स समूह की विविधता और उसमें हमारा दृढ़ विश्वास हमारी ताकत है। भविष्य में, ब्रिक्स को इस विविधतापूर्ण दुनिया के लिए एक मॉडल के रूप में काम करना चाहिए। इसके लिए हमें 4 मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। स्वस्थ ऋण प्रावधान: सबसे पहले, हमें समूह के उप-क्षेत्रों में सुधार करने की आवश्यकता है। तभी हमारी विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाएगी जब हम बहुपक्षवाद में सुधारों के लिए जोर देंगे। ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के माध्यम से किसी परियोजना को वित्तपोषित करते समय, प्रासंगिक निर्णय लेने, दीर्घकालिक वित्तपोषण आवश्यकताओं और ठोस ऋण प्रथाओं का होना चाहिए। वैज्ञानिक अनुसंधान स्थल- दूसरा, दक्षिणी देशों को ब्रिक्स से बहुत उम्मीदें और भरोसा है। उदाहरण के लिए, भारत में स्थापित ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच के माध्यम से, कृषि-प्रौद्योगिकियों और जलवायु-लचीली खेती सहित सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को अन्य देशों के साथ साझा किया जा सकता है। इसी तरह, ब्रिक्स को विकासशील देशों को बहुत लाभ प्रदान करने के लिए ब्रिक्स विज्ञान और अनुसंधान डेटाबेस की स्थापना करके दक्षिणी देशों का नेतृत्व करना चाहिए।
और भी

भारत, चीन ने वैश्विक दक्षिण से शासन सुधारों में तेजी लाने का किया आह्वान

चीन। विकासशील देशों के ब्रिक्स समूह के नेताओं ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान किया और हिंसक संघर्षों और व्यापार युद्धों के बीच इस समूह को बहुपक्षीय कूटनीति के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में प्रस्तुत किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ब्रिक्स समावेशी बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, खासकर जब वैश्विक संस्थाएँ वैधता और प्रतिनिधित्व के संकट का सामना कर रही हैं।
चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए वैश्विक शासन सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए। जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर इसी तरह, समूह ने वैश्विक तापमान वृद्धि की साझा चुनौतियों को संबोधित करते हुए मांग की कि अमीर देश गरीब देशों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए धन मुहैया कराएं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत के लिए जलवायु न्याय कोई विकल्प नहीं है; यह एक नैतिक कर्तव्य है।"
और भी

डोनाल्ड ट्रंप के बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से भारतीय कपड़ा कंपनियों के शेयरों में आया उछाल

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद मंगलवार को सुबह के कारोबार में भारतीय कपड़ा कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिला। ट्राइडेंट, वेलस्पन, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, केपीआर मिल, वर्धमान टेक्सटाइल्स और अरविंद लिमिटेड जैसी कपड़ा कंपनियों के शेयरों में शुरुआती कारोबार में तेजी आई।
गोकलदास एक्सपोर्ट्स के शेयरों में 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई, जबकि वर्धमान टेक्सटाइल्स के शेयरों में 7.4 फीसदी और वेलस्पन लिविंग के शेयरों में 2 फीसदी की तेजी आई। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को लिखे पत्र में ट्रंप ने कहा कि 1 अगस्त, 2025 से हम बांग्लादेश से अमेरिका में भेजे जाने वाले सभी बांग्लादेशी उत्पादों पर केवल 35 फीसदी टैरिफ लगाएंगे, जो सभी सेक्टोरल टैरिफ से अलग होगा।
ट्रंप ने पत्र में लिखा, "कृपया समझें कि 35 प्रतिशत टैरिफ आपके देश के साथ हमारे व्यापार घाटे की असमानता को खत्म करने के लिए आवश्यक संख्या से बहुत कम है।" उन्होंने कहा कि उच्च टैरिफ से बचने के लिए ट्रांसशिप किए गए सामान उस उच्च टैरिफ के अधीन होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि अगर किसी भी कारण से बांग्लादेश अपने टैरिफ बढ़ाने का फैसला करता है तो वह जो भी संख्या बढ़ाना चाहेगा, उसे 35 प्रतिशत में जोड़ दिया जाएगा। ट्रंप ने कहा, "कृपया समझें कि ये टैरिफ बांग्लादेश की कई वर्षों की टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियों और व्यापार बाधाओं को ठीक करने के लिए आवश्यक हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ इन अस्थिर व्यापार घाटे का कारण बन रहे हैं। यह घाटा हमारी अर्थव्यवस्था और वास्तव में हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।"
उन्होंने आगे कहा कि अगर बांग्लादेश अमेरिका के लिए अपने क्लोज्ड ट्रेडिंग मार्केट को खोलना चाहता है और अपनी टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियों और व्यापार बाधाओं को खत्म करना चाहता है तो हम शायद इस पत्र को लेकर एडजस्टमेंट पर विचार करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आपके देश के साथ हमारे संबंधों के आधार पर इन टैरिफ को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। अमेरिका के रेडीमेड गारमेंट बाजार में वियतनाम की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत है, जबकि बांग्लादेश की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है।
ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जबकि 12 अन्य देशों को पत्र मिले हैं, जिसमें बताया गया है कि उन्हें कितना टैरिफ देना होगा। भारत को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ बहुत जल्द ट्रेड डील हो सकती है।
और भी

PM मोदी की BRICS में दो टूक : आतंकवाद पर ‘सुविधा’ नहीं, ‘सिद्धांत’ चाहिए

BRICS : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 6 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 17वें BRICS सम्मेलन में हिस्सा लिया और मंच से साफ संदेश दिया आतंकवाद पर अब दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा, पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर वार है। आतंक की निंदा सिद्धांत से होनी चाहिए, किसी राजनीतिक सुविधा के हिसाब से नहीं।
BRICS देशों ने 31 पेज का संयुक्त घोषणापत्र जारी किया जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और ईरान पर इजरायली हमले की कड़ी आलोचना की गई। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए और आतंक के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर तौलना निहायत गलत है।
मोदी ने BRICS मंच से सीधे कहा अगर कोई देश चुप रहकर आतंक का समर्थन करता है, तो वह भी उतना ही दोषी है। राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को नजरअंदाज करना स्वीकार नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की वैश्विक सोच का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत बुद्ध और गांधी की भूमि है, जहां युद्ध और हिंसा की कोई जगह नहीं। उन्होंने दोहराया कि भारत हर उस कोशिश का समर्थन करता है जो दुनिया को संघर्ष से निकालकर सहयोग और संवाद की दिशा में ले जाए।
PM मोदी ने सम्मेलन में ग्लोबल साउथ की उपेक्षा का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, कुछ देश संसाधनों का इस्तेमाल अपने फायदे और दबाव के हथियार के तौर पर करते हैं। भारत इस सोच से अलग है हम हमेशा मानवता को प्राथमिकता देते हैं, अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर।
मोदी ने बताया कि भारत जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा, जिसमें AI की संभावनाओं और जोखिमों पर गंभीर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, हमें ऐसा डिजिटल इकोसिस्टम बनाना होगा जो ये बता सके कि कोई जानकारी असली है या नकली, कहां से आई और क्या उसका गलत इस्तेमाल हो रहा है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने बताया कि प्रधानमंत्री ने BRICS देशों से विज्ञान और रिसर्च को लेकर एक साझा कोष बनाने का प्रस्ताव भी रखा।
प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन के बाद ब्रासीलिया जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से होगी। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी।
और भी

ब्रिक्स देशों को डोनाल्ड ट्रम्प की धमकी, अब देना होगा 10% एक्स्ट्रा टैरिफ

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए एक नया बयान जारी किया है। उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा है कि जो भी देश ब्रिक्स समूह का हिस्सा बनते हैं, उन पर अमेरिका 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। बता दें, भारत भी ब्रिक्स का सदस्य है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए हैं।
ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि जो राष्ट्र ब्रिक्स की नीतियों के ज़रिए अमेरिका विरोधी रुख अपनाएंगे, उनके खिलाफ यह टैरिफ नीति सख्ती से लागू की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस नियम में कोई छूट नहीं दी जाएगी और सभी देशों पर समान रूप से यह कर लगाया जाएगा। अंत में उन्होंने सभी से इस विषय पर विचार करने के लिए धन्यवाद।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स के 17वें सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील के रियो डी जेनेरियो गए हैं। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच कुछ महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते भी लंबित हैं। जानकारी के अनुसार, भारत ने प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी सीमाएं स्पष्ट कर दी हैं। अब इस समझौते को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी अमेरिका की ओर है।
बता दें कि अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय उत्पादों पर 26% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का निर्णय लिया था, लेकिन इस पर अस्थायी रूप से 90 दिनों की रोक लगा दी गई है। हालांकि, 10% का मूल शुल्क अब भी प्रभावी है। भारत चाहता है कि उसे इस 26% अतिरिक्त शुल्क से पूरी तरह छूट मिल जाए।
यदि प्रस्तावित व्यापार वार्ता असफल होती है, तो यह अतिरिक्त शुल्क दोबारा लागू हो सकते हैं। बीते सप्ताह ट्रम्प ने कहा था कि उनका प्रशासन लगभग 10 से 12 देशों के पहले समूह को पत्र भेज रहा है, जिनमें जवाबी टैरिफ से जुड़ी जानकारी साझा की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह पूरी प्रक्रिया 9 जुलाई तक पूरी हो सकती है।
और भी

ईरान-इजरायल संघर्ष पर भारत की राय, 'कूटनीतिक बातचीत ही सही तरीका'

नई दिल्ली। ब्रिक्स में भारत ने आतंकवाद, ईरान-इजरायल संघर्ष समेत ग्लोबल साउथ के मुद्दे पर अपनी बात स्पष्ट की है। विदेश मंत्रालय की और से आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स में भारत की मजबूत और स्पष्ट नीति दुनिया के सामने रखी।
उन्होंने पहलगाम और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर भारत के रुख को रेखांकित किया। ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, "संदेश बहुत स्पष्ट है कि कूटनीतिक बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है।"
दम्मू रवि ने कहा कि पैरा 34 में कुछ अहम बातें साफ-साफ बताई गई हैं। सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी देशों ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये निंदा केवल आतंकवादी हमलों की नहीं है, बल्कि उन देशों, संगठनों या लोगों की भी है जो आतंकवाद को किसी भी रूप में समर्थन, फंडिंग या शरण देते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों और इसमें शामिल समूहों का स्पष्ट जिक्र किया गया। यह भारत के लिए एक अहम मुद्दा रहा है, क्योंकि भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का दृढ़ता से जवाब दे रहा है। दम्मू रवि ने इस दौरान यह भी बताया कि भारत सालों से संयुक्त राष्ट्र में "अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ व्यापक कन्वेंशन" की पहल करता रहा है।
इस कन्वेंशन का मकसद वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की एक स्पष्ट परिभाषा तय करना और इसके खिलाफ सभी देशों को एक साथ लाना है। उन्होंने इंटर-ट्रेडिंग रिलेशन पर भी राय रखी। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक दक्षिण देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और ब्रिक्स देशों में विविधताएं हैं। इसलिए, देश विकल्प तलाश रहे हैं। सीमा पार व्यापार करने में सक्षम होने के मामले में अंतर-संचालनीय भुगतान (इंटर ऑपरेबल पेमेंट) तेज मैकेनिज्म है। इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है और हम कई देशों के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था में भी प्रवेश कर रहे हैं।
देशों के भीतर इस पर चर्चा हो रही है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बातचीत होगी और देश इसे स्वीकार किया जाएगा क्योंकि यह अधिकांश के लिए फायदेमंद है। दम्मू ने प्रधानमंत्री के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोहराया कि 20वीं सदी के वैश्विक संगठनों में 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने की क्षमता का अभाव है, इसलिए उन्होंने बहुपक्षीय संगठनों में सुधार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बहुध्रुवीय, समावेशी विश्व व्यवस्था का आह्वान किया और कहा कि वैश्विक शासन संस्थाओं, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, आईएमएफ, विश्व बैंक और डब्ल्यूटीओ को समकालीन वास्तविकताओं और समय को प्रतिबिंबित करने के लिए तत्काल सुधार करना होगा।"
और भी

भारत ने दिखाया है कि कैसे पैमाना और गति एक साथ चल सकते हैं : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

रियो डी जेनेरियो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि भारत एक अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्तर पर प्रभाव पैदा करने वाले देश के रूप में अपनी दोहरी भूमिका के साथ न केवल अपने लिए बल्कि अपनी आकांक्षाओं को साझा करने वाले सभी लोगों के लिए परिवर्तन का नेतृत्व करते हुए मजबूत स्थिति में है।
आधिकारिक यात्रा के दौरान 'चैलेंजेस फॉर फाइनेंसिंग सस्टेनेबल डेवलपमेंट फॉर द ग्लोबल साउथ' विषय पर फ्लैगशिप 'गवर्नर्स सेमिनार' को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ग्लोबल साउथ में सस्टेनेबल डेवलपमेंट को वित्तपोषित करना केवल धन जुटाने के बारे में नहीं है, यह निष्पक्षता, विश्वास और नेतृत्व का निर्माण करने से भी जुड़ा है।
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, "भारत के लिए, लाखों लोगों के लिए आवास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विकास में तेजी लाना आवश्यक है। साथ ही, हीटवेव, वॉटर स्ट्रेस और एक्ट्रीम वेदर की घटनाओं जैसे जलवायु संबंधी जोखिम भी बढ़ रहे हैं।"
भारत 'नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन' और प्रांत-स्तरीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं जैसी पहलों के माध्यम से उन्हें इंटीग्रेट करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, "वास्तविक चुनौती डेवलपमेंट और सस्टेनेबिलिटी के बीच चयन करना नहीं है, बल्कि खास तौर पर उभरते बाजारों और विकासशील देशों (ईएमडीई) के साथ साझेदारी में ऐसी नीतियां तैयार करना है, जो समावेशी विकास को बढ़ावा दें और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को मजबूत करें।"
वित्त मंत्री ने आगे कहा, "जैसा कि हम 2030 के एजेंडे की ओर प्रयास कर रहे हैं, कोरोना महामारी के बाद विकासशील देशों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के लिए वित्तपोषण का अंतर सालाना 4.2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, जो महत्वाकांक्षा और वास्तविकता के बीच बढ़ते अंतर को दर्शाता है।"
उन्होंने कहा, "भारत एक अनोखे चौराहे पर खड़ा है। एक अरब लोगों की आकांक्षाएं तेजी से बदलते ग्रह की अनिवार्यताओं के साथ मिलती हैं। भारत ने दिखाया है कि कैसे पैमाना और गति एक साथ चल सकते हैं।"
यूपीआई, आधार और जन धन जैसी परिवर्तनकारी नीतिगत पहलों के माध्यम से, देश ने वित्तीय समावेशन को अंतिम मील तक पहुंचाया है। वित्त मंत्री ने कहा, "गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी लाने के लिए 220 गीगावाट से अधिक रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता की स्थापना जैसे कार्यक्रमों से हमारी नीति इकोसिस्टम को मजबूती मिली है।"
हाल के वर्षों में, भारत ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड, ईएसजी डिस्क्लोजर मेनडेट और क्लाइमेट फाइनेंस के लिए प्रपोज्ड टैक्सोनॉमी जैसी पहलों के माध्यम से ग्रीन फाइनेंस के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।
और भी

ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का किया भव्य स्वागत

ब्यूनस आयर्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स स्थित अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री का स्वागत 'मोदी-मोदी', 'जय हिंद', और 'भारत माता की जय' के नारों के साथ किया।
इस स्वागत समारोह में पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया गया। भारतीय समुदाय को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने और बात करने का मौका मिला। इस दौरान कई लोगों ने उनसे ऑटोग्राफ लिया। पीएम मोदी की अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा 57 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है।
अर्जेंटीना पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "द्विपक्षीय यात्रा के लिए ब्यूनस आयर्स पहुंचा हूं, जिसमें अर्जेंटीना के साथ संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली से मिलने और उनके साथ विस्तृत बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं।" प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली के निमंत्रण पर अर्जेंटीना पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच आखिरी मुलाकात नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अर्जेंटीना जा चुके हैं। पांच देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले अपने प्रस्थान वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना को लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी-20 में एक करीबी सहयोगी बताया था। दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में मजबूत और एकजुट रिश्ते हैं, जो दशकों से और गहरे हो रहे हैं।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी घाना और त्रिनिदाद एंड टोबैगो की सफल यात्रा कर चुके हैं और अर्जेंटीना के बाद, वह ब्राजील जाएंगे, जहां वे ब्रासीलिया की द्विपक्षीय यात्रा करने से पहले रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वह नामीबिया जाएंगे - जो उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा।
और भी

गाज़ा युद्धविराम वार्ता दोबारा शुरू, नए समझौते की हो रही समीक्षा

लंदन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इजरायल ने गाजा में 60 दिन के युद्ध विराम की शर्तों पर सहमति जताई है। अगर आपको यह परिचित लगता है, तो यह सच है। मार्च में पिछले अल्पकालिक युद्ध विराम के टूटने के बाद से दो महीने के युद्ध विराम के विचार पर चर्चा की जा रही है। मई में भी इसी तरह का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन हमास ने इसे इजरायल के लिए एक स्थायी शांति समझौते पर पहुंचने के बजाय, थोड़े समय के विराम के बाद युद्ध जारी रखने के लिए एक सक्षम तंत्र के रूप में देखा। चूंकि गाजा में तबाही दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, तो क्या इस बार कुछ अलग होगा?
कतर के मध्यस्थों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कथित तौर पर हमास द्वारा 60 दिन की अवधि में दस जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के शवों को रिहा करने की बात कही गई है, जिसके बदले में कई फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। यदि दीर्घकालिक समझौता हो जाता है, तो शेष 22 बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा। 60 दिन की युद्ध विराम अवधि में शत्रुता को स्थायी रूप से समाप्त करने और गाजा में युद्ध के बाद के शासन के लिए एक रोडमैप पर बातचीत भी शामिल होगी।
लेकिन यह योजना इस साल जनवरी से मार्च तक आठ सप्ताह के तीन चरण के युद्ध विराम के समान है, जो बंधकों के आदान-प्रदान के पहले चरण के बाद टूट गया था। तब से, शांति वार्ता में बार-बार गतिरोध आया है। हमास के लिए, दीर्घकालिक युद्ध विराम का मतलब युद्ध का स्थायी अंत और गाजा से इजरायली सेना की वापसी है। इस बीच, इजरायल हमास को सत्ता से पूरी तरह से हटाना, उसकी सैन्य शाखा को खत्म करना और निरस्त्र करना तथा शेष वरिष्ठ हमास नेताओं को निर्वासित करना चाहता है। लेकिन लगातार चुनौतियों के बावजूद, कई कारण हैं कि युद्ध विराम का यह प्रयास अलग हो सकता है। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण कारण इजरायल और ईरान के बीच हाल ही में तथाकथित “12-दिवसीय युद्ध” है, जिसे इजरायल ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को कम करने के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया है (हालांकि वास्तविकता अधिक सूक्ष्म है)।
इस कथित जीत से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपने गठबंधन में दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों की आपत्तियों के बावजूद युद्ध विराम का प्रयास करने के लिए राजनीतिक गतिशीलता मिल गई है, जिन्होंने पिछले दौर में सरकार को गिराने की धमकी दी थी। ईरान-इजरायल युद्ध, जिसमें अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर विवादास्पद रूप से हमले किए, ने भी मध्य पूर्व में ट्रम्प की रुचि को पुनर्जीवित किया। ट्रम्प ने पदभार ग्रहण किया, ठीक उसी समय जब चरणबद्ध गाजा युद्ध विराम समझौते पर सहमति बन रही थी। लेकिन ट्रम्प ने समझौते के पहले चरण से दूसरे चरण में जाने के लिए गंभीर बातचीत में शामिल होने के लिए इजरायल पर बहुत कम कूटनीतिक दबाव डाला, जिससे मार्च में युद्ध फिर से शुरू हो सके। हालाँकि, अब ईरान में इजरायल की सैन्य सहायता करने के बाद, ट्रम्प के पास नेतन्याहू के साथ महत्वपूर्ण लाभ है जिसका वह उपयोग कर सकते हैं। अगले सप्ताह नेतन्याहू के वाशिंगटन आने पर उनके पास इसका उपयोग करने का मौका होगा (यदि वह चाहें तो)। दोनों व्यक्ति ईरान की कमजोर स्थिति को अब्राहम समझौते के विस्तार के अवसर के रूप में भी देखते हैं। यह इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सूडान और मोरक्को सहित कई अरब राज्यों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने वाले समझौतों का समूह था, जिसकी मध्यस्थता ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के अंत में की थी। नेतन्याहू लंबे समय से सऊदी अरब के साथ अमेरिका समर्थित सौदे पर नज़र रखे हुए हैं, और कथित तौर पर सीरिया के साथ एक छोटे पैमाने की घोषणा पर भी चर्चा चल रही है। लेकिन गाजा में युद्ध जारी रहने तक ये सौदे आगे नहीं बढ़ सकते।
और भी

PM मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रधानमंत्री को कुंभ मेले का जल उपहार में दिया

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद फिशर को कुंभ मेले का पवित्र जल भेंट किया है। प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की एक सप्ताह की आधिकारिक यात्रा पर हैं। घाना की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री गुरुवार को त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य के लिए रवाना हुए, जहां मोदी का पारंपरिक स्वागत किया गया।
देश की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने मोदी के लिए केले के पत्ते पर भोज का आयोजन किया। पार्टी में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमला प्रसाद को अयोध्या राम मंदिर का एक मॉडल, सरयू नदी का पवित्र जल और महाकुंभ मेले का पवित्र जल भेंट किया। मोदी ने एक्स पेज पर कहा कि ये उपहार भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक हैं।
और भी

त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को दिए जाएंगे ओसीआई कार्ड : PM मोदी

पोर्ट ऑफ स्पेन। घाना की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा ऐलान किया। कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आप सिर्फ खून या उपनाम से नहीं जुड़े, आप भारत से दिल से जुड़े हैं। भारत आपका स्वागत करता है और आपको गले लगाता है।"
त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओसीआई कार्ड दिए जाएंगे। आप सिर्फ खून या उपनाम से ही नहीं जुड़े हैं। आप अपनेपन से भी जुड़े हैं। भारत आपका स्वागत करता है और आपको गले लगाता है।"
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को बिहार की बेटी बताया। उन्होंने कहा, "त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे। कमला खुद वहां जाकर भी आई हैं और लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं। यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं। बिहार की विरासत भारत के साथ ही दुनिया का भी गौरव है। लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो, बिहार ने सदियों पहले दुनिया को ऐसे अनेक विषयों में नई दिशा दिखाई थी। मुझे विश्वास है कि 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं और नए अवसर निकलेंगे।"
प्रधानमंत्री ने 500 साल बाद अयोध्या में रामलला की वापसी का भी खुशी के साथ स्वागत किया और भगवान राम के प्रति गहरी आस्था और भक्ति व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा, "हमें याद है कि आपने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं। मैं भी इसी तरह की भक्ति भावना के साथ यहां कुछ लाया हूं। अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी से कुछ जल लाना मेरे लिए सम्मान की बात है। आप सभी जानते हैं कि इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ हुआ था। मुझे महाकुंभ का जल अपने साथ ले जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मैं कमला जी से अनुरोध करता हूं कि वे सरयू नदी और महाकुंभ का पवित्र जल यहां गंगा धारा में अर्पित करें।"
उन्होंने भारतीय समुदाय की प्रशंसा की और कहा, "आपके पूर्वजों ने कठिनाइयों का डटकर मुकाबला किया। वे गंगा-यमुना को पीछे छोड़ आए, लेकिन रामायण को अपने दिल में लाए। वे सिर्फ प्रवासी नहीं थे, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता के दूत थे। आपने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 साल पहले अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, "तब हम ब्रायन लारा के कवर ड्राइव और पुल शॉट्स की प्रशंसा करते थे। आज सुनील नरेन और निकोलस पूरन युवाओं में वही उत्साह जगाते हैं। तब से अब तक हमारी दोस्ती और मजबूत हुई है।"
उन्होंने यह भी कहा, "बनारस, पटना, कोलकाता, और दिल्ली भारत में शहर हैं, लेकिन ये यहां सड़कों के नाम भी हैं। नवरात्रि, महाशिवरात्रि, और जन्माष्टमी यहां उत्साह और गर्व के साथ मनाए जाते हैं। चौताल और बैठक गण यहां आज भी फल-फूल रहे हैं।"
और भी

PM मोदी 5 देशों की यात्रा के दूसरे चरण के तहत त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे

  • प्रधानमंत्री ने कहा- 'रामायण' से 'महाकुंभ' तक...
पोर्ट ऑफ स्पेन। प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों की यात्रा के दूसरे चरण के तहत त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया और भारत-त्रिनिदाद और टोबैगो के संबंधों पर बात की। साथ ही उन्होंने भगवान राम से लेकर महाकुंभ और त्रिनिदाद और टोबैगो की रामलीलाओं का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड दिए जाने की बात की। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ खून या उपनाम से ही नहीं जुड़े हैं। आप अपनेपन से भी जुड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष में उड़ान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "वो समय अब दूर नहीं है कि जब कोई भारतीय चंद्रमा पर पहुंचेगा और भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा। हम अब तारों को सिर्फ गिनते नहीं हैं, आदित्य मिशन के रूप में उनके पास जाने का प्रयास करते हैं। हमारे लिए अब चंदा मामा दूर के नहीं हैं।"
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिहार की विरासत को भारत के अलावा उसे दुनिया का भी गौरव बताया। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो, बिहार ने सदियों पहले दुनिया को ऐसे अनेक विषयों में नई दिशा दिखाई थी। मुझे विश्वास है कि 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं और नए अवसर निकलेंगे।"
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत से गरीबी को खत्म करने का भी जिक्र किया और कहा, "भारत ने दिखाया है कि गरीबों को सशक्त करके, उन्हें समर्थ करके गरीबी को हराया जा सकता है। पहली बार करोड़ों लोगों में विश्वास जाएगा कि भारत गरीबी से मुक्त हो सकता है।"
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को बिहार की बेटी बताया। उन्होंने कहा, "त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे। कमला खुद वहां जाकर भी आई हैं और लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं।"
प्रधानमंत्री ने 500 साल बाद अयोध्या में रामलला की वापसी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हमें याद है कि आपने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं। मैं भी इसी तरह की भक्ति भावना के साथ यहां कुछ लाया हूं। अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी से कुछ जल लाना मेरे लिए सम्मान की बात है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, "सांग्रे ग्रांडे और डाउ विलेज में होने वाली रामलीलाएं अनोखी हैं। श्री रामचरितमानस में कहा गया है कि ‘राम धामदा पुरी सुहावनि। लोक समस्त बिदित अति पावनि।’ इसका मतलब है कि प्रभु श्री राम की पवित्र नगरी अयोध्या की महिमा पूरी दुनिया में फैली है। आपके पूर्वजों ने कठिनाइयों का डटकर मुकाबला किया। वे गंगा-यमुना को पीछे छोड़ आए, लेकिन रामायण को अपने दिल में लाए। वे सिर्फ प्रवासी नहीं थे, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता के दूत थे। आपने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 साल पहले की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा, "तब हम ब्रायन लारा के कवर ड्राइव और पुल शॉट्स की प्रशंसा करते थे। आज सुनील नरेन और निकोलस पूरन युवाओं में वही उत्साह जगाते हैं। तब से अब तक हमारी दोस्ती और मजबूत हुई है।"
पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में मनाई जाने वाली नवरात्रि, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली भारत में शहर हैं, लेकिन ये यहां सड़कों के नाम भी हैं। नवरात्रि, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी यहां उत्साह और गर्व के साथ मनाए जाते हैं।
और भी

PM मोदी ने घाना के सहयोग को सराहा, कहा- आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई जरूरी

अकरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम अफ्रीकी देश घाना के अपने पहले द्विपक्षीय दौरे के दौरान राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और कहा कि दोनों देश इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं कि “आतंकवाद मानवता का दुश्मन है” और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और घाना दोनों ने आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर भी सहमति जताई।
राष्ट्रपति महामा के साथ विकास, अर्थव्यवस्था और समावेशी वैश्विक शासन पर चर्चा करने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। भारत-घाना मैत्रीपूर्ण संबंधों के आधार पर साझा मूल्यों पर जोर देते हुए, पीएम मोदी ने यह भी कहा: “भारत-घाना मैत्री के मूल में हमारे साझा मूल्य, साझा संघर्ष और समावेशी भविष्य के लिए सामूहिक सपने निहित हैं। हमारे राष्ट्रों के स्वतंत्रता संघर्षों ने कई अन्य देशों को प्रेरित किया है। आज भी, घाना पश्चिम अफ्रीका में एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में खड़ा है और अन्य देशों के लिए एक मजबूत और जीवंत उदाहरण के रूप में कार्य करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “… हमने विकास, आर्थिक क्षेत्रों और समावेशी वैश्विक शासन पर साझा दृष्टिकोण पर चर्चा की। हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में घाना के सहयोग के लिए उसे धन्यवाद देते हैं। इस संदर्भ में, हम आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए। हम संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की आवश्यकता पर एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं… श्रीमान राष्ट्रपति, आप भारत के घनिष्ठ मित्र हैं और हमारे देश से बहुत परिचित हैं। मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप हमें जल्द ही भारत में अपनी मेजबानी का अवसर देंगे…”
“हमारा द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर को पार कर गया है। भारतीय कंपनियों ने लगभग 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है घाना में लगभग 900 परियोजनाएं हैं। आज हमने अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। फिनटेक के क्षेत्र में भारत घाना के साथ यूपीआई डिजिटल भुगतान के अपने अनुभव को साझा करने के लिए तैयार है। विकास साझेदारी हमारे सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ है। हम राष्ट्रपति महामा को आर्थिक पुनरोद्धार की दिशा में उनके प्रयासों में भारत के पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन देते हैं…”, प्रधानमंत्री ने कहा।
यह तीन दशकों से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना की पहली यात्रा है
प्रधानमंत्री मोदी और घाना के राष्ट्रपति महामा ने द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में भारत और घाना के बीच सहयोग बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
घाना के राष्ट्रपति महामा ने कहा, “हमारे सम्मानित अतिथि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजकीय भोज में “ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।”
प्रधानमंत्री मोदी और घाना के राष्ट्रपति महामा ने बुधवार शाम को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस मीटिंग में भी भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, “…यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि राष्ट्रपति (महामा) खुद मुझे लेने के लिए हवाई अड्डे पर आए…”
राष्ट्रपति महामा ने कहा, “…दोनों देश आर्थिक और निवेश संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर ऐसे समय में जब घाना ऋण उपचार प्रक्रिया और चल रहे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रम के कारण आर्थिक पुनर्गठन से गुजर रहा है। आगे बढ़ते हुए, घाना और भारत राजनयिक तंत्रों के माध्यम से इन जुड़ावों को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं, जिसमें विदेश कार्यालय परामर्श और सहयोग के लिए स्थायी संयुक्त आयोग शामिल हैं, ताकि पारस्परिक लाभ के लिए हमारी साझेदारी के इच्छित परिणामों को पूरा किया जा सके…”
राष्ट्रपति महामा ने कहा, “…यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफ्रीका यात्रा का पहला चरण है, जिसका समापन ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में होगा। दोनों पक्षों ने कृषि, ऊर्जा, विनिर्माण, बुनियादी ढांचे के विकास, मानव संसाधन और स्वास्थ्य सहित हमारी अर्थव्यवस्थाओं के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए सार्थक चर्चा की है…”
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और भारत-घाना संबंधों को गहरा करने के उद्देश्य से कई समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति महामा से मुलाकात की, प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा।
जुबली हाउस पहुंचने पर, प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति महामा ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री की घाना की यह राजकीय यात्रा तीन दशकों में पहली ऐसी यात्रा है।
बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने प्रतिबंधित और प्रतिनिधिमंडल स्तर के प्रारूपों में मुलाकात की और व्यापक बातचीत की।
बयान में कहा गया कि वे संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने भारत और घाना के बीच मधुर और समय-परीक्षित संबंधों की पुष्टि की और व्यापार और निवेश, कृषि, क्षमता निर्माण, डिजिटल प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा की।
उन्होंने घाना में बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार और भारतीय निवेश का स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने इस अवसर पर भारत-घाना संबंधों पर भी चर्चा की।
और भी

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी एफबीआई और राष्ट्रीय खुफिया प्रमुखों से मुलाकात की

वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को अमेरिका के दो शीर्ष खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की। उनकी ये मुलाकात संघीय जांच ब्यूरो के निदेशक काश पटेल और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से हुई।
गबार्ड से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने बताया कि दोनों के बीच वैश्विक स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग पर अच्छी बातचीत हुई। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पटेल से मिलकर उन्हें बहुत खुशी हुई और वे संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद का मुकाबला करने में हमारे योगदान की सराहना करते हैं।
हवाई की रहने वाली कांग्रेस की पूर्व सदस्य गबार्ड हिंदू धर्म को मानती हैं। वहीं, पटेल भी हिंदू हैं और भारतीय मूल के हैं। भारत के लिए आतंकवाद एक बड़ी समस्या है। भारत और अमेरिका मिलकर इस पर दुनिया भर में काम कर सकते हैं।
26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद, भारत और अमेरिका ने 2010 में आतंकवाद विरोधी पहल पर हस्ताक्षर किए। भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी कार्य समूह और भारत-अमेरिका आतंकवाद विरोधी नामांकन संवाद आतंकवादियों और उनसे जुड़े व्यक्तियों और संगठनों की पहचान करने के लिए काम करता है।
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नशीली दवाओं की तस्करी रोकना सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है। अमेरिकी अधिकारियों के साथ विदेश मंत्री की बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत में चल रहे अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी अभियान पर कार्रवाई की घोषणा की, जिसका तार अमेरिका तक फैला हुआ है।
प्रेस सूचना ब्यूरो के अनुसार, भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने खुफिया जानकारी साझा की, जिसके कारण अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसडीईए) ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क के सरगना को गिरफ्तार किया।
अलाबामा में दवाइयों की बड़ी खेप भेजने वाला जोएल हॉल गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 17 हजार से ज्यादा प्रतिबंधित दवाओं की गोलियां जब्त की गई। विदेश मंत्री जयशंकर मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए यहां आए थे। वह दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।
और भी
Previous123456789...146147Next