धान का कटोरा

दंतेवाड़ा में 12 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा। लोन वर्राटू अभियान और सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 9 इनामी नक्सली भी शामिल है जिन पर करीब 28 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिले को वामपंथ उग्रवाद से मुक्त करने के लिए राज्य की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के तरफ से हर दिन अपील की जा रही है कि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो। सरकार उनके पुनर्वास की व्यवस्था करेगी। उन्हें नौकरी, आवास और नकद धनराशि साथ सम्मान व् सुरक्षा मुहैया कराया जाएगा। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा नक्सल क्षेत्रों में ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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वैश्विक क्षितिज पर लहरा रहा है भारत का गौरवशाली परचम : CM विष्णुदेव साय

रायपुर। पीएम मोदी को ब्राज़ील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'The Grand Collar of the National Order of the Southern Cross' से सम्मानित किया गया है। सीएम साय ने बधाई देते हुए कहा, यह भारतीय के लिए गर्व और गौरव का अनुपम क्षण है।
यह ऐतिहासिक सम्मान न केवल भारत की बढ़ती हुई वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, लोक कल्याण की भावना और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के आदर्श को भी वैश्विक मंच पर मान्यता प्रदान करता है। समस्त छत्तीसगढ़वासियों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी को इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए कोटिशः बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ। वैश्विक क्षितिज पर लहरा रहा है भारत का गौरवशाली परचम।
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रेलवे अंडरब्रिज में भरा पानी, आवागमन बंद

रायपुर। दो दिनों की मूसलाधार बारिश से शहर में बने रेलवे के सभी अंडर ब्रिज पानी से लबालब हो गए हैं। इनमें पांच पांच फीट से अधिक पानी भरा हुआ है जो आम जनों की आवाजाही के लिए बंद हो ग‌ए हैं। सही लेवल डिजाइन के बिना बने ये अंडर ब्रिज लोगों के लिए सुविधा कम समस्या अधिक हो गए हैं।
यह समस्या सालाना होने के बाद भी रेल प्रशासन ने इस वर्ष भी कोई सबक नहीं लिया। यह रेलवे स्टेशन से लगे गुढियारी चूना भट्टी अंडर ब्रिज की है। ऐसी ही मोवा, कबीर नगर, चौबे कालोनी ब्रिज की भी कमोबेश यही हालत है।
ब्रिज से पानी निकासी को लेकर रेल प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके लिए मंडल ने बकायदा इन रेल खंड के इंजीनियर को तैनात कर के फोन नंबर जारी किए हैं। लेकिन इनमें से कोई भी अब तक मौके पर नहीं पहुंचा है। लोगों को दूसरे लंबे रास्तों से जाना पड़ रहा है।
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आसन में अनुशासन है : CM विष्णुदेव साय

सरगुजा। मैनपाट सांसद-विधायक प्रशिक्षण शिविर में आज भी योग किया गया, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने X पोस्ट में बताया, "समत्वं योग उच्यते" योग भारत की सनातन परंपरा का वह दिव्य सूत्र है, जिसके प्रत्येक आसन में अनुशासन है, प्रत्येक श्वास में ध्यान है और प्रत्येक क्षण में आत्मिक संतुलन की अनुभूति होती है। आज सांसद-विधायक प्रशिक्षण वर्ग के तृतीय दिवस पर प्रातःकालीन योग सत्र में सम्मिलित हुआ।
बता दें कि कल शिविर में विकसित छत्तीसगढ़ अवसर और चुनौती विषय पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए कठोर निर्णय लेने पड़ रहे हैं। प्रशासनिक विसंगतियों पर हमको कठोर होना पड़ेगा तब हम निर्णय ले पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक स्कूल में 12 शिक्षक हैं यदि उनको एकल शिक्षकीय या शिक्षक विहीन स्कूल में नहीं भेजेंगे तो शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटे का संरक्षण बड़ी चुनौती है। राजकोषीय घाटा को कम करने के लिए हम जो योजनाएं लॉन्च कर रहे हैं, उसके लिए पैसे की व्यवस्था भी कर रहे हैं। हमने जीएसटी का कलेक्शन बढ़ाया है। आबकारी और माइनिंग के लीकेज को बंद किया है।
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मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के प्रयासों ने दी सूरजपुर को शैक्षणिक समृद्धि की सौगात

  • 441 लाख की लागत से बनेगी सेंट्रल लाइब्रेरी
रायपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के विशेष प्रयासों से सूरजपुर जिले के युवाओं को एक बड़ी सौगात मिली है। छत्तीसगढ़ शासन ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में सूरजपुर में सेंट्रल लाइब्रेरी एवं रीडिंग जोन के निर्माण के लिए 441.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।  
यह अत्याधुनिक सेंट्रल लाइब्रेरी 250 सीटों की क्षमता के साथ विकसित की जाएगी, जिसमें डिजिटल स्टडी मटेरियल, ई-लर्निंग संसाधन, शांत रीडिंग जोन, इंटरनेट सुविधा और पुस्तकालय प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का समावेश होगा। इसका लाभ स्कूली विद्यार्थियों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं और साहित्य प्रेमियों तक को मिलेगा।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह लाइब्रेरी केवल भवन नहीं, बल्कि हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की बुनियाद होगी। यह ज्ञान आधारित समाज की ओर एक सशक्त कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल शैक्षणिक सशक्तिकरण, क्षेत्रीय संतुलन और अध्ययनशील वातावरण को मजबूती देने में मील का पत्थर साबित होगी।
इस निर्णय से सूरजपुर जिले में हर्ष की लहर है। विद्यार्थी, अभिभावक और स्थानीय नागरिकों ने इस पहल के लिए मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का आभार जताया है और इसे जिले के शैक्षणिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।
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पूर्व राष्ट्रपति श्री कोविंद से राज्यपाल श्री डेका ने की सौजन्य भेंट

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज नई दिल्ली  में पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद से सौजन्य भेंट की। श्री डेका ने श्री कोविंद को राजकीय गमछा पहनाया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया।
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छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी : मुख्यमंत्री साय

  • मुख्यमंत्री साय ने मैनपाट में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का किया अनावरण
  • मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा, सीसी रोड और मंदिर शेड निर्माण को दी मंजूरी
  • तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुरूप आत्मीय स्वागत से मुख्यमंत्री हुए अभिभूत
सरगुजा। छत्तीसगढ़ में बौद्ध परंपरा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं और भगवान बुद्ध के प्रेम, शांति एवं करुणा के संदेश को आत्मसात करते हुए राज्य सरकार विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित होटल ग्राउंड परिसर में नवस्थापित भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में इस पावन अवसर पर आमंत्रण के लिए तिब्बती समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थल हैं, जहां भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है। सिरपुर में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ देखने को मिलती हैं, जो राज्य की समावेशी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भगवान बुद्ध की करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांतों का सजीव प्रतीक है। आज की दुनिया के लिए उनका संदेश नई आशा और सकारात्मकता का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व भर के नेताओं ने दलाई लामा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो यह दर्शाता है कि भगवान बुद्ध के विचारों का वैश्विक जीवन पर कितना गहरा प्रभाव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर स्थल है, जो पर्यटकों को रोमांचित करता है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और राज्य सरकार इसके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है, और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मैनपाट स्थित सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में पारंपरिक तिब्बती रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिससे वातावरण उल्लासमय हो गया।
कार्यक्रम में सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज, सीतापुर विधायक श्री रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर श्री विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी सुश्री स्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष श्री तामदिंग सेरिंग, मठ प्रमुख लामा दुब्जे, लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
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किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण

  • बीज एवं उर्वरकों का किया जा रहा है वितरण
रायपुर। कृषि विभाग के मैदानी अमलों द्वारा कृषकों को आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों से बीज एवं खाद हेतु किसानों को सलाह दी जा रही है। समितियों में जाकर किसानों द्वारा उठाव कार्य किया जा रहा है साथ ही बीज व खाद की आपूर्ति हेतु निगरानी की जा रही है। जिले के किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण, बीज एवं उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है। मैदानी अमलों द्वारा कृषकों को 10 वर्ष के अन्दर की बीजों का उपयोग करने की सलाह दिया जा रहा है एवं धान की नवीन किस्म विक्रम टीसीआर को लेने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सूरजपुर जिले में वर्तमान में डीएपी की कमी होने के कारण डीएपी की जगह सुपर फास्फेट और एनपीके इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। उसी प्रकार कृषि विभाग के मैदानी अमलें द्वारा उर्वरक के संतुलित उपयोग की जानकारी बैनर एवं पम्पलेट के माध्यम से किसानों को दिया जा रहा है। जिले के सहकारी समितियों में उर्वरक का कुल भण्डारण 15925 मि.टन किया गया था जिसमें से वितरण-13189 मीट्रिक टन किया जा चूका है। वर्तमान में सहकारी समितियों में उर्वरक-2736 मी. टन उपलब्ध है जिसमें यूरिया- 1261 मीट्रिक टन, डी.ए.पी.- 98 मी. टन, एन. पी.के. 12:32:16- 75 मी. टन, एस.एस.पी.-799 मी. टन, एम.ओ.पी. -418 मी. टन, 20:20:13-85 मी. टन है। आगामी 2-3 दिवसों में जिले को एनपीके 20:20:0:13-1100 मी. टन, डी.ए.पी.-550 मी. टन, यूरिया-600 मी. टन खाद प्राप्त हो जाएगा। छ.ग. शासन द्वारा निरंतर खाद की आपूर्ति की जा रही है ताकि कृषकों को कृषि कार्य में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो।
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स्वास्थ्य मंत्री के प्रयासों से मनेंद्रगढ़ जिले को एक मिली बड़ी सौगात

  • मनेंद्रगढ़ को मिली सेंट्रल लाइब्रेरी की सौगात, 441 लाख की लागत से होगा निर्माण
रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत प्रयासों से मनेंद्रगढ़ जिले को एक बड़ी सौगात मिली है। राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर क्षेत्र में सेंट्रल लाइब्रेरी सहित रीडिंग ज़ोन के निर्माण के लिए 441.49 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस परियोजना के तहत नगर पालिक निगम चिरमिरी में 250 सीटों की क्षमता वाली आधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के छात्र-छात्राओं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं तथा पुस्तक प्रेमियों को बेहतर अध्ययन सुविधा मिल सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह लाइब्रेरी न केवल युवाओं के करियर निर्माण में सहायक होगी, बल्कि ज्ञान आधारित समाज की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस लाइब्रेरी में आधुनिक सुविधाएं, डिजिटल अध्ययन सामग्री और शांत रीडिंग ज़ोन की व्यवस्था की जाएगी। यह विकास कार्य क्षेत्रीय समानता और शैक्षणिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। स्थानीय नागरिकों एवं विद्यार्थियों में इस घोषणा को लेकर खुशी की लहर है। सभी ने इस पहल के लिए मंत्री श्री जायसवाल का आभार जताया है।
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प्रदेश में मानसून के साथ खेती-किसानी का कार्य जोरों पर

  • राज्य में अब तक 24.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की हो चुकी है बोनी जो लक्ष्य का 49 प्रतिशत
  • इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का है लक्ष्य
  • मुख्यमंत्री साय के निर्देश, किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता से मिले खाद-बीज
रायपुर। प्रदेश में मानसून के साथ ही खेती-किसानी का काम जोरों पर है। प्रदेश में अब तक 24.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हो चुकी है जो लक्ष्य का 49 प्रतिशत है। इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों निर्देशित किए गए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने के निर्देश दिए हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 8.35 लाख मीट्रिक टन खाद और 5.76 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की बौछारों के साथ शुरू हुए खेती-किसानी में बोनी का रकबा भी निरंतर बढ़ते जा रहा है। राज्य में अब तक 24.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि 07 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 291.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें समस्त स्त्रोतों से 7.22 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 5.76 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 116 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 12.60 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 8.35 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 57 प्रतिशत है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा गया है।
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शिक्षक की व्यवस्था हो जाने से एकल शिक्षकीय विद्यालय कदमझेरिया के विद्यार्थियों का संवरेगा भाग्य

  • अब दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों के विद्यार्थियों को मिलने लगी है बेहतर शिक्षा
रायपुर। राज्य शासन के दिशा निर्देशों के तहत कोरबा जिले में अतिशेष शिक्षको के काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने और विद्यालयों में शिक्षकों के ज्वॉइनिंग के पश्चात स्कूलों की तस्वीर बदलने लगी है। पहले एकल शिक्षकीय विद्यालयों में जहां विद्यार्थियों का कीमती समय ऐसे ही गुजर जाता था, अब, उन विद्यालयों में एक से अधिक शिक्षकों की व्यवस्था हो जाने के बाद कोई भी कालखण्ड खाली नहीं जाता। युक्ति युक्तकरण की प्रक्रिया के पूरा होने के साथ ही जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मौजूद शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों को नए शिक्षक मिल गए, वहीं इन क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को भी बेहतर शिक्षा की गारण्टी सुनिश्चित हो गई है। जिले के पोड़ी उपरोड़ा, पाली, कोरबा ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्रों के अनेक विद्यालयों के बच्चों को सीधा लाभ मिल रहा है।
शासन के दिशा निर्देशों के तहत जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक शालाओं में 305 अतिशेष प्रधानपाठकों और सहायक शिक्षकों को जिसमें 14 शिक्षकविहीन और 273 एकलशिक्षकीय विद्यालय भी शामिल है, जहाँ अतिशेष शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। अतिशेष शिक्षको के समायोजन के पश्चात प्राथमिक शाला में अब कम से कम दो शिक्षक हो गए हैं। इसी तरह माध्यमिक शाला अंतर्गत 4 प्रधानपाठकों और 147 शिक्षकों को विद्यालयों में पदस्थ किया गया है। काउंसिलिंग के पश्चात 20 एकल शिक्षकीय और 4 शिक्षकविहीन और 62 द्वि-शिक्षकीय मिडिल स्कूलों में भी अब कम से कम तीन शिक्षक पदस्थ हो गए हैं। हाई और हायर सेकंडरी विद्यालय में 74 अतिशेष व्याख्याताओं को उन विद्यालयों में पदस्थ किया गया है, जहाँ गणित, रसायन, भौतिकी, हिंदी, अंग्रेजी, कामर्स विषयों के शिक्षकों की कमी थी। अतिशेष शिक्षको के युक्ति युक्तकरण का लाभ दूरस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलने के साथ ही अनेक शिक्षकों के लिए भी लाभदायक साबित होने लगा है। इससे पहले कुछ विद्यालय में शिक्षक नहीं होने से आसपास के किसी विद्यालय के शिक्षक को संलग्न कर अध्यापन के लिए भेजा जाता था। उनके ऊपर अधिक संख्या में मौजूद बच्चों को पढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी के साथ ही अन्य कार्यों की जिम्मेदारी भी रहती थी। शिक्षक नहीं होने या कम शिक्षक होने से बच्चों के पालक भी परेशान होते थे। अब ऐसा नहीं है। ऐसे ही कोरबा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम कदमझेरिया का प्राथमिक शाला है। इस विद्यालय में भले ही विद्यार्थियों की संख्या कम है, लेकिन इस एकलशिक्षकाय विद्यालय में अब दो शिक्षक हो गए है।
पहाड़ो और जंगलों के बीच मौजूद इस प्राथमिक शाला में पढ़ाई करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी पहाड़ी कोरवा जनजाति के है। विद्यालय की पहाड़ी कोरवा छात्रा ज्योति, राजेश, जितेश और सुमित्रा ने बताया कि अब हमारे स्कूल में एक शिक्षक के बाद एक शिक्षिका आ गई हैं। अब पहले से ज्यादा पढ़ाई भी हो रही है। पहले हमारे सर एक कमरे में दूसरे कक्षा के विद्यार्थी को पढ़ाते थे तब अन्य कक्षा खाली रह जाता था। अब ऐसा नहीं है। अब स्कूल में नयी मैडम के आने से हम लोग को भी अच्छा लगता है।
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शासन की नीति से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ा

  • आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर
  • नक्सली जीवन छोड़ कौशल विकास योजना से बदली जिंदगी, लोगों के लिए बना मिसाल
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और पुनर्वास को लेकर लागू माओवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 अब कई जिंदगियों में नई उम्मीद जगा रही है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के सोनपुर गांव निवासी अन्नुलाल भंडारी इसका प्रेरक उदाहरण है।
कभी बंदूक उठाने को मजबूर हुए अन्नुलाल ने माओवादी संगठन में करीब 20 वर्षों तक सक्रिय रहते हुए कई जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 1998 में संगठन से जुड़े अन्नुलाल ने गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त कर संगठन के प्रचार-प्रसार, सुरक्षा और रसद जैसे कार्यों को अंजाम दिया। लेकिन डर और हिंसा के उस जीवन से निकलकर वर्ष 2017 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति को अपनाया और मुख्यधारा में लौट आए।
पुनर्वास के बाद अन्नुलाल ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती कर सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना ने उनके जीवन में नई दिशा दी। इस योजना के तहत नारायणपुर के लाईवलीहुड कॉलेज में वे जल वितरक संचालक (प्लम्बर) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान न सिर्फ तकनीकी विषयों का ज्ञान मिल रहा है, बल्कि उन्हें शासन की जनहितकारी योजनाओं जिसमें जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत और किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ भी मिल रहा है।
अन्नुलाल प्रशिक्षण पूरा कर ग्राम पंचायत सोनपुर में जल वितरक के रूप में कार्य करेंगे, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति और मजबूत होगी। अन्नुलाल कहते हैं कि अब वे भयमुक्त होकर स्वतंत्रता पूर्वक समाज में जीवन जी पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। सरकार की यह नीति यह साबित कर रही है कि हिंसा छोड़ने और विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का रास्ता हमेशा खुला है बस जरूरत है सही अवसर और हौसले की।
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प्रधानमंत्री आवास योजना से संवरा जीवन

  • श्रीमती प्रतिमा बाई सिदार की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक यात्रा
रायपुर। ‘कभी छत टपकती थी, अब घर मुस्कुराता है’ यह वाक्य जांजगीर चांपा जिले के ग्राम खपरीडीह की निवासी श्रीमती प्रतिमा बाई सिदार के जीवन की सच्चाई को बयां करती है। 60 वर्षीया प्रतिमा बाई का जीवन संघर्षों की लंबी कहानी है, पर आज उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की जो चमक है, वह प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सफलता का प्रतीक बन गई है। पति के निधन के बाद उन्होंने अकेले पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाई। 
जीवन ने कई बार तोड़ा उनके एक बेटे का असमय सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी, दूसरा बेटा जम्मू-कश्मीर में मजदूरी कर जैसे-तैसे मां की मदद कर पा रहा है। तीन बेटियों का विवाह कर चुकी प्रतिमा बाई कभी मिट्टी के जर्जर मकान में बरसात के खौफ और विषैले जीवों के डर में रातें बिताया करती थी। अल्पभूमि किसान होने के बावजूद वे मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन चला रही थीं। लेकिन जब प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उन्हें स्थायी प्रतीक्षा सूची में स्थान मिला और पहली किस्त प्राप्त हुई, तो मानो उनकी ज़िंदगी ने एक नई करवट ली। पूरे परिवार ने श्रमदान कर घर बनाने में साथ दिया। 
आज उनका नया पक्का मकान ना सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि बुढ़ापे का सबसे मजबूत सहारा बन गया है। केंद्र और राज्य शासन की समग्र सोच और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रतिमा बाई को बहुआयामी लाभ मिला। इसके साथ ही  स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, विधवा पेंशन योजना से मासिक पेंशन, महतारी वंदना योजना से 1000 रूपए की मासिक सहायता, मनरेगा के अंतर्गत 90 दिवस की मजदूरी भी दी गई है। अपने नवनिर्मित घर को उन्होंने पारंपरिक जनजातीय नृत्य, वाद्ययंत्रों और सांस्कृतिक प्रतीकों से सजाया है। यह मकान अब सिर्फ चार दीवारें नहीं, उनकी संस्कृति, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है। श्रीमती प्रतिमा बाई सिदार भावुक होकर कहती हैं कि यह घर मेरे लिए वरदान से कम नहीं है, प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी को मेरा कोटि-कोटि नमन है, जिन्होंने मुझे सर पर छत और मन में गर्व दिया।
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भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राजनांदगांव में आजीविका, जल संरक्षण और उद्यमिता कार्यों का किया निरीक्षण

राजनांदगांव। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री टीके अनिल कुमार ने मंगलवार को राजनांदगांव जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित योजनाओं और विकास गतिविधियों का निरीक्षण किया। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान), मिशन जल रक्षा, स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम, वन स्टॉप फैसिलिटी और चना प्रोसेसिंग यूनिट सहित कई योजनाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे और जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सुरूचि सिंह भी उपस्थित थीं।
श्री कुमार ने ग्राम अंजोरा स्थित मल्टी यूटिलिटी सेंटर का निरीक्षण किया, जहां महिला स्वसहायता समूह की सदस्याएं हर्बल गुलाल, चंदन, सिंदूर, रोली, कुमकुम आदि उत्पादों का निर्माण और पैकेजिंग कर रही हैं। उन्होंने श्री गणेशा हर्बल गुलाल प्राइवेट लिमिटेड से हुए अनुबंध के अंतर्गत चल रहे कार्य की सराहना की, जिससे 75 महिलाओं को जोड़ा गया है। अब तक 181 मीट्रिक टन उत्पादन से 1 करोड़ 5 लाख 70 हजार रुपये की आमदनी हुई है।
उन्होंने पैकेजिंग यूनिट के स्थायित्व और विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा की और बफर प्लेट, दोना-पत्तल जैसी लघु इकाइयों के माध्यम से हुए रोजगार सृजन की सराहना की। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्राम टेड़ेसरा में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए गए रिचार्ज सॉफ्ट और इंजेक्शन वेल का अवलोकन किया।
स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के तहत मनीष साहू द्वारा शुरू की गई हार्डवेयर एवं इलेक्ट्रिकल दुकान का निरीक्षण करते हुए उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के नवाचारों को सराहा। ग्राम पदुमतरा में उन्होंने बिहान संकुल संगठन कार्यालय और आजीविका प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। यहां महिलाओं ने उन्हें बताया कि बिहान से जुड़कर उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। आचार-पापड़ निर्माण, मसाला बिक्री और कृषि उपज की प्रोसेसिंग जैसे कार्यों के जरिए कई महिलाएं ष्लखपति दीदीष् बनी हैं।
अतिरिक्त सचिव ने महिलाओं से मार्केटिंग, ब्रांडिंग और गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्वरधारा महिला समूह द्वारा 65 लाख रुपये की बिक्री की जानकारी प्राप्त की और उसकी सराहना की। महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे बिहान से जुड़ने के बाद उन्हें रोज़गार के साथ ही देशभर में एक्सपो और प्रदर्शनियों में भाग लेने का मौका मिला। कुछ महिलाएं अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुकी हैं दृ जैसे कि दमयंती सोनी, जो जेसीबी ऑपरेटर के रूप में काम कर रही हैं और जापान यात्रा की तैयारी में हैं।
ग्राम सुकुलदैहान में उन्होंने स्वर्ण उपज महिला उत्पादक कंपनी के चना प्रसंस्करण केंद्र का दौरा किया, जहां 15,875 महिला किसान कार्यरत हैं। इस एफपीओ ने वर्ष 2024-25 में 408 लाख रुपये का टर्नओवर किया है। निरीक्षण के दौरान ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव का प्रदर्शन भी किया गया।
ग्राम बरगा में रिचार्ज वेल के निरीक्षण के दौरान पद्मश्री श्रीमती फूलबासन बाई यादव ने उन्हें नीर और नारी अभियान तथा आजीविका गतिविधियों की जानकारी दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारीगण, राज्य और केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी, तथा बड़ी संख्या में महिला समूह की सदस्याएं उपस्थित रहीं। श्री कुमार ने समूहों की गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्हें आगे और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
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वृद्धजनों के लिए संबल बनी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना

  • लाभार्थी आनंदी शर्मा ने जताया प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री के प्रति आभार
रायपुर। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे वृद्धजनों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सहयोग देना इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना का उद्देश्य है। इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष से 79 वर्ष की आयु के ऐसे वृद्धजन, जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं, उन्हें 500 प्रतिमाह तथा 80 एवं अधिक उम्र के वृद्धजनों को 650 रूपये की पेंशन राशि दी जाती है।
रायपुर जिले के सुंदर नगर निवासी श्री आनंदी शर्मा इस योजना के लाभार्थी हैं। वे पहले कारपेंटर का कार्य करते थे, लेकिन अब वृद्धावस्था के कारण कार्य करने में असमर्थ हैं। श्री शर्मा ने बताया कि उन्हें पिछले 9 महीनों से इस योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने होकर कहा, इस 500 की राशि से मैं दवाई, तथा अन्य जरूरी चीजें खरीद लेता हूँ। यह थोड़ी सी मदद मेरे लिए बड़ी राहत बन गई है। श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, मैं सरकार का दिल से धन्यवाद करता हूँ। प्रदेश के बुजुर्गों को इसका लाभ लेना चाहिए।
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किसानों के खुशहाली की राह बनी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

  • जिले के ग्राम धुसेरा निवासी मनहरण बैस को 18 किस्तों में मिली 36 हजार की राशि
  • प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार
रायपुर। किसानों के जीवन में नया उजाला लेकर आई है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना। यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड के ग्राम धुसेरा निवासी श्री मनहरण बैस को इस योजना के लाभ मिला है।
श्री बैस एक परिश्रमी किसान, जिनके कंधों पर पूरे पांच सदस्यीय परिवार की ज़िम्मेदारी है। उनके लिए हर मौसम एक नई चुनौती लेकर आता है। कभी सूखा, कभी अतिवृष्टि, कभी फसल का घाटा। ऐसे में यह योजना उनके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही।अब तक मिल चुकी हैं 18 किस्तें, यानी कुल 36,000 रूपए की सहायता। यह रकम सीधे डीबीटी के ज़रिए उनके खाते में आती रही, जिससे उनकी खेती-किसानी को नया संबल मिला है। मनहरण कहते हैं कि कभी-कभी फसल में नुकसान हो जाता है, तब यह 2000 रुपए की किश्त बहुत बड़ा सहारा बन जाती है। इससे खाद-बीज खरीदने, खेत की जुताई करने और परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है। वे आगे कहते हैं, सरकार की इस योजना ने हमारी ज़िंदगी में थोड़ी राहत और स्थिरता दी है। पहले कभी पैसा बचता नहीं था, अब कम से कम तीन महीने में एक बार कुछ मदद मिल जाती है।
श्री मनहरण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हैं कि इस योजना के तहत कृषकों को समय-समय पर इसका लाभ मिला है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से सहारा दे रही है, बल्कि किसानों को आत्मसम्मान और आत्मविश्वास भी दे रही है।
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रायगढ़ जिले के किसानों को 15 हजार 486 मैट्रिक टन खाद का किया गया वितरण

  • 18 हजार 452 क्विंटल बीज किसानों को वितरित
  • निर्धारित दर से अधिक कीमत पर खाद बेचने पर होगी कार्रवाई
रायपुर। रायगढ़ जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ वर्ष 2025 में खाद का अग्रिम भण्डारण करते हुए खाद वितरण का कार्य किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में 20,773 टन खाद का भण्डारण समितियों द्वारा किया जा चुका है तथा 15,486 मैट्रिक टन खाद वितरण जिले के किसानों को किया जा चुका है। साथ ही बीज निगम के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल लक्ष्य 28,920 क्विंटल के विरूद्ध 26,379 क्विंटल बीज का भण्डारण कराया जा चुका है तथा 18,452 क्विंटल बीज का वितरण कृषकों को किया जा चुका है।
फसल की उत्पादकता को बनाए रखने में पूरी तरह से सक्षम है सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके
उप संचालक कृषि श्री अनिल वर्मा ने बताया कि कृषकों के द्वारा डीएपी की मांग सबसे अधिक रही है, लेकिन इस वर्ष में डीएपी के सीमित आवक के कारण डीएपी के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, लिक्विड एनपीके का पर्याप्त भण्डारण जिले में किया जा रहा है। सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके खाद के बारे में जानकारी देेते हुए बताया कि एनपीके 20:20:0:13 अमोनियम फास्फेट सल्फेट उर्वरक में नाइट्रोजन 20 प्रतिशत, फास्फोरस 20 प्रतिशत एवं सल्फर 13 प्रतिशत उपलब्ध होता है। उर्वरक में सल्फर की उपलब्धता होने के कारण फसलों में क्लोरीफिल एवं प्रोटीन का निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। सिंगल सुपर फास्फेट में स्फुर की मात्रा 16 प्रतिशत के साथ-साथ सल्फर 11 प्रतिशत एवं कैल्शियम 21 प्रतिशत होने के कारण मृदा अम्लीयता को सुधार कर पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाती है। जिसके उपयोग से फसलों के उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।
निर्धारित दर से अधिक कीमत पर खाद बेचने पर होगी कार्रवाई
कृषि विभाग द्वारा लगातार दुकानों एवं व्यापारियों के खाद के स्टॉक की जांच करने तथा कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर खाद विक्रय के संबंध में निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे खाद की काला बाजारी न हो तथा कृषकों को सही गुणवत्ता के खाद एवं बीज मिल सके। निरीक्षण के दौरान खाद का नमूना भी लिया जा रहा है, अमानक पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयासों से चिरमिरी को मिली बड़ी सौगात

  • पेयजल परियोजना के लिए 185 करोड़ रुपये की मिली वित्तीय स्वीकृति
रायपुर। चिरमिरीवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के अथक प्रयासों से चिरमिरी क्षेत्र को वर्षों पुरानी पेयजल समस्या से निजात मिलने जा रही है। अमृत मिशन 2.0 योजना के अंतर्गत राज्य शासन ने चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में पेयजल परियोजना के लिए 185 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
यह परियोजना लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे सैकड़ों परिवारों के लिए राहत लेकर आएगी। पानी की अनियमित आपूर्ति और गंदे पानी की समस्या से परेशान क्षेत्रवासियों को अब नियमित और स्वच्छ जल मिल सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने इस स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री और शहरी प्रशासन विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना चिरमिरी क्षेत्र के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
जल्द ही चिरमिरी की धरती पर बहता साफ़ और शुद्ध जल न केवल स्वास्थ्य लाभ देगा बल्कि नागरिकों का जीवन स्तर भी ऊँचा उठाएगा।स्थानीय नागरिकों ने इस पहल के लिए मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल का आभार व्यक्त किया और कहा कि वर्षों बाद किसी जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को गंभीरता से लिया है।
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