धान का कटोरा

प्रदेश में अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

  • रायगढ़ में सर्वाधिक 451 मि.मी. वर्षा दर्ज
  • महासमुंद जिले में अब तक 274.3 मिलीमीटर औसत वर्षा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 451.1 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 138.9 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 259.8 मि.मी., सूरजपुर में 403.9 मि.मी., बलरामपुर में 449.5 मि.मी., जशपुर में 417.7 मि.मी., कोरिया में 375.8 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 295.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 250.4 मि.मी., बलौदाबाजार में 277.7 मि.मी., गरियाबंद में 276.9 मि.मी., महासमुंद में 274.4 मि.मी. और धमतरी में 275.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 318.8 मि.मी., मुंगेली में 347.8 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 324.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 427.5 मि.मी., सक्ती में 365.9 मि.मी. कोरबा में 429.6 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 324.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 195.2 मि.मी., कबीरधाम में 229.0 मि.मी., राजनांदगांव में 212.7 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 431.2 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 190.9 मि.मी., बालोद में 254.2 मि.मी. और बस्तर जिले में 435.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 260.6 मि.मी., कांकेर में 344.1 मि.मी., नारायणपुर में 312.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 389.1 मि.मी., सुकमा में 202.9 मि.मी. और बीजापुर में 420.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
महासमुंद जिले में अब तक 274.3 मिलीमीटर औसत वर्षा
महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान 01 जून 2025 से अब तक 274.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू-अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सर्वाधिक औसत वर्षा पिथौरा तहसील में 326.6 मिलीमीटर, सरायपाली में 297.7 मिलीमीटर, महासमुंद में 281.8 मिलीमीटर, बसना में 257.4 मिलीमीटर, बागबाहरा में 257.2 मिलीमीटर और सबसे कम वर्षा 225.4 मिलीमीटर कोमाखान तहसील में दर्ज की गई। आज 08 जुलाई को 25.0 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले के तहसीलवार वर्षा में पिथौरा तहसील में 36.0 मिलीमीटर, महासमुंद में 32.0 मिलीमीटर, कोमाखान में 25.9 मिलीमीटर, बागबाहरा में 22.6 मिलीमीटर, बसना में 18.1 मिलीमीटर एवं सरायपाली तहसील में 15.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
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01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों के लिए HSRP नंबर प्लेट अनिवार्य

  • जिले में लगाए जाएंगे विशेष शिविर
कोरिया। जिला परिवहन विभाग के अधिकारी श्री अनिल भगत ने जानकारी दी है कि 01 अप्रैल 2019 के पहले पंजीकृत सभी प्रकार के वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एच.एस.आर.पी.) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत आमजन की सुविधा के लिए जिले में विशेष एच.एस. आर.पी. बुकिंग एवं फिटमेंट शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
शिविरों की तिथियां और स्थान इस प्रकार हैं- 8 जुलाई को चरचा बस स्टैंड, 9 एवं 10 जुलाई को कलेक्ट्रेट परिसर, बैकुंठपुर, 11 एवं 12 जुलाई को अग्रहरि परिवहन सुविधा केंद्र, पटना, 14 एवं 15 जुलाई को नगर पालिका परिषद, बैकुंठपुर, 16 एवं 17 जुलाई को जनपद पंचायत, बैकुंठपुर एवं 18 एवं 19 जुलाई को तहसील कार्यालय, बैकुंठपुर में शिविर लगाई जाएगी।
श्री भगत ने बताया कि वाहन मालिकों को एच.एस.आर.पी. नंबर प्लेट के लिए आवेदन करते समय आरसी कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देना होगा। शुल्क का भुगतान कर प्रक्रिया पूर्ण की जा सकती है। जिनका मोबाइल नंबर अद्यतन नहीं है, वे शिविर में ही नंबर अपडेट करा सकते हैं। उन्होंने एच.एस.आर.पी. शुल्क के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दोपहिया वाहन के लिए 365.80 रुपये, तिपहिया वाहन के लिए 427.16 रुपए, हल्के मोटर वाहन के लिए 656.80 रुपए और भारी वाहन के 705.64 रुपये शुल्क निर्धारित की गई है।
इसके अतिरिक्त, एच.एस.आर.पी. की ऑनलाइन बुकिंग भी जिले में स्थापित परिवहन सुविधा केंद्र, चॉइस सेंटर अथवा परिवहन विभाग की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है। जिला परिवहन अधिकारी श्री भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि एच.एस.आर.पी. नंबर प्लेट नहीं लगवाने वाले वाहन मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। उन्होंने वाहन मालिकों से आग्रह किया है कि समय रहते इस शिविर का लाभ उठाएं और अपने वाहनों में एच.एस.आर.पी. लगवाकर नियमों का पालन करें।
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छात्र-छात्राओं की अनोखी पहल ने एक दिन में जुटाए 844 किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक

रायपुर। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत मनेंद्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर जिले में प्लास्टिक मुक्त समाज की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। 
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर कलेक्टर के निर्देशन और जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में शिक्षा विभाग के सहयोग से जिले की समस्त ग्राम पंचायतों में एक दिवसीय विशेष अभियान चलाया गया जिसमें जिले भर के लगभग 15000 छात्र-छात्राओं ने घर-घर से निकलने वाले एकल उपयोगी प्लास्टिक के एकत्रीकरण हेतु व्यापक स्तर पर भागीदारी की। इस अभिनव पहल में न केवल छात्र-छात्राएं पूरे उत्साह के साथ आगे आए बल्कि उनके अभिभावकों ने भी बच्चों का भरपूर सहयोग कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। बच्चों ने अपने घरों से अनुपयोगी प्लास्टिक की बोतलें, पॉलीथीन की थैलियां एवं अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक अपशिष्ट एकत्रित कर उन्हें विद्यालय लाया जहां प्लास्टिक संग्रहण के पश्चात विद्यालय स्तर पर स्वच्छता संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। संगोष्ठी में शिक्षकों ने बच्चों को प्लास्टिक के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए पर्यावरण प्रदूषण और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से इसके संबंध को समझाया तथा दैनिक जीवन में कपड़े के थैले, दोना-पत्तल जैसे पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के उपयोग के लिए प्रेरित किया। 
छात्रों की इस पहल ने प्रदेश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ जब एक ही दिन में लगभग 15000 बच्चों ने 844 किलोग्राम सिंगल यूज़ प्लास्टिक एकत्रित कर स्वच्छाग्राहियों को सौंपा और आमजन से प्लास्टिक के प्रभावी प्रबंधन एवं इसके उपयोग को त्यागने की अपील की। यह आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम है बल्कि जन जागरूकता के क्षेत्र में विद्यार्थियों की सशक्त भूमिका को रेखांकित करता है।
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सहकारी समितियों के माध्यम से खाद और बीज की पर्याप्त आपूर्ति

  • खरीफ 2025 के लिए 55 हजार मीट्रिक टन से अधिक खाद वितरण का लक्ष्य, अब तक 70 प्रतिशत वितरण पूर्ण
कबीरधाम। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों में खाद की आपूर्ति और भंडारण की कार्यवाही की जा रही है। कबीरधाम जिले में स्थापित डबल लॉक केन्द्रों में वर्तमान में 3,128 मीट्रिक टन खाद सुरक्षित भण्डारित है। कृषकों की मांग के अनुसार खाद की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। अब तक कुल निर्धारित 55,864 मीट्रिक टन लक्ष्य के विरुद्ध 39,322 मीट्रिक टन खाद का भण्डारण और 35,201 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है। यह आंकड़ा कुल लक्ष्य का लगभग 70 प्रतिशत है।
उप संचालक कृषि श्री अमित मोहंती ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को डी.ए.पी. खाद के साथ-साथ वैकल्पिक उर्वरकों जैसे एन.पी.के. एवं एस.एस.पी. की ओर भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। मैदानी अमलों द्वारा गांव-गांव जाकर कृषकों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष वैकल्पिक खादों का उठाव उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि पौध अवस्था के अनुसार खाद जैसे यूरिया का छिड़काव समय पर किया जाए। खरीफ मौसम के शेष तीन महीनों के दौरान यूरिया और एन.पी.के. की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला विपणन अधिकारी और कृषि विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर कंपनियों एवं वरिष्ठ कार्यालयों से लगातार संवाद किया जा रहा है।
जिले में समय-समय पर रेक प्वाइंट के माध्यम से डी.ए.पी. खाद की आपूर्ति भी जारी है, जिससे भण्डारण और वितरण में किसी प्रकार की रुकावट न आए। किसानों को आवश्यकतानुसार गुणवत्ता युक्त खाद उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
कृषि विभाग, विपणन संघ और सहकारी समितियों के बीच समन्वय बनाकर खाद वितरण प्रणाली को पारदर्शी, त्वरित और सहज बनाने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जिले के कृषकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे समय पर खेतों में खाद का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकें।
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शासन की किसान हितैषी योजनाओं से अन्नदाता किसान धन-धान्य से हो रहे समृद्ध

  • शासन की योजनाओं का किसानों को मिल रहा भरपूर लाभ
  • प्रधानमंत्री सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, कृषक उन्नति योजना से हो रहा फायदा
राजनांदगांव। राजनांदगांव जिले में खेती-किसानी कार्य के लिए किसानों में खुशी एवं उल्लास है। शासन की किसान हितैषी योजनाओं से अन्नदाता किसान धन-धान्य से परिपूर्ण एवं समृद्ध हो रहे है। किसान सेवा सहकारी समिति से लगातार खाद-बीज क्रय कर रहे है। शासन की योजनाएं उनके लिए मददगार साबित हो रही है।
राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बोरी के किसान श्री संजय कुमार टंडन सेवा सहकारी समिति गठुला खाद खरीदने आए थे। उन्होंने बताया कि उनके पास 20 एकड़ जमीन है और आज उन्होंने यूरिया, डीएपी, पोटाश और राखड़ खरीदा है। उन्होंने बताया कि आज जरूरत के हिसाब से खाद मिल गया है। 20 एकड़ खेत में धान की रोपाई हो गई है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शून्य प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख 50 हजार रूपए का ऋण लिया है। जिसका उपयोग वे खेती-किसानी के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बिना ब्याज के राशि मिल जाने से बहुत मदद होती है और यह किसानों के लिए लाभप्रद है
श्री टंडन ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री सम्माननिधि योजना के तहत प्रतिवर्ष 6000 रूपए की राशि मिल रही है। जिसका उपयोग वे खेती कार्यों के लिए कर रहे है। खेती कार्यों में नवीनतम तकनीक के प्रयोग से कृषि कार्य आसान होते जा रहे है। उन्होंने कहा कि कृषक उन्नति योजना सरकार की बेहतरीन योजना है। जिसके तहत 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना के दायरे को विस्तृत किया गया है तथा दलहन, तिलहन, मक्का की फसल लगाने वालों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि कृषक उन्नति योजना से धान की बिक्री करने पर जो बचत हुई उसका उपयोग उन्होंने बच्चों की पढ़ाई लिखाई, घर की मरम्मत एवं अन्य कार्यों में किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को शासन की योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया।
राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम गठुला के किसान श्री सुखदास साहू ने 3 बोरी यूरिया, 3 बोरी डीएपी एवं 1 बोरी पोटाश खरीदा। उन्होंने बताया कि समिति में उनकी जरूरत के अनुसार खाद मिल गया है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने शून्य प्रतिशत ब्याज पर 50 हजार रूपए की राशि ऋण में ली है तथा उन्हें प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री सम्मान निधि से 6000 रूपए की राशि प्राप्त हो रही है। शासन की योजनाओं का किसानों को भरपूर लाभ मिल रहा है। ग्राम चिखली के किसान श्री रामनारायण साहू ने बताया कि उनके पास 1 एकड़ जमीन है और आज उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद मिल गया है। उन्होंने यूरिया, डीएपी, पोटाश खाद खरीदा है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत शून्य प्रतिशत ब्याज पर 10 हजार रूपए ऋण लिया है। जिसका उपयोग वे खेती किसानी के लिए करेंगे। इसी तरह ग्राम चिखली के किसान श्री बिरेन्द्र साहू खाद खरीदने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उनके पास 12 एकड़ जमीन है और आज उन्होंने सेवा सहकारी समिति से यूरिया एवं डीएपी खरीदा है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शून्य प्रतिशत ब्याज पर 40 हजार रूपए का ऋण लिया है। ग्राम बोरी की श्रीमती ऊषा बाई खाद खरीदी के लिए पहुंची थी और उन्हांेने यूरिया, पोटाश खरीदा।
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समय पर खाद-बीज मिलने से किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

बलौदाबाजार। वर्तमान में मानसून सीजन का समय है ऐसे में किसानों के लिए समय पर खाद व बीज़ का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। शासन-प्रशासन द्वारा किसानों क़ो खाद बीज समय पर उपलब्ध कराने के लिए समितियों में अग्रिम भण्डारण हेतु अवश्यक निर्देश अधिकारियों क़ो दिये गए हैं। समय पर बीज़ व उर्वरक मिलने से किसानों क़ो खेती-किसानी की चिंता दूर हुई है।
बलौदाबाजार जिले के ग्राम परसाभदेर (च) निवासी किसान संतोष कुमार निषाद हर साल की तरह इस बार भी अपने खेतों में मेहनत करने के लिए तैयार थे। लगभग 7 एकड़ ज़मीन में खेती करने वाले संतोष निषाद के चेहरे पर चिंता की लकीरें तब उभर आई थीं, जब उन्हें लगा कि कहीं इस बार खाद मिलने में देर न हो जाए। खाद की समय पर उपलब्धता हर किसान के लिए किसी राहत से कम नहीं होती। यही सोचकर वो पहुंचे सेवा सहकारी समिति बलौदाबाजार। लेकिन इस बार नज़ारा कुछ और ही था। न कोई भीड़, न कोई भागदौड़। व्यवस्था इतनी सुगम थी कि उन्हें तुरंत और पूरी मात्रा में खाद मिल गई। खाद हाथ में आते ही संतोष की आंखों में एक चमक सी आ गई। उन्होंने कहा, पहली बार ऐसा लगा कि सरकार सच में हमारे बारे में सोच रही है। खाद लेने में कोई दिक्कत नहीं आई, समय भी बचा और मेहनत भी। इससे अब खेत की बुवाई समय पर हो पाएगी। इस व्यवस्था से प्रभावित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट किया। उनका कहना था, मुख्यमंत्री जी की किसान हितैषी सोच के कारण ही आज हम जैसे छोटे किसान भी आत्मनिर्भर बन पा रहे हैं।
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अधोसंरचना विकास कार्यों के लिए 1.23 करोड़ रुपए मंजूर

  • मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के तहत 18 कार्यों के लिए राशि स्वीकृत
  • कई गांवों में बनेंगे सीसी रोड, रंगमंच, अटल सदभावना भवन, सामुदायिक भवन, शेड और नाली
रायपुर। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव की पहल पर पंचायत संचालनालय ने मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के तहत मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड में विभिन्न कार्यों के लिए एक करोड़ 23 लाख रुपए से अधिक की राशि मंजूर की है। इस राशि से क्षेत्र में सीसी रोड, रंगमंच, अटल सदभावना भवन, सामुदायिक भवन, शेड और नाली निर्माण जैसे अधोसंरचना विकास के 18 कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत लोरमी के विभिन्न गांवों में नौ सीसी रोड, तीन रंगमंच भवन, दो अटल सदभावना भवन, दो सामुदायिक भवन तथा शेड निर्माण व नाली निर्माण के एक-एक कार्यों की मंजूरी दी गई है।
योजना के तहत सीसी रोड निर्माण के नौ कार्यों के लिए कुल 57 लाख 20 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से लोरमी विकासखंड के नवरंगपुर, बांधा, बागमार, रजपालपुर, भालूखोंदरा, चिखलदाह, सिंघनपुरी, खुड़िया और डुडवा डोंगरी में सीसी रोड बनाए जाएंगे। पंचायत संचालनालय द्वारा झाफल, बिराजकछार और बोईरपारा में रंगमंचों के निर्माण के लिए कुल 15 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के तहत सुरही और झलरी में अटल सदभावना भवनों के लिए कुल 20 लाख रुपए तथा राम्हेपुर (जे) और भूतकछार में सामुदायिक भवनों के लिए कुल 13 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। साल्हेघोरी में शेड निर्माण के लिए दस लाख रुपए और गातापार में नाली निर्माण के लिए भी सात लाख 88 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है।
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राज्य में पहली बार गले के नस की दुर्लभ सर्जरी, 70 वर्षीय मरीज को मिली नई जिंदगी

रायपुर। पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में एक दुर्लभ और जोखिमपूर्ण सर्जरी कर 70 वर्षीय मरीज की जान बचाई गई। मरीज के गले की नस कैरोटिड आर्टरी में 95 प्रतिशत ब्लॉकेज था, जिसे कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी नामक जटिल सर्जरी से सफलतापूर्वक हटाया गया।
यह सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू एवं उनकी टीम द्वारा की गई। डॉ. साहू के अनुसार यह सर्जरी राज्य में इस प्रकार की प्रथम एवं अत्यंत दुर्लभ सर्जरी है।
मरीज को थी लकवे और दृष्टिदोष की शिकायत
बालाघाट निवासी 70 वर्षीय मरीज को पिछले दो वर्षों से बार-बार लकवा, चक्कर, एक आंख से धुंधला दिखना और सुनाई न देने जैसी समस्याएं हो रही थीं। प्रारंभिक जांच के बाद कैरोटिड सीटी एंजियोग्राफी कराई गई, जिसमें पता चला कि मरीज की दाहिनी कैरोटिड आर्टरी में 95% से अधिक रुकावट थी। इससे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बाधित हो रही थी।
सर्जरी थी बेहद जोखिमभरी
डॉ. के.के. साहू ने परिजनों को स्पष्ट किया कि इस सर्जरी में जान का खतरा हो सकता है, क्योंकि ऑपरेशन के दौरान यदि कोई भी प्लाक का टुकड़ा या हवा का बुलबुला मस्तिष्क में चला जाता तो मरीज ब्रेन डेड हो सकता था। इसके बावजूद मरीज एवं परिजनों ने ऑपरेशन की सहमति दी।
सर्जरी के दौरान कैरोटिड शंट नामक विशेष उपकरण का प्रयोग किया गया ताकि मस्तिष्क में रक्त प्रवाह लगातार बना रहे। ब्लॉकेज हटाने के बाद नस को बोवाइन पेरीकार्डियम पैच से मरम्मत कर पुनः सामान्य किया गया। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और मरीज अब स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने की स्थिति में है।
डॉ. साहू के मुताबिक, गले की नस के ब्लॉकेज खोलने की अन्य विधि कैरोटिड आर्टरी स्टेंटिंग है पर सर्जरी जिसको कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी कहा जाता है, वह सुरक्षित होता है।
क्या होती है कैरोटिड आर्टरी और क्यों होता है ब्लॉकेज?
कैरोटिड आर्टरी वह मुख्य धमनी होती है जो गले से होते हुए मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती है। इसमें रुकावट का मुख्य कारण होता है — धूम्रपान, तंबाकू सेवन, अनियंत्रित डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का जमा होना।
50% तक ब्लॉकेज होने पर आमतौर पर लक्षण स्पष्ट नहीं होते, परंतु 70-80% से अधिक ब्लॉकेज पर ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) या छोटे स्ट्रोक जैसे लक्षण सामने आते हैं — जैसे अचानक एक आंख से दिखना बंद होना, मुंह टेढ़ा होना, बोलने में दिक्कत या संतुलन बिगड़ना।
बचाव के उपाय
इस बीमारी को रोका जा सकता है — धूम्रपान और तंबाकू छोड़कर, ब्लड प्रेशर और शुगर नियंत्रित रखकर, और संतुलित आहार व नियमित व्यायाम के माध्यम से। जिन मरीजों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज होती है, उनमें 8-10% मामलों में कैरोटिड आर्टरी में भी ब्लॉकेज होता है।
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बिहान योजना से सशक्त हो रहीं ग्रामीण महिलाएं

  • खेती और पशुपालन में निभा रहीं नेतृत्व की भूमिका
  • जैविक खेती से लेकर पशुधन संरक्षण तक महिला सखियों की सक्रिय भागीदारी से बढ़ी आय
रायपुर। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका को मजबूती प्रदान करने की दिशा में ‘बिहान’ योजना प्रभावी ढंग से कारगर सिद्ध हो रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन जैसी विभागीय योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
कृषि सखियों के माध्यम से गांव-गांव में किसान पाठशालाएं संचालित की जा रही हैं, जहां ग्रामीण महिलाओं को जैविक खेती की विधियां स्थानीय संसाधनों के माध्यम से सिखाई जा रही हैं। निम्बास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निअस्त्र एवं जीवामृत जैसी जैविक दवाओं के निर्माण की जानकारी दी जा रही है, जिससे महिलाएं अब स्वयं ही अपने घरों में जैविक कीटनाशकों का निर्माण कर रही हैं। कीटनाशक दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने और खेती की लागत घटाने की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल है।
इसके अतिरिक्त बीजोपचार, थरहा निर्माण एवं लाइन विधि से रोपाई जैसे वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपायों को भी सरल भाषा में समझाया जा रहा है, जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन संभव हो सका है। वर्षा ऋतु को देखते हुए सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मचान विधि को अपनाया जा रहा है। भरतपुर विकासखंड की स्व-सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय संसाधनों से छतनुमा एवं खड़ा मचान तैयार कर रही हैं, जिससे सब्जियों की सुरक्षा, तुड़ाई और छिड़काव की प्रक्रिया सरल हो रही है।
इसी क्रम में पशु सखियों की भी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। वर्षा ऋतु में पशुओं को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रखने हेतु व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पशु सखी श्रीमती अर्चना सिंह एवं अन्य 6 महिला सखियों द्वारा अब तक 1000 से अधिक बकरों एवं बकरियों का टीकाकरण किया जा चुका है। मुर्गियों के लिए भी आवश्यक औषधियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि महिलाओं से महिलाओं के बीच संवाद सहज होता है। जिले की आजीविका मुख्यतः कृषि आधारित है। ऐसे में महिला सखियों को रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षित कर विभागीय गतिविधियों से जोड़ना ग्रामीण विकास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है। ‘बिहान’ योजना अंतर्गत संचालित यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि आत्मनिर्भरता और सामुदायिक नेतृत्व की दिशा में भी एक नया आयाम प्रस्तुत कर रही है।
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कैंसर पीड़ित बच्चे को दी गई कीमोथेरेपी

  • नई शुरुआत की ओर एक और कदम नवापारा यूसीएचसी
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के स्वास्थ्य सेवा विस्तार के विजन को साकार करते हुए, अंबिकापुर जिले के नवापारा स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (यूसीएचसी) ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। शुक्रवार को नवापारा यूसीएचसी में न्यूरोब्लास्टोमा से पीड़ित एक मासूम बच्चे को सफलतापूर्वक कीमोथेरेपी की चौथी साइकिल दी गई। यह पहली बार है जब नवापारा सीएचसी में किसी बाल कैंसर मरीज को कीमोथेरेपी दी गई है, जो राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों को कीमोथेरेपी देना दुर्लभ माना जाता था, जिसके कारण कैंसर से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पतालों या बड़े शहरों में भटकना पड़ता था। नवापारा यूसीएचसी ने इस पुरानी प्रथा को बदलते हुए एक नई मिसाल कायम की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कैंसर से जूझ रहे बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके, जिससे उनके परिवारों पर यात्रा और आर्थिक बोझ कम हो।
इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी और ऑन्कोलॉजिस्ट ने कहा, यह सिर्फ इलाज नहीं है, बल्कि एक उम्मीद की शुरुआत है। पहले बच्चों को कीमोथेरेपी के लिए मेडिकल कॉलेज या बड़े अस्पताल भेजना पड़ता था, लेकिन अब हमने नवापारा सीएचसी में इस सुविधा की शुरुआत कर दी है। यह हमारी टीम की सामूहिक मेहनत और सेवा भाव का परिणाम है।
इस सफल पहल के लिए पूरी चिकित्सा टीम जिसमें डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स, तकनीशियन, और फार्मासिस्ट शामिल हैं, जिन्हे धन्यवाद दिया गया। यह घोषणा की गई कि आने वाले समय में कैंसर मरीजों को यहां इलाज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। यह कदम नवापारा सीएचसी को एक मॉडल कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर की दिशा में ले जाएगा, जो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के राज्यव्यापी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह सफलता जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन, कैंसर मरीजों के लिए अटूट समर्थन, जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों और केंद्र प्रभारी डॉ. शीला नेताम एवं नवापारा के समस्त स्टाफ नर्स की दृढ़ संकल्प सेवा के अथक समर्पण से संभव हुई है।
यह ऐतिहासिक विकास न केवल नवापारा यूसीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों का उत्साह बढ़ाता है, बल्कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए नई उम्मीद लेकर आता है। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने और उन्हें सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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CM विष्णुदेव साय ने बीजापुर में 8 लाख के इनामी माओवादी डिप्टी कमांडर के न्यूट्रलाइज होने पर सुरक्षाबलों को दी बधाई

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर के बीजापुर जिले में माओवादियों की पीएलजीए बटालियन के 8 लाख के इनामी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना को सुरक्षा बलों द्वारा न्यूट्रलाइज किए जाने पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस, सटीक रणनीति और जनसहभागिता की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का मिशन निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार इस अभियान में पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कार्रवाई हमारे वीर सुरक्षाबलों के पराक्रम और सुनियोजित अभियानों का जीवंत उदाहरण है। सुरक्षाबलों की निरंतर और निर्णायक कार्रवाइयों ने नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ दी है। आज नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार पूरी दृढ़ता के साथ यह अभियान जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य के हर क्षेत्र में लोकतंत्र, विश्वास और प्रगति की विजय सुनिश्चित होगी।
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विशेष लेख : बस्तर में फैल रहा है अब विकास का उजियारा

  • छगन लोन्हारे उप संचालक, जनसम्पर्क
रायपुर। छत्तीसगढ़, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, घने वन क्षेत्र और विविध जनजातीय समुदायों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सलवाद की चुनौती से जूझता रहा है। बस्तर के विकास में बाधक रहे नक्सलवाद के अब यहां से नक्सल उन्मूलन की अंतिम लड़ाई जारी है। बस्तर संभाग अपनी कला एवं संस्कृति के लिए विशिष्ट पहचान रखता है अकेले बस्तर संभाग में ही हल्बी, गोड़ी, भतरी दोलरी जैसे पारंपरिक बोली, बोली जाती है। वर्षों से अशांत रहे बस्तर अंचल में ढोल और मांदर की थाप अब फिर से सुनाई देने लगेगी। मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है। सटीक रणनीति के साथ यहां आतंक के खात्मे और सामाजिक- आर्थिक विकास के काम हो रहे हैं। बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों में जिस तरह लोगों ने भागीदारी की वो इस बात का प्रमाण है की बस्तर में अब शांति स्थापित हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का मानना है कि लाल आतंक के खात्मे के लिए नक्सलियों के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई जोर शोर से जारी है। इसका परिणाम है कि नक्सलियों की कमर अब टूट गई है। प्रदेश से जब तक नक्सली हिंसा और उग्रवाद का अंत नहीं हो जाता हम चुप नहीं बैंठेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह 22 जून 2025 को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए थे इस दौरान उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में आराम करने वाले नक्सली इस बरसात में चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल ऑपरेशन जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के वीर जवान कठिन चुनौतियों और दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद नक्सलवाद के खात्मे के अभियान को ऐतिहासिक सफलता की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का अद्वितीय साहस और बलिदान न केवल हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा को प्रदर्शित करता है, बल्कि पूरे देश को एक सकारात्मक संदेश भी देता है कि हमारा देश अब नक्सलवाद की बेड़ियों से मुक्त होने की ओर अग्रसर है।
छत्तीसगढ़ में बीते 21 मई 2025 को माओवादी सरगना बसव राजू के साथ अबूझमाड़ के जंगल में 26 नक्सलियों को सुरक्षा बल के जवानों के हाथों मारे जाने से नक्सलवाद की कमर टूटी है। इस पर सवा 3 करोड़ का ईनाम घोषित था। तीन दशकों में पहली बार हुआ है कि जनरल सेक्रेटरी रैंक का कोई माओवादी न्यूट्रलाइज किया गया। यह असाधरण कामयाबी है और इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नक्सल के ताबूत में हमने अंतिम कील जड़ दिया है। इसके अलावा शीर्ष ईनामी नक्सली लक्ष्मी नरसिम्हा चालम उर्फ सुधाकर भी 05 जून 2025 को नेशनल पार्क एरिया में पुलिस मुठभेड़ में ढेर किया गया, इस पर 1 करोड़ का ईनाम था।
नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना नक्सल प्रभावित इलाकों में गेम चेन्जर्स साबित हो रही है। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित नए कैम्पों के आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों एवं ग्रामीणों को 17 विभागों की 59 हितग्राहीमूलक योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा।
प्रदेश में पिछले डेढ़ साल के भीतर सुरक्षाबलों ने अपनी बहादुरी से 438 नक्सलियों को मार गिराया है। साथ ही 1515 नक्सलियों को गिरफ्तार किया और 1476 नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर विवश किया है। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे सुरक्षा बल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन कैंपों के माध्यम से हमारी सरकार अंदरूनी गांवों तक सुरक्षा के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की पहुंच भी सुनिश्चित करने में सफल हो रहे हैं। 
आखिर क्यों खास है पूवर्ती गांव
सुकमा जिले के अंदरूनी व अतिसंवेदनशील क्षेत्र में बसा हुआ पूवर्ती गांव एक वक्त नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना हुआ करता था। एक करोड़ रूपए का ईनामी नक्सली हिड़मा तथा टेकलगुड़ा कैंप निर्माण के दौरान नक्सली हमले की घटना का मास्टरमाइंड देवा का यह पैतृक गांव होने के कारण हमेशा चर्चा में रहा है। माओवादियों का प्रभाव में होने के कारण पूवर्ती गांव में शासन की योजनाएं नहीं पहुंच पा रही थी, लेकिन अब इस गांव में सुरक्षा कैम्प खुलने से यहां के लोगों को तेजी से मूलभूत सुविधाएं सुलभ होने लगी है।
आदिवासी बाहुल्य आबादी, अनुपम नैसर्गिक सुंदरता और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर बस्तर में आज विकास का सबसे बढ़ा अवरोधक है नक्सली हिंसा। पिछले 3 दशकों में नक्सलियों ने यहां अपने पैर पसारे। बंदूक के दम पर हिंसा के साथ विकास कार्यों में बाधा पहुंचाई। नक्सलियों ने अपने झूठे, खोखले सिद्धांतों के जरिए लंबे समय तक भोले-भाले आदिवासियों को भ्रम में डाला, हिंसा का सहारा लेकर उन्हें डराने की कोशिश की। बच्चों से उनके स्कूल छीने, उनका बचपन छीना उन्हें हिंसा की राह पर धकेला। कई परिवारों को बर्बाद किया, सुहागनों की सिंदूर उजाड़े, बेटियों को अगवा किया और उन्हें भी हिंसा के रास्ते पर ले गए। इसी वजह से संसाधनों से परिपूर्ण बस्तर पर देश के सबसे पिछड़े इलाकों में एक होने का धब्बा लगा। लेकिन अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ विकास के इस अवरोध को पूरी तरह से समाप्त करने पर डटी हुई है।
बस्तर में विकास का अब नया सबेरा होने वाला है। यहां नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। लोगों को अब खुशहाल बस्तर मिलेगा। पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान पूरे हौंसले के साथ नक्सल मोर्चे पर डटे और अब जल्द ही नक्सलियों का समूल अंत होगा।
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राज्यपाल ने राजनाथ सिंह और अर्जुन राम मेघवाल से सौजन्य भेंट की

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने नई दिल्ली में भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और कानून एवं न्याय मंत्री तथा केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल से सोमवार को नई दिल्ली में सौजन्य भेंट की।
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जेपी नड्डा पहुंचे मैनपाट, मुख्यमंत्री साय ने किया स्वागत

मैनपाट। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मैनपाट पहुंच गए है। जहां 3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि समापन सत्र में देश के गृहमंत्री अमित शाह भी आएंगे। प्रशिक्षण शिविर में 3 दिनों तक पूरी सरकार यानी मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 44 विधायक और 10 बीजेपी सांसद भी मौजूद रहेंगे।
प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने रविवार को क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, संगठन प्रभारी पवन साय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह, डिप्टी सीएम अरुण साव, धरमलाल कौशिक सहित कई विधायक मैनपाट पहुंच गए थे।
बता दें कि सरगुजा की जमीं पर नेताओं के इस प्रशिक्षण शिविर में नेताओं को हर दिन अंचल के लोकल फूड खिलाने का बंदोबस्त किया गया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने बताया यहां प्रचलित लाकड़ा फूल की चटनी भी हम राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं को परोसेंगे। सरगुजा के मिलेट्स भी भोजन का हिस्सा होंगे।
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BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मैनपाट पहुंचे

मैनपाट। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मैनपाट पहुंच गए है। जहां 3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि समापन सत्र में देश के गृहमंत्री अमित शाह भी आएंगे। प्रशिक्षण शिविर में 3 दिनों तक पूरी सरकार यानी मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 44 विधायक और 10 बीजेपी सांसद भी मौजूद रहेंगे।
प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने रविवार को क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, संगठन प्रभारी पवन साय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह, डिप्टी सीएम अरुण साव, धरमलाल कौशिक सहित कई विधायक मैनपाट पहुंच गए थे।
बता दें कि सरगुजा की जमीं पर नेताओं के इस प्रशिक्षण शिविर में नेताओं को हर दिन अंचल के लोकल फूड खिलाने का बंदोबस्त किया गया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने बताया यहां प्रचलित लाकड़ा फूल की चटनी भी हम राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं को परोसेंगे। सरगुजा के मिलेट्स भी भोजन का हिस्सा होंगे।
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आदिवासी अंचलों में बेटियों के सशक्तिकरण की नई इबारत

  • धरती आबा संतृप्ति शिविर के माध्यम से 350 बालिकाओं के खुले सुकन्या समृद्धि खाते
रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल मोहला-मानुपर-अम्बागढ़- चौकी जिले में बेटियों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जिले के सभी 29 सेक्टर मुख्यालयों में आयोजित धरती आबा संतृप्ति शिविरों के माध्यम से कुल 350 आदिवासी बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। यह पहल जिला प्रशासन  और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से साकार हुई।
जिला कलेक्टर ने बताया कि इस पहल के अंतर्गत अब तक जिले में 7500 से अधिक बालिकाओं के सुकन्या खाते खोले जा चुके हैं, जो बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ठोस प्रमाण है। विशेष बात यह रही कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली सहायता राशि को कई माताओं ने अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सुकन्या खाते में प्रारंभिक निवेश के रूप में उपयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ खाता खोलने की औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह बेटियों को लेकर सामाजिक सोच में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रभावशाली पहल है। हमारा प्रयास है कि कोई भी पात्र बालिका इस योजना से वंचित न रहे।
इस पहल से न केवल जनजातीय समुदाय में बेटियों के भविष्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है, बल्कि यह बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को स्थानीय स्तर पर सशक्त आधार भी प्रदान कर रही है। सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का यह उत्कृष्ट उदाहरण आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है। यह पहल यह दर्शाती है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी मिलती है, तो विकास की किरणें समाज के सबसे दूरस्थ हिस्सों तक भी पहुंचती हैं।
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सुदूर वनांचल के स्कूल हुए गुलजार

  • छात्रों को मिल रही विषय विशेषज्ञों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
रायपुर। प्रदेश में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से छत्तीसगढ़ के सुदूर जिलों में शिक्षा व्यवस्था सशक्त हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही इस पहल से सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड के विद्यालयों में भी सकारात्मक बदलाव नजर आने लगी है। कभी नक्सलियों के बंदूक की आवाज सुनाई देती थी, अब वहां शिक्षा की अलख सुनाई देती है। अब विद्यार्थियों को नियमित, विषय विशेषज्ञ और प्रशिक्षित शिक्षकों से शिक्षा मिल रही है, जिससे पढ़ाई का स्तर निरंतर सुधर रहा है।
सुकमा जिला के विकाखण्ड जिला शिक्षाधिकारी छिंदगढ़ ने बताया कि शासन द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किए गए युक्तियुक्तकरण से इन विद्यालयों में अब शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित हो चुकी है। इससे न केवल विद्यालयों में नियमित पढ़ाई हो रही है, बल्कि बच्चों की रुचि भी बढ़ी है और शिक्षकों का कार्यभार भी संतुलित हुआ है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार छिंदगढ़ विकासखंड में कुल 390 शासकीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 288 प्राथमिक, 82 माध्यमिक, 13 हाई स्कूल और 07 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। युक्तियुक्तकरण से पूर्व यहां 08 विद्यालय शिक्षकविहीन थे और 96 विद्यालय एकल शिक्षक पर निर्भर थे। यह स्थिति बच्चों की शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रही थी।
शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल स्कूलों में शिक्षा का वातावरण सुदृढ़ कर रही है, बल्कि इससे ड्रॉपआउट दर में कमी और परीक्षा परिणामों में सुधार भी देखने को मिल रहा है। सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा।
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राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक 11 जुलाई को

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को  सवेरे 11.30 बजे से राज्य मंत्रिपरिषद (केबिनेट) की बैठक अटल नगर नवा रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित होगी।
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