धान का कटोरा

राज्यपाल रमेन डेका ने विद्यार्थियों को दिए सफलता के मंत्र

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका शुक्रवार को महासमुंद जिले के विकासखंड पिथौरा अंतर्गत ग्राम गोडबहल के  शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे। यहां वे अध्यापक की भूमिका में नजर आए और कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत का महत्व समझाते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया।
राज्यपाल ने बच्चों को सरल भाषा में सी.वी. रमन इफेक्ट के बारे में जानकारी दी और बताया कि शिक्षा में भाषा कभी भी बाधा नहीं होती। उन्होंने कहा कि स्कूल केवल पढ़ाई का स्थान नहीं है, बल्कि यह बौद्धिक विकास का केंद्र है। बातचीत के दौरान उन्होंने '3 इडियट्स' फिल्म का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों से फिल्म के सकारात्मक संदेश को अपनाने की सलाह दी।
राज्यपाल श्री डेका ने विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति (NEP) के प्रमुख बिंदुओं से भी अवगत कराया और कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को उनकी रुचि और क्षमताओं के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान करती है। अपने संवाद के दौरान राज्यपाल ने जानकारी दी कि टॉपर्स विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए पुरस्कार प्रदान किया जा रहा ।उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
इस आत्मीय संवाद में कक्षा 12वीं की छात्रा कु. दिव्या ने राज्यपाल से अपने लक्ष्य साझा करते हुए कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से आईएएस बनना चाहती हैं। राज्यपाल श्री डेका ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और धैर्य तथा कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह विद्या राजपूत ने भी यूपीएससी की तैयारी हेतु मार्गदर्शन प्राप्त किया, जिन्हें भी राज्यपाल ने विशेष टिप्स और हौसला प्रदान किया। संवाद के दौरान  कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह मौजूद रहे।
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राज्यपाल रमेन डेका ने पिथौरा के गोड़बहाल में ली अधिकारियों की बैठक

  • विकास कार्यों में तेजी व योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
  • आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को पूर्ण करने के दिए निर्देश
रायपुर। महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अपने महासमुंद जिले के प्रवास के दौरान शुक्रवार को विकासखंड  पिथौरा के ग्राम गोड़बहाल में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर पिथौरा में आकांक्षी विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी की। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, कौशल विकास, वित्तीय समावेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर विभागीय प्रदर्शन की विस्तृत जानकारी लेते हुए  सभी विभागों को निर्देशित किया कि आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें।
राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डबरी निर्माण, शोख पिट (सोखता गड्ढा), इंटक वेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण और भू-जल स्तर में सुधार हो सके।
राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाए। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता लाने के निर्देश भी दिए।
राज्यपाल श्री डेका ने महिला स्व-सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का और विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले।  
स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने, न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती और पोषण ट्रैकर से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिन, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय से डाटा संकलन करने कहा। वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर के अनुसार शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए मैदानी भ्रमण करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
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राज्यपाल ने गोड़बहल में महिला स्व-सहायता समूहों से की आत्मीय संवाद

  • महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्यों की सराहना
रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को महासमुंद जिले के विकासखंड पिथौरा अंतर्गत ग्राम गोड़बहल प्रवास के दौरान वहां के महिला स्व-सहायता समूहों से भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं जो भी व्यवसाय करें, पूरी लगन और गुणवत्ता के साथ करें। आपसी सहयोग बनाए रखें और आंतरिक प्रतिस्पर्धा से बचें।
महिला स्व-सहायता समूह की सद्स्यों ने राज्यपाल को बताया कि उनका समूह दुग्ध उत्पादन का कार्य कर रहा है। जयश्री महिला समूह की सदस्य ने बैग निर्माण के अपने व्यवसाय की जानकारी दी। माधुरी पटेल ने हस्तकला में समूह की दक्षता , गोमती पटेल ने दुग्ध उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी।
महिला समूहों की ओर से राज्यपाल को स्मृति चिह्न स्वरूप हस्तशिल्प उत्पाद भेंट किया गया। राज्यपाल ने महिला समूह की कार्यों  की सराहना की और महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह  भी उपस्थित थे।
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CM विष्णुदेव साय ने वॉटर वुमन शिप्रा पाठक का किया सम्मान

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली "वॉटर वुमन" के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण और विशेष रूप से सिंदूर पौधरोपण को जन-जन तक पहुंचाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने शिप्रा पाठक को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि शिप्रा पाठक ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए किए गए कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर पहचान प्राप्त की है। उनके नेतृत्व में पौधरोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि आम लोगों को पेड़ लगाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित भी किया है।इस अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर हरिशंकर सिंह भी उपस्थित थे। 
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिप्रा पाठक के पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है और ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता के पोस्टर का किया विमोचन

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया। यह प्रतियोगिता 1 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित की जा रही है। इसका प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी परंपराओं के पुनरुद्धार पर आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनमानस में जागरूकता का वातावरण तैयार करना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए भावी पीढ़ियों को जागरूक और संवेदनशील बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूली और महाविद्यालयीन छात्र इस अभियान में सहभागी होकर न केवल अपनी रचनात्मक क्षमताओं का विकास करेंगे बल्कि पारंपरिक जीवन मूल्यों और पर्यावरणीय संतुलन को भी मजबूत करेंगे।
इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्थान के प्रतिनिधि श्री अक्षय अलकरी, श्री मनोहर चंदेल, श्री आनंद पांडे और डॉ. अनुज नारद सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
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गृहमंत्री विजय शर्मा सुकमा में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए

सुकमा। गृहमंत्री विजय शर्मा आज सुकमा में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में शामिल होकर नए शिक्षण सत्र की शुरुआत कर रहे बच्चों को मुकुट पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। सभी विद्यार्थियों को पुस्तकें, गणवेश और अन्य आवश्यक शैक्षणिक सामग्री प्रदान की गई।
शैक्षणिक मेरिट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया। तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका पहनाकर गरिमामय चरण पादुका वितरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। पुनर्वास केंद्र पहुंचकर समाज सेवा के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे साथियों से संवाद किया और उनके समर्पण की सराहना की। इसके पश्चात नकुलनार में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया।
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छत्तीसगढ़ में बारिश का येलो अलर्ट, कुछ जिलों में भारी वर्षा से बाढ़ की संभावना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसूनी बारिश की गतिविधि जारी है। इस बीच मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में अगले 24 घंटे के लिए भारी वर्षा से बाढ़ की संभावना जताई है। आज प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ अंधड़, व्रजपात की संभावना है।
उत्तर छत्तीसगढ़ और बस्तर संभाग में भारी बारिश का अनुमान बताया गया है। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा तापमान अंबिकापुर में 29.2 डिग्री और सबसे कम तापमान 21.2 डिग्री दुर्ग में दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में सक्रिय मानसून की स्थिति जारी रहने की संभावना जताई है।
अगले 3 दिनों तक बिलासपुर और सरगुजा संभाग के जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं 6 और 7 जुलाई को उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ में वर्षा की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। राजधानी रायपुर में आसमान पर बादल छाए हुए हैं। गरज चमक साथ के साथ वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान तापमान 24 से 27 डिग्री के बीच रह सकता है।
 
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रायपुर में बोर खनन पर लगी रोक हटी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में लगाए गए बोर खनन पर प्रतिबंध को अब हटा लिया गया है। मानसून की सक्रियता और वर्षा की शुरुआत के साथ रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने 1 जुलाई को यह आदेश जारी किया। इससे अब आम लोग फिर से बोरिंग करवा सकेंगे।
बता दें कि 1 अप्रैल 2025 से रायपुर जिले में पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत बोर खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान केवल अत्यावश्यक स्थितियों में ही कलेक्टर की अनुमति से बोरिंग की जा सकती थी। बिना अनुमति के बोरिंग कराने पर जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान था।
हालांकि, प्रतिबंध हटने के बाद भी प्रशासन ने यह साफ किया है कि बोर खनन के दौरान सभी निर्धारित तकनीकी और कानूनी नियमों का पालन जरूरी होगा। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि अगर उनके पास पहले से जलस्रोत उपलब्ध है तो अनावश्यक बोरिंग से बचें, ताकि भूजल संतुलन कायम रह सके।
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गर्भवती आदिवासी महिला को मितानिन ने पार कराई नदी, सड़क किनारे कराना पड़ा प्रसव

  • गांवों में बुनियादी सेवाओं का बुरा हाल
जशपुर। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का आभाव आज भी देखने को मिलता है। जशपुर जिले में नदी पर बना पुल टूटा होने के चलते एक आदिवासी गर्भवती महिला को मितानिन ने पीठ पर लाद कर नदी पार कराया। वहीं अस्पताल ले जाने से पहले ही महिला को पीड़ा हुई और सड़क के किनारे ही उसका प्रसव कराना पड़ा।
जशपुर जिले के मनोरा तहसील के सतालूटोली गांव के पास यह वाकया हुआ। जहां एक गर्भवती आदिवासी महिला मंजीता बाई को संस्थागत प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने को मितानिन बिफनी बाई और दाई रेलों बाई सुबह 8 बजे लेकर निकलीं, लेकिन गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला पुल टूटा हुआ है और पक्की सड़क का नामोनिशान नहीं, रास्ते में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं चलता और ऊपर से बारिश के चलते यहां के हालात इतने खराब है कि महिला को पीठ पर लादकर नदी पार करानी पड़ी।
नदी पार करने के बाद जैसे ही सड़क किनारे पहुंचे, प्रसव पीड़ा तेज हो गई। इसके चलते गांव के ही ललित यादव के घर के सामने सड़क किनारे मितानिन, दाई और मंजीता की मां ने मिलकर वहीं डिलीवरी कराई। इसके बाद नवजात शिशु और जच्चा को लाठी के सहारे अस्पताल तक ले जाया गया।
टूटे हुए पुल की सुध किसी को भी नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि पुल टूटे एक अरसा हो गया है। जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन समाधान अब तक नहीं मिला। एक ग्रामीण ने बताया कि उनके गांव से अस्पताल महज डेढ़ किलोमीटर दूर है, लेकिन टूटी सड़क और टूटे पुल ने इस डेढ़ किलोमीटर को जानलेवा बना दिया है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, शिक्षक नहीं आ पाते और गांव बारिश के दिनों में जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से टूट जाता है।

 

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ट्रेन में गुम या चोरी हुए मोबाइल को जीआरपी ने ढूंढ निकाले

रायपुर. ट्रेन में या प्लेटफार्म में मोबाइल चोरी होने के बाद शायद ही किसी को उम्मीद रही होगी कि जीआरपी उनका मोबाइल ढूंढ कर देगी. लेकिन जीआरपी एसपी श्वेता सिन्हा कहती है कि यदि अब यदि किसी यात्री का मोबाइल चोरी या गुम हो जाएं तो वे निश्चिंत होकर ये भरोसा कर सकता है कि मोबाइल को ढूंढ़ने में जीआरपी उनकी पूरी मदद करेगी. ऐसे ही 75 परिवारों के चेहरे पर आज खुशियां लौटी जिनका मोबाइल ट्रेन या प्लेटफार्म से चोरी या गुमा था.
जीआरपी एसपी कार्यालय में जीआरपी ने ऐसे ही 75 लोगों को उनके मोबाइल लौंटाएं है. ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में चोरी या गुमे मोबाइल जीआरपी ने लौंटाएं हो. जिन यात्रियों को उनके मोबाइल मिले उनका कहना था कि उन्होंने तो ये उम्मीद खो ही दी थी कि उनका मोबाइल कभी मिलेगा, लेकिन अपना मोबाइल मिलने के बाद वे काफी खुश है.
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प्रदेश में अब तक 217.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 217.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 373.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 78.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 185.9 मि.मी., सूरजपुर में 281.5 मि.मी., जशपुर में 360.5 मि.मी., कोरिया में 257.7 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 181.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 133.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 186.7 मि.मी., गरियाबंद में 178.9 मि.मी., महासमुंद में 176.5 मि.मी. और धमतरी में 170.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 153.3 मि.मी., मुंगेली में 183.7 मि.मी., रायगढ़ में 349.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 229.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 278.4 मि.मी., सक्ती में 252.7 मि.मी. कोरबा में 260.1 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 201.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 111.3 मि.मी., कबीरधाम में 126.8 मि.मी., राजनांदगांव में 93.4 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 263.5 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 123.1 मि.मी., बालोद में 161.8 मि.मी. और बस्तर जिले में 336.8 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 204.0 मि.मी., कांकेर में 242.6 मि.मी., नारायणपुर में 216.2 मि.मी., दंतेवाड़ा में 313.7 मि.मी., सुकमा में 158.5 मि.मी. और बीजापुर में 358.3 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
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खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता, उठाव जारी

  • कलेक्टर ने किया भंडारण व वितरण व्यवस्था का निरीक्षण
रायपुर। खरीफ सीजन 2025 के अंतर्गत जिले में कृषि गतिविधियाँ पूरे जोर पर हैं। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में खरीफ फसलों की बोनी लगभग पूर्ण हो चुकी है और अब धान की रोपाई का कार्य प्रारंभ हो गया है। ऐसे में कृषकों को खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर तथा कलेक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के मार्गदर्शन में खाद-बीज की आपूर्ति, भंडारण और वितरण व्यवस्था की नियमित समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पंजीकृत किसानों को सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराया जाए, जिससे खेती-किसानी में किसी प्रकार की बाधा न आए।
जिले में वर्तमान में डीएपी खाद की मांग अधिक है, किंतु सीमित आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए इसके विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) और एनपीके (NPK) खाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन विकल्पों को लोकप्रिय बनाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समितियों में प्रचार-प्रसार हेतु बैनर व पोस्टर लगाए गए हैं।
अब तक जिले की सहकारी समितियों में कुल 22,281 मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार के खाद की आपूर्ति हुई है, जिसमें से 18,125 मीट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में 2134 मी.टन SSP और 564 मी.टन एनपीके खाद समितियों एवं डबल लॉक में उपलब्ध हैं।
बीज वितरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। खरीफ 2025 के लिए 6090 क्विंटल बीज का लक्ष्य निर्धारित था, जिसके विरुद्ध 6201 क्विंटल बीज का भंडारण कर सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को वितरण किया गया।
कलेक्टर श्री चन्द्रवाल ने कृषकों से अपील की है कि समितियों में उपलब्ध खाद-बीज का शीघ्र उठाव करें और उन्नत कृषि के लिए डीएपी के विकल्प के रूप में SSP एवं NPK खाद का उपयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त करें।
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जिले में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है खाद व बीज

  • किसानों को 28 हजार 260 मेट्रिक टन से अधिक खाद का किया गया वितरण
  • किसान पंकज कुमार ने कहा समय पर खाद बीज मिलने खेती कार्य में हो रही सुविधा
रायपुर। जिले में लगातार हो रही बारिश के साथ ही किसानों के खरीफ फसलों की बुआई का कार्य जोरों पर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा किसानों की मांग के अनुसार सहकारी समितियों में खाद व बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सेवा सहकारी समितियों में डीएपी, यूरिया, पोटाश और गुणवत्तापूर्ण बीजों का भंडारण एवं वितरण का कार्य निरंतर रूप से किया जा रहा है। जिले के किसानों द्वारा अब तक 23015.80 क्विंटल बीज तथा 28260 मेट्रिक टन उर्वरक का उठाव कर लिया गया है। सहकारी समितियों में यूरिया, डी.ए.पी, पोटाश, एन.पी.के. सिंगल सुपर फास्फेट, नैनो यूरिया, नैनो डी.ए.पी. आदि का भण्डारण निरंतर किया जा रहा है तथा किसानों की मंाग के अनुरूप सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण किया जा रहा है।
जिलेे के सेवा सहकारी समिति सांकरा ज. के किसान श्री पंकज कुमार देशमुख ने बताया कि उन्हें समिति से पर्याप्त मात्रा में बीज व खाद प्राप्त हो गया है। उन्होंने बताया कि सेवा सहकारी समिति सांकरा ज. से उन्होंने अपनी फसल के लिए 09 बोरी डीएपी और 09 बोरी युरिया लिया है। पंकज कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज मिलने से वह अब अपने खेती के कार्य को बेहतर तरीके से कर सकेगा। उसने कहा कि समय पर संसाधन उपलब्ध होने से फसल उत्पादन में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। किसान श्री पंकज देशमुख ने शासन प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान हितैषी योजनाओं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषक उन्नति योजना, 21 क्विंटल धान की खरीदी से हम किसानों के जीवन में काफी बदलाव आया है, जिससे किसान काफी सशक्त हुए हैं।
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बच्चों की मुस्कान बनी शिक्षा की नई पहचान

  • स्कूलों को मिले नए शिक्षक, पढ़ाई में आई रफ्तार
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण नीति से ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के तीन प्राथमिक शालाओं अमोदी, बस्ती पारा और डोभट्टी में वर्षों से एकल शिक्षक व्यवस्था के कारण बाधित हो रही पढ़ाई को अब नए शिक्षकों की नियुक्ति से नई दिशा मिल गई है। गांववासियों और प्रधानपाठकों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल बच्चों के भविष्य को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित होगी।
इन स्कूलों में अब बच्चों की हँसी, किताबों की सरसराहट और शिक्षक की आवाज़ फिर से सुनाई देने लगी है। पहले जहां एक शिक्षक को ही सभी कक्षाओं का बोझ उठाना पड़ता था, अब दो-दो शिक्षकों की व्यवस्था से शिक्षण प्रक्रिया संतुलित और प्रभावी हो गई है।
शिक्षकों की नियुक्ति बनी उम्मीद की किरण
प्राथमिक शाला डोभट्टी के प्रधानपाठक श्री बंजारे बताते हैं, पहले अकेले सभी कक्षाओं को संभालना कठिन था। अब दूसरे शिक्षक की नियुक्ति से बच्चों को सही मार्गदर्शन मिल रहा है और उनकी पढ़ाई में रूचि भी बढ़ी है। अमोदी-बस्ती पारा प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक श्री घनश्याम साहू ने बताया कि नए शिक्षक के आने से विद्यालय में ऊर्जा का संचार हुआ है। बच्चों के स्तर में सुधार हो रहा है और अभिभावक भी अब पढ़ाई को लेकर अधिक उत्साहित हैं।
शिक्षा का केंद्र बनते जा रहे गांव के स्कूल
अब ये स्कूल सिर्फ भवन नहीं, बल्कि गाँव के बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य की नींव बनते जा रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और अभिभावक भी शासन की इस पहल से संतुष्ट हैं।
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प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से होती है कमाई

रायपुर। भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों को न केवल निःशुल्क बिजली उपलब्ध करा रही है, बल्कि उन्हें ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नागरिक बना रही है। कोरबा जिले के कटघोरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम कसनिया निवासी श्री संजय अग्रवाल इस योजना के एक सफल लाभार्थी हैं। पेशे से व्यवसायी श्री अग्रवाल के व्यवसाय में रेफ्रिजरेटर, पंखा, कूलर एवं कंप्यूटर जैसे विद्युत उपकरणों के उपयोग से विद्युत खपत अत्यधिक थी, जिसके कारण प्रतिमाह भारी बिजली बिल का वहन करना पड़ता था। जब उन्हें प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी प्राप्त हुई, तो उन्होंने तत्परता पूर्वक योजना में पंजीयन कराया। योजना के तहत उन्होंने 3 किलोवॉट क्षमता का सौर रूफटॉप संयंत्र अपने निवास की छत पर स्थापित किया। यह संयंत्र उनकी घरेलू एवं व्यवसायिक बिजली आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ अतिरिक्त विद्युत उत्पादन को ग्रिड में भेजकर आर्थिक लाभ भी दे रहा है। वर्तमान में उनका बिजली बिल नगण्य है तथा उन्हें सौर ऊर्जा के माध्यम से अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो रही है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि योजना में सम्मिलित होने की प्रक्रिया सरल, सुगम एवं पारदर्शी रही। उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया, जिसके उपरांत विद्युत विभाग के तकनीकी अमले द्वारा निरीक्षण एवं संयंत्र स्थापना का कार्य नियत समयावधि में पूर्ण किया गया। उन्हें अनुदान की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में प्राप्त हुई। उन्होंने यह भी बताया कि अब उन्हें विद्युत आपूर्ति बाधित होने की चिंता नहीं रहती। तीव्र धूप के समय संयंत्र से भरपूर विद्युत उत्पादन होता है, जिससे उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति निरंतर बनी रहती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि यह योजना केवल बिजली की बचत नहीं कर रही, बल्कि स्वावलंबन की दिशा में एक सशक्त पहल है। इसके माध्यम से वे प्रतिदिन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग दे रहे हैं। यह योजना न केवल उनके परिवार के लिए लाभकारी सिद्ध हुई है, बल्कि अन्य नागरिकों को भी हरित ऊर्जा की ओर प्रेरित कर रही है। यह योजना स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और स्वावलंबी भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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शिक्षा हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी : मंत्री लखनलाल देवांगन

  • नव प्रवेशी विद्यार्थियों का किया गया अभिनंदन और दी गई पाठ्य सामग्री
  • लमना में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का किया गया आयोजन
कोरबा। वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने गुरुवार को कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम लमना में शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित बच्चों को देश का बेहतर नागरिक बनने और प्रतिदिन स्कूल आकर पढ़ाई करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि सभी विद्यार्थी शिक्षा अर्जन कर बेहतर नागरिक बनें। शिक्षा हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, जिसका बंटवारा नहीं किया जा सकता। शिक्षा से ही देश की प्रगति होती है। घर का एक व्यक्ति शिक्षित होने पर परिवार जागरूक और शिक्षित होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ने का काम कर रही है। मंत्री श्री देवांगन ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री का वितरण करने के साथ उनका स्वागत अभिनंदन कर शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया।
मुख्य अतिथि श्री देवांगन ने उपस्थित ग्रामीणों से अपने बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजने तथा बच्चों की पढ़ाई लिखाई में स्वयं रूचि लेते हुए बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है तथा बेहतर नागरिक बन पाता है। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा स्कूल न छोड़े, उनकी नियमित उपस्थिति बनी रहे एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। हम सबको मिलकर प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिलाने में अपना अमूल्य योगदान प्रदान करना चाहिए जिससे प्रत्येक बच्चा शिक्षा के माध्यम से समग्र रूप से विकसित होकर उज्ज्वल भविष्य की मंजिल पा सके। मंत्री श्री देवांगन ने कोरबा जिले में विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने शुरू की गई कोचिंग व्यवस्था, स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति, नाश्ते की व्यवस्था, भृत्यों की नियुक्ति की बात कहते हुए कहा कि इससे जिले के स्कूलों में आवश्यक व्यवस्था सुधरेगी और शिक्षा का बेहतर माहौल बनेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कल्याणकारी कार्यों को बताते हुए श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी और ग्रामीणों से इसका लाभ उठाने की अपील की। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन सहित अन्य अतिथियों द्वारा स्कूली छात्राओं को सायकिल प्रदान किया गया।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक श्री तुलेश्वर मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने भी विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया। कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। समाज में अपनी पहचान बनाने के साथ अपना बेहतर भविष्य का निर्माण भी शिक्षा के माध्यम से किया जा सकता है। इस अवसर पर “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान तहत वृक्षारोपण किया गया एवं छात्रों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया गया। इस दौरान विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पालकगण, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा छात्र-छात्राएं प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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डायरिया प्रभावित ग्रामों में संचालनालय के अधिकारियों ने किया दौरा

बलौदाबाजार। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर बुधवार को बलौदाबाजार जिले के विकासखंड कसडोल तथा पलारी के डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य संचालनालय से आईडीएसपी के उप संचालक डॉ खेमराज सोनवानी  तथा सलाहकार श्वेता शर्मा ने भ्रमण कर स्थिति का जायज़ा लिया।
राज्य कार्यालय से आये अधिकारियों ने पलारी में भर्ती मरीजों से मिलकर उनका कुशल क्षेम पूछा, इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अर्जुनी ब सहित ग्राम बरबसपुर में लगे डायरिया स्वास्थ्य शिविर सहित बल्दा कछार का भी निरीक्षण किया। पलारी में इस समय केवल चार मरीज ही भर्ती हैं शेष ठीक होकर जा चुके हैं। उपचार बाद भर्ती चार मरीज पूरी तरह से सामान्य हैं । कसडोल के ग्राम बरबसपुर में मिले कुल केस में 4 ही वर्तमान में भर्ती हैं जिसमें 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अर्जुनी तथा एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में भर्ती हैं। डायरिया के शेष अन्य केस उपचार लेकर ठीक हो चुके हैं तथा अपने घर जा चुके हैं।
उप संचालक डॉ सोनवानी ने सभी प्रभावित ग्राम में मेडिकल स्टाफ की शिफ्ट अनुसार ड्यूटी को निरंतर करने ,गांव में क्लोरीन टेबलेट वितरित करने को भी कहा। आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने डिस्चार्ज मरीजों को काउंसलर के माध्यम से टेलीफोन के ज़रिए डायरिया के सम्बंध में फीडबैक लेने तथा स्वास्थ्य संबंधी सलाह देने के भी निर्देश दिए । रोकथाम हेतु त्वरित प्रतिक्रिया हेतु निगरानी बढ़ाने को भी कहा गया।  ग्राम बरबसपुर में इंडेक्स मरीज (पहला केस) के घर का भ्रमण कर जानकारी भी ली गई । ग्राम में अन्य मौसमी बीमारियों जैसे मलेरिया के लिए भी एहतियातन फीवर सर्वे करने को कहा गया।
भ्रमण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश अवस्थी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर के. के. टेम्भूरने, आईडीएसपी के जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर अभिजीत बैनर्जी सहित अन्य  अधिकारी उपस्थित रहे।
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रायपुर में स्थापित होगा अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर

  • मुख्यमंत्री साय की विशेष पहल पर 20.55 करोड़ की स्वीकृति
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत सरकार एवं राज्य शासन के सहयोग से रायपुर में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर की स्थापना के लिए भारत सरकार, राज्य शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी है।
इस बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैव संसाधनों के दोहन के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है। यहां युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस इंक्युबेशन सेंटर में कुल 23 आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनमें बीएस-4 स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही दो सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं एनालिटिकल टेस्टिंग लैब की भी स्थापना की जा रही है।
इंक्युबेशन सेंटर में 17 सूक्ष्म एवं लघु और 6 वृहद उद्योगों के संचालन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों के लिए कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जो तीन वर्षों तक सेंटर में कार्यरत रह सकेंगी। कृषि और फार्मा बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित स्टार्टअप को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर के निर्माण एवं फर्निशिंग कार्य के लिए 20 करोड़ 55 लाख रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की इस पहल से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। इससे जहां एक ओर शोध और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित होगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार और उद्यमिता के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नई दिशा देगी।
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