धान का कटोरा

राज्यपाल द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण

  • अन्य स्थानों पर पदस्थ प्रोफेसरों को तत्काल वापस बुलाने के निर्देश
रायपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रमेन डेका ने गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर का आकस्मिक निरीक्षण कर प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े निर्देश दिए। राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का निरीक्षण किया। भवन को विद्यार्थियों के अनुरूप हाईटेक करने का निर्देश दिया। इसके पश्चात बैठक लेकर कुलपति एवं प्रोफेसरों से विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने विश्वविद्यालय में धीमी प्रवेश प्रक्रिया पर नाराजगी व्यक्त की। विश्वविद्यालय मे संचालित पाठ्यक्रमों में वृद्धि कर विद्यार्थियों का प्रवेश बढ़ाने का निर्देश दिया।
श्री डेका ने निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय में कार्यरत टीचिंग एवं अन्य स्टाफ के बारे में जानकारी ली। वहां के प्रोफेसर अन्य स्थानों पर पदस्थ हैं। टीचिंग स्टाफ की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। श्री डेका ने अन्य स्थानों पर पदस्थ प्रोफेसरों को तत्काल वापस बुलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के भव्य संरचना के अनुरूप अध्ययन, अध्यापन की सुविधा सुनिश्चित की जाए। विश्वविद्यालय में आने जाने के लिए परिवहन सुविधा की कमी को दूर करने का भी निर्देश दिया। विश्वविद्यालय में स्थाई रजिस्ट्रार नियुक्त नहीं है, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखने कहा गया। 
श्री डेका ने विश्वविद्यालय के कार्य परिषद और विद्या परिषद की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने तथा सुचारू संचालन के लिए विश्वविद्यालय के एक्ट में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव शीघ्र भेजने कहा। साथ ही रूसा फंड का सही उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान कुलपति श्री महादेव कावरे, राज्यपाल की उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, अवर सचिव श्री अनुभव शर्मा एवं विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री साय से रजक समाज के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य भेंट

  • राज्य स्तरीय युवा सम्मेलन में शामिल होने का दिया आमंत्रण
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को आगामी 20 जुलाई को बिलासपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय से समाज के युवाओं के उत्थान एवं कौशल विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की तथा राज्य सरकार द्वारा समाज के कल्याणार्थ किए जा रहे कार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने रजक समाज की एकजुटता और प्रगति की सराहना करते हुए सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रह्लाद रजक  उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री साय ने प्राइवेट स्कूलों को बारकोड स्कैनिंग के लिए 7 दिवस की दी मोहलत

  • पाठ्यपुस्तक वितरण प्रक्रिया में आई तकनीकी समस्याओं पर लिया गया त्वरित निर्णय
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के छात्रों को समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजा पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा पहली से दसवीं तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित की जा रही हैं। यह जिम्मेदारी पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूरी गंभीरता से निभाई जा रही है।
श्री पाण्डेय ने बताया कि पिछले शिक्षा सत्र में सामने आई कुछ अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष प्रत्येक पुस्तक पर दो बारकोड लगाए गए हैं।एक प्रिंटर की पहचान के लिए और दूसरा पुस्तक के गंतव्य विद्यालय की पहचान के लिए
इस वर्ष कुल 2 करोड़ 41 लाख किताबें मुद्रित की गईं, जो 17-18 जून 2025 तक सभी डिपो में पहुँचा दी गईं। शासकीय विद्यालयों की कक्षा 9वीं, 10वीं की पुस्तकें स्कूलों तक पहुंचा दी गई है तथा स्कूलों में बारकोड स्कैनिंग का कार्य भी 90 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इसी तरह आत्मानंद विद्यालयों में भी पुस्तकों का वितरण तेजी से किया जा रहा है और 60 प्रतिशत किताबें पहुँच चुकी हैं, शेष कुछ ही दिनों में पहुँचा दी जाएंगी।
प्राइवेट विद्यालयों को इस बार बारकोड स्कैनिंग के पश्चात ही पुस्तकें डिपो से प्रदान की जा रही हैं, जबकि पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह प्रक्रिया की जाती थी। हालांकि, बीते तीन दिनों में डिपो में स्थान की कमी और स्कैनिंग प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता की कमी के कारण समस्याएं उत्पन्न हुईं।
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को अवगत कराया गया और बताया गया कि 1100 से अधिक सरस्वती शिक्षा मंदिर सहित बड़ी संख्या में प्राइवेट विद्यालयों को पुस्तकें मिलनी हैं, तब मुख्यमंत्री जी ने शीघ्र निर्णय लेते हुए निर्देशित किया कि सभी प्राइवेट विद्यालय अपनी आवश्यकता अनुसार जिलेवार किताबें डिपो से प्राप्त करें तथा 7 दिवस के भीतर अपने विद्यालय में बारकोड स्कैनिंग पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय की सराहना करते हुए अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने कहा कि यह शिक्षा के प्रति उनकी संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सभी बच्चों की पढ़ाई समय पर शुरू हो सके और कोई भी छात्र पुस्तक के अभाव में पीछे न रह जाए। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल एक बार फिर यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित और सजगता से कार्य कर रहा है।
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छत्तीसगढ़ सरकार ने डीएपी की कमी पूरा करने पुख्ता वैकल्पिक व्यवस्था की

  • एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के लक्ष्य में 4.62 लाख मेट्रिक टन की बढ़ोत्तरी
  • मुख्यमंत्री ने कहा- किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं 
  • चालू खरीफ सीजन में अब 17.18 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य   
रायपुर। देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20:20:013) और एनपीके (12:32:13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन तथा एसएसपी के वितरण लक्ष्य में 1.80 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि करने के साथ ही इसके भण्डारण एवं वितरण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनपीके और एसएसपी के लक्ष्य में वृद्धि होने के कारण चालू खरीफ सीजन में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मेट्रिक टन से 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है। 
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 
यहां यह उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है। 
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की कमी को अन्य उर्वरकों के निर्धारित मात्रा का उपयोग कर पूरी की जा सकती है और फसल उत्पादन बेहतर किया जा सकता है। फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सहित मात्रा में मिले तो उपज में कोई कमी नहीं आती है। डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को अन्य फॉस्फेट खादों के उपयोग की सलाह दी है। डीएपी के प्रत्येक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है। इसके विकल्प के रूप में तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करने से पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस, कैल्सियम, नाइट्रोजन और सल्फर मिल जाता है। एसएसपी उर्वरक पौधों की वृद्धि के साथ-साथ जड़ों के विकास में भी सहायक है, इसके उपयोग से फसल की क्वालिटी और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए किसान जैव उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं। 
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ-2025 में किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 12.13 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 7.29 लाख मेट्रिक टन का वितरण किसानों को किया जा चुका है। राज्य में वर्तमान में सहकारी और निजी क्षेत्र में 4.84 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण हेतु उपलब्ध है।
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मुख्यमंत्री साय ने की इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा

  • बस्तर से सरगुजा तक डिजिटल क्रांति का विस्तार, 5000 मोबाइल टावर का लक्ष्य तय
  • मुख्यमंत्री साय का विजन- विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लिए डिजिटल क्रांति को नई गति देने पर बल
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विकसित भारत 2047 के साथ विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्यों को पूर्ण करने एवं सहज, सरल, त्वरित और पारदर्शिता के साथ सुचारू शासन की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को मंत्रालय महानदी भवन में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा संभागों में नए मोबाइल टॉवर लगाने तथा फाइबर नेटवर्क लाइन बिछाने जैसे कार्यों में तेजी लाई जाए। आने वाले समय में राज्य में समय सीमा के भीतर चरणबद्ध रूप से 5,000 से अधिक मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0 के माध्यम से वर्तमान में विभिन्न विभागों की 85 ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करते हुए 250 अन्य ऑफलाइन सेवाओं को भी ऑनलाइन सेवाओं में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त होगा, तो इससे समय की बचत होगी तथा कार्यालय आने-जाने में होने वाला खर्च भी कम होगा। इसके साथ ही टीयर-थ्री के अनुरूप स्टेट डाटा सेंटर को अपग्रेड करने की भी बात कही गई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित प्रमुख परियोजनाओं—अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, नियद नेल्लानार एवं L.W.E. सैचुरेशन डैशबोर्ड, भारतनेट फेस-2, छत्तीसगढ़ स्टेट डाटा सेंटर (CGSDC), आधार एनरोलमेंट इन-हाउस मॉडल, ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0, सीजी स्वान, ई-प्रोक्योरमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।
इस दौरान प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक ने विगत सवा साल में विभाग द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विगत 4 वर्षों से लंबित डाटा सेंटर के अपग्रेडेशन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण की गई, खनिज 2.0 पोर्टल का गो लाइव किया गया, वाई-फाई मंत्रालय योजना तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल सफलतापूर्वक शुरू हुए। इसके साथ ही भारतनेट फेज-2 परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया एवं अटल मॉनिटरिंग पोर्टल डैशबोर्ड का निर्माण कर 19 विभागों की 100 योजनाओं के KPI इसमें प्रदर्शित किए गए हैं।
इस बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभात मलिक सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने चार अटल परिसरों का किया लोकार्पण

  • सारंगढ़ नगर पालिका में दो करोड़ तथा पवनी, भटगांव और सरसींवा नगर पंचायत में एक-एक करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की
रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने गुरुवार को जिला मुख्यालय सारंगढ़ सहित जिले के तीन नगर पंचायतों पवनी, भटगांव और सरसींवा में नवनिर्मित अटल परिसरों का लोकार्पण किया। उन्होंने इस दौरान तीनों नगर पंचायतों में एक-एक करोड़ रुपए और सारंगढ़ नगर पालिका में दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने सारंगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के हितग्राहियों को उनके नवनिर्मित आवासों की चाबी भी सौंपी। सांसद श्री राधेश्याम राठिया भी लोकार्पण कार्यक्रमों में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने चारों नगरीय निकायों में अटल परिसरों का लोकार्पण करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता हैं। अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। उनके सम्मान में राज्य के सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि वे अटल जी की गरिमा के अनुरूप अटल परिसर को हमेशा साफ-सुथरा रखें और वहां अच्छा वातावरण बनाए रखें।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अटल परिसरों के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नगर पंचायत पवनी में जल आवर्धन योजना के लिए पांच करोड़ 30 लाख रुपए और 26 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। शहर के विकास के लिए एक करोड़ 64 लाख रुपए की पार्षद निधि भी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि भटगांव नगर पंचायत में 14 करोड़ रुपए लागत की जल आवर्धन योजना का कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही वहां विभिन्न विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ 76 लाख रुपए तथा 99 परिवारों के लिए तीन करोड़ पांच लाख रुपए के पीएम आवास मंजूर किए गए हैं। 
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अपने संबोधन में कहा कि सभी शहरों का समग्र विकास सरकार की प्राथमिकता में है।  उन्होंने बताया कि सरसींवा नगर पंचायत में दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई है। हर घर में नल कनेक्शन के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए और 31 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास भी मंजूर किए गए हैं। श्री साव ने बताया कि सारंगढ़ नगरपालिका में विभिन्न विकास कार्यों के आठ करोड़ 18 लाख रुपए, नाली निर्माण के लिए छह करोड़ 40 लाख रुपए और 250 सीटर नालंदा लाइब्रेरी परिसर के लिए चार करोड़ 41 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री संजय भूषण पाण्डेय, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, श्रीमती केराबाई मनहर और सुश्री कामदा जोल्हे, पवनी नगर पंचायत के अध्यक्ष श्री कुलदीपक साहू, भटगांव नगर पंचायत के अध्यक्ष श्री विक्रम कुर्रे, सरसींवा नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती गुलेचन बंजारे, कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे, पुलिस अधीक्षक श्री आंजनेय वार्ष्णेय सहित चारों नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पार्षदगण, गणमान्य नागरिक और शहरवासी भी अटल परिसरों के लोकार्पण के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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किताबें-रजिस्टर जलाए जाने पर जांच के निर्देश, मचा हड़कंप

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित शासकीय अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक शाला (क्रमांक-1) में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. स्कूल की किताबें, रजिस्टर समेत कई सरकारी दस्तावेज को बिना किसी प्रक्रिया के आगे के हवाले कर दिया गया. जिसके बाद यह सवाल उठ रहा है क्या कुछ छुपाने की साजिश के तहत यह दस्तावेज जला दिए गए.
स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने घटना को लेकर नारजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि दस्तावेजों को इस तरह जलाना न सिर्फ सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सीधा प्रहार है. लोगों ने कहा अगर इस तरह दस्तावेज जलाए जाते रहे तो भविष्य में गड़बड़ियों को छिपाने का रास्ता खुल जाएगा.
घटना की शिकायत मिलने पर नागरिकों ने जिला कलेक्टर सुमन राज के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसे संयुक्त कलेक्टर सुमन राज ने प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि “शासकीय दस्तावेजों को जलाने की शिकायत गंभीर है. जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए हैं. दोषियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होगी ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो.”
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल में दस्तावेज जलाने की घटना अगर समय पर नहीं रोकी गई, तो शासन और प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो जाएंगे. लोगों में घटना को लेकर नाराजगी है और उन्हें उम्मीद है कि जांच में सच सामने आए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो.
 
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प्रदेश में युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार

  • अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं
रायपुर। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और संतुलित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से बेहतर परिणाम मिले हैं। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के पूर्व कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के पश्चात प्रदेश के 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 4728 विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है जो कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सार्थक कदम है, जिससे निःसंदेह उन विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
बस्तर एवं सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में शिक्षकों की कमी के कारण लगभग 1208 विद्यालय एकल शिक्षकीय रह गये हैं। निकट भविष्य में प्रधान पाठक एवं व्याख्याता की पदोन्नति तथा लगभग 5000 शिक्षकों की सीधी भर्ती के द्वारा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पूर्ति कर दी जावेगी, जिससे कोई भी विद्यालय एकल शिक्षकीय नहीं रहेगा तथा अन्य विद्यालयों में भी जहां शिक्षकों की कमी है, शिक्षकों की पूर्ति की जाएगी।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया, शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित प्रावधानों के तहत की गई है, प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर 2008 के सेटअप की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पाये गये, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।
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रतनपुर क्षेत्र के कई गांवों में डायरिया का प्रकोप

  • रोजाना मिल रहे दर्जनभर मरीज
बिलासपुर। बारिश शुरू होते ही रतनपुर क्षेत्र के कई गांवों में डायरिया का प्रकोप दिख रहा है. बीते दस दिनों के भीतर रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र में 80 मरीज बीमार होकर आए, उपचार के बाद वह ठीक भी हो गए.. वहीं, रोजाना 10-15 मरीज उल्टी दस्त की शिकायत को लेकर अस्पताल इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. अस्पताल के डॉक्टरों की टीम 24 घंटे मरीजों की देखभाल कर रही है. सभी दवाइयां, इंजेक्शन व अन्य सुविधाएं मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराईजा रही हैं.
रतनपुर के ग्राम पंचायत नवागांव, गिरजाबंद से 35-40 लोग बीमार हो चुके हैं. सभी को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. इसके अतिरिक्त 2-4 मरीज अलग-अलग गांवों से आ रहे हैं. बीते दस दिनों के भीतर अस्पताल से 80 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं.
सीएमएचएचओ के निर्देश पर डॉक्टर व स्टाफ 24 घंटे अस्पताल में तैनात हैं. जरूरत पड़ने पर डॉक्टरों की टीम गांव जाकर जांच व इलाज करती है. गंभीर मरीजों को अस्ताल में भर्ती करते हैं. नार्मल मरीजों को दवाई देकर घर पर आराम करने की सलाह दी गई है.
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दुर्ग-पटना के बीच एक नई साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए दुर्ग और पटना के बीच एक नई साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है. ट्रेन संख्या 08797 (दुर्ग-पटना साप्ताहिक स्पेशल) दुर्ग से 7, 14, 21 और 28 जुलाई को हर सोमवार को कुल चार बार चलेगी. वहीं, ट्रेन संख्या 08798 (पटना-दुर्ग साप्ताहिक स्पेशल) पटना से 8, 15, 22 और 29 जुलाई को हर मंगलवार को चार फेरे लगाएगी. इस ट्रेन में कुल 21 कोच होंगे, जिनमें 2 एसी-थर्ड, 13 स्लीपर, 4 सामान्य और 2 एलआरडी कोच शामिल हैं, जिससे यात्रियों के लिए कुल 1008 बर्थ की व्यवस्था की गई है.
यह विशेष ट्रेन दुर्ग, रायपुर, भाटापारा, बिलासपुर, चांपा, रायगढ़, झारसुगुड़ा, राउरकेला, हटिया, रांची, मुरी जंक्शन, बोकारो स्टील सिटी, धनबाद, कतरासगढ़, चित्तरंजन, मधुपुर, जसीडीह, झाझा, किऊल, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, फतुहा, पटना साहिब, राजेंद्र नगर टर्मिनल और पटना स्टेशनों पर रुकेगी.
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कृषक उन्नति योजना से लाभान्वित हो रहे जिले के किसान

राजनांदगांव। जिले में खेती-किसानी के कार्यों में गति आयी है और किसान सहकारी समितियों के माध्यम से खाद-बीज की खरीदी कर रहे है। खेती के लिए किसानों में उत्साह है एवं खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता से उनमें खुशी हैं। खेतों में ट्रेक्टर से जोताई कार्य एवं रोपा लगाने का कार्य तथा अन्य किसानी कार्य तेजी से चल रहा है। किसानों में शासन की योजनाओं से हर्ष व्याप्त है। सरकार द्वारा धान के साथ ही कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ाते हुए धान की फसल के साथ ही अब दलहन-तिलहन और मक्का की फसल लेने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव में खाद खरीदने पहुंचे ग्राम बागतराई के किसान पिताम्बर वर्मा ने बताया कि उनके पास 14 एकड़ जमीन है और आज उन्होंने 7 बोरी पोटाश, 4 बोरी यूरिया खरीदा है। जिले में खेती-किसानी के लिए पर्याप्त खाद मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि किसान क्रेेडिट कार्ड के माध्यम से 72 हजार रूपए का ऋण शून्य दर पर मिला है, जिसका उपयोग खेती-किसानी के लिए करेंगे। उन्होंने शासन की कृषक उन्नति योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार किसानों को धान का अच्छा मूल्य दे रही है। किसानों से कृषक उन्नति योजना के तहत 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है, जो सराहनीय है। सरकार किसानों के हित में बहुत अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को तहेदिल से धन्यवाद दिया।
राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम डिलापहरी के किसान श्री नलेश्वर वर्मा ने कहा कि आज उन्होंने दो बोरी यूरिया एवं एक बोरी पोटाश खरीदा है। समितियों में खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वहीं किसान क्रेेडिट कार्ड के माध्यम से 40 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसका उपयोग खेती कार्य में करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित में अच्छा कार्य कर रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम ढाबा के किसान श्री शंकर साहू ने 4 बोरी यूरिया, 4 बोरी पोटास, 2 बोरी पोटाश खरीदा है।
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राजभवन के अधिकारियों को स्थानांतरण पर दी गई बिदाई

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने प्रेस अधिकारी श्रीमती हर्षा पौराणिक और सहायक लेखाधिकारी श्री मनीष पाण्डेय के स्थानांतरण पर उन्हें नये दायित्वों तथा उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने कहा कि शासकीय सेवा के दौरान स्थानांतरण एक प्रक्रिया है जिससे हर शासकीय सेवक को गुजरना पड़ता है। जहां भी कार्य करें अपना सर्वश्रेष्ठ दें। शासकीय दायित्वों के साथ अपने परिवार को भी समय दें। राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर प्रसन्ना ने कहा कि आज सोशल मीडिया के दौर में जनसंपर्क का कार्य एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। साथ ही राजभवन के लेखाजोखा का कार्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दोनों अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलता पूर्वक किया गया। उन्होंने नये दायित्वों के लिए दोनों को बधाई दी।
इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त को राजभवन में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

  • हमने सच्चे राष्ट्र सेवक, संवेदनशील प्रशासक और एक महान व्यक्ति को खो दिया है : रमेन डेका
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त के निधन पर आज राजभवन में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि हमने सच्चे राष्ट्रसेवक, संवेदनशील प्रशासक और एक महान व्यक्ति को खो दिया है।
पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त के निधन पर राजभवन में शोक सभा का आयोजन किया गया। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने स्वर्गीय श्री दत्त के छायाचित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की। राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने मृतात्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि हम सभी के लिए यह अत्यंत दुखद क्षण है। श्री शेखर दत्त जी का जीवन अनेक आदर्शों से भरा रहा। वे केवल एक उच्चपदस्थ अधिकारी नहीं थे, बल्कि एक वीर सैनिक और एक संवेदनशील जनसेवक भी थे। उन्होंने भारतीय सेना में कमीशंड अधिकारी के रूप में सेवा दी थी और वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लिया था। देश के लिए उनके इस वीरता और साहस पर हम सभी को गर्व है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि चाहे आप सैनिक हों, प्रशासक हों या नागरिक, देशसेवा का जज्बा और मानवीय  संवेदनाएं ही किसी को महान बनाती हैं।
श्री डेका ने कहा कि सेना से भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए शेखर दत्त जी ने अपने करियर में अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। रक्षा मंत्रालय में रक्षा सचिव के रूप में उन्होंने देश की सुरक्षा नीतियों को मजबूती दी। बाद में जब उन्हें छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया, तब उन्होंने इस राज्य की   सांस्कृतिक और प्रशासनिक संरचना को मजबूती देने में उल्लेखनीय योगदान दिया। छत्तीसगढ़ में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विशेष रूप से जनजातीय समाज की समस्याओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर गंभीरता से कार्य किया। वे सादगी, कर्मठता और समर्पण की प्रतिमूर्ति थे। उनका व्यवहार सभी से आत्मीयता से भरा होता था। राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर प्रसन्ना ने श्री शेखर दत्त के जीवन परिचय एवं उनके कार्यो का स्मरण किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने हाथी प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

  • पीड़ित परिवारों को शीघ्र मुआवजा उपलब्ध कराने के दिए निर्देश 
रायपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज सूरजपुर जिले के लटोरी क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांवों  घाघिटिकरा, कल्याणपुर, खुठेनपारा और कोटबहरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने हाथियों द्वारा की गई क्षति का मौके पर पहुंचकर जायजा लिया और ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि शासन ग्रामीणों के साथ है और उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने मौके पर ही संबंधित पटवारी से फोन पर बात कर तत्काल मुआवजा प्रकरण तैयार करने और पीड़ित परिवारों को शीघ्र आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि , प्राकृतिक आपदा या वन्यजीवों के कारण होने वाली क्षति को गंभीरता से लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में हमारी सरकार प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ संवेदनशीलता से खड़ी है।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से सूरजपुर जिले के कई गांवों में हाथियों के दल ने धान के खेतों, फसलों और कुछ घरों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। मंत्री ने संबंधित विभाग को निर्देशित किया है कि गांवों में रात्रिकालीन गश्त बढ़ाई जाए, लोगों को जागरूक किया जाए और क्षति का यथाशीघ्र सर्वे कर उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
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युक्तियुक्तकरण से बदली तस्वीर : पतरापारा महलोई प्राथमिक शाला में पढ़ाई को मिली रफ्तार

  • दो शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, बच्चों व पालकों में दिखा उत्साह
रायपुर। राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई युक्तियुक्तकरण नीति का प्रभाव अब गांव-गांव में नजर आने लगा है। रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पतरापारा महलोई स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षकों की नई पदस्थापना से शैक्षणिक वातावरण में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। पहले यह स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था, लेकिन अब दो शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के बाद पढ़ाई में नई ऊर्जा और दिशा आई है।
विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 1 से 5 तक कुल 78 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। पूर्व में एक ही शिक्षक के भरोसे सभी कक्षाओं का संचालन किया जा रहा था, जिससे न केवल शिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि विद्यार्थियों को विषय आधारित शिक्षा भी सीमित रूप से मिल पा रही थी। अब दो शिक्षकों की उपस्थिति से समयबद्ध, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित हुआ है।
विद्यालय के परिवेश में आए इस सकारात्मक बदलाव से पालकों में भी उत्साह का माहौल है। अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने आई श्रीमती प्रमिला परजा ने कहा कि अब उनके बच्चे घर लौटकर स्कूल की पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में खुशी से बताते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि एक शिक्षक इतने सारे बच्चों को कैसे सम्हालेंगे, लेकिन अब दो शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों को ध्यानपूर्वक पढ़ाया जा रहा है और वे पढ़ाई में भी अधिक रुचि लेने लगे हैं।
राज्य शासन की इस पहल से न केवल बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिला है, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता से बच्चों की पढ़ाई अब नियमित और व्यवस्थित रूप से हो रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सीधा सुधार देखा जा रहा है।
युक्तियुक्तकरण योजना के तहत की गई यह पहल ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है। इससे बच्चों को न केवल उनके गांव में ही बेहतर शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत हो रही है।
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अब ऊर्जा बना पर्यावरण का साथी, न बिजली जाती है न जेब पर भार पड़ता है

  • हर दिन सूरज से ऊर्जा, हर महीने बचत की गारंटी
  • अब न मीटर की रीडिंग की चिंता, न बिजली बिल का टेंशन
रायपुर। ऊर्जा क्रांति की दिशा में लिए गए दूरदर्शी निर्णय आज लोगों के जीवन में राहत, सुकून और स्थायित्व का नया उजास भर रहे हैं। भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन की ऐसी जनकल्याणकारी और महत्वाकांक्षी योजनाएं अब केवल विकास की कहानियाँ नहीं, बल्कि आम परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाली हकीकत बन चुकी हैं। ये योजनाएं न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कारगर साबित हो रही हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने देशभर में लाखों परिवारों को राहत दी है, खुशियां दी है। इसमें बिजली के साथ बचत भी है। यह योजना पर्यावरण के संरक्षण और स्थायी ऊर्जा के उपयोग की ओर सशक्त कदम भी है।
कोरबा के डीडीएम रोड निवासी श्री आयुष अग्रवाल प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को अपनाकर काफी खुश हैं। कभी बिजली का बिल उनके लिए चिंता का विषय था। डीडीएम रोड पर स्थित उनके घर में बिजली की खपत ज्यादा है। उनका बड़ा संयुक्त परिवार है, घर में बिजली से चलने वाले कई उपकरणों का उपयोग होता है, इससे बिजली बिल ज्यादा आता था। घर की मासिक बजट व्यवस्था प्रभावित होती थी। आयुष बताते हैं, “पंखा, कूलर, फ्रिज और ए.सी. जैसे उपकरणों के उपयोग से बिजली की खपत ज्यादा होती थी। उनके यहां औसतन 700 यूनिट की खपत रहती ही है, गर्मियों में यह 1200-1300 यूनिट तक हो जाती है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के बारे में अपने जीजा से जानकारी मिलने के बाद आयुष ने योजना का लाभ लेने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने ताऊजी के नाम से आवेदन कर दस किलोवाट का पैनल लगवाया। योजना के तहत उन्हें सौर ऊर्जा पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी प्रदान की गई। कोरबा जिला प्रशासन और ऊर्जा विभाग द्वारा त्वरित रूप से सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर उनके घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित कर दिए गए। वे कहते हैं कि सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी और तकनीकी मार्गदर्शन से मुझे पूरा भरोसा मिला। अब घर का बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है। पहले जहां हर महीने हजारों रुपये खर्च होते थे, अब वही पैसा बचत के रूप में जमा हो रहा है। इससे उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों ही स्तरों पर राहत मिली है। श्री आयुष अग्रवाल बताते हैं, “यह योजना न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी काफी लाभ हुआ है। अब मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं प्रदूषण फैलाने वाले साधनों पर निर्भर नहीं हूं। हम पूरी तरह सौर ऊर्जा पर चल रहे हैं, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है।”
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने आयुष जैसे हजारों लोगों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है। अब वे न केवल अपनी जरूरत की बिजली स्वयं उत्पन्न कर रहे हैं, बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने पर बिजली को ग्रिड में भेजने पर भी विचार कर रहे हैं। यह योजना केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक नई ऊर्जा क्रांति है जो आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दिशा में भी देश को आगे बढ़ा रही है।
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युक्तियुक्तकरण से संबलपुर स्कूल में शिक्षकों की बहाली, पढ़ाई को मिली रफ्तार

  • पालक, विद्यार्थी और शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में आए सुधार से प्रसन्न
रायपुर। प्रदेशभर में शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड स्थित पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला संबलपुर में शिक्षकों की वर्षों पुरानी कमी अब दूर हो गई है।
शिक्षकों की पदस्थापना से अब विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था न केवल व्यवस्थित हुई है, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त हो रही है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत यहां दो नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यालय में अब कुल पांच शिक्षक कार्यरत हैं।
विद्यालय में शिक्षकों की इस बहुप्रतीक्षित नियुक्ति को लेकर शाला विकास समिति, पालकगण और ग्रामीणों ने प्रसन्नता जाहिर की है। साहित्यकार एवं शिक्षाविद श्री बिरेन्द्र निरोटी तथा शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्री गंगाराम निषाद ने राज्य शासन की इस पहल की सराहना करते हुए बताया कि विद्यालय में 150 से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं, किंतु पूर्व में केवल तीन शिक्षक कार्यरत थे। अब दो अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना से कक्षाएं नियमित और विषयवार संचालित हो रही हैं।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री हिमांशु मिश्रा ने जानकारी दी कि युक्तियुक्तकरण के तहत विद्यालय में श्रीमती बसंती टिकेश्वर और श्री राबिन नागवंशी की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में विद्यालय में प्रधानपाठक श्रीमती वीणा ठाकुर, श्री अनिल दिल्लीवार और श्रीमती सुनीता सहित कुल पाँच शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर उत्साह बढ़ा है। पालकों ने बताया कि अब बच्चे घर आकर स्कूल की गतिविधियों के बारे में खुशी से चर्चा करते हैं। शासन की इस पहल से न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति (ड्रॉपआउट) पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है। ग्रामीणों ने इस सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और शिक्षा विभाग के प्रति आभार जताया है और विश्वास व्यक्त किया है कि ऐसी योजनाएं शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएंगी।
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रायगढ़ जिले के किसानों को 14 हजार 419 मैट्रिक टन खाद का किया गया वितरण

  • जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से अग्रिम भण्डारण कर किया जा रहा खाद वितरण
  • 16 हजार 500 क्विंटल बीज किसानों को वितरित
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप राज्य के किसानों के हितलाभ के लए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किसानों को निर्धारित समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। रायगढ़ जिला अंतर्गत सहकारिता क्षेत्र में कृषकों को अधिक से अधिक खाद एवं बीज प्रदाय करने के संबंध में लगातार शासन तथा प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ वर्ष 2025 में खाद का अग्रिम भण्डारण करते हुए खाद वितरण का कार्य किया जा रहा है।
रायगढ़ जिले में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध 18945 टन खाद का भण्डारण समितियों द्वारा किया जा चुका है तथा 14419 मैट्रिक टन खाद का वितरण लगभग 20 हजार किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में 5000 मैट्रिक टन खाद समितियों में शेष है, साथ ही बीज निगम के माध्यम से प्रमाणित बीज भी समितियों के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल लक्ष्य 29417 क्विंटल के विरूद्ध 25000  क्विंटल  बीज का भण्डारण कराया जा चुका है तथा 16500 क्विंटल बीज का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। कृषकों के मांग के अनुरूप खाद का भण्डारण कर कृषकों को वितरण किया जा रहा है।  
उप संचालक कृषि श्री अनिल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार दुकानों एवं व्यापारियों के खाद के स्टॉक की जांच करने तथा कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर खाद विक्रय के संबंध में निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे खाद की काला बाजारी न हो तथा कृषकों को सही गुणवत्ता के खाद एवं बीज मिल सके। निरीक्षण के दौरान खाद का नमूना भी लिया जा रहा है, अमानक पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
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