झूठा-सच

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी से महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल- रमेश वर्ल्यानी

झूठा सच @ रायपुर:- प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने कहा कि जी.एस.टी क्षतिपूर्ति की राशि देने की जवाबदेही केंद्र सरकार की है, क्योंकि जी.एस.टी लागू करते समय ही केंद्र सरकार ने इसकी गारंटी ली थी। जी.एस.टी कौंसिल का इससे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन वित्तमंत्री अपनी जवाबदेही से बचने के लिए कौंसिल की आड़ ले रही है। उन्होंने कहा कि आज भी छत्तीसगढ़ को जी.एस.टी क्षतिपूर्ति बकाया राशि 2262 करोड़ रूपये केंद्र से लेना है जिसमें से 887 करोड़ रूपया एक साल पुराना बकाया है। केंद्रीय करों की राशि दिए जाने पर उन्होंने कहा कि देश के संविधान में केंद्र-राज्यों के बीच केंद्रीय करों के बंटवारे को लेकर स्पष्ट व्यवस्था निर्धारित है। जिसके अनुसार संघीय व्यवस्था में केंद्रीय करों में 42 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को दिया जाना है। लेकिन मोदी सरकार ने केंद्रीय करों के हिस्से में भी कटौती करने की नियत से इसे सेस में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है। गत वर्ष के बजट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, खाद्य तेल तथा अन्य वस्तुओं पर लगने वाले केंद्रीय करों को सेस में डाल दिया। इससे छत्तीसगढ़ को मिलने वाले राजस्व में 1500 करोड़ रू. का नुकसान हुआ।
आज पेट्रोल-डीजल 100 रू. के पार हो गया है। इसका एकमात्र कारण केंद्र की एक्साइज ड्यूटी में मनमाने ढंग से बढ़ोत्तरी है। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, उस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में  कू्रड ऑयल की कीमत गिरकर 44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुॅंच गई थी। यू.पी.ए के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समय पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी रू. 9.48 तथा डीजल पर रू. 3.56 था जो मोदी राज में बढ़कर पेट्रोल एवं डीजल पर 33 रू. हो गयी है।

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