दुनिया-जगत

नेपाल : देसी इलेक्ट्रिक बाइक की वायु प्रदूषण पर चोट

पेट्रोल से इलेक्ट्रिक की दौड़ में जल्दी प्रवेश करने वाले नेपाल की सड़कों पर दसियों हजार इलेक्ट्रिक कारें, बसें और रिक्शा दौड़ रहे हैं लेकिन कुछ ही मोटरसाइकिलें हैं.अपनी आकर्षक ई-मोटरबाइकों के लॉन्च के साथ स्टार्टअप यात्री मोटरसाइकिल्स का मानना ​​है कि यह नेपालियों को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर खींच सकती है, कंपनी का मानना है कि इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिलें देश की जहरीली हवा को साफ कर सकती हैं, पैसे बचा सकती हैं और पेट्रोल आयात कम कर सकती हैं. साथ ही देश अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद हासिल कर सकता है.  

यात्री मोटरसाइकिल्स के संस्थापक आशिम पांडे के मुताबिक, "हमें इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर जाना होगा" दुनिया भर में निर्माता सस्ते, कम उत्सर्जन वाले वाहनों को विकसित करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. बढ़ती संख्या में देश ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए नई जीवाश्म ईंधन से चलने वाली कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की योजना की घोषणा कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों की कमी नेपाल ने जलवायु परिवर्तन पर 2015 के पेरिस समझौते के तहत कहा की थी कि 2020 तक इसके 20 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होंगे, लेकिन क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में एक फीसदी ही ऐसे वाहन हैं. देखा जाए तो नेपाल विश्व स्तर पर कार्बन का एक छोटा उत्सर्जक देश है, जिसका 40 फीसदी हिस्सा जंगलों से घिरा है 

नेपाल की अधिकांश बिजली हाइड्रोपावर से पैदा होती है. लेकिन देश में उत्सर्जन बढ़ रहा है. इसके कारण हैं पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों का आयात और जीवाश्म ईंधन की खपत. सरकार ने ई-वाहनों पर आयात कर कम और सीमा शुल्क घटाकर देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं निर्धारित की हैं. देश में अधिक से अधिक चार्जिंग स्टेशनों की भी स्थापना की जा रही है. नेपाल के इलेक्ट्रिक वाहन संघ के मुताबिक देश में वर्तमान में लगभग 700 इलेक्ट्रिक कारें, 5,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर, और 40,000 इलेक्ट्रिक रिक्शा हैं.|
 

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