दुनिया-जगत

इस्राइल का गाजा में अस्पतालों के नजदीक हमला

  • पत्रकार समेत दो की मौत, कई अन्य घायल
गाजा। इस्राइल ने रविवार और सोमवार की मध्य रात्रि गाजा पर हवाई हमला किया। ये हमला अस्पतालों के नजदीक बने तंबुओं पर किया गया, जिसमें पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई। साथ ही इस हमले में नौ लोग घायल हुए हैं, जिनमें से छह पत्रकार बताए जा रहे हैं। वहीं इस्राइल के एक अन्य हमले में 15 लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाजा में खान यूनिस अस्पताल के पास सुबह करीब दो बजे हमला हुआ, जिससे वहां लगे टेंट में आग लग गई।
इस हमले में गाजा के एक स्थानीय टीवी चैनल के पत्रकार यूसुफ अल फाकवी समेत दो लोगों की मौत हो गई। इस हमले में छह अन्य पत्रकार घायल भी हुए। वहीं इस्राइली सेना ने कहा है कि उन्होंने हमास के ठिकानों को निशाना बनाया। इस्राइल ने हमास पर आरोप लगाया है कि उसके आतंकी घनी आबादी के बीच रहते हैं, जिसकी वजह से आम नागरिकों की जान जाती है। इसके अलावा गाजा के दीर अल बलाह शहर के अल अक्सा अस्पताल के पास भी हमला हुआ, जिसमें तीन लोग घायल हुए। हमास के साथ बीते हफ्ते युद्धविराम बातचीत रुकने के बाद से इस्राइल द्वारा गाजा में हमले तेज कर दिए गए हैं। साथ ही इस्राइल ने गाजा में खाने, ईंधन और दवाइयों की सप्लाई भी रोक दी है।
 
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शेयर बाजार में हाहाकार के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी नीतियों को ठहराया 'सही'

  • ट्रंप ने कहा- टैरिफ नहीं 'दवा'
वाशिंगटन। सोमवार को ग्लोबल मार्केट खासतौर से एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी विवादास्पद टैरिफ नीतियों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के नेता 'रेसिप्रोकल टैरिफ' पर 'समझौता करने के लिए बेताब हैं।'
सोमवार को एशियाई बाजारों में दिन की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। हालांकि ट्रंप ने आशंकाओं को कम करने की कोशिश की और सुझाव दिया कि उनके टैरिफ के कारण बाजार को जो परेशानी हुई, वह दीर्घकालिक व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए एक जरूरी 'दवा' है।
बाजार में उतार-चढ़ाव का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, "कभी-कभी आपको किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।" एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह वीकेंड में विश्व नेताओं के संपर्क में थे। उन्होंने दावा किया कि कई देश समझौता करना चाहते हैं।
वैश्विक बाजारों में भारी नुकसान के बावजूद, ट्रंप प्रशासन ने अपनी आक्रामक टैरिफ रणनीति से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने कहा, "बाजारों का क्या होगा, मैं आपको नहीं बता सकता। लेकिन हमारा देश कहीं ज़्यादा मज़बूत है।"
इस बीच ट्रंप के टैरिफ के जवाब में चीन ने विशेष रूप से जवाबी कार्रवाई की घोषणा की, जिससे व्यापार युद्ध बढ़ने की चिंता और बढ़ गई। अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका अपने मौजूदा रास्ते पर चलता रहा, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर मंदी का सामना करना पड़ सकता है। जेपी मॉर्गन के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रूस कासमैन ने मंदी के जोखिम को 60 प्रतिशत बताया।
एक्सपर्ट्स बाजारों में उथल-पुथल की 1987 के 'ब्लैक मंडे' क्रैश से तुलना कर रहे हैं, उस वक्त वैश्विक बाजारों ने एक ही दिन में 1.71 ट्रिलियन डॉलर खो दिए थे। सीएनबीसी के जिम क्रैमर ने चेतावनी दी कि यदि ट्रंप की व्यापार नीतियां जारी रहती हैं, तो बाजारों को इसी तरह की भयावह घटना का सामना करना पड़ता है। चूंकि बाजार एक और अस्थिर सप्ताह के लिए तैयार हैं, इसलिए सभी की निगाहें व्हाइट हाउस और चल रहे व्यापार संघर्ष में अगले कदमों पर टिकी हुई हैं।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर लिस्बन पहुंची

लिस्बन। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार रात पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंचीं, जहां वह पुर्तगाली नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगी।  किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल यात्रा 27 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है, तथा ऐसे समय हो रही है जब भारत और पुर्तगाल अपने राजनयिक संबंधों की पुनः स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
भारत की ओर से पुर्तगाल की अंतिम राजकीय यात्रा 1998 में राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने की थी। श्रीमती मुर्मु की पुर्तगाल यात्रा राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर हो रही है। श्रीमती मुर्मु अपने समकक्ष राष्ट्रपति डी सूसा से मुलाकात करेंगी और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी। वह प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो और नेशनल असेंबली (संसद) के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से भी मुलाकात करेंगी।
भारत और पुर्तगाल के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं, जो वर्षों से विकसित होकर एक आधुनिक, बहुआयामी और गतिशील साझेदारी में बदल चुके हैं, जिसकी विशेषता सहयोग के कई क्षेत्रों में मजबूत विकास एवं विस्तार है। एक बयान में कहा गया कि यह यात्रा पुर्तगाल के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को और ज्याद प्रोत्साहन तथा नई गति प्रदान करेगी। श्रीमती मुर्मु इसके बाद नौ से 20 अप्रैल तक स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा पर रहेंगी।
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भारत-श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग सहित कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

  • पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा
कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच शनिवार को कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसके बाद दोनों पक्षों में रक्षा सहयोग और त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने सहित कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
हस्ताक्षरित अन्य एमओयू में विद्युत के आयात/निर्यात के लिए एचवीडीसी इंटरकनेक्शन का कार्यान्वयन; डिजिटल परिवर्तन के लिए बडे स्तर पर कार्यान्वित सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग, पूर्वी प्रांत के लिए बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता, स्वास्थ्य-चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग और फार्माकोपिया सहयोग, शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में प्रतिवर्ष 700 श्रीलंकाई लोगों को शामिल करने वाले व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की भी घोषणा की।
इसके अलावा त्रिंकोमाली में थिरुकोनेश्वरम मंदिर, नुवारा एलिया में सीता एलिया मंदिर और अनुराधापुरा में पवित्र शहर परिसर परियोजना के विकास के लिए भारत से अनुदान सहायता; 'अंतरराष्ट्रीय वेसाक दिवस 2025' पर श्रीलंका में भगवान बुद्ध के अवशेषों की प्रदर्शनी; साथ ही ऋण पुनर्गठन पर द्विपक्षीय संशोधन समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए। दोनों नेताओं ने कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना, दांबुला में अपनी तरह का पहला 5000 मीट्रिक टन तापमान नियंत्रित गोदाम और श्रीलंका के सभी 25 जिलों में धार्मिक स्थलों को 5000 सौर रूफटॉप यूनिट की सप्लाई का भी संयुक्त रूप से ई-उद्घाटन किया। उन्होंने 120 मेगावाट की सामपुर सौर परियोजना के शुभारंभ के लिए वर्चुअल भूमिपूजन समारोह में भी भाग लिया।
इससे पहले श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'मित्र विभूषण' से नवाजा। राष्ट्रपति दिसानायके ने उन्हें यह सम्मान दिया। यह किसी विदेशी राष्ट्र की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 22वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है।
पीएम मोदी ने कहा, "आज राष्ट्रपति दिसानायके की ओर से ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।"
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा, "...मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी है कि श्रीलंका सरकार ने उन्हें (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को) श्रीलंका का सर्वोच्च सम्मान- श्रीलंका मित्र विभूषण प्रदान करने का निर्णय लिया ...प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मान के पूर्णतः हकदार हैं; यह हमारा दृढ़ विश्वास है।"
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PM नरेंद्र मोदी को मित्र विभूषण सम्मान से नवाजा गया

  • PM मोदी बोले- ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है
कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने तथा दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने के उनके असाधारण प्रयासों के सम्मान में श्रीलंका सरकार द्वारा प्रतिष्ठित मित्र विभूषण पदक से सम्मानित किया गया. यह प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रदान किया गया 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है. असाधारण वैश्विक मित्रता को मान्यता देने के लिए विशेष रूप से स्थापित यह पदक भारत-श्रीलंका संबंधों की गहराई और गर्मजोशी को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'आज राष्ट्रपति दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है. ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है. भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है. चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट, भारत हर कठिन परिस्थिति में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहा है.'
पीएम मोदी ने कहा- हमारी 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' और विजन 'महासागर', दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है. भारत ने 'सबका साथ सबका विकास' के विजन को अपनाया है. हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं. पिछले 6 महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के लोन को ग्रांट में बदला है. हमारे ऋण पुनर्गठन समझौते से श्रीलंका के लोगों को तत्काल राहत मिलेगी और हमने ब्याज दरों को कम करने का भी फैसला किया है. यह दर्शाता है कि आज भी भारत श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं. मुझे यह बताते हुए अत्यन्त खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है. त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा. अनुराधापुरा महाबोधी मंदिर परिसर में पवित्र शहर, और नुरेलिया में ‘सीता एलिया’ मंदिर के निर्माण में भी भारत सहयोग करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति के साथ बैठक में हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी बात की. हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय अप्रोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया. भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है. श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लिए 10,000 घरों का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा. इसके अलावा, 700 श्रीलंकाई कर्मचारियों को भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिनमें सांसद, उद्यमी और युवा नेता शामिल हैं. भारत का मानना ​​है कि दोनों देशों के सुरक्षा हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. हमारी सुरक्षा एक दूसरे पर निर्भर है.
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PM मोदी का श्रीलंका में शानदार स्वागत, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

  • लगे मोदी-मोदी के नारे
कोलंबो। प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के श्रीलंका दौरे पर पहुंचे हैं. कोलंबो में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत हुआ है. शनिवार सुबह पीएम मोदी का श्रीलंका में औपचौरिक स्वागत किया गया और उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इससे पहले शुक्रवार शाम श्रीलंका सरकार के 5 मंत्री अगवानी के लिए पहुंचे. एयरपोर्ट पर भारी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग भी मौजूद रहे और मोदी-मोदी के नारे लगाए.
पीएम मोदी की 2019 के बाद यह पहली श्रीलंका यात्रा है. 2015 के बाद से यह श्रीलंका की उनकी चौथी यात्रा है. कोलंबो में आज भारत-श्रीलंका में बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ पीएम मोदी की मुलाकात होगी. पहली बार रक्षा सौदे पर मुहर लगेगी. समुद्र में चीन के प्रभाव पर लगाम लगाने के लिहाज से ये डिफेंस डील काफी अहम होगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी को कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. तोपों की सलामी दी गई. उसके बाद राष्ट्रपति सचिवालय में राष्ट्रपति दिसानायके के साथ औपचारिक वार्ता होगी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी इंडिपेंडेंस स्क्वायर पहुंचे. यहां श्रीलंकाई मीडिया मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नलिंदा जयतिसा और विदेश मंत्री विजेता हेराथ भी मौजूद रहे.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पीएम मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच बातचीत में भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने समेत लगभग 10 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर समझौता होने की उम्मीद है. मोदी शुक्रवार शाम श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंचे थे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिसा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर समेत पांच शीर्ष श्रीलंकाई मंत्रियों ने भंडारनायके एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री की अगवानी की.
मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, कोलंबो पहुंच गया हूं. एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत करने वाले मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों का आभारी हूं. श्रीलंका में होने वाले कार्यक्रमों का बेसब्री से इंतजार है.
थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद श्रीलंका पहुंचे प्रधानमंत्री का ताज समुद्र होटल में भारतीय मूल के लोगों के एक समूह ने गर्मजोशी से स्वागत किया. श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा पर आए मोदी, राष्ट्रपति के तौर पर दिसानायके द्वारा मेजबानी किए जाने वाले पहले विदेशी नेता होंगे. प्रधानमंत्री ने पिछली बार 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था.
प्रधानमंत्री और श्रीलंका के राष्ट्रपति शनिवार को आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे, जिसमें रक्षा सहयोग समझौते और ऊर्जा क्षेत्र में गहन सहभागिता के लिए रूपरेखा समेत कम से कम 10 क्षेत्रों में सहमति बनने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब द्वीप राष्ट्र आर्थिक तनाव से उबरने के संकेत दे रहा है. श्रीलंका तीन साल पहले एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत ने 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी. दोनों पक्षों द्वारा डिजिटल डोमेन में सहयोग पर अलग-अलग समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है.
मोदी शनिवार को आईपीकेएफ (भारतीय शांति सेना) स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने कहा कि द्वीप राष्ट्र को नई दिल्ली की सहायता दुनिया के किसी भी देश की सहायता के संदर्भ में अभूतपूर्व थी. यह बहुत बड़ी सहायता थी और हम विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए श्रीलंका के साथ काम करना जारी रख रहे हैं और यहां इसकी बहुत सराहना की जाती है.
उन्होंने कहा, हम रिश्ते में नया एजेंडा जोड़ रहे हैं क्योंकि आप सभी जानते हैं कि भारत और श्रीलंका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी हैं. उन्होंने कहा कि हमारे साझा इतिहास, भूगोल और सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए यह रिश्ता हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच यह समझ है कि हमारे सामने एक साझा भविष्य है. कोलंबो में मोदी और दिसानायके भारत की सहायता से बनाई जा रही कई परियोजनाओं को समर्पित करेंगे. दोनों नेता सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना के वर्चुअल शिलान्यास के भी साक्षी बनेंगे.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पिछले सप्ताह कहा था कि यह कई मायनों में द्विपक्षीय साझेदारी में मील का पत्थर साबित होगा. मोदी कई राजनीतिक नेताओं से भी मिलेंगे.
6 अप्रैल को मोदी और दिसानायके ऐतिहासिक शहर अनुराधापुरा जाएंगे, जहां वे महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. वे वहां भारत द्वारा सहायता प्राप्त दो परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन भी करेंगे.
 
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BIMSTEC दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है : PM मोदी

Bangkok : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड में संपन्न हुए बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में एक गतिशील भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आगे के सहयोग के लिए प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला और बंगाल की खाड़ी के समृद्ध, सुरक्षित और समावेशी क्षेत्र के निर्माण की दिशा में सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने की पहल की घोषणा की। उन्होंने पिछले तीन वर्षों में बिम्सटेक को आगे बढ़ाने में थाईलैंड के सक्षम और प्रभावी नेतृत्व के लिए पीएम शिनावात्रा को धन्यवाद दिया । पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, " बिम्सटेक दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण पुल के रूप में कार्य करता है और क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और साझा समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में उभर रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "यह बहुत संतोष की बात है कि बिम्सटेक चार्टर पिछले साल लागू हुआ। मुझे विश्वास है कि बैंकॉक विजन 2030, जिसे हम आज अपना रहे हैं, बंगाल की खाड़ी के समृद्ध, सुरक्षित और समावेशी क्षेत्र के निर्माण के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएगा।" पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बेंगलुरु स्थित बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र ने अपना परिचालन शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत को डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में अपने अनुभव को बिम्सटेक सदस्य देशों के साथ साझा करने में खुशी होगी और उन्होंने भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और बिम्सटेक सदस्य देशों की भुगतान प्रणालियों के बीच संपर्क स्थापित करने का प्रस्ताव रखा । उन्होंने कहा, "इस तरह के एकीकरण से व्यापार, उद्योग और पर्यटन में पर्याप्त लाभ होगा, जिससे सभी स्तरों पर आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी।" पीएम मोदी ने बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा । उन्होंने कहा, "इसके अलावा, अधिक आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए एक वार्षिक बिम्सटेक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। मैं बिम्सटेक क्षेत्र के भीतर स्थानीय मुद्राओं में व्यापार की संभावना का पता लगाने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने का भी सुझाव दूंगा ।" हाल ही में आए भूकंप के मद्देनजर, पीएम मोदी ने भारत में आपदा प्रबंधन के लिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा । उन्होंने कहा , "यह केंद्र आपदा तैयारी, राहत और पुनर्वास प्रयासों में सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा, बिम्सटेक आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के बीच चौथा संयुक्त अभ्यास इस साल के अंत में भारत में आयोजित किया जाएगा ।"
एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में उन्होंने कहा, " भारत बिम्सटेक देशों में कैंसर देखभाल में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए समर्थन देगा । स्वास्थ्य के प्रति हमारे समग्र दृष्टिकोण के अनुरूप, पारंपरिक चिकित्सा के अनुसंधान और प्रसार को बढ़ावा देने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया जाएगा" और भारत में एक और उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा, जो ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान, अनुसंधान सहयोग और कृषि क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर केंद्रित होगा।
पीएम मोदी ने जनशक्ति प्रशिक्षण, नैनो-उपग्रहों के विकास और प्रक्षेपण और बिम्सटेक देशों के लिए रिमोट सेंसिंग डेटा के उपयोग के लिए एक ग्राउंड स्टेशन की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। एक अनूठे प्रयास में, पीएम मोदी ने कहा, "हम बोधि पहल, यानी " मानव संसाधन अवसंरचना के संगठित विकास के लिए बिम्सटेक " पहल शुरू कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत, बिम्सटेक सदस्य देशों के 300 युवा व्यक्ति हर साल भारत में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे ।" उन्होंने उल्लेख किया कि भारत के वानिकी अनुसंधान संस्थान में बिम्सटेक छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी , और नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति योजना का भी विस्तार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, BIMSTEC सदस्य देशों के युवा राजनयिकों के लिए एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा ।
बौद्ध और हिंदू परंपराओं के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों को उजागर करते हुए, इन संबंधों का जश्न मनाने और उन्हें प्रदर्शित करने के लिए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस साल के अंत में BIMSTEC पारंपरिक संगीत समारोह का उद्घाटन करेगा । "हमारे युवाओं के बीच अधिक से अधिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए, इस साल के अंत में BIMSTEC युवा नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। हम नवाचार और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए BIMSTEC हैकाथॉन और युवा पेशेवर आगंतुक कार्यक्रम भी शुरू करेंगे," पीएम मोदी ने कहा। अपने भाषण में, जिसमें विभिन्न कोणों को शामिल किया गया था, उन्होंने महत्वपूर्ण रूप से यह भी उल्लेख किया, " भारत इस वर्ष BIMSTEC एथलेटिक्स मीट की मेजबानी करने का प्रस्ताव करता है । और 2027 को देखते हुए, BIMSTEC की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर , हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत उद्घाटन BIMSTEC खेलों की मेजबानी करेगा"। अपने समापन भाषण में, पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि BIMSTEC केवल एक क्षेत्रीय संगठन नहीं है, बल्कि समावेशी विकास और सामूहिक सुरक्षा के लिए एक मॉडल है।
उन्होंने कहा, "यह 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास' की भावना को दर्शाता है। " "मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर एकजुटता, सहयोग और आपसी विश्वास की भावना को मजबूत करते रहेंगे और बिम्सटेक को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे", प्रधानमंत्री ने कहा और बिम्सटेक के आगामी अध्यक्ष के रूप में बांग्लादेश का गर्मजोशी से स्वागत किया और इसके सफल नेतृत्व के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। (एएनआई)
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छत्तीसगढ़ की डोकरा कला ने जीता थाईलैंड का दिल, प्रधानमंत्री मोदी ने भेंट की ‘मोर नाव’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अंतरराष्ट्रीय दौरों के दौरान भारत की सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश करने के लिए विशेष कलाकृतियाँ भेंट करते हैं। बैंकॉक में आयोजित BIMSTEC शिखर सम्मेलन के अवसर पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब उन्होंने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा को छत्तीसगढ़ में बनी अनोखी ‘डोकरा पीतल की मोर नाव’ भेंट की।
यह कलाकृति छत्तीसगढ़ के जनजातीय कारीगरों द्वारा पारंपरिक ‘लॉस्ट-वैक्स’ ढलाई तकनीक से हाथों से तैयार की गई है। मोर के आकार में बनी इस नौका पर की गई बारीक नक्काशी और उस पर सवार शांत आदिवासी नाविक, मानव और प्रकृति के बीच गहरे सामंजस्य का प्रतीक है यही डोकरा कला की आत्मा भी है।
भारत की गहराई से जुड़ी इस हस्तशिल्प को थाई सरकार ने सराहा और यह भेंट दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करने का प्रतीक बन गई है।
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यूनस के साथ बैठक में PM मोदी ने अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया

बैंकॉक। बैंकॉक में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के मौके पर एक बड़ी बैठक हुई, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने हिस्सा लिया. शुरू में इस मुलाकात को लेकर संदेह था, लेकिन बांग्लादेश की ओर से बार-बार अनुरोध के बाद यह संभव हो पाया. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दोनों के बीच शेख हसीना का मसला, चिकन नेक कॉरिडोर और चीन के साथ बांग्लादेश की बढ़ती दोस्ती जैसे मुद्दों पर गंभीर बातचीत हुई. यह बैठक तब हुई, जब दोनों देशों के रिश्तों में खटास साफ नजर आ रही है.
ही में मोहम्मद यूनुस ने चीन का दौरा किया था और वहां बांग्लादेश को "समुद्र का संरक्षक" कहकर तारीफ की गई थी. इस बयान पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा कि बंगाल की खाड़ी में सबसे ज्यादा तट भारत के पास है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले और शेख हसीना का भारत में होना—ये वो वजहें हैं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है. फिर भी, बांग्लादेश के जोर देने पर पीएम मोदी ने यूनुस से मिलने का फैसला किया. पिछले साल दिसंबर में यूनुस ने दिल्ली आने की ख्वाहिश जताई थी, लेकिन तब भारत ने ठंडा रुख दिखाया था.मोहम्मद यूनुस की चीन यात्रा ने भारत को चौकन्ना कर दिया है. उन्होंने वहां भारत के पूर्वोत्तर इलाकों, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश में "चीनी आर्थिक प्रभाव" बढ़ाने की बात कही थी. यह सुनकर भारत का माथा ठनका और उसे बांग्लादेश के भारत विरोधी रुख की आशंका होने लगी. दिल्ली को यूनुस की मंशा पर शक गहरा गया है, और इस मुलाकात को इस तनाव के बीच एक अहम कदम माना जा रहा है.
 
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भारत का UPI प्लान, बिम्सटेक में नया फंडा

बैंकॉक। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 2025 भारत की रणनीतिक और डिजिटल नेतृत्व क्षमताओं का प्रदर्शन बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के मंच से संगठन को भविष्य की ओर ले जाने वाले कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए। सबसे प्रमुख रहा- यूपीआई (UPI) को बिम्सटेक देशों में अपनाने का सुझाव। मोदी ने कहा कि डिजिटल भुगतान का यह प्लेटफॉर्म सीमाओं से परे जाकर वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। भूटान और नेपाल पहले ही इस प्रणाली से जुड़ चुके हैं, और बाकी सदस्य देशों को भी इससे जुड़ने का न्योता मिला।
इसके साथ ही भारत ने ‘बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा, जो क्षेत्रीय व्यापार, निवेश और उद्योग जगत के हितों को आगे बढ़ाने का एक साझा मंच बनेगा। पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि सदस्य देशों को सीमा पार व्यापार और स्टार्टअप सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में काम करना चाहिए।
भारत का यह रुख स्पष्ट करता है कि वह सिर्फ भागीदार नहीं, बल्कि बिम्सटेक को दिशा देने वाला लीडर बन चुका है। भारत की प्राथमिकताएं- डिजिटल अर्थव्यवस्था, व्यापारिक सहयोग, परिवहन कनेक्टिविटी, और शिक्षा व स्वास्थ्य में साझेदारी- अब संगठन के एजेंडे का हिस्सा बनती जा रही हैं।
भारत के इन प्रस्तावों को अन्य सदस्य देशों ने सकारात्मक रूप से लिया है, और माना जा रहा है कि इससे आने वाले वर्षों में बिम्सटेक क्षेत्र एक सशक्त आर्थिक और डिजिटल समूह बनकर उभरेगा।
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बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भारत का जलवा

बैंकॉक। बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन इस बार कुछ अलग था- आंकड़ों और एजेंडों से हटकर, यह भारत के डिजिटल आत्मविश्वास की झलक बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से जब यह कहा कि यूपीआई (UPI) को बिम्सटेक देशों के बीच साझा पेमेंट सिस्टम बनाया जाए, तो सिर्फ एक वित्तीय प्रस्ताव नहीं रखा गया, बल्कि भविष्य की एक संभावित डिजिटल यूनियन की नींव रख दी।
भारत ने सम्मेलन के दौरान जो दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, उसमें व्यापारिक जुड़ाव से कहीं अधिक एक आर्थिक आत्मनिर्भरता का संदेश था। पीएम मोदी ने न सिर्फ भारत की यूपीआई सफलता का ज़िक्र किया, बल्कि यह भी कहा कि "हम सिर्फ लेन-देन का प्लेटफॉर्म साझा नहीं कर रहे, बल्कि आपसी विश्वास की एक नई डिजिटल भाषा गढ़ रहे हैं।"
सम्मेलन में जब भूटान और नेपाल के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे पहले ही भारत के यूपीआई नेटवर्क से जुड़ चुके हैं, तो अन्य सदस्य देशों ने भी रुचि दिखाई। पीएम मोदी ने ज़ोर दिया कि UPI के ज़रिए सीमाएं मिट सकती हैं, और व्यापार से लेकर पर्यटन तक—हर मोर्चे पर सहयोग को गति मिल सकती है।
इसके साथ ही भारत ने साइबर सुरक्षा, स्टार्टअप सहयोग, फिनटेक इनोवेशन, और डिजिटल स्किल ट्रेनिंग जैसे कई क्षेत्रों में भी संयुक्त योजनाओं की बात की। मोदी सरकार की योजना यह है कि BIMSTEC क्षेत्र, जो अब तक सिर्फ भौगोलिक जुड़ाव से पहचाना जाता था, अब डिजिटल एकजुटता का मॉडल बने।
यूपीआई, जो भारत में एक आम मोबाइल ऐप की तरह दिखता है, अब एक डिप्लोमैटिक टूल बनता जा रहा है—यह बात सम्मेलन के समापन पर साफ हो गई।
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तनावपूर्ण संबंधों के बीच PM मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात

  • बिम्सटेक शिखर सम्मेलन
बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक की। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार पतन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता के बांग्लादेश की कमान संभालने के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।
बैठक के बाद, यूनुस के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट किया, "मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बैंकॉक, थाईलैंड में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के अवसर पर एक द्विपक्षीय बैठक में शामिल हुए।" शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन और उनके भारत भाग आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंध सहज नहीं रहे हैं।
यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों समुदाय पर हो रहे हमलों के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भारत ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश के साथ अपनी चिंताओं को बार-बार साझा किया है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में यूनुस चीन की यात्रा करके लौटे हैं। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने के बाद से यूनुस का रवैया चीन के प्रति खासा नरम रहा है।
बुधवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने यह संकेत दिया था कि बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है। रोहिंग्या और प्राथमिकता वाले मुद्दों पर मुख्य सलाहकार के उच्च प्रतिनिधि खलीलुर रहमान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने भारत से यह वार्ता (दोनों देशों के नेताओं के बीच) आयोजित करने का अनुरोध किया है... इस बैठक के होने की पर्याप्त संभावना है।"
तनावपूर्ण राजनीतिक माहौल के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर यूनुस को पत्र लिखा था। उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में यह पत्र लिखा और दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने रविवार (30 मार्च) को मस्कट में हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों के अपने समकक्षों के साथ कई बैठकें कीं।
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PM मोदी का भव्य स्वागत, मंत्रोच्चार और मोदी-मोदी के नारों से गूंजा थाईलैंड

थाईलैंड। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर थाईलैंड पहुंचे, जहां उनका स्वागत भव्य तरीके से किया गया। बैंकॉक एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए थाईलैंड के उपप्रधानमंत्री प्रसर्ट जंतररुआंगटों पहुंचे। पीएम मोदी के सम्मान में मंत्रोच्चार हुआ और भारतीय प्रवासियों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए, जिससे पूरा माहौल भारतीय संस्कृति के रंग में रंग गया। इस खास अवसर पर थाईलैंड की प्रसिद्ध रामायण 'रामकियेन' का विशेष प्रदर्शन किया गया
जिसे पीएम मोदी ने बड़े ध्यान से देखा। इसके अलावा, गरबा और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जिसमें व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा होगी। पीएम मोदी भारतीय समुदाय से भी संवाद करेंगे और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से मुलाकात करेंगे। यह दौरा दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाई देने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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ट्रंप की 'टैरिफ घोषणा' ने दुनिया को दी टेंशन, 5 प्वाइंट में समझें पूरा मामला?

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को टैरिफ को लेकर नई घोषणा की। उन्होंने तर्क दिया गया कि ये कदम अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मददगार साबित होंगे। ट्रंप के कार्यकारी आदेश के माध्यम से लगाए गए इन नए आयात करों से दुनिया भर में आर्थिक झटके लगने की उम्मीद है। हालांकि यूएस प्रेसिडेंट का मानना ​​है कि व्यापार असंतुलन को दूर करने, अमेरिकी नौकरियों और मैन्यूफैक्चरिंग की रक्षा के लिए ये जरूरी हैं।
क्या है ट्रंप की 'टैरिफ घोषणा' की बड़ी बातें :-
10% बेसलाइन टैरिफ-
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के भाषण से पहले व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति अमेरिका में सभी आयातों पर 'बेसलाइन' टैरिफ लगाएंगे।
यह दर 10% निर्धारित की गई है और 5 अप्रैल से लागू होगी
विदेशी सामान को अमेरिका में लाने वाली कंपनियों को सरकार को टैक्स का भुगतान करना होगा, हालांकि इसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
जिन देशों को बेसालाइन टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, इनमें शामिल हैं: यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, तुर्की, कोलंबिया, अर्जेंटीना, अल साल्वाडोर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब।
'सबसे बुरे अपराधियों' के लिए सीमा शुल्क/कस्टम टैरिफ-
व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि वे लगभग 60 'सबसे बुरे अपराधियों' पर विशिष्ट रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे। ये 9 अप्रैल से प्रभावी होंगे।
रेसिप्रोकल/पारस्परिक टैरिफ का मतलब है कि देशों पर वही शुल्क लगाया जाएगा जो वे अमेरिका पर लगाते हैं।
ट्रंप प्रशासन दलील है कि ये देश अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाते हैं, अमेरिकी व्यापार पर 'गैर-टैरिफ' बाधाएं लगाते हैं या ऐसे तरीके से काम करते हैं जो अमेरिकी आर्थिक लक्ष्यों को कमजोर करते हैं।
इन टैरिफ दरों के अधीन अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल हैं: यूरोपीय संघ: 20%, चीन: 54%, वियतनाम: 46%, थाईलैंड: 36%, जापान: 24%, कंबोडिया: 49%, दक्षिण अफ्रीका: 30%, ताइवान: 32%
कनाडा और मेक्सिको पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं-
10% की बेसलाइन दर कनाडा और मेक्सिको पर लागू नहीं होती। ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान इन दोनों देशों को पहले ही निशाना बनाया जा चुका है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि वह ट्रंप के पिछले कार्यकारी आदेशों में निर्धारित रूपरेखा का इस्तेमाल करके दोनों देशों से निपटेगा। अमेरिका में फेंटेनाइल के प्रवेश और सीमा मुद्दों के चलते वाशिंगटन ने दोनों देशों पर टैरिफ लगाया था।
ट्रंप ने पहले दोनों देशों से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ निर्धारित किया था, उसके बाद कुछ छूट और देरी की घोषणा की थी।
कार आयात पर 25% टैरिफ-
राष्ट्रपति ने एक नए अमेरिकी 'सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर 25% टैरिफ' की शुरुआत की पुष्टि की। यह टैरिफ स्थानीय समयानुसार आधी रात को लगभग तुरंत लागू हो गया।
भारत पर टैरिफ-
ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की। यह भारत द्वारा अमेरिकी आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क का आधा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऑटोमोबाइल आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है जिसका असर टाटा मोटर्स और संवर्धन मदरसन जैसे ऑटो शेयरों पर पड़ने की संभावना है।
टैरिफ विदेश से आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर है, और यह आमतौर पर उत्पाद के मूल्य का एक प्रतिशत होता है। विदेशी सामान खरीदने वाली कंपनियों को कर का भुगतान करना पड़ता है।
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अमेरिका के 26% टैरिफ से भारतीय निर्यातकों को चुनौती

नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 26% टैरिफ को लेकर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) ने कहा है कि यह भारतीय निर्यातकों के लिए एक चुनौती हो सकती है, लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति और निर्यात क्षमता मजबूत बनी हुई है।
FIEO के अनुसार, अमेरिका के इस नए टैरिफ का असर विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य निर्यात क्षेत्रों पर पड़ सकता है। हालांकि, भारत के निर्यातक नए बाजारों की तलाश और उत्पादन लागत को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही रणनीतियां बना रहे हैं।
संघ के अध्यक्ष अजय सहाय ने कहा कि भारत की वैश्विक व्यापारिक स्थिति पहले से बेहतर है और भारतीय उत्पादों की मांग दुनिया में बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से बातचीत कर सकती है, ताकि भारतीय उद्योगों को राहत मिल सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की उत्पादन क्षमताएं और विविध निर्यात बाजार इस टैरिफ के प्रभाव को कुछ हद तक संतुलित कर सकते हैं। वहीं, भारत- अमेरिका व्यापार संबंधों को देखते हुए आने वाले महीनों में इस पर और भी चर्चा हो सकती है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बैंकॉक में जोरदार स्वागत

बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बैंकॉक पहुंचे। उनका भारतीय प्रवासियों ने 'मोदी मोदी' और 'वंदे मातरम' के नारे लगातार गर्मजोशी से स्वागत किया। थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री सूरिया जुंगरुंगरेंगकिट सहित कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "बैंकॉक, थाईलैंड में उतरा। आगामी आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने, भारत और थाईलैंड के बीच सहयोग के बंधन को मजबूत करने के लिए उत्सुक हूं।"
प्रधानमंत्री मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं। वह 4 अप्रैल को क्षेत्रीय नेताओं के साथ सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी भारत-थाईलैंड संबंधों को मजबूत करने के लिए थाई नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। बैंकॉक में आगमन के बाद, प्रधानमंत्री का भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है, जिसमें वह भारत और थाईलैंड के बीच गहरे सांस्कृतिक, आर्थिक संबंधों को रेखांकित करेंगे।
इससे पहले, अपने प्रस्थान वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा के निमंत्रण पर, मैं आज थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा और छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो रहा हूं।" उन्होंने कहा, "पिछले दशक में, बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास, संपर्क, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक के केंद्र में है।" प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक नेताओं के साथ बातचीत के प्रति उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "मैं बिम्सटेक देशों के नेताओं से मिलने और हमारे सहयोग को और मजबूत करने के लिए रचनात्मक रूप से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं।"
बिम्सटेक एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के सात सदस्य देश शामिल हैं। दक्षिण एशिया से पांच (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका) और दक्षिण पूर्व एशिया से दो (म्यांमार और थाईलैंड)। यह समूह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण पुल के रूप में कार्य करता है। भारत इसका सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली सदस्य है, जो इसके एजेंडे को आकार देता है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है।
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अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप आज व्यापक टैरिफ लागू करने की घोषणा करेंगे

  • "कुछ टैरिफ पहले ही लागू किए जा चुके हैं"
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को व्यापक टैरिफ लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसे व्हाइट हाउस ने 'मुक्ति दिवस' ​​नाम दिया है। हालांकि अभी कई बात साफ नहीं है कि टैरिफ कैसा होगा और कब लागू होगा? यह भी स्पष्ट नहीं है कि टैरिफ का प्रभाव किस देश पर पड़ेगा? ऐसे में दुनिया की निगाहें ट्रंप की घोषणा पर टिकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप कह चुके हैं कि टैरिफ रेसिप्रोकल/पारस्परिक होंगे। इसका मतलब है कि देशों पर वही शुल्क लगाया जाएगा जो वे अमेरिका पर लगाते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि टैरिफ का प्रभाव किस देश पर पड़ेगा, या क्या वे सभी के लिए समान होंगे? लेकिन, एक बात स्पष्ट है कि अमेरिका में प्रवेश करने वाली कारों पर 25% का नया आयात कर 3 अप्रैल से लागू हो जाएगा और अगले कुछ महीनों में कार के पुर्जों पर भी यही टैक्स लगेगा।
कुछ टैरिफ पहले ही लागू किए जा चुके हैं। मार्च में अमेरिका में प्रवेश करने वाले सभी स्टील और एल्युमीनियम पर फ्लैट ड्यूटी को बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया। ट्रंप ने पहले ही चीन से आयातित सभी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 20% कर दिया। कनाडा और मैक्सिको से आने वाली कुछ वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा दिया। कनाडा ने टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम पर 25% शुल्क लगाया, जबकि चीन ने भी कुछ अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10-15% टैक्स लगाया।
ट्रंप का तर्क है कि टैरिफ से अमेरिकी मैन्युफैक्चरर को मदद मिलेगी क्योंकि इससे उपभोक्ता अमेरिका निर्मित सामान खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे। हालांकि विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इससे कीमतें बढ़ सकती हैं और व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है। यूरोपीय संघ (ईयू) का कहना है कि वह जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप अंतिम समय में बातचीत के लिए तैयार हैं, 'कुछ' देशों ने घोषणा की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ट्रंप को फोन किया है। टैरिफ विदेश से आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर है और यह आमतौर पर उत्पाद के मूल्य का एक प्रतिशत होता है। विदेशी सामान खरीदने वाली कंपनियों को कर का भुगतान करना पड़ता है।
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इज़राइल ने मोदी-नेतन्याहू की ‘घिबली’ फोटो शेयर की

वर्ल्ड : इज़राइल के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू की एक खास एडिटेड तस्वीर शेयर की गई, जो तेजी से वायरल हो रही है। यह तस्वीर जापानी एनीमेशन स्टूडियो 'घिबली' के स्टाइल में बनाई गई है, जिसमें दोनों नेताओं को एक एनीमे थीम में दिखाया गया है।
तस्वीर का मतलब क्या है?
इस तस्वीर को भारत-इज़राइल की मजबूत दोस्ती और डिजिटल डिप्लोमेसी के नए रूप के तौर पर देखा जा रहा है।
भारत-इज़राइल रिश्तों की झलक- यह तस्वीर दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है।
युवा जुड़ाव पर फोकस- स्टूडियो घिबली की लोकप्रियता को देखते हुए यह पोस्ट युवाओं को भी जोड़ने का जरिया बन सकती है।
राजनीतिक संबंधों का नया तरीका- अब कूटनीति पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर डिजिटल और पॉप कल्चर का हिस्सा बन रही है।
भारत-इज़राइल संबंध और नेतन्याहू-मोदी की दोस्ती
2017 में मोदी के ऐतिहासिक इज़राइल दौरे के बाद से दोनों नेताओं की दोस्ती और मजबूत हुई।
रक्षा, कृषि और साइबर सुरक्षा में भारत-इज़राइल का सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
नेतन्याहू और मोदी पहले भी सोशल मीडिया पर मजेदार पोस्ट और गर्मजोशी भरे संदेश साझा कर चुके हैं।
सोशल मीडिया पर कैसा रहा रिएक्शन?
तस्वीर वायरल होते ही ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्म पर लोगों ने इसे शानदार डिजिटल डिप्लोमेसी करार दिया।
कुछ लोगों ने इसे भारत-इज़राइल दोस्ती का नया प्रतीक बताया।
कुछ ने इसे मीम कल्चर से जोड़कर मजेदार प्रतिक्रियाएं दीं।
घिबली स्टूडियो के फैंस ने भी इस पर खास दिलचस्पी दिखाई।
क्या यह नया कूटनीतिक ट्रेंड बनेगा?
आज की डिजिटल डिप्लोमेसी में क्रिएटिव कंटेंट, मीम्स और आर्टवर्क का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। भारत और इज़राइल की यह दोस्ती अब सिर्फ राजनीतिक मंच तक सीमित नहीं रही, बल्कि सोशल मीडिया और पॉप कल्चर का भी हिस्सा बन रही है।
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