मां कालरात्रि की पूजा अर्चना आज
6. कात्यायनी- मां का छठवां रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है। इनका ध्यान गोधूली बेला में करना होता है।
4. कुष्मांडा- चतुर्थी के दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों, निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु व यश में वृद्धि होती है।
5. स्कंदमाता- नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।
3. चंद्रघंटा- मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है व आकर्षण बढ़ता है।
नवरात्रि के अवसर पर भक्तगण मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा करते हुए उनके अनुरूप भोग प्रसाद चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। आईये जानते हैं किस दिन किस माता को कौन सा भोग पसंद हैं-
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेशजी कई सारे लड्डुओं को लेकर चंद्रलोक से आ रहे थे, रास्ते में उनको चंद्रदेव मिले. गणेशजी के हाथों में ढेर सारे लड्डू और उनके बड़े उदर को देखकर चंद्र देव हंसने लगे. इससे गणपतिजी को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा कि तुम्हें अपने रूप पर बहुत घमंड है न जो मेरा उपहास उड़ाने चले हो, मैं तुमको क्षय होने का श्राप देता हूं.
झूठा सच @ रायपुर :- गजानन गणपति को समर्पित 10 दिनों तक चलने वाला महापर्व गणेश महोत्सव आने ही वाला है. 10 सितंबर शुक्रवार से इस महोत्सव का आगाज होगा और ये 19 सितंबर रविवार को अनंत चौदस तक चलेगा. हर साल इस गणेश उत्सव को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार को लेकर सबसे ज्यादा धूम महाराष्ट्र में होती है. चतुर्थी के दिन गणपति के भक्त ढोल नगाड़ों के साथ उन्हें अपने घर लेकर आते हैं.
झूठा सच @ रायपुर :- आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और मंगलवार का दिन है। अमावस्या तिथि आज सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक थी। उसके बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग गई है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है, लिहाजा आज भौमवती अमावस्या है।
झूठा सच @ रायपुर :- हिंदू धर्म में हरतालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका व्रत रखा जाता है. ये व्रत निर्जला और निराहर किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना होती है.ये त्योहार विशेषतौर से उत्तर भारत में मनाया जाता है. हरतालिका तीज के दिन लड़की के मायके से कपड़े, फल, फूल और मिठाई भेजी जाती है. आइए जानते हैं हरतालिका तीज से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में
झूठा सच @ रायपुर :- सूर्यदेव को ग्रहों का राजा माना जाता है. उन्हें कलयुग में एकमात्र दृश्य देवता के तौर पर भी पहचाना जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य देव का विशेष महत्व माना गया है. सूर्यदेव के नियमित पूजन से जीवन में शांति और खुशहाली आती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सुबह नहाने के बाद रोजाना सूर्य देवता को जल चढ़ाने और रोज सूर्य नमस्कार करने से जीवन में बड़ा बदलाव होता है. वैदिक काल में भी भगवान सूर्य नारायण की उपासना का उल्लेख किया गया है. धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है. महाभारत काल में रानी कुंती को सूर्य देव की कृपा से ही पहले पुत्र की प्राप्ति हुई थी. वहीं वेदों में सूर्य को जीवन, सेहत और शक्ति के देवता के तौर पर मान्यता है. सूर्यनारायण के सामने किए जाने वाले नमस्कार को सर्वांग व्यायाम भी कहा जाता है.
आज देशभर में धूम- धाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. भादों मास में श्री कृष्ण की पूजा का खास महत्व है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग पूरा दिन व्रत और पूजा करते हैं. इस साल श्रीकृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. हर साल जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.
झूठा सच @ रायपुर :- भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी माह की अष्टमी तिथि के दिन विष्णु जी के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। बलराम ने भगवान कृष्ण के बड़े भाई के रूप जन्म लिया था। बलराम जी को हलधर मतलब हलधारण करने वाले के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए उनकी जयंती को हल षष्ठी के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन हल की जुताई से उगे हुए अनाज नहीं खाए जाते हैं। इस साल बलराम जंयती 28 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं भगवान बलराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में....
भगवान विष्णु के शेषावतार बलराम का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी माह की अष्टमी तिथि के दिन विष्णु जी के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। बलराम ने भगवान कृष्ण के बड़े भाई के रूप जन्म लिया था। बलराम जी को हलधर मतलब हलधारण करने वाले के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए उनकी जयंती को हल षष्ठी के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन हल की जुताई से उगे हुए अनाज नहीं खाए जाते हैं। इस साल बलराम जंयती 28 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं भगवान बलराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में....
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