धान का कटोरा

राज्यपाल से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन संचालक ने की मुलाकात

  • राज्यपाल से विदेश मंत्रालय की उप सचिव ने की भेंट
रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका से शुक्रवार को यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) की संचालक श्रीमती जयश्री जैन ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को आजीविका मिशन के कार्यों से अवगत कराया। श्री डेका ने बिहान की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
इस अवसर पर ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी श्री आर के झा एवं श्रीमती मनीषा एलिस लकरा भी उपस्थित थे।
राज्यपाल से विदेश मंत्रालय की उप सचिव ने की भेंट
राज्यपाल श्री रमेन डेका से शुक्रवार को यहां राजभवन में विदेश मंत्रालय भारत सरकार की उप सचिव सुश्री बरखा ताम्रकार ने सौजन्य मुलाकात की।
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भगवान श्रीजगन्नाथ की रथ यात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

  • मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने की रथ खींचकर पूजा-अर्चना
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के विश्रामपुर नगर में शुक्रवार को आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब भगवान श्रीजगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी रही। इस ऐतिहासिक पर्व पर राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने स्वयं रथ की रस्सी खींचकर पूजा-अर्चना की और श्रद्धालुओं के बीच शामिल होकर पर्व की गरिमा को बढ़ाया।
रथ यात्रा की शुरुआत विश्रामपुर के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर परिसर से हुई, जहां मंत्रोच्चार और विधिवत पूजन के साथ रथ को रवाना किया गया। श्रीमती राजवाड़े ने भगवान श्रीजगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को नमन करते हुए नगरवासियों के साथ रथ खींचा और धार्मिक उत्सव का हिस्सा बनीं।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीजगन्नाथ की रथ यात्रा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह पर्व समर्पण, सेवा और सामाजिक एकता का संदेश देता है। मैं कामना करती हूं कि भगवान जगन्नाथ समस्त प्रदेशवासियों को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करें।
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बंदूक की राह नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प : CM विष्णुदेव साय

  • बीजापुर में 13 कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ थामा विकास का हाथ
रायपुर। बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही व्यापक मुहिम को शुक्रवार को एक बड़ी सफलता मिली। जिले में सक्रिय 23 लाख रुपए के इनामी 13 कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों में से दस पर ₹1 लाख से ₹8 लाख तक के इनाम घोषित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ट्वीट किया कि यह महत्वपूर्ण आत्मसमर्पण राज्य सरकार की "आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025" और "नियद नेल्ला नार योजना" की प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है, जिसके माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास का वातावरण और बदलाव की सकारात्मक लहर सृजित हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अब नक्सली भी यह समझने लगे हैं कि बंदूक की राह नहीं, बल्कि विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है। सरकार इन सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, कौशल उन्नयन एवं पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में  मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश से नक्सलवाद के समूल उन्मूलन के लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार पूर्णतः संकल्पबद्ध है।
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मुख्यमंत्री साय ने स्वर्गीय श्रीमती बसंती पैंकरा को अर्पित की विनम्र श्रद्धांजलि

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय शुक्रवार को जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम कोकियाखार पहुंचकर
विधायक श्रीमती गोमती साय की माता स्वर्गीय श्रीमती बसंती पैंकरा के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्वर्गीय श्रीमती बसंती पैंकरा के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनके शोक-संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी गहरी संवेदना प्रकट की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
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परंपरागत श्रद्धा-भक्ति और उल्लास के वातावरण में निकाली गई भव्य रथयात्रा

  • भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा से मौसीबाड़ी पहुंचे, 9 वें दिन होगी भव्य वापसी
  • मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रथयात्रा में हुए शामिल, निभाई छेरा-पहरा की रस्म 
रायपुर। जशपुर ज़िले के ऐतिहासिक एवं प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा में इस वर्ष भी रथयात्रा महोत्सव का आयोजन परंपरागत श्रद्धा, भक्ति और भव्यता के साथ किया गया। मंदिर से रथ यात्रा के रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय ने जगन्नाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने झाडू से रथयात्रा के मार्ग को बुहारकर छेरा-पहरा की रस्म निभाई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने हजारों श्रद्धालुओं के साथ भक्तिभावपूर्वक रथ यात्रा में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के रथ को रस्सी खींचकर आगे बढ़ाया। पूरा वातावरण जय जगन्नाथ के जयघोष, भजन-कीर्तन और भक्तिमय उल्लास से गूंज उठा। रथ यात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए मौसीबाड़ी पहुंची। भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा नौ दिनों तक अपनी मौसी के घर मौसीबाड़ी में विराजमान रहेंगे। नौवें दिन 5 जुलाई को शुभ वापसी श्री जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में होगी। यह आयोजन ओडिशा के पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित किया गया है।
दोकड़ा में सन् 1942 से जारी है रथ यात्रा की परंपरा
रथ यात्रा की शुरुआत दोकड़ा में वर्ष 1942 में हुई थी। इसकी शुरूआत स्वर्गीय श्री सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय श्रीमती सुशीला सतपथी द्वारा श्रद्धा और समर्पण के साथ की गई थी। तब से यह परंपरा निरंतर श्रद्धा और उत्साह के साथ निर्विघ्न रूप से जारी है। समय के साथ यह आयोजन अब एक भव्य धार्मिक मेले का रूप ले चुका है, जिसमें श्रद्धालुओं की विशाल सहभागिता देखने को मिलती है।
रथ यात्रा के पावन अवसर पर ओडिशा से आमंत्रित कीर्तन मंडलियों ने भक्ति संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा। साथ ही रथ यात्रा में अनेक धार्मिक एवं सांस्कृतिक झांकियां भी शामिल रहीं, जो भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा और हमारी सांस्कृतिक विविधता की भव्यता को अत्यंत आकर्षक रूप में प्रदर्शित कर रही थीं।
नौ दिनों तक चलेगा धार्मिक पर्व
श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा के सदस्यों ने बताया कि रथ यात्रा महापर्व नौ दिवसीय भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर परिसर और दोकड़ा गांव पूरे श्रद्धा और उत्साह से सराबोर रहता है। पूरे महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, संगीतमय प्रस्तुतियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जो पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक रंगों से भर देता है।
रथ यात्रा के उपलक्ष्य में दोकड़ा में एक विशाल मेले का भी आयोजन किया गया है, जो इस उत्सव की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है। मेला परिसर में मनोरंजन के लिए झूले, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल, पारंपरिक हस्तशिल्प की दुकानें और अन्य आकर्षण मौजूद हैं।  जो सभी के लिए आनंद का केंद्र बनते हैं। यह आयोजन आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम है।
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रक्त शक्ति महा अभियान में एक ही दिन में जिले की 51727 महिलाओं का एचबी जांच के लिए जीपीएम जिला गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हुआ शामिल

  • अभियान की सफलता पर सरकारी अमले सहित जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और मीडिया को कलेक्टर ने दी बधाई
गौरेला पेंड्रा मरवाही। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को शामिल करते हुए कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी के नेतृत्व में 26 जून को जिले में चलाए गए रक्त शक्ति महा अभियान में एक ही दिन में जिले की 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 51727 महिलाओं का हीमोग्लोबीन (एचबी) जांच कराने पर जीपीएम जिला गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो गया है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की स्टेट हेड श्रीमती सोनल राजेश शर्मा ने आज एसेम्बली हॉल मल्टीपरपज स्कूल पेण्ड्रा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा करते हुए कलेक्टर को प्रमाण पत्र प्रदान किया। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की स्टेट हेड श्रीमती सोनल राजेश शर्मा ने स्वस्थ समाज के निर्माण में इस उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला प्रशासन को शुभकामनाएं दी।
कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्त शक्ति महा अभियान की सफलता की जानकारी दी। उन्होंने जीपीएम जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल इस जिले में महिलाओं में एनीमिया का प्रभाव रहा है। शरीर में रक्त की कमी होने से बहुत सारी समस्याएं होती है। जिले की महिलाओं में एचबी की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिए रक्त शक्ति महा अभियान को मूर्त रूप दिया गया। इस अभियान में स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही जिला स्तर से लेकर मैदानी स्तर के सभी विभागों के अमले की सेवाएं ली गई। इस अभियान में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और मीडिया की सहभागिता से एक ही दिन में जिले की 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 51727 महिलाओं की एचबी जांच किया गया। अभियान में मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्व सहायता समूह की महिलाएं, पंचायत सचिव, पटवारी, कोटवार, ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारियों ने समर्पण भाव से कार्य किया।
कलेक्टर ने कहा कि एचबी की कमी कोई बीमारी नहीं है। इसे हरी पत्तेदार साग सब्जी, ताजे फल, प्रोटीन युक्त भोजन, खान पान में सुधार करके पूर्ति किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभियान में किए गए एचबी जांच में एनीमिक महिलाओं के आंकड़े अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। जांच केंद्रों में संधारित पंजियों से आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं, जिनका एचबी स्तर 7 ग्राम से कम है, उनके लिए पृथक से कार्य योजना बनाकर लाभान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए पड़ोसी जिलों से भी सहयोग लिया गया। रक्त शक्ति महा अभियान की कार्य योजना और सफलता पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामेश्वर शर्मा और जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अमित सिन्हा ने भी विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर अपर कलेक्टर नम्रता आनंद डोंगरे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य, संयुक्त कलेक्टर दिलेराम डाहिरे, एसडीएम पेण्ड्रारोड ऋचा चंद्राकर एवं एसडीएम मरवाही प्रफुल्ल रजक, विभिन्न विभागों के जिला, अनुविभाग एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.आई.टी.) के डॉ. व्यास निदेशक नियुक्त

रायपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री रमेन डेका द्वारा प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश व्यास को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.आई.टी.) नवा रायपुर अटल नगर, जिला रायपुर छत्तीसगढ़ का निदेशक नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल द्वारा उनकी नियुक्ति अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.आई.टी.) विश्वविद्यालय अधिनियम, 2013 (संशोधन अधिनियम, 2014 एवं 2015) की धारा 20(2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। डॉ. व्यास का कार्यकाल, परिलब्धियां तथा सेवा शर्ते विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होगी। इस संबंध में आज राजभवन सचिवालय से आदेश जारी किया गया है। वर्तमान में प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश व्यास, अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.आई.टी.) प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) में डीन के पद पर कार्यरत हैं।
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बिजली बिल शून्य करने में मददगार, सोलर पावर से हो रही बचत और पर्यावरण संरक्षण

महासमुंद। केन्द्र एवं राज्य सरकार की महती योजना प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना ने न सिर्फ लोगों के बिजली बिल को शून्य किया है, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाया है। इस योजना के माध्यम से लोग न केवल ऊर्जा के खर्च से मुक्त हो रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब वे हर माह बिजली बिल भुगतान की झंझट से मुक्ति पा चुके हैं। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर जिले में अभी तक 142 सोलर कनेक्शन सफलतापूर्वक स्थापित किए जा चुके हैं।
महासमुंद के कौशिक कॉलोनी निवासी एवं रिटायर्ड बैंक मैनेजर लक्ष्मीकांत पाणिग्रही ने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर 6 किलोवाट का रूफटॉप सोलर प्लांट लगाया है। इस प्लांट की कुल लागत लगभग 3.15 लाख रुपये आई, जिसमें से 78,000 रुपये की सब्सिडी उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से प्राप्त हुई। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया, पहले हर महीने मुझे सामान्य दिनों में 6,000 रुपये और गर्मियों में 12,000 रुपये तक का बिजली बिल चुकाना पड़ता था, लेकिन अब मेरा बिजली बिल शून्य आ रहा है। यह योजना न सिर्फ बचत करवा रही है, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा कर रही है।
इसी तरह हाउसिंग बोर्ड निवासी एवं शिक्षिका ज्योति विश्वाश ने भी 3 किलोवाट का सोलर पैनल अपने घर की छत पर स्थापित किया। उन्होंने बताया सोलर पैनल लगते ही सिर्फ 15 दिनों में मेरा बिजली बिल शून्य हो गया। पहले हर महीने 3,000 रुपये तक का बिल आता था, अब बिजली बिल की कोई चिंता नहीं है। साथ ही 24 घंटे निर्बाध बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना से मुझे न सिर्फ मासिक बिजली बिल से मुक्ति मिली, बल्कि बारिश के दिनों में होने वाली आपदा की स्थिति में बिजली बंद की चिंता भी खत्म हो गई है।
विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता पी.आर. वर्मा ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना के तहत, 142 परिवार न सिर्फ ऊर्जा बचा रहे हैं, बल्कि अपनी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पंजीयन कार्य जारी है।
उल्लेखनीय है कि सोलर प्लांट को विद्युत ग्रिड से जोड़ा जाता है। यदि उपभोक्ता जरूरत से अधिक बिजली पैदा करता है, तो अतिरिक्त बिजली ग्रिड को सप्लाई कर सकता है, जिससे अतिरिक्त आय भी मिलती है। सरकार द्वारा एक किलोवाट वाले प्लांट पर 30 हजार रुपए सब्सिडी, 2 किलोवाट वाले प्लांट पर 60 हजार रुपए सब्सिडी एवं 3 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले प्लांट पर 78,000 रुपये तक की सब्सिडी का प्रावधान है। जो कनेक्शन के लगते ही 15 से 30 दिन के भीतर प्राप्त हो जाता है।
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कैबिनेट की बैठक 30 जून को, नए चीफ सेक्रेटरी की होगी नियुक्ति

रायपुर। कैबिनेट की बैठक 30 जून को होगी। इस बैठक में मौजूदा सीएस अमिताभ जैन को विदाई दी जाएगी। साथ ही नए सीएस के परिचय की औपचारिकता निभाई जाएगी। आईएएस के 89 बैच के अफसर अमिताभ जैन प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले सीएस हैं। वो चार साल से अधिक सीएस के पद पर रहे। उनके रिटायरमेंट होने के बाद मुख्य सूचना आयुक्त बनने की चर्चा है। इससे परे नए सीएस को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक आज-कल में इसको लेकर फैसला होने की उम्मीद है। सीएस के पद के लिए 91 बैच की रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू के अलावा 94 बैच के अफसर एसीएस मनोज पिंगुवा, और रिचा शर्मा के नाम चर्चा है। इसके अलावा केन्द्र सरकार में सचिव 93 बैच के अफसर अमित अग्रवाल का नाम भी चर्चा में हैं। कहा जा रहा है कि सीएम विचार मंथन के बाद नए सीएस के नाम पर मुहर लगाएंगे।
नए सीएस का 30 जून को सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक में परिचय दिया जाएगा। साथ ही निवर्तमान सीएस अमिताभ जैन को बिदाई दी जाएगी। इसके साथ ही कुछ और तबादला आदेश जारी हो सकते हैं।
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सपरिवार श्री जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर। सांसद बृजमोहन अग्रवाल सपरिवार श्री जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल हुए। प्रभु श्री जगन्नाथ जी की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की। जैसे-जैसे महाप्रभु का रथ आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे हमारी आस्था, संस्कार और शुभ संकल्पों की यात्रा भी निरंतर आगे बढ़े, यही कामना है।
ओडिशा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में होती है रथ यात्रा
रथ यात्रा के लिए भारत में ओडिशा राज्य प्रसिद्ध है। ओडिशा का पड़ोसी राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ में भी इस उत्सव का व्यापक प्रभाव है। आज निकाली गई रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के पुजारी के अनुसार उत्कल संस्कृति और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच यह एक अटूट साझेदारी का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण तीर्थ है, जहां से वे जगन्नाथ पुरी में स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के प्रेमपूर्वक अर्पित मीठे बेर ग्रहण किए थे। यहां वर्तमान में नर-नारायण का भव्य मंदिर स्थापित है।
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ग्रामीणों ने बाइक चोरों को रस्सी से बांध कर दी तालिबानी सजा

  • पुलिस ने युवकों को किया गिरफ्तार
बलरामपुर। दो बाइक चोरों को पकड़कर ग्रामीणों ने ऐसी सजा दी कि उन्हें ताजिंदगी यह वाकया याद रहेगा।बलरामपुर जिले के चांदों थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खजुरियाडीह गांव से एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि गांव में दो बाइक चोरों को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने अपनी तरह से कानून का पाठ पढ़ाते हुए चोरों को बाइक से बांध दिया और बीच सड़क पर उनकी जमकर पिटाई कर दी।
इस घटना के वायरल वीडियो में नजर आया कि चोरों को बाइक पर लिटा कर उसी बाइक से बांध दिया गया है, जिसे वे चुराने की कोशिश कर रहे थे। स्थानीय लोगों का गुस्सा देखते ही बनता था, क्योंकि क्षेत्र में लगातार बढ़ती चोरी की घटनाओं ने ग्रामीणों को परेशान कर रखा है।
इस वीडियो के वायरल होते ही पुलिस एक्शन में आई और दोनों युवकों को गिरफ्तार कर थाने ले गई। साथ ही पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि कोई भी इस तरह  कानून अपने हाथ में न ले। वहीं बाइक चोरी की घटना को लेकर युवकों को इस तरह दी गई तालिबानी सजा के वीडियो ने कानून व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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मेकाहारा अस्पताल में सुरक्षा गार्ड द्वारा सोई हुई महिला के साथ अश्लील हरकत

  • ब्लाउज में हाथ डालकर महिला का पर्स और मोबाइल निकाला
  • पुलिस ने आरोपी गार्ड को किया गिरफ्तार
रायपुर। राजधानी के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल परिसर स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में एक सुरक्षा गार्ड द्वारा महिला से चोरी और अश्लीलता करने का मामला सामने आया है। यह पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई है, जिससे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं।
पूरा मामला बुधवार की देर रात लगभग 12 बजे का बताया जा रहा है। एसीआई अस्पताल के आईसीयू कॉरिडोर में एक मरीज की महिला परिजन सोई हुई थी। महिला ने बताया वह गहरी नींद में थी तभी गार्ड ने उसके ब्लाउज में हाथ डालकर पर्स और मोबाइल निकाल लिया। पूरी घटना कॉरीडोर लगे में सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में स्पष्ट देखी जा सकती है कि आरोपी कैसे दबे पांव महिला के पास पहुंचा और मौका देखकर महिला के ब्लाउज में हाथ डालकर उसका पर्स और मोबाइल निकाल लिया।
मामले में अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत ही प्रारंभिक जांच शुरू कर गार्ड की पहचान करने के बाद घटना का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दिया। जिसके बाद महिला द्वारा एफआईआर की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद पुलिस ने आरोपी गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि गार्ड की पहचान कर ली गई है और प्रबंधन ने तुरंत प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। बहरहाल, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि आईसीयू जैसी संवेदनशील जगह पर ऐसी घटना होना चौंकाने वाली बात है।
 
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PMGYC के तहत बनी 65 लाख की सड़क का हाल 3 महीनें में खस्ता

रायपुर। गरियाबंद ब्लॉक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत महज 65 लाख रुपए की लागत से बनी रक्शा से कमारपारा तक की डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क चंद महीनों में ही उखड़ने लगी है। जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान के तहत बनी इस सड़क की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि, ठेकेदार बाफना कंस्ट्रक्शन ने सड़क निर्माण में डामर और बजरी का उपयोग कम किया है, जिसके कारण सड़क जल्दी टूटने लगी है। स्थानीय निवासियों ने इस निर्माण को भ्रष्टाचार कहना शुरू कर दिया है, उन्होंने प्रशासन से जवाब और कार्रवाई की मांग की है।
पीएमजीएसवाई के स्थानीय अधिकारी किसी भी सवाल का जवाब देने से बचते रहे हैं। कहा जा रहा है कि इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से ही ऐसी गुणवत्ताहीन सड़क का निर्माण हुआ है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले देवभोग ब्लॉक में करीब 16 करोड़ की लागत से बनी एक अन्य सड़क की भी नियमों की अनदेखी के कारण हालत खस्ता है।
ग्रामीणों का कहना है सड़क निर्माण से संबंधित अधिकारी और ठेकेदारों के खिलाफ केंद्र और राज्य स्तर पर प्रभावशाली जांच कराई जाए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस सड़क की बदहाल स्थिति यह स्पष्ट करती है कि निर्माण में भ्रष्टाचार लिप्त है लेकिन सरकारी जांच में दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई कर दोषियों द्वारा ही मरम्मत या सामर्थ्यवान पुनर्निर्माण तुरंत शुरू कराया जाना चाहिए।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में हुए शामिल

  • छेरापहरा की रस्म अदायगी कर मांगा प्रदेशवासियों के लिए आशीर्वाद
रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय  आज गायत्री नगर रायपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए। राज्यपाल श्री डेका एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर ‘छेरा-पहरा‘ की रस्म निभाई। राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी ने श्री जगन्नाथ जी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। 
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित रथ यात्रा में शामिल हुए। रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में विशेष विधि-विधान के साथ महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली गई। रथ यात्रा प्रारंभ करने से पूर्व भगवान की प्रतिमाओं को मंदिर से रथ तक लाया गया और मार्ग को सोने की झाड़ू से स्वच्छ किया गया। इस परंपरा को छेरापहरा कहा जाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी प्रदेशवासियों को रथ यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व ओडिशा के लिए जितना बड़ा उत्सव है, उतना ही बड़ा उत्सव छत्तीसगढ़ के लिए भी है। श्री साय ने कहा कि भगवान जगन्नाथ किसानों के रक्षक हैं। उन्हीं की कृपा से वर्षा होती है, धान की बालियों में दूध भरता है और किसानों के घरों में समृद्धि आती है। मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ में भरपूर फसल हो। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा से मेरी विनती है कि वे हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें और हमें शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की ओर अग्रसर करें।
मुख्यमंत्री ने सोने की झाड़ू से छेरापहरा की रस्म निभाई
राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में पुरी की रथ यात्रा की तर्ज पर यह पुरानी परंपरा निभाई जाती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छेरापहरा की रस्म पूरी करते हुए सोने की झाड़ू से मार्ग बुहारकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया। इसके उपरांत उन्होंने भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को रथ तक ले जाकर विराजित किया।
ओडिशा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में होती है रथ यात्रा
रथ यात्रा के लिए भारत में ओडिशा राज्य प्रसिद्ध है। ओडिशा का पड़ोसी राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ में भी इस उत्सव का व्यापक प्रभाव है। आज निकाली गई रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के पुजारी के अनुसार उत्कल संस्कृति और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच यह एक अटूट साझेदारी का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण तीर्थ है, जहां से वे जगन्नाथ पुरी में स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के प्रेमपूर्वक अर्पित मीठे बेर ग्रहण किए थे। यहां वर्तमान में नर-नारायण का भव्य मंदिर स्थापित है।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री धर्मलाल कौशिक सहित अन्य गणमान्य नागरिक तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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महिला रक्षा टीम ने छात्र-छात्राओं को सिखाया आत्म सुरक्षा के गुर

दुर्ग। जिले में चलाएं जा रहे ऑपरेशन विश्वास के तहत महिला रक्षा टीम दुर्ग द्वारा जिले के विभिन्न स्कूलों में जाकर नशा का उपयोग करने से होने वाली क्षति ,दुर्घटना के संबंध में एवं नशा करने से मुक्त होने के बारे में जानकारी दी जाकर, छात्र छात्राओं को शिक्षक शिक्षिकाओं को एवं उपस्थित अन्य स्टाफ को जागरुक किया गया।
साथ ही साथ महिला संबंधित अपराध, सायबर संबंधित अपराध एवं छात्राओं को छेड़छाड़ संबंधी अपराध तथा पाक्सो एक्ट के बारे में जानकारी दी गई अभिव्यक्ति के बारे में बताया जाकर उपस्थित शिक्षक शिक्षिकाओं को अभिव्यक्ति एप डाउनलोड कराया गया , छात्र-छात्राओं को आवश्यक इमरजेंसी नंबर *112* 9479192099* की जानकारी दी जाकर अपनी निजी जानकारी अनजान व्यक्तियों से शेयर नहीं करने एवं सोशल मीडिया का सेफ्टी फीचर के साथ उपयोग एवं *1930* इमरजेंसी नम्बर के बारे में बताया गया।
अपने मोबाइल पर महत्वपूर्ण नम्बर को सुरक्षित रखने साथ ही साथ अपने पास रखें सामान जैसे - पेन , बैग,मोबाइल ,पानी की बॉटल, चाबी एवं हेयर पिन से अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं इसके संबंध में आत्म सुरक्षा के गुर सिखाए गए ,जिसमें दुर्ग जिले के *आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल श्रीराम चौक खुर्सीपार, आत्मानंद पंडित जवाहरलाल नेहरू स्कूल खुर्सीपार, आत्मानंद स्कूल छावनी कैंप 1, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जॉन 2 खुर्सीपार, निर्मला रानी इंग्लिश मीडियम स्कूल खुर्सीपार*, कार्यक्रम को सफल बनाने में नशा मुक्ति केंद्र कल्याणी संस्था एवं महिला रक्षा टीम के सदस्य भी उपस्थित थे।
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अभिषेक दुबे ने कवि पिता सुरेंद्र दुबे को दी मुखाग्नि

  • अंतिम यात्रा में कवि कुमार विश्वास, कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे , मंत्री, विधायक और बीजेपी-कांग्रेस के नेता शामिल हुए
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जाने माने प्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। मारवाड़ी शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार हुआ। बेटे अभिषेक दुबे ने उन्हे मुखाग्नि दी। बता दें कि, हार्टअटैक से बीते गुरुवार को उनका निधन हुआ था। एसीआई में उपचार के दौरान उनका निधन हुआ है। अंतिम यात्रा में कवि कुमार विश्वास, कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे , मंत्री, विधायक और बीजेपी-कांग्रेस के नेता शामिल हुए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, वरिष्ठ मंत्री राम विचार नेताम, गृहमंत्री विजय शर्मा, मंत्री ओपी चौधरी और कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह भी मौजूद है.
पद्मश्री सुरेंद्र दुबे न सिर्फ छत्तीसगढ़ के ​कवि थे बल्कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े कवि के रूप में भी जाने जाते थे। कवि होने के साथ-साथ वे आयुर्वेदिक चिकित्सक भी थे। सुरेंद्र दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को छत्तीसगढ़ में दुर्ग के बेमेतरा में हुआ था। उन्होंने कई किताबें भी लिखी।
वह कई मंचों और टेलीविजन शो पर दिखाई देते रहे हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह 2008 में काका हाथरसी हास्य रत्न पुरस्कार भी प्राप्त किए थे।
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गायत्री नगर पहुंचे CM साय रथ यात्रा महोत्सव में हुए शामिल

रायपुर। गायत्री नगर पहुंचे CM विष्णुदेव साय रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए. सुबह से मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके भाई भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन कर आशीर्वाद लेने श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है.
देवभोग की तरह महासमुंद में भी सुबह से भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की धूम मची हुई है. सुबह से पिथौरा नगर स्थित प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. जानकारों के मुताबिक, पिथौरा का भगवान जगन्नाथ मंदिर लगभग 115 वर्ष पुराना है. आज भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलदाऊ और बहन माता सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर मौसी के घर जाएंगे, जहां वे 15 दिनों तक विश्राम करेंगे.
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चुनाव आयोग ने 345 पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों को सूची से हटाने शुरू की कार्यवाही

रायगढ़। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में तथा निर्वाचन आयुक्तगण डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 345 पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों (RUPPs) को डीलिस्ट (सूची से हटाने) करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये वे दल हैं जो वर्ष 2019 से पिछले छह वर्षों में एक भी निर्वाचन में भाग लेने में असफल रहे हैं और जिनके कार्यालय भौतिक रूप से कहीं भी स्थित नहीं पाए गए।
इन 345 पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों (RUPPs) का संबंध देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से है। आयोग के संज्ञान में आया है कि वर्तमान में पंजीकृत 2800 से अधिक पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों (RUPPs) में से कई दल आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं, जो RUPP बने रहने के लिए जरूरी हैं।
इसलिए, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक राष्ट्रव्यापी अभ्यास किया गया जिसमें अब तक 345 ऐसे दलों की पहचान की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी दल को अनुचित रूप से डीलिस्ट न किया जाए, संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें। इसके बाद, इन दलों को संबंधित सीईओ द्वारा सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। किसी भी RUPP को डीलिस्ट करने का अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।
भारत में राजनीतिक दलों (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत अप्रमाणित) का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के अंतर्गत किया जाता है। इस प्रावधान के तहत, कोई भी संघ एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने पर कर छूट जैसी कुछ विशेष सुविधाएं प्राप्त करता है। यह अभ्यास राजनीतिक प्रणाली की सफाई और ऐसे दलों की डीलिस्टिंग के उद्देश्य से किया गया है जो 2019 के बाद से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं या उप निर्वाचनों में भाग नहीं ले सके हैं और जिन्हें भौतिक रूप से खोजा नहीं जा सका है। इस प्रक्रिया के पहले चरण में 345 RUPPs की पहचान की गई है और यह अभियान राजनीतिक प्रणाली को स्वच्छ करने के उद्देश्य से आगे भी जारी रहेगा।
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