हिंदुस्तान

PM नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनके 55वें जन्मदिन पर शुभकामानएं दीं। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। ईश्वर उन्हें दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्रदान करें।“
वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। सामाजिक न्याय के प्रति आपकी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता ने राजनीतिक विमर्श को नई दिशा प्रदान की है। आप समाज के हर वर्ग की प्रगति के लिए जो प्रयास कर रहे हैं और जिन बदलावों की अपेक्षा रखते हैं, उनमें आपको अपार सफलता मिले, यही मेरी दिल से की गई कामना है। साथ ही, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आने वाला वर्ष आपके लिए सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "लोकसभा में नेता विपक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मैं ईश्वर से आपके अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु व यशस्वी जीवन की प्रार्थना करता हूं।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके स्वस्थ, सफल, सुखद, दीर्घायु एवं मंगलमय जीवन की कामना करता हूं। आप पर ईश्वर की कृपा अनवरत बनी रहे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "राहुल गांधी सिर्फ राजनेता ही नहीं, नफ़रत के इस दौर में मोहब्बत का विचार हैं, वह उस विश्वास की धड़कन हैं जो इस देश के हर वर्ग के न्याय, समानता और समान भागीदारी के लिए धड़क रही है। जहां विभाजन की आहट है, वहां आप एकता की आवाज़ हैं। यदि किसी को डराया जाता है, तो उसके साथ आप निर्भयता से खड़े होते हैं। अगर सच्चाई पर पहरे लगाए जाते हैं, तब आप सच के प्रहरी बन जाते हैं। आपके अंदर जो संवेदना, साहस और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्धता है, वह हम सबके लिए प्रेरणादायी एवं अनुकरणीय है। वंचितों की उम्मीद, किसानों की आशा, युवाओं की प्रेरणा, मेरे पथप्रदर्शक एवं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। देवभूमि हिमाचल प्रदेश के समस्त देवी-देवताओं से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं मंगलमय जीवन की कामना करता हूं।"
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लेह जा रही इंडिगो फ्लाइट की तकनीकी खराबी के बाद इमरजेंसी लैंडिंग

  • दिल्ली में उतारा गया विमान
नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुई दुर्घटना के बाद से देश में विमानों की लगातार आपात लैंडिंग देखने को मिल रही है। गुरुवार सुबह दिल्ली से लेह जाने वाली इंडिगो फ्लाइट 6ई 2006 की तकनीकी कारणों से इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। फ्लाइट में मौजूद सभी यात्री सुरक्षित हैं।
जानकारी के मुताबिक, इंडिगो की फ्लाइट में चालक दल के सदस्यों समेत करीब 180 लोग सवार थे। गुरुवार सुबह फ्लाइट ने दिल्ली से लेह के लिए उड़ान भरी। लेह पहुंचने से कुछ देर पहले तकनीकी गड़बड़ी का पता चला। विमान लेह पहुंचने के कुछ ही देर बाद वापस लौट आया और सुरक्षित तरीके से दिल्ली में उतर गया। फिलहाल आधिकारिक तौर पर उस तकनीकी खराबी की जानकारी सामने नहीं आई है।
बुधवार को इंडिगो की एक फ्लाइट को रद्द करना पड़ा। फ्लाइट 6ई 6101 भुवनेश्वर से कोलकाता के लिए रवाना होनी थी। हालांकि उड़ान भरने से कुछ मिनट पहले फ्लाइट को रद्द कर दिया गया। इसका कारण भी विमान में तकनीकी खराबी बताया गया।
इससे पहले दो जून को रांची में इंडिगो का एक विमान गिद्ध से टकराया था, जिसके कारण आपात लैंडिंग करानी पड़ी। पटना से कोलकाता वाया रांची की फ्लाइट करीब 3-4 हजार फीट की ऊंचाई पर थी। उसी समय एक गिद्ध उससे टकराया। टक्कर के बाद विमान करीब 40 मिनट तक हवा में रहा। इंडिगो की इस फ्लाइट में क्रू मेंबर्स समेत 175 यात्री सवार थे।
पक्षी से टक्कर के बाद यात्री दहशत में थे। विमान के क्रू मेंबर ने उन्हें भरोसा दिलाया। पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए प्लेन की रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर सुरक्षित तरीके से लैंडिंग कराई। हालांकि बाद में टक्कर से विमान को कितनी क्षति हुई, इंजीनियर्स की टीम ने इसका आकलन किया। रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पक्षियों की वजह से विमान के उड़ान में बाधा में ये कोई पहली घटना नहीं है। 8 मई को भी दिल्ली-रांची एयर इंडिया एक्सप्रेस (आईएक्स 116) के विंग में कबूतर फंस जाने के कारण खराबी आई थी। लैंडिंग के बाद तकनीकी खराबी का पता चला था।
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ऑपरेशन सिंधु : ईरान में फंसे 110 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचा विमान

  • लौटे छात्र बोले- "वहां स्थिति बेहद खराब"
  • ईरान से भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए जाएगा एक और विमान
नई दिल्ली। मिडिल ईस्ट में बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत जम्मू और कश्मीर के 90 छात्रों सहित 110 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था गुरुवार की सुबह नई दिल्ली पहुंचा। छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते निकाला गया, जिसमें ईरान और आर्मेनिया में लोगों को भारतीय मिशन की देखरेख में सड़क मार्ग से अर्मेनियाई राजधानी येरेवन तक पहुंचाया गया। अपने देश सुरक्षित लौटने के बाद इन सभी ने भारत सरकार, ईरान और आर्मेनिया में भारतीय दूतावासों को 'धन्यवाद' दिया।
'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान से सफलतापूर्वक निकाले गए 110 भारतीय नागरिकों को लेकर पहली उड़ान नई दिल्ली पहुंची है। सभी भारतीय नागरिकों को इंडिगो की उड़ान '6ई 9487' से दिल्ली लाया गया। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हवाई अड्डे पर निकाले गए भारतीय नागरिकों का स्वागत किया।
ईरान के उर्मिया मेडिकल विश्वविद्यालय से 110 भारतीय छात्रों को लेकर उड़ान नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर उतरी। नई दिल्ली पहुंचे भारतीयों का स्वागत करने के बाद, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "हमारे पास विमान तैयार हैं। हम आज एक और विमान भेजेंगे। हम तुर्कमेनिस्तान से कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं। आज एक और विमान जाएगा और हमारे मिशन ने निकासी के किसी भी अनुरोध के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन खोली है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, हम ईरान से सभी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और अधिक विमान और अधिक चार्टर्ड उड़ानें भेजेंगे।"
ईरान-इजरायल में बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच ईरान से निकाले जाने के बाद कई भारतीय छात्रों ने नई दिल्ली पहुंचने के बाद अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए बताया, "स्थिति बेहद खतरनाक थी। हम डरे हुए थे। हमने ड्रोन देखे, घायल लोग देखे। इंटरनेट बंद था, कुछ भी काम नहीं कर रहा था, लेकिन भारत सरकार हमें सुरक्षित घर ले आई। उन्हें सलाम है, उन्होंने एक अविश्वसनीय कदम उठाया है। हमें वास्तव में गर्व है। हम भारतीय हैं, और भारत ने हमें सुरक्षित बाहर निकाला।"
ईरान और आर्मेनिया में भारतीय दूतावास के साथ-साथ नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए, भारत लौटे एक अन्य छात्र ने बताया, "ईरान में स्थिति बहुत खराब है। दो दिन पहले, यह थोड़ी बेहतर थी, लेकिन अब यह बहुत खराब है। जिस तरह से हमें निकाला गया और हमारे साथ व्यवहार किया गया, उसके लिए हम भारत सरकार के बहुत आभारी हैं। मैं वास्तव में भारतीय दूतावास और भारतीय सरकार का आभारी हूं।"
भारत लौटे एक अन्य छात्र ने बताया, "वहां (ईरान में) स्थिति निश्चित रूप से खराब है। ईरान और आर्मेनिया में भारतीय दूतावासों ने हमें हर संभव मदद की और हमें बाहर निकालने को प्राथमिकता दी।" भारत ने ईरान-इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच ईरान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बुधवार शाम को पुष्टि की है कि भारतीय दूतावास के समन्वय से तेहरान में रहने वाले भारतीय छात्रों को शहर से सुरक्षित निकाल लिया गया है। विदेश मंत्रालय ने ईरान में भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे तेहरान में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष के माध्यम से संपर्क में रहें।
ईरान से भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए जाएगा एक और विमान
ये स्पेशल फ्लाइट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर उतरी। ईरान के उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से इन छात्रों को निकाला गया। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "हमारे विमान तैयार हैं। हम एक और विमान भेजेंगे। हम तुर्कमेनिस्तान से कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं। एक और विमान जाएगा और इस मिशन के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन खोली है। जैसे-जैसे स्थिति बदलेगी, हम ईरान से सभी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और अधिक विमान भेजेंगे।"
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ऑनलाइन ठगी पर लगेगा ब्रेक, भारत में Google Safety Charter की शुरुआत

  • "भारत में लॉन्च हुआ Google Safety Charter"
नई दिल्ली देश में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जहां हर दिन हजारों लोग फिशिंग वेबसाइट, फर्जी ऐप्स और स्कैम कॉल्स का शिकार बन रहे हैं। ऐसे माहौल में Google ने भारत के लिए एक खास सुरक्षा पहल की शुरुआत की है। कंपनी ने 'Google Safety Charter' नाम से एक नई साइबर सेफ्टी गाइडलाइन लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य यूजर्स को इंटरनेट पर सुरक्षित रखना और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा बनाए रखना है।
क्या है Google Safety Charter?
गूगल सेफ्टी चार्टर दरअसल एक डिजिटल सुरक्षा नीति है, जिसे खासकर भारतीय यूजर्स को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसका मकसद इंटरनेट को ज्यादा सुरक्षित बनाना, लोगों को फ्रॉड और स्कैम से बचाना और एक जिम्मेदार डिजिटल वातावरण तैयार करना है।
इस चार्टर के तहत Google उन एप्स और वेबसाइट्स को प्राथमिकता देगा, जो यूजर डेटा की सुरक्षा, पारदर्शिता और स्पष्ट परमिशन पॉलिसी का पालन करते हैं। इसके अलावा, Google प्ले स्टोर पर नए सिस्टम लागू कर रहा है जो फर्जी, डुप्लिकेट और वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले ऐप्स को समय रहते पहचानकर उन्हें ब्लॉक कर सकेगा। कंपनी इसके साथ ही यूजर्स को सेफ ब्राउजिंग के लिए समय-समय पर चेतावनी, सुझाव और सेफ्टी अलर्ट भी भेजेगी।
भारत के लिए क्यों है यह पहल जरूरी?
भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट्स और ऑनलाइन सेवाओं के साथ-साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी खतरनाक स्तर तक बढ़ चुके हैं। फर्जी KYC कॉल्स, लिंक पर क्लिक करवाकर पैसे चुराने की घटनाएं और WhatsApp या SMS के जरिए फिशिंग अटैक आम हो गए हैं। ऐसे में गूगल की यह पहल भारतीय यूजर्स को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिहाज से एक बड़ा और जरूरी कदम है।
कौन-कौन से ऐप्स होंगे इस पहल का हिस्सा?
Google ने बताया कि कई पॉपुलर फाइनेंशियल और पेमेंट एप्स जैसे PhonePe, Paytm और Bajaj Finserv इस चार्टर का हिस्सा बनेंगे। ये कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म्स पर अतिरिक्त सुरक्षा और पारदर्शिता के फीचर जोड़ेंगी ताकि यूजर्स के लिए अनुभव और अधिक सुरक्षित बन सके।
Google जल्द ही प्ले स्टोर पर उन ऐप्स को “Safety Verified” टैग देगा, जो इस सेफ्टी चार्टर का पालन करेंगे। यूजर्स को सलाह दी गई है कि किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग, डाउनलोड संख्या और मांगी गई परमिशन की जानकारी जरूर जांचें। साथ ही Google से मिलने वाले सेफ्टी नोटिफिकेशन को गंभीरता से लेना भी जरूरी होगा।
इस नई पहल के जरिए यूजर्स ऐसे एप्स पर भरोसा कर सकेंगे जो Google के सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं। इससे उनकी निजी जानकारी और पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही फर्जी और धोखाधड़ी करने वाले एप्स की पहचान करना भी आसान होगा, जिससे यूजर्स को इंटरनेट पर ज्यादा सुरक्षित अनुभव मिल सकेगा।
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क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला, 37 ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली के क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला मामले में शामिल ठेकेदारों और निजी संस्थाओं से जुड़े 37 स्थानों पर छापेमारी की। बीते दिनों क्लासरूम कंस्ट्रक्शन मामले में एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। ईडी की कार्रवाई उसी एफआईआर से संबंधित है।
जानकारी के अनुसार, क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला मामले में ईडी की टीम दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित बब्बर एंड बब्बर आर्किटेक्ट्स समेत 37 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यह मामला दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों और निजी ठेकेदारों के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। बता दें कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। एसीबी ने 30 अप्रैल को मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
यह मामला करीब 2000 करोड़ रुपए के कथित घोटाले से जुड़ा है। उन पर करीब 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप है। एसीबी के मुताबिक, क्लासरूम के निर्माण की लागत को असामान्य रूप से बढ़ाया गया। साथ ही जांच में यह भी पता चला कि क्लासरूम्स को सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया। इसके अलावा, जिन ठेकेदारों को इसका ठेका मिला था, उनके संबंध ‘आप’ पार्टी से जुड़े थे।
इससे पहले, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में कथित 2,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी किया है। उन दोनों पर बीते 30 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी।
आरोप है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमाने तरीके से क्लासरूम की लागत और साइज बढ़ाकर इसका फायदा लिया। दोनों पर सरकारी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगा। क्लासरूम बनाने की लागत 24.86 लाख रुपए बताई गई, जबकि दिल्ली में इसी तरह के निर्माण की लागत पर 5 लाख रुपए का खर्च आता है।
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जी7 : प्रधानमंत्री मोदी ने दिया आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' पर जोर

नई दिल्ली। कनाडा के कनानास्किस में बुधवार को 'जी7 शिखर सम्मेलन' के आउटरीच सत्र में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आतंकवाद का समर्थन और उसे बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई' का आह्वान किया।
सुरक्षा चुनौतियों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देशों से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने की बात पर जोर दिया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मजबूत समर्थन देने के लिए वैश्विक समुदाय का आभार जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था।"
ईरान-इजरायल में जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अनिश्चितता और संघर्षों ने ग्लोबल साउथ के देशों पर बहुत बुरा असर डाला है। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज को विश्व मंच पर उठाने की जिम्मेदारी ली है।" पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो गया है, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अमेरिका में हैं। मुनीर बुधवार को 'व्हाइट हाउस' में लंच पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक स्थायी भविष्य के बारे में गंभीर है, तो दुनिया के लिए ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को समझना महत्वपूर्ण है। 'ऊर्जा सुरक्षा' पर एक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही जी7 को अपनी यात्रा के 50 साल पूरे होने पर बधाई दी। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऊर्जा सुरक्षा भविष्य की पीढ़ियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है।
समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि "उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता वह सिद्धांत हैं, जो ऊर्जा सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसने समय से पहले अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक 'सस्टेनेबल' और 'ग्रीन फ्यूचर' के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस, आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस, वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड जैसी कई वैश्विक पहल की हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में टेक्नोलॉजी, एआई और एनर्जी के बीच संबंधों पर भी बात की। टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी टेक्नोलॉजी को प्रभावी होने के लिए आम लोगों के जीवन में मूल्य लाना चाहिए।
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FASTag के तहत वार्षिक पास देने की घोषणा, नितिन गडकरी ने दी जानकारी

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वार्षिक फास्टैग का ऐलान किया। सरकार की ओर से यह घोषणा निजी वाहन चालकों पर टोल के बोझ को कम करने के लिए की गई है।
केंद्रीय मंत्री की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से 3,000 रुपए की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा रहा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा।"
इस वार्षिक पास से निजी वाहन चालकों को बार-बार फास्टैग रिचार्ज से करने से छुटकारा मिल जाएगा और वे आसानी से बिना किसी रुकावट से यात्रा कर पाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में आगे लिखा, "यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा। वार्षिक पास को रिन्यू करने लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और एनएचएआई / एमओआरटीएच की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी।"
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक "यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाजाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रहें चिंताओं को संबोधित करेगी और एक ही सुलभ लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सहज बनाएगी। वार्षिक पास नीति, प्रतीक्षा समय घटाकर, भीड़ कम कर और टोल प्लाजाओं पर विवाद को समाप्त कर, लाखों निजी वाहन चालकों के लिए तेज, सुगम और बेहतर यात्रा अनुभव के लिए प्रतिबद्ध है।"
पिछले महीने चर्चा थी कि सरकार एक नई टोल नीति पर काम कर रही है, जो यात्रियों के लिए राजमार्ग यात्रा को अधिक सहज और किफायती बना सकती है। इससे पहले अप्रैल में सरकार ने कहा था कि टोल प्लाजा पर वाहनों की निर्बाध, बिना किसी परेशानी के आवाजाही को सक्षम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर 'एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम' लागू किया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया था कि यह एडवांस टोलिंग सिस्टम 'ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन' (एएनपीआर) टेक्नोलॉजी, जिसमें नंबर प्लेट से वाहनों की पहचान की जाती है और 'फास्टैग सिस्टम', जो कि रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) पर काम करता है, दोनों का मिश्रण होगा।
इस सिस्टम के तहत वाहनों से टोल हाई परफॉर्मेंस वाले एएनपीआर कैमरा और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से लिया जाएगा, जिसमें वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।
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उच्च स्तरीय समिति ने हिमाचल को 2000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता को मंजूरी दी : HMO

नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने 2023 में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं के बाद हिमाचल प्रदेश को उसकी रिकवरी और पुनर्निर्माण योजना के तहत 2,006.40 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी है।
गृह मंत्री कार्यालय (एचएमओ) ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में इस निर्णय पर प्रकाश डाला, जिसमें जोर दिया गया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं के समय "राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है"। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत राज्यों को 25,425.16 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के आपदाओं के समय राज्यों के साथ मजबूती से खड़ी है।
इस दिशा में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने वर्ष 2023 के लिए बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश को 2006.40 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी। गृह मंत्रालय ने इस आपदा से राहत और पुनर्वास के लिए दिसंबर 2023 में हिमाचल प्रदेश को 633.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी थी," केंद्रीय गृह मंत्री कार्यालय की ओर से एक पोस्ट में कहा गया।
उच्च स्तरीय समिति में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी शामिल हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत रिकवरी और पुनर्निर्माण फंडिंग विंडो से राज्य को वित्तीय सहायता के प्रस्ताव पर विचार किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत रिकवरी और पुनर्निर्माण फंडिंग विंडो से 2000 करोड़ से अधिक की राशि में से 1504 करोड़ रुपये केंद्र का हिस्सा होगा। 12 दिसंबर, 2023 को गृह मंत्रालय ने इस आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए एनडीआरएफ से 633.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता को मंजूरी दी।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार प्राकृतिक आपदाओं और आपदाओं के दौरान राज्य सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। आपदा-प्रतिरोधी भारत के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने देश में आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं।"
बयान के अनुसार, केंद्र ने शहरी बाढ़ (3075.65 करोड़ रुपये), भूस्खलन (1000 करोड़ रुपये), जीएलओएफ (150 करोड़ रुपये), जंगल की आग (818.92 करोड़ रुपये), बिजली (186.78 करोड़ रुपये) और सूखे (2022.16 करोड़ रुपये) सहित विभिन्न खतरों के जोखिम को कम करने के लिए 7253.51 करोड़ रुपये के समग्र वित्तीय परिव्यय के साथ कई शमन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। केंद्र ने उत्तराखंड और सिक्किम राज्यों के लिए रिकवरी योजनाओं को भी मंजूरी दी है। जोशीमठ भूस्खलन के बाद उत्तराखंड को 1,658.17 करोड़ रुपये मंजूर किए गए, जबकि 2023 में सिक्किम में जीएलओएफ से संबंधित नुकसान के लिए 555.27 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। (एएनआई)
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बेगमपेट एयरपोर्ट पर बम की धमकी, अधिकारियों ने की तलाशी

हैदराबाद। हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पर बुधवार सुबह बम की धमकी मिली, जिसके बाद एयरपोर्ट परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया गया। बेगमपेट के सहायक पुलिस आयुक्त ने कहा, "बेगमपेट एयरपोर्ट को आज सुबह बम की धमकी वाला मेल मिला। हम फिलहाल बम निरोधक दस्ते के साथ एयरपोर्ट और उसके परिसर की गहन तलाशी ले रहे हैं। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।"
अधिकारियों ने बम का पता लगाने और उसे नष्ट करने वाली टीमों की मदद से व्यापक जांच शुरू की। अभी तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। यह भारत में एयरपोर्ट और फ्लाइट्स पर बम की धमकी मिलने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है। 15 जून को ईमेल के जरिए बम की धमकी मिलने के बाद फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही लुफ्थांसा फ्लाइट (LH752) को बीच उड़ान में ही वापस लौटना पड़ा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, धमकी भरा मेल शाम 6:01 बजे भारतीय समयानुसार पहुंचा और दावा किया गया कि विमान को निशाना बनाया जा रहा है। बम की धमकी आकलन समिति ने एहतियात के तौर पर विमान को फ्रैंकफर्ट लौटने की सलाह दी।
एक अधिकारी ने कहा, "एक बम की धमकी आकलन समिति का गठन किया गया था, और एसओपी के अनुसार सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। सुरक्षा के हित में, एयरलाइन को मूल स्थान या निकटतम उपयुक्त हवाई अड्डे पर वापस जाने की सलाह दी गई थी।" लुफ्थांसा के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विमान को सावधानी के तौर पर डायवर्ट किया गया था। प्रवक्ता ने कहा, "बहुत सावधानी के तौर पर, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए बम की धमकी के बारे में अधिकारियों को पता चलने के बाद फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जाने वाली लुफ्थांसा की उड़ान LH752 अपने प्रस्थान बिंदु पर वापस लौट आई।"
एयरलाइन ने कहा, "हमारे यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा लुफ्थांसा की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रभावित यात्रियों को फ्रैंकफर्ट में आवास प्रदान किया गया और वे आज हैदराबाद के लिए अपनी यात्रा जारी रखेंगे।" 17 जून को, इंडिगो की उड़ान 6E 2706 पर एक और बम की धमकी की सूचना मिली, जो कोच्चि में निर्धारित स्टॉप के साथ मस्कट से दिल्ली जा रही थी। विमान को नागपुर में आपातकालीन लैंडिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा। नागपुर के डीसीपी लोहित मतानी ने बताया कि सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया है और मामले की जांच जारी है। (एएनआई)
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हरिद्वार पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, शॉर्ट सर्किट की आशंका

हरिद्वार। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बुधवार को हरिद्वार जिले के बहादराबाद थाना क्षेत्र के मूलदासपुर माजरा गांव में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई, जिसके परिणामस्वरूप कई मवेशी घायल हो गए और कई की मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, आग लगने से लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई। पांच मवेशियों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रुड़की, चितकुल, बहादराबाद और मायापुर फायर स्टेशनों से दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। आग पर काबू पाने से पहले अग्निशमन अभियान तुरंत शुरू हुआ और कई घंटों तक चलता रहा। एएनआई से बात करते हुए, मुख्य अग्निशमन अधिकारी वंश बहादुर यादव ने कहा, "जैसे ही हमें अलर्ट मिला, विभिन्न स्टेशनों से चार दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। आग पर अब लगभग पूरी तरह से काबू पा लिया गया है।"
यह इकाई फुलझड़ियाँ बनाने का काम करती थी। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी। अधिकारी सुरक्षा नियमों के अनुपालन की पुष्टि करने के लिए फ़ैक्टरी के लाइसेंस और रिकॉर्ड की भी जाँच कर रहे हैं। यादव ने कहा, "एक फ़ोरेंसिक टीम मौके पर पहुँच गई है और आगे की जाँच चल रही है। (एएनआई)
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190 पीड़ितों के डीएनए मिलान की हुई पुष्टि, 157 शव परिवारों को सौंपे गए

अहमदाबाद। अहमदाबाद में हुए दुखद एयर इंडिया विमान दुर्घटना के 190 पीड़ितों के डीएनए नमूने उनके परिवार के सदस्यों के साथ मेल खा गए हैं, और 157 पीड़ितों के शव सौंप दिए गए हैं, अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक राकेश जोशी ने बुधवार को पुष्टि की। जोशी ने कहा कि 190 मिलान किए गए डीएनए नमूनों में से 123 भारतीय नागरिकों के हैं और 27 यूनाइटेड किंगडम के हैं। उन्होंने कहा कि एक कनाडाई नागरिक का डीएनए भी मेल खा गया है।
एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, जोशी ने कहा, "आज 10:45 बजे तक, 190 डीएनए नमूनों का मिलान हो गया है। 157 मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं, 190 डीएनए नमूनों का मिलान हुआ है, जिनमें से 123 भारतीय हैं, 7 पुर्तगाली हैं, 27 यूके के हैं, चार गैर-यात्री हैं, और एक व्यक्ति कनाडा का है।"
उन्होंने पुष्टि की कि लंदन जाने वाले एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में सवार एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति को छुट्टी दे दी गई है और उसे उसके परिवार के साथ घर वापस भेज दिया गया है। यह विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद गुजरात के अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उन्होंने कहा, "एकमात्र जीवित बचे विश्वास को छुट्टी दे दी गई है और उसे उसके परिवार के साथ घर वापस भेज दिया गया है।" इससे पहले दिन में, गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बुधवार को घोषणा की कि लंदन जाने वाले एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद अब तक 184 डीएनए नमूनों का मिलान किया गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में संघवी ने लिखा, "एयर इंडिया दुर्घटना अपडेट: सुबह 8 बजे तक, 184 डीएनए नमूनों का मिलान किया गया है।" फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) और नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) की फोरेंसिक टीमों द्वारा डीएनए परीक्षण किया जा रहा है। यह दुर्घटना 12 जून को हुई थी, जब लंदन जाने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद गुजरात के अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी शामिल थे। (एएनआई)
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LAHDC प्रतिनिधिमंडल ने लद्दाख में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की

लेह। लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह की पार्षद यांगचन डोलमा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में बुधवार को लेह में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। एक्स पर एक पोस्ट में, निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने कहा कि, "लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह की पार्षद श्रीमती यांगचन डोलमा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।" अपनी यात्रा के दौरान, सीतारमण ने मेराक में पैंगोंग झील के पास राष्ट्रीय बड़े सौर टेलीस्कोप (एनएलएसटी) के लिए परियोजना स्थल का दौरा किया। एनएलएसटी एक प्रस्तावित ग्राउंड-आधारित 2-मीटर वर्ग ऑप्टिकल और निकट-अवरक्त (आईआर) अवलोकन सुविधा है।
इसके अलावा, सीतारमण ने लद्दाख के चुशुल में रेजांग ला युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। युद्ध स्मारक का निर्माण 1963 में चुशुल के मैदानों में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर किया गया था।
इससे पहले, सोमवार को सीतारमण ने लद्दाख में रोंगडो घाटी का दौरा किया और स्थानीय आदिवासी समुदाय के सदस्यों से बातचीत की। एक्स पर एक पोस्ट में, निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने कहा, "निर्मला सीतारमण ने लद्दाख में रोंगडो घाटी का दौरा किया और स्थानीय खानाबदोश आदिवासी समुदाय के सदस्यों से बातचीत की। यात्रा के दौरान, निर्मला सीतारमण ने @TheOfficialSBI फाउंडेशन की सीएसआर पहल के तहत जनजाति के लिए टेंट के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का चेक सौंपा।"
इससे पहले 15 जून को, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री, निर्मला सीतारमण ने केंद्र शासित प्रदेश की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान रविवार को लेह, लद्दाख में कई विकास परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में समावेशी विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बातचीत की। अपने दौरे के दूसरे दिन, उन्होंने लेह में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के दौरान दर्शकों को संबोधित किया और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को बैंकों से स्वीकृति पत्र सौंपे। क्रेडिट आउटरीच के दौरान, पीएम मुद्रा, पीएम विश्वकर्मा, पीएमईजीपी, पीएम माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (पीएम एफएमई) और संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) ऋण सहित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को 5.13 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। केंद्रीय मंत्री ने लेह में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और स्थानीय उद्यमियों द्वारा स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया। (एएनआई)
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एक्सिओम-4 मिशन फिर टला, लॉन्चिंग की नई तारीख 22 जून तय की गई

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर ले जाने वाला एक्सिओम-4 मिशन एक बार फिर टल गया है। पिछली बार लॉन्चिंग की तारीख 19 जून तय की गई थी, लेकिन इसको आगे बढ़ाया गया है। एक्सिओम 4 मिशन को लॉन्च करने की नई तारीख 22 जून तय की गई है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मिशन स्थगित होने की पुष्टि की है।
एजेंसी ने बताया, "इसरो, पोलैंड और हंगरी की टीमों ने एक्सिओम स्पेस के साथ एक्सिओम मिशन 4 के संभावित लॉन्च समय को लेकर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद एक्सिओम स्पेस ने नासा और स्पेसएक्स के साथ कई तैयारियों के पहलुओं का मूल्यांकन किया। स्पेसएक्स के फाल्कन 9 लॉन्च वाहन, ड्रैगन अंतरिक्षयान, स्पेस स्टेशन के ज्वेज्दा मॉड्यूल में मरम्मत कार्य, मौसम की स्थिति और क्वारंटाइन में मौजूद क्रू की सेहत और तैयारियों के आधार पर एक्सिओम स्पेस ने सूचित किया है कि अगली संभावित लॉन्चिंग की तारीख 22 जून है।"
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मिशन स्थगित होने की जानकारी दी। जितेंद्र सिंह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "मॉड्यूल फिटनेस, क्रू हेल्थ, मौसम आदि समेत प्रमुख मापदंडों का आकलन करने के बाद एक्सिओम स्पेस ने संकेत दिया है कि 22 जून को एक्सिओम-4 मिशन की अगली संभावित लॉन्च तिथि हो सकती है, जो अन्य लोगों के अलावा भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर ले जाएगा।" उन्होंने लिखा, "आगे कोई भी अपडेट होने पर उसे समय के अनुसार साझा किया जाएगा।"
इसके पहले जितेंद्र सिंह ने ही एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग की तारीख 19 जून बताई थी। केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि स्पेस एक्स टीम ने पुष्टि की कि लॉन्च को पहले स्थगित करने वाले सभी मुद्दों पर पूरी तरह से काम किया गया। फिलहाल इस मिशन को 5वीं बार टाल दिया गया है।
भारत के लिए एक्सिओम-4 मिशन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर विशेष खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोग करेंगे, जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों और अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम होंगे।
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हमें सभी को न्यायालय के आदेश का सम्मान करना चाहिए : डीके शिवकुमार

  • कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने 'ठग लाइफ' की स्क्रीनिंग पर कहा
बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कन्नड़ समर्थक संगठनों से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की अपील की, जिसमें राज्य सरकार को कमल हासन अभिनीत फिल्म 'ठग लाइफ' की स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। कन्नड़ कार्यकर्ता 70 वर्षीय अभिनेता की कन्नड़ भाषा के बारे में टिप्पणी के बाद फिल्म की स्क्रीनिंग का विरोध कर रहे हैं, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार से कर्नाटक में 'ठग लाइफ' की रिलीज के बारे में 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा। आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा, "हमें सभी को कमल हासन मामले में न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का सम्मान करना चाहिए। मैं कन्नड़ समर्थक संगठनों से अपील करता हूं कि हमें अपनी सीमाएं नहीं लांघनी चाहिए और शांतिपूर्ण रहना चाहिए। किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। हमारा राज्य एक शांतिप्रिय राज्य है।"
उपमुख्यमंत्री ने रेखांकित किया कि कर्नाटक हमेशा से शांतिप्रिय राज्य रहा है। मणिरत्नम द्वारा निर्देशित और कमल हासन, त्रिशा कृष्णन और सिलंबरासन टीआर की मुख्य भूमिकाओं वाली ठग लाइफ 5 जून को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई। इससे पहले, फिल्म अभिनेता कमल हासन ने सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें 5 जून को राज्य में अपनी आगामी फिल्म ठग लाइफ की रिलीज की मांग की गई।
यह तब हुआ जब अभिनेता की आगामी फिल्म, मणिरत्नम द्वारा निर्देशित ठग लाइफ को कर्नाटक में परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि अभिनेता की कन्नड़ भाषा पर हाल ही में की गई टिप्पणी ने कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) सहित स्थानीय समूहों के बीच गुस्सा भड़का दिया, जिसने अभिनेता द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगने तक फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगा दिया है। अभिनेता ने अपनी कंपनी राजकमल फिल्म इंटरनेशनल के सीईओ के माध्यम से यह याचिका दायर की।
इससे पहले, बढ़ते विरोध के जवाब में, हसन ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि वह कानून और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। भारत को एक "लोकतांत्रिक देश" बताते हुए अभिनेता ने कहा कि अगर वह "गलत नहीं हैं" तो वह अपने कार्यों के लिए किसी से "माफ़ी" नहीं मांगेंगे। कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कन्नड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में उनसे सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की है। शुक्रवार को चेन्नई में डीएमके पार्टी मुख्यालय के बाहर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए हासन ने कहा, "यह एक लोकतंत्र है। मैं कानून और न्याय में विश्वास करता हूं। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल के लिए मेरा प्यार सच्चा है। कोई भी इस पर संदेह नहीं करेगा, सिवाय उन लोगों के जिनका कोई एजेंडा है। "मुझे पहले भी धमकी दी गई है, और अगर मैं गलत हूं, तो मैं माफ़ी मांगूंगा; अगर मैं गलत नहीं हूं, तो मैं नहीं मांगूंगा।" (एएनआई)
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दिल्ली से बाली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से वापस लौटी

नई दिल्ली। इंडोनेशिया के रिसॉर्ट द्वीप बाली से आने-जाने वाली दर्जनों उड़ानें बुधवार को माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के फटने के बाद रद्द कर दी गईं, जिसके बाद एयर इंडिया की दिल्ली से बाली जाने वाली फ्लाइट एआई2145 को यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वापस दिल्ली लौटने की सलाह दी गई।
यह विस्फोट फ्लोरेस के पूर्वी द्वीप पर हुआ। 1,584 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी को देखते हुए अधिकारियों को इंडोनेशिया के चार-स्तरीय पैमाने पर इसके अलर्ट स्टेटस को उच्चतम स्तर तक बढ़ाना पड़ा। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, "एआई2145 फ्लाइट सुरक्षित रूप से दिल्ली वापस लौट गई है और सभी यात्री उतर गए हैं।"
प्रवक्ता ने कहा, "यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। प्रभावित यात्रियों को होटल में ठहरने की सुविधा प्रदान कर उन्हें हुई परेशानी को दूर करने का हर संभव प्रयास किया गया है। अगर यात्री चाहें तो कैंसलेशन या कॉम्प्लीमेंट्री रिशेड्यूलिंग पर उन्हें पूरा रिफंड भी ऑफर किया जा रहा है।"
बाली एयरपोर्ट ऑपरेटर अंगकासा पुरा इंडोनेशिया के अनुसार, "पूर्वी नुसा तेंगारा में लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के कारण गुस्ती नगुराह राय एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।" एयरएशिया द्वारा संचालित कई घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। जेटस्टार ने कहा कि बाली से आने-जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, लेकिन राख का बादल साफ होने की उम्मीद के कारण दोपहर की कुछ उड़ानें शाम तक के लिए टाल दी गई हैं।
बाली के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वेब पोर्टल पर एयर न्यूजीलैंड, सिंगापुर की टाइगरएयर और चीन की जुनेयाओ एयरलाइंस की उड़ानें भी रद्द दिखाई गई हैं। इंडोनेशिया डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी ने कहा कि मंगलवार देर रात ज्वालामुखी के आसपास के गांवों पर इसकी राख गिरनी शुरू हो गई थी, जिसे देखते हुए एक बस्ती को खाली करवाना पड़ा।
पूर्वानुमानों के अनुसार, ज्वालामुखी राख का बादल आज रात तक साफ होने की उम्मीद है। 'लेवोटोबी' इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक ट्विन ज्वालामुखी है। इसकी लेवोटोबी लाकी-लाकी और लेवोटोबी पेरेम्पुआन स्ट्रेटोवोलकैनो दो चोटियां हैं। अधिक सक्रिय लेवोटोबी लाकी-लाकी, ऊंचे लेवोटोबी पेरेम्पुआन से लगभग 2.1 किमी उत्तर-पश्चिम में है।
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भारत आएंगे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

  • क्वाड समिट के लिए पीएम मोदी के न्योते को स्वीकार किया
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द भारत दौरे पर आएंगे। क्वाड समिट के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान न्योते को स्वीकार कर लिया है। बुधवार को भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी जानकारी दी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट की बातचीत में कई विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओं ने अपने विचार साझा किए। दोनों ने इस क्षेत्र में क्वाड की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया। विदेश सचिव के मुताबिक, क्वाड की अगली बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वह भारत आने के लिए उत्सुक हैं।
क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन इस साल भारत में होना है। क्वाड चार देशों का एक ग्रुप है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान शामिल हैं। इस संगठन को चार देशों ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के मकसद से बनाया।
विदेश सचिव ने जानकारी दी कि कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी, लेकिन ट्रंप को जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर दोनों नेताओं के बीच फोन पर 35 मिनट बात हुई।
विक्रम मिस्री ने बताया, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों नेताओं की ये पहली बातचीत थी। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन पर शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की।"
भारतीय विदेश सचिव के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
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डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी की दो टूक

  • कहा- "भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया"
  • PM मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का दिया निमंत्रण
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 35 मिनट चली बातचीत में पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है और भविष्य में भी ऐसी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को इस बातचीत की जानकारी दी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक, पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई है। दोनों नेताओं की मुलाकात कनाडा में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान होनी थी, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण ये मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर लगभग 35 मिनट तक बात हुई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच ये पहली बातचीत हुई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, "पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में कभी भी और किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच हुई। दोनों सेनाओं की बात मौजूदा चैनल्स के माध्यम से हुई थी। पाकिस्तान के ही आग्रह पर ये बातचीत हुई थी।"
पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था।"
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक, 9 मई की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा। 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया। पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया।
विदेश सचिव के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वार नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है और "ऑपरेशन सिंदूर" अभी भी जारी है। विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं। पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने पर सहमति व्यक्त की।
PM मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का दिया निमंत्रण
राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं. पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की. दोनों लीडर्स ने तब तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की. रूस-यूक्रेन तनाव पर दोनों ने सहमति जताई कि जल्द से जल्द शांति के लिए, दोनों पक्षों में सीधी बातचीत आवश्यक है और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओ ने अपने परिपेक्ष साझा किए. और इस क्षेत्र में QUAD की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया. QUAD की अगली बैठक के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया. राष्ट्रपति ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं.
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई बात

नई दिल्ली। कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर 35 मिनट तक बात हुई. इस दौरान दोनों के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. जानकारी के मुताबिक इस कॉल का आग्रह ट्रंप की तरफ से किया गया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर को लेकर जारी रस्साकशी के बीच यह दोनों नेताओं की पहली सीधी बातचीत थी.
जानकारी के मुताबिक, ट्रंप ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि वह कनाडा से लौटते वक्त अगर अमेरिका होकर जाएं तो उनकी मुलाकात हो सकती है. लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते पीएम मोदी ने इसमें असमर्थता जताई.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत में स्पष्ट कर दिया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर, न तो भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा हुई और न ही भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता का मुद्दा उठा.
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