हिंदुस्तान

पीएम मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया

  • कहा- "विनम्रता और कृतज्ञता से स्वीकार करता हूं"
निकोसिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया गया। साइप्रस में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मकारियोस III का नाम साइप्रस गणराज्य के पहले राष्ट्रपति मकारियोस III के नाम पर रखा गया है। यह राष्ट्र के प्रमुखों और अन्य महत्वपूर्ण लोगों को राष्ट्र के लिए सराहनीय सेवा के सम्मान में प्रदान किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस, सरकार और साइप्रस के लोगों का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "राष्ट्रपति जी, ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III के लिए मैं आपका, साइप्रस सरकार का और साइप्रस के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारे देश के सांस्कृतिक भाईचारे और "वसुधैव कुटुंबकम" की विचारधारा का सम्मान है। मैं यह सम्मान भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और हमारे साझा मूल्यों और आपसी समझ को समर्पित करता हूं। मैं सभी भारतीयों की ओर से अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ इस सम्मान को स्वीकार करता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह सम्मान शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे लोगों की समृद्धि के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मैं इस सम्मान के महत्व को समझता हूं और इसे भारत और साइप्रस के संबंधों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करता हूं।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देशों के बीच संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी सक्रिय साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। साथ मिलकर हम न केवल अपने दोनों देशों की प्रगति को मजबूत करेंगे बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण के निर्माण में भी योगदान देंगे।"
एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विश्वसनीय भारत-साइप्रस मित्रता और भारत के 1.4 बिलियन लोगों को समर्पित एक पुरस्कार। राष्ट्रपति @क्रिस्टोडुलिडेस ने प्रधानमंत्री @नरेंद्र मोदी को साइप्रस के 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया। यह सम्मान भारत-साइप्रस द्विपक्षीय साझेदारी और शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए साझा दृष्टिकोण के लिए मिलकर काम करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
क्रिस्टोडुलिडेस ने आज निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। साइप्रस के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने-अपने देशों के प्रतिनिधियों से एक-दूसरे का परिचय कराया।
एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विश्वसनीय भागीदार के साथ संबंधों को मजबूत करना। प्रधानमंत्री @नरेंद्र मोदी का आज निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति @क्रिस्टोडुलिडेस ने गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका औपचारिक स्वागत किया। आधिकारिक वार्ता आगे है।"
पीएम मोदी रविवार दोपहर (स्थानीय समय) साइप्रस पहुंचे थे, जो पिछले दो दशकों में किसी भारतीय पीएम की इस द्वीप राष्ट्र की पहली यात्रा थी। साइप्रस के राष्ट्रपति ने लारनाका अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया।
लिमासोल में भारतीय प्रवासियों ने उनका हार्दिक स्वागत किया। अपने आगमन पर, पीएम मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ व्यापार गोलमेज के दौरान प्रमुख सीईओ के साथ बातचीत की। बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने पिछले दशक में भारत के सुधार पथ के बारे में बात की।
एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा, "व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा देना! राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स और मैंने भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रमुख सीईओ के साथ बातचीत की। नवाचार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और अन्य जैसे क्षेत्र अपार संभावनाएं प्रदान करते हैं। मैंने पिछले दशक में भारत के सुधार पथ के बारे में भी बात की।" साइप्रस प्रेसीडेंसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि साइप्रस भारत के साथ आर्थिक सहयोग को गहरा और विस्तारित कर रहा है।
इसमें कहा गया, "भारतीय प्रधानमंत्री और साइप्रस और भारतीय व्यापार समुदाय के सदस्यों के साथ गोलमेज चर्चा: आज, हम और अधिक पुल बना रहे हैं; हम साइप्रस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग को गहरा और विस्तारित कर रहे हैं। साथ मिलकर, हम रणनीतिक साझेदारी के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जो विश्वास और हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है, नवाचार से प्रेरित है और हमारी समृद्ध ऐतिहासिक यात्रा और हमारे सामने खुलने वाले विशाल क्षितिज से प्रेरित है। साथ मिलकर, साइप्रस और भारत सहयोग और समृद्धि का एक मजबूत संदेश देते हैं, और साथ ही, आशा का संदेश भी देते हैं।" (एएनआई)
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एनडीएमए, एनडीआरएफ और सीडीआरआई ने भारत को आपदा प्रबंधन में वैश्विक नेता बनने के करीब पहुंचाया : अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और आपदा प्रबंधन में वैश्विक नेता बनने के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) की सराहना की।
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और आपदा मोचन बलों के राहत आयुक्तों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, "हम सभी के लिए यह खुशी की बात है कि 10 वर्षों के भीतर, इन तीन संस्थाओं, एनडीएमए, एनडीआरएफ और सीडीआरआई ने भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के करीब ला दिया है। एनडीएमए ने नीतिगत मामलों की संरचना, शोध कार्य करने, विभिन्न प्रकार के अध्ययनों के लेखों को लोगों तक पहुंचाने, कई ऐप बनाने और नीतिगत मामलों के समग्र समन्वय में बहुत अच्छा काम किया है...एनडीआरएफ ने पूरे देश में अपनी छवि बनाई है, प्रसिद्धि और सम्मान भी कमाया है।
एनडीआरएफ की संरचना में एसडीआरएफ ने भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है...जब मैं कहता हूं कि भारत वैश्विक नेता बनने की कगार पर है, तो हमने सीडीआरआई के माध्यम से वैश्विक स्तर पर बहुत प्रसिद्धि और स्वीकृति भी प्राप्त की है..." शाह ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों को भारत के संक्रमण काल ​​के रूप में याद किया जाएगा जहां क्षमता, गति, दक्षता और सटीकता के क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की गईं। उन्होंने कहा, "जब भी भारत की आपदा प्रतिक्रिया का इतिहास लिखा जाएगा, तो इतिहास को इन 10 वर्षों को संक्रमण काल ​​के 10 वर्षों के रूप में नोट करना होगा। इन 10 वर्षों में, हमने क्षमता, गति, दक्षता और सटीकता के चार क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं..." उन्होंने कहा।
शाह ने आगे कहा कि आने वाले समय में देश हर व्यक्ति को आपदा प्रबंधन के खिलाफ खड़ा देख पाएगा, उन्होंने आगे कहा कि देश ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण में सफलता हासिल की है। "अब, पीएम मोदी के नेतृत्व में, हम समाज को भी (आपदा प्रबंधन के साथ) जोड़ने में सक्षम हुए हैं। आने वाले समय में हम हर व्यक्ति को आपदा प्रबंधन के खिलाफ खड़े देख पाएंगे... हमने आपदा जोखिम न्यूनीकरण में बहुत सफलता हासिल की है। यह पूरे देश की उपलब्धि है..." उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों, जनता, राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों और वैज्ञानिकों का सहयोग देश के लिए बड़ी उपलब्धियों में मदद कर सकता है और आगे कहा कि देश ने एक नीति के रूप में बहुआयामी दृष्टिकोण को भी स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा, "हमने भागीदारी बढ़ाई है। केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकारें सामूहिक रूप से आपदा के खिलाफ खड़ी हैं। यह बताता है कि जब स्थानीय निकाय, जनता, राज्य सरकार, केंद्र सरकार, सभी विभाग, वैज्ञानिक और सुरक्षाकर्मी, सभी मिलकर काम करते हैं, तो हम बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं...हमने बहुआयामी दृष्टिकोण को नीति के रूप में भी स्वीकार किया है।" शाह ने यह भी कहा कि जिलों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएँ 90 दिनों के भीतर बनाई जाएंगी। उन्होंने बिजली और वज्रपात के खिलाफ एक राज्य स्तरीय कार्य योजना बनाने और इसे 90 दिनों की अवधि के भीतर केंद्र के साथ साझा करने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, "हम 90 दिनों के भीतर अपने-अपने राज्यों में प्रत्येक जिले के लिए जिला आपदा प्रबंधन योजना बनाने का काम पूरा कर लेंगे। जब तक जिला आपदा प्रबंधन योजना नहीं होगी, तब तक आपदा प्रबंधन से तेजी से लड़ना संभव नहीं है...मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे बिजली और वज्रपात के खिलाफ एक राज्य स्तरीय कार्य योजना बनाएं। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे 90 दिनों के भीतर केंद्र के साथ साझा करें...कई राज्यों में घटना प्रतिक्रिया प्रणाली अभी भी लागू नहीं हुई है..." शाह ने आगे कहा कि चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए अंतरराज्यीय मॉक ड्रिल को वार्षिक कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता है।
"हम अंतरराज्यीय मॉक ड्रिल को वार्षिक कार्यक्रम बनाना चाहते हैं। मेरा मानना ​​है कि राज्यों की मदद के बिना यह संभव नहीं है। कई चक्रवात, कई आपदाएँ हैं जिनके लिए अंतरराज्यीय मॉक ड्रिल की आवश्यकता होती है, और हम राज्यों की मदद के बिना ऐसा नहीं कर सकते। हम आने वाले दिनों में इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं," उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया को आपदा राहत प्रौद्योगिकी के विकास से जोड़ने की आवश्यकता है, और जोर देकर कहा कि राज्यों को इस अवधारणा पर मंथन शुरू करना चाहिए। "हम आने वाले दिनों में इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं। हम स्टार्ट-अप इंडिया को आपदा राहत प्रौद्योगिकी के विकास से भी जोड़ना चाहते हैं। मैं आपको पहले से बता रहा हूँ कि राज्यों को भी इसके लिए मंथन शुरू करना चाहिए..." उन्होंने कहा। (एएनआई)
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दिल्ली आ रहे एयर इंडिया ड्रीमलाइनर विमान में तकनीकी खराबी; उड़ान भरने के एक घंटे बाद ही वापस हांगकांग लौटा

नई दिल्ली। एयर इंडिया की एक उड़ान, जिसे दिल्ली में उतरना था, को पायलट द्वारा बीच हवा में तकनीकी समस्या का संदेह होने के बाद वापस हांगकांग भेज दिया गया, सूत्रों ने सोमवार को बताया। एआई 315 विमान, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, हांगकांग से दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। फ्लाइट ट्रैकिंग साइट, फ्लाइट रडार 24 के अनुसार, एयर इंडिया की उड़ान को दोपहर 12.20 बजे तक दिल्ली पहुंचना था।
एयर इंडिया के सूत्रों ने बताया कि यात्रियों को सुरक्षित तरीके से उतार लिया गया है और विमान की सुरक्षा जांच की जा रही है। सूत्र ने कहा, "पायलट को उड़ान में कुछ तकनीकी समस्या का संदेह था और एहतियात के तौर पर, उड़ान को उसके मूल स्थान पर वापस भेज दिया गया। यात्रियों को उतार दिया गया है और विमान की जांच की जा रही है।" यह घटना 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया AI 171 (ड्रीमलाइनर 787-8) की दुखद दुर्घटना के कुछ ही दिन बाद हुई है, जिसमें 241 लोग मारे गए थे।
दुर्घटना के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8 और 787-9 बेड़े पर सुरक्षा जांच बढ़ाने का भी आदेश दिया है। एयरलाइन ने कहा है कि उसके 33 ड्रीमलाइनर विमानों में से नौ का निरीक्षण पूरा हो चुका है, जबकि शेष 24 का निरीक्षण नियामक द्वारा दी गई समयसीमा के भीतर किया जाना है।
एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद से लंदन जा रहा था, जब उड़ान भरने के तुरंत बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। सभी लोगों में से, केवल एक जीवित व्यक्ति बचा था, विश्वाश कुमार रमेश, भारतीय मूल का एक ब्रिटिश नागरिक, जिसे मामूली चोटें आई थीं और उसका इलाज चल रहा था।
हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के मद्देनजर 17 जून को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में नागरिक उड्डयन सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में नागरिक उड्डयन सचिव, गुजरात सरकार के एक प्रतिनिधि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारी, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो और अन्य प्रमुख एजेंसियों सहित शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे, जो घटना की समीक्षा करेंगे और विमानन क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल का आकलन करेंगे। (एएनआई)
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दो चरणों में पूरी होगी जनगणना, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। राजपत्र में बताया गया है कि जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि पहला चरण 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च, 2027 से शुरू होगा।
अधिसूचना में कहा गया, "केंद्रीय सरकार, जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत के राजपत्र असाधारण, भाग 2, खंड 3 उपखंड (ii) तारीख 28 मार्च, 2019 में प्रकाशित भारत सरकार के गृह मंत्रालय (भारत के महारजिस्ट्रार का कार्यालय) की अधिसूचना संख्यांक का. आ. 1455(अ) तारीख 26 मार्च, 2019 के अधिक्रमण में, उन बातों के सिवाय, जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है, यह घोषणा करती है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी।"
इसमें आगे कहा गया है, "उक्त जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च, 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी। संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के लिए और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के लिए संदर्भ तारीख अक्तूबर, 2026 के पहले दिन होगी।"
यह पहली बार है, जब जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जा रहा है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र ने जाति आधारित गणना को मंजूरी दी थी, ताकि सरकार बेहतर नीतियां बना सके और इन्हें लक्ष्य-आधारित कर सके। हालांकि, जाति आधारित गणना की मंजूरी ने राजनीतिक विवाद भी पैदा किया। कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार को सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के उनके विचार को शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, भाजपा ने विपक्ष का मजाक उड़ाया और कहा कि विपक्ष पिछड़े वर्गों का चैंपियन होने का दावा करता है, लेकिन असल में एनडीए सरकार ही जमीनी स्तर पर बदलाव ला रही है।
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अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा दिया, 45 वर्ष का रहा सरकारी सेवाकाल

नई दिल्ली। अमिताभ कांत ने सोमवार को जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने जी20 शेरपा, नीति आयोग के सीईओ, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव समेत कई अन्य पदों पर 45 वर्षों तक समर्पित सरकारी सेवा के बाद इस्तीफा दिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' और 'लिंक्डइन' पर 'माई न्यू जर्नी' शीर्षक से एक पोस्ट में कांत ने कहा कि अब उनका लक्ष्य मुक्त उद्यम, स्टार्टअप और थिंक टैंक का समर्थन करना है। कांत ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "45 वर्षों की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नए अवसरों को अपनाने और जीवन में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने जी20 शेरपा के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने और देश के विकास और प्रगति में योगदान देने का अवसर दिया।"
अपने सहकर्मियों, साथियों और मित्रों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वह अब मुक्त उद्यम, स्टार्टअप, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थानों को सुविधा और समर्थन देकर 'विकसित भारत' की ओर देश की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने के लिए तैयार हैं।
कांत ने कहा कि 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता का नेतृत्व करना उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। लिंक्डइन पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "भारत की जी20 अध्यक्षता पीपल-सेंट्रिक और इंक्लूसिव थी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बैठकें आयोजित की गईं। इसने सहकारी संघवाद को मजबूत किया, स्थानीय संस्कृति का जश्न मनाया और देश भर में इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया।"
उन्होंने अफ्रीकी संघ को जी20 में सफलतापूर्वक शामिल किए जाने पर भी प्रकाश डाला। इसके अलावा, नीति आयोग के सीईओ के रूप में कांत ने कहा कि उन्होंने आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।
उनके कार्यकाल में भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी गई। साथ ही, पीएलआई स्कीम के जरिए मैन्युफैक्चरिंग, अटल इनोवेशन मिशन के जरिए इनोवेशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के जरिए सस्टेनेबिलिटी जैसे नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया गया।
औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव के रूप में उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांत ने कहा कि उनकी यात्रा केरल से शुरू हुई, जहां उन्होंने जमीनी स्तर पर विकास के महत्व को समझा। वहां उनका काम अतुल्य भारत अभियान से प्रेरित था, जो इस विश्वास से पैदा हुआ कि यात्रा और पर्यटन का नौकरियों और विकास पर सबसे अच्छा गुणक प्रभाव पड़ता है।
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AI-171 दुर्घटना के मद्देनजर कल केंद्रीय गृह सचिव उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे

नई दिल्ली। हाल ही में एयर इंडिया विमान दुर्घटना के मद्देनजर कल 17 जून को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में नागरिक उड्डयन सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है, सोमवार को सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, बैठक में नागरिक उड्डयन सचिव, गुजरात सरकार के एक प्रतिनिधि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारी, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो और अन्य प्रमुख एजेंसियों सहित शीर्ष अधिकारी घटना की समीक्षा करने और विमानन क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल का आकलन करने के लिए एक साथ आएंगे।
आज सुबह, बोइंग की एक टीम और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के अधिकारी एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करने के लिए अहमदाबाद पहुंचे। 12 जून को हुई इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद लंदन जाने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान एक छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए।
इससे पहले आज, अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ ने कहा, "शायद हम बाद में बात कर पाएंगे...हमने वही देखा जो आप लोग देख सकते हैं...यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा आप यहां से देख सकते हैं।" इस बीच, अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक ने सोमवार को कहा कि एयर इंडिया विमान दुर्घटना में डीएनए सैंपल का मिलान 92 तक पहुंच गया है, जो कुछ दोहराव के कारण 87 व्यक्तियों के अनुरूप है।
मीडिया से बात करते हुए डॉ. रजनीश पटेल ने कहा कि अब तक 47 शव विभिन्न जिलों में भेजे जा चुके हैं। डॉ. पटेल ने कहा, "सिविल अस्पताल में लाए गए शवों में से 92 (शव अवशेषों) का डीएनए मिलान पूरा हो चुका है, इनमें से 87 व्यक्तियों का डीएनए मिलान किया गया है, क्योंकि इनमें दोहराव है। यहां से 47 शव भेजे गए हैं... शवों को खेड़ा, अहमदाबाद, कोटा, महेसाणा, भरूच, वडोदरा, अरावली, आणंद, जूनागढ़, भावनगर, अमरेली, महिसागर और भावनगर भेजा गया है।" (एएनआई)
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कोरोना के नए वैरिएंट से पिछले 24 घंटों में 11 की गई जान

नई दिल्ली। कोविड-19 का नया वैरिएंट लगातार घातक हो रहा है। हालिया दिनों में खासकर बुजुर्गों के लिए नया वैरिएंट जानलेवा साबित हुआ, जिससे देशभर में मरने वालों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है। पिछले 24 घंटों में भारत में 11 लोगों की मौत हुई। लगातार दूसरा दिन है, जब कोविड संक्रमण से मरने वालों की संख्या 10 के पार पहुंची है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी नए वैरिएंट के बाद पहली मौत हुई है।
छत्तीसगढ़ में कोविड संक्रमण के एक्टिव केस 50 के पार जा चुके हैं। सोमवार को राज्य में एक और नया मामला दर्ज किया गया, जिससे कुल केस 51 हो गए। छत्तीसगढ़ में कोविड से जो पहली मौत दर्ज हुई है, वो 85 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति थे।
केरल में पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। राज्य में कोविड से संक्रमित 7 लोग मरे हैं। मरने वालों में तीन महिलाएं हैं, जिनकी उम्र क्रमश: 63, 67 और 71 साल थी। एक 33 साल के व्यक्ति की भी मौत हुई है। इसके अलावा तीन बुजुर्ग कोविड के कारण मरे हैं, जिनकी उम्र क्रमश: 85, 83 और 60 साल थी।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में कोविड से संक्रमित एक 52 साल की महिला की मौत हुई है। महाराष्ट्र में 47 साल के व्यक्ति और दिल्ली में 67 साल के बुजुर्ग ने संक्रमण के कारण जान गंवाई है। नए वैरिएंट के बाद भारत में अब तक मरने वालों की संख्या 108 हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा 35 मौतें केरल में हुईं। महाराष्ट्र में अब तक 28 लोग मर चुके हैं। दिल्ली में 12 लोगों की जान जा चुकी है। नए वैरिएंट के बाद कर्नाटक में 11, तमिलनाडु में 7, मध्य प्रदेश में 4, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में दो-दो, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक-एक मौत दर्ज की गई। फिलहाल भारत में कोविड संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 7,264 रह गई है।
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87 पीड़ितों के डीएनए मिलान का काम पूरा, 47 शव परिजनों को सौंपे गए

  • एयर इंडिया विमान दुर्घटना
अहमदाबाद। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक ने सोमवार को कहा कि एयर इंडिया विमान दुर्घटना में डीएनए सैंपल मिलान 92 तक पहुंच गया है, जो कुछ दोहराव के कारण 87 व्यक्तियों के अनुरूप है। मीडिया से बात करते हुए, डॉ रजनीश पटेल ने कहा कि अब तक 47 शव विभिन्न जिलों में भेजे गए हैं।
डॉ. पटेल ने कहा, "सिविल अस्पताल में लाए गए शवों में से 92 (शव अवशेषों) का डीएनए मिलान पूरा हो चुका है, इनमें से 87 व्यक्तियों का डीएनए मिलान किया गया है, क्योंकि इनमें दोहराव है। यहां से 47 शव भेजे गए हैं...शवों को खेड़ा, अहमदाबाद, कोटा, महेसाणा, भरूच, वडोदरा, अरावली, आनंद, जूनागढ़, भावनगर, अमरेली, महिसागर और भावनगर भेजा गया है।" लंदन जाने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए।
अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ ने कहा, "शायद हम बाद में बात कर पाएंगे...हमने वही देखा जो आप लोग देख सकते हैं...यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा आप यहां से देख सकते हैं।" इस बीच, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी, का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ राजकोट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा लपेटने के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के शवगृह में लाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को ले जाने वाले शव वाहन को सजाने के लिए करीब 2,000 किलोग्राम फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा। पहचान प्रक्रिया जारी रहने के दौरान, अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि प्रत्येक शव को पूरे सम्मान और गरिमा के साथ सौंप दिया जाएगा।
इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की जान चली गई, जिसमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वकुमार रमेश, वर्तमान में अपनी चोटों का इलाज करा रहे हैं। दुर्घटना के बाद विमान के डॉक्टर के छात्रावास में घुसने से जमीन पर मौजूद स्थानीय निवासियों और एमबीबीएस छात्रों सहित कम से कम 33 लोगों की भी जान चली गई। (एएनआई)
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मोदी का कैलगरी दौरा, जी-7 मंच पर भारत की धमक, कनाडा के साथ नई दोस्ती की उड़ान : उच्चायुक्त चिन्मय नाइक

कैलगरी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के कैलगरी में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। कनाडा के कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त चिन्मय नाइक ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में इस यात्रा को भारत-कनाडा संबंधों के लिए महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर है जब भारत जी-7 शिखर सम्मेलन में एक आउटरीच देश के रूप में हिस्सा ले रहा है। यह यात्रा न केवल वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि कनाडा में बसे भारतीय समुदाय, खासकर हिंदू समुदाय, के बीच उत्साह और सकारात्मकता का संदेश भी देती है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। इस दौरान ऊर्जा सुरक्षा, नवाचार, नई प्रौद्योगिकियों और अन्य समकालीन मुद्दों पर चर्चा होगी, जो वैश्विक और भारतीय संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक हैं। भारत, जो ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, इन क्षेत्रों को अपनी प्राथमिकता में शामिल करता है।
नाइक ने बताया कि इस यात्रा से भारत-कनाडा संबंधों को नई गति मिलेगी। कनाडा में बसे भारतीय समुदाय, विशेष रूप से इंडो-कैनेडियन समुदाय, ने इस यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखाया है। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसापत्र और वीडियो इस सकारात्मक ऊर्जा को दर्शाते हैं। यह यात्रा भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।
नाइक ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन के दौरान होने वाली साइडलाइन बैठकों के परिणाम जल्द ही सामने आएंगे, जो दोनों देशों के भविष्य के सहयोग को आकार दे सकते हैं। खास तौर पर, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के हाल के चुनाव में जीत के बाद पीएम मोदी द्वारा दी गई बधाई और इस यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
उनके मुताबिक, कनाडा में भारतीय समुदाय विशेष रूप से हिंदू समुदाय, इस यात्रा को भारत के गौरव और वैश्विक नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देख रहा है। नाइक ने कहा कि पीएम मोदी का कैलगरी आना अपने आप में एक बड़ा संदेश है, जो भारत और कनाडा के बीच संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह यात्रा न केवल जी-7 के वैश्विक एजेंडे को मजबूत करेगी, बल्कि भारत-कनाडा के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी। समुदाय के बीच इस यात्रा को लेकर उत्साह चरम पर है और सभी इसकी सफलता के लिए उत्सुक हैं।
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पुल हादसा : प्रशासन ने सरकार को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट

  • पुल के ढहने से 4 लोगों की मौत, 51 घायल
पुणे। महाराष्ट्र सरकार को पुणे जिला प्रशासन ने पुल हादसे को लेकर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में रविवार को इंद्रायणी नदी पर बने 33 साल पुराने पुल के ढहने से चार लोगों की मौत और 51 के घायल होने की पुष्टि की गई है।
यह घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब करीब 125 पर्यटक पुणे जिले की मावल तहसील के कुंडमाला में एकत्र हुए थे। इस घटना में चार मृतकों में से तीन की पहचान हो गई है जबकि एक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। मृतकों के नाम चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने (पहचान हो गई है) हैं जबकि एक की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है। लगातार बारिश के कारण रविवार रात को रोका गया राहत एवं बचाव कार्य सोमवार सुबह फिर से शुरू किया गया।
महाराष्ट्र के पुनर्वास राज्य मंत्री मकरंद पाटिल ने कहा, "पुल 30 साल से ज्यादा पुराना था और इसका निर्माण पुणे जिला परिषद ने करवाया था। प्रशासन ने दोनों तरफ बोर्ड लगाकर लोगों से इसका इस्तेमाल न करने की अपील की थी, लेकिन बारिश के दिन मौज-मस्ती करने आए कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हादसा हुआ। प्रशासन बचाव और राहत कार्यों में लगा हुआ है।"
घटनास्थल पर मौजूद राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने पहले ही घोषणा कर दी है कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी। पुणे जिला प्रशासन के अनुसार कुंडमाला पुल का काम 1990 में शुरू हुआ था और इसे 1993 में उपयोग के लिए खोल दिया गया था।
हालांकि, प्रशासन ने 2023 में पाया कि लगभग 30 वर्षों तक इस्तेमाल हुए पुल अब उपयोग योग्य नहीं है। लोगों को इसका उपयोग न करने को कहा गया था। प्रशासन ने 8 करोड़ रुपये की लागत से एक नए पुल के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। लोक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर निर्देश जारी कर दिया है। बारिश के बाद काम शुरू होना प्रस्तावित है।
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आईसीजी, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर दिया ऑपरेशन को अंजाम

  • मालवाहक जहाज मामला
कोच्चि। केरल के कोच्चि के पास सिंगापुर के जहाज ‘एमवी वान हाई 503’ में लगी आग को काबू करने और जहाज को बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी), नौसेना और वायुसेना ने मिलकर सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया है। 13 जून को खराब मौसम के बावजूद आईसीजी ने जहाज को केरल तट से दूर रखा था, लेकिन अचानक मौसम की स्थिति खराब होने और तेज पश्चिमी हवाओं के कारण यह खतरनाक तरीके से तटरेखा की ओर बह गया।
नौसेना के सी किंग हेलीकॉप्टर ने कोच्चि से उड़ान भरकर कठिन परिस्थितियों में सैल्वेज टीम को जहाज पर उतारा। इसके बाद टीम कोच्चि के तट से लगभग 20 समुद्री मील दूर ऑफशोर वॉरियर से 600 मीटर की टो रस्सी जोड़ने में सफल रही। अब जहाज को 1.8 नॉट की गति से पश्चिम की ओर खींचा जा रहा है और यह तट से 35 नॉटिकल मील दूर है।
भारतीय तटरक्षक बल के तीन जहाज इस कंटेनर जहाज की निगरानी और आग बुझाने का काम जारी रखे हुए हैं। अब जहाज पर सिर्फ धुआं और कुछ अलग-अलग हॉटस्पॉट बचे हैं, जो आईसीजी की प्रभावी आग बुझाने की कोशिशों का नतीजा है, जिसने एक बड़ी पर्यावरणीय आपदा को टालने में मदद की है।
आईसीजी शिपिंग महानिदेशालय के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि जहाज भारतीय तट से कम से कम 50 नॉटिकल मील दूर रहे, जब तक कि इसके मालिक इसकी स्थिति पर फैसला नहीं लेते। अतिरिक्त अग्निशामक टगबोट के आने से स्थिति और बेहतर होने की उम्मीद है। हाल ही में केरल तट से लगभग 70 समुद्री मील दूर मालवाहक जहाज में आग लग गई थी। जहाज पर सवार 22 लोगों में से 18 चालक दल के सदस्यों को समुद्र में कूदने के बाद बचा लिया गया था, जबकि जहाज के अग्नि और सुरक्षा विभाग से जुड़े चार अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है। इससे पहले, ताइवान ने सिंगापुर के मालवाहक जहाज वान हाई 503 के 18 चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया था।
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ईरान का एयरस्पेस बंद होने से उड़ान परिचालन बाधित

  • एयर इंडिया और इंडिगो ने जारी किया अलर्ट
नई दिल्ली। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, भारत की दो प्रमुख एयरलाइनों, एयर इंडिया और इंडिगो, ने ईरान के एयरस्पेस के बंद होने के कारण उड़ानों में देरी और रूट बदले जाने को लेकर पब्लिक एडवाइजरी जारी की है।
एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि कंपनी ने ईरान का एयरस्पेस बंद होने के कारण कई उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया है। एयरलाइन ने घोषणा की कि यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसकी कुछ उड़ानें अब लंबे, वैकल्पिक मार्गों पर संचालित हो रही हैं।
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक आधिकारिक अपडेट साझा किया, जिसमें कहा गया, "ईरान और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में उभरती स्थिति के कारण हवाई क्षेत्र के बंद होने और हमारे यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हमारी कुछ उड़ानें वैकल्पिक विस्तारित मार्गों पर चल रही हैं। हम हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण अपने यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम दोहराना चाहेंगे कि एयर इंडिया में, हमारे यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
यह एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब क्षेत्रीय तनाव की एक सीरीज के बाद ईरान और आस-पास के क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र बंद है। इस स्थिति ने कई अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्गों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है जो आमतौर पर ईरान से गुजरते हैं।
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने भी एक्स के माध्यम से एक बयान जारी कर यात्रियों को संभावित व्यवधानों के बारे में चेतावनी दी है। एयरलाइन ने अपनी एडवाइजरी में कहा, "ईरान और उसके आस-पास के इलाकों में हवाई क्षेत्र अभी भी उपलब्ध नहीं है। कुछ उड़ान मार्गों को एडजस्ट करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे यात्रा की अवधि बढ़ सकती है या देरी हो सकती है।"
इंडिगो ने सभी यात्रियों को सलाह दी है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले कंपनी की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपने फ्लाइट स्टेटस की जांच करें। एयरलाइन ने आश्वासन दिया कि उसकी कस्टमर सर्विस टीम इन देरी से प्रभावित यात्रियों की सक्रिय रूप से सहायता कर रही है।
दोनों एयरलाइनें वैकल्पिक हवाई गलियारों के माध्यम से प्रभावित उड़ानों को फिर से रूट करने के लिए काम कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान का समय लंबा हो सकता है। परिणामस्वरूप, यूरोप, खाड़ी और मध्य एशिया से आने-जाने वाली कई सेवाएं 30 मिनट से लेकर कई घंटों तक की देरी का सामना कर रही हैं।
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NIA ने उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ समेत 3 के खिलाफ असम IED विस्फोट साजिश का आरोपपत्र दायर किया

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने म्यांमार स्थित प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ सहित तीन लोगों के खिलाफ पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर असम में कई आईईडी विस्फोटों को अंजाम देने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बरुआ को परेश असोम, कामरुज जमान खान, नूर-उज-जमान, जमान भाई, प्रदीप, पबन बरुआ के नाम से भी जाना जाता है।
वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) का अध्यक्ष और स्वयंभू कमांडर-इन-चीफ है। एनआईए ने एक बयान में कहा कि बरुआ के साथ अभिजीत गोगोई उर्फ ​​अभिजीत गोगोई और जाह्नू बरुआ उर्फ ​​अर्नोब असोम उर्फ ​​हंटू पर शुक्रवार को गुवाहाटी की एक अदालत में भारतीय न्याय संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए। एजेंसी ने कहा कि तीनों का संबंध उल्फा (आई) द्वारा गुवाहाटी के दिसपुर लास्ट गेट पर लगाए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से पाया गया, जो 2023 में स्वतंत्रता दिवस समारोह को बाधित करने के लिए असम भर में कई विस्फोट करने की व्यापक साजिश का हिस्सा था।
सितंबर 2024 में जांच का जिम्मा संभालने वाली एनआईए ने पाया कि आईईडी को मौत या चोट पहुंचाने, संपत्ति को नष्ट करने और भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरा पहुंचाने और लोगों में आतंक फैलाने के इरादे से लगाया गया था।
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पांच दिवसीय यात्रा पर पीएम मोदी जाएंगे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 से 19 जून तक कनाडा, साइप्रस और क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री कनाडा में वे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो भारत की वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह यात्रा भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर मोदी कनानास्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। यह उनकी छठी जी-7 भागीदारी होगी। वे जी-7 देशों, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं के साथ ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी।
साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर पीएम मोदी 15-16 जून को साइप्रस जाएंगे। यह 20 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा होगी। निकोसिया में वे राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और लिमासोल में व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित करेंगे। यह यात्रा भारत-साइप्रस संबंधों को प्रगाढ़ करने और यूरोपीय संघ और भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी।
क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर मोदी 18 जून को क्रोएशिया जाएंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा होगी, जो दोनों देशों के संबंधों में ऐतिहासिक होगी। वे प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के साथ वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति ज़ोरान मिलनोविच से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत के यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को और मजबूत करेगी।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ये यात्राएं भारत की वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देंगी। साइप्रस और क्रोएशिया के साथ पहली बार हो रही ये यात्राएं व्यापार, संस्कृति और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देंगी। जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की प्रभावी भूमिका वैश्विक मंच पर फिर से उजागर होगी।
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भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे की दखलंदाजी नहीं होगी : रविशंकर प्रसाद

पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने साफ किया कि भारत का रुख बहुत स्पष्ट है कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते यही दोनों तय करेंगे, इसमें किसी तीसरे की दखलंदाजी नहीं होगी। दुनिया के अधिकांश देश भारत से अच्छे संबंध रखना चाहते हैं।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, सबने पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते की कोशिश की, लेकिन, बदले में हमें क्या मिला? दुनिया के किसी हिस्से में आतंकी घटना हो, उसमें कोई न कोई पाकिस्तानी या वहां प्रशिक्षित आतंकी जरूर मिलेगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भारत का पक्ष रखने और पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब करने के लिए विभिन्न देशों में गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष दायित्व दिया था। हम भी यूरोप के दौरे पर गए थे। हमारी यात्रा फ्रांस से शुरू हुई। सभी लोगों का एक ही लक्ष्य था कि पाकिस्तान को बेनकाब करना है। सभी देशों ने एक स्वर में पहलगाम हिंसा की निंदा की।
उन्होंने आगे कहा कि हम बताने गए थे कि अगर एक अमेरिकी और यूरोपीय नागरिक की जान की कीमत है, तो एक निर्दोष भारतीय की जान भी कीमती है। आतंकवाद से कोई मारा जाएगा तो कार्रवाई होगी। फ्रांस से यात्रा शुरू हुई, इसके बाद हम लोग रोम गए। इसके अलावा कई देशों में गए। हम लोगों ने वहां स्पष्ट किया कि हम नागरिकों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन पाकिस्तान की समस्या है कि वहां के जनरल पाकिस्तान चला रहे हैं। वे अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए आतंकवादियों का प्रयोग करते हैं। वे न जनता के चुने हुए हैं, न जनता के उत्तरदायी हैं।
सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब अमेरिका ओसामा बिन लादेन को मारने 12 हजार किलोमीटर जा सकता है, तो हम चार सौ किलोमीटर क्यों नहीं जा सकते हैं। हमने रात को ऑपरेशन किया और सुबह बताया भी। जब हमने एयर डिफेंस बर्बाद कर दिया, तब पाकिस्तान घुटनों पर आया और तब फोन किया। भारत आज चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने कहा कि जनता और नेता अपना देश बनाते हैं। पाकिस्तान की सेना ने अपने लिए पाकिस्तान बनाया। पाकिस्तान आज जनरल की दुकान बन गई है। दुनिया ने सराहा है कि आतंकवाद और देश की एकता के मुद्दे पर पूरा देश एक है।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए सवालिया अंदाज में कहा कि उन्हें विदेश नीति की समझ है? राहुल को पता नहीं है, उनके फालतू सवाल से पाकिस्तान को शह मिलती है। उन्होंने राजद प्रमुख लालू यादव के पैर के पास बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर रखे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जिसने भी इस तस्वीर को रखा, वह इस दरबारी संस्कृति में क्या कर रहा है? कम से कम लालू यादव को समझना चाहिए था। अंबेडकर देश के मसीहा हैं, उन्होंने देश को संविधान दिया।
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विजय रूपाणी की याद में राजकोट के बाजार आधे दिन बंद रहे

राजकोट। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता विजय रूपाणी के सम्मान में शनिवार को राजकोट के बाजार आधे दिन के लिए बंद रहे, जिनकी 12 जून को अहमदाबाद के पास एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई थी। शहर में दोपहर तक बंद रहा, व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने दिग्गज नेता को श्रद्धांजलि दी, जो राजकोट के विकास और परिवर्तन से गहराई से जुड़े थे। शहर की कई दुकानों ने स्वेच्छा से अपने शटर गिरा दिए।
एक निवासी नवनीत ने विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राजकोट उन्हें कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने शहर में कई विकास परियोजनाओं को लाने और पूरा करने के लिए भाजपा नेता की प्रशंसा की। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह एक ऐसी दुर्घटना है जिसे राजकोट के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। विजय रूपाणी राजकोट से बेहद प्यार करते थे, हमेशा लोगों से मिलते थे और उनसे जुड़ते थे। उन्होंने राजकोट एयरपोर्ट, अस्पताल, ओवरब्रिज और जल संसाधन जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए अपने कार्यालय और सरकार के साथ मिलकर काम किया। राजकोट के प्रति उनके प्यार ने इन विकासों को जन्म दिया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि राजकोट हमेशा उनका सम्मान करता रहेगा। राजकोट उन्हें कभी नहीं भूलेगा..."
गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके रूपाणी राजकोट पश्चिम से विधायक भी थे और सौराष्ट्र क्षेत्र में उनकी गहरी राजनीतिक जड़ें थीं। इससे पहले आज गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के आवास पर जाकर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। वाघेला ने रूपाणी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें शुरू में इस खबर पर विश्वास ही नहीं हुआ। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की।
वाघेला ने कहा, "पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ। फिर मैंने सुना कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। तब भी मुझे उम्मीद थी कि वे बच जाएँगे। फिर, जब हमने सुना कि वे नहीं रहे, तो हमने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं... मुझे उम्मीद है कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति मिले।" विजय रूपाणी उन 241 यात्रियों में से एक थे, जिन्होंने 12 जून को लंदन जाने वाले एयर इंडिया के विमान 171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की दुखद दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी थी। विजय रूपाणी 2016 से 2021 तक दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। रूपाणी को पंजाब के लिए भाजपा का प्रभारी भी नियुक्त किया गया था। 12 जून को लंदन के गैटविक के लिए रवाना होने वाला एयर इंडिया-171 बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एयरलाइंस ने कहा कि विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक ही दुर्घटना में बच पाया। (एएनआई)
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सभी देशों ने पहलगाम में आतंकवादी कृत्य की निंदा की : रविशंकर प्रसाद

पटना। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद, जिन्होंने हाल ही में भारत के बड़े कूटनीतिक प्रयासों के तहत बहुराष्ट्रीय दौरे पर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था, ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के वैश्विक प्रयासों का समर्थन किया है, जिसमें सभी देशों ने एक स्वर में आतंकवाद की निंदा की है। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि आतंकवाद कैंसर की तरह है, जो पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है।
प्रसाद ने कहा, "सभी देशों ने एक स्वर में बात की और पहलगाम में आतंकवादी कृत्य की निंदा की। जब हम उनसे (विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों) मिले, तो उन्होंने कहा कि 'आतंकवाद का कोई भी रूप स्वीकार्य नहीं है'। हम पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ नहीं हैं - हमारी समस्या यह है कि पाकिस्तान के जनरल देश चलाते हैं, और अपने स्वयं के एजेंडे को पूरा करने के लिए, वे इन आतंकवादियों का दुरुपयोग करते हैं। आतंकवाद एक कैंसर की तरह है जो पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है।"
प्रसाद ने आगे कहा कि भारत लोकतंत्र के जरिए आगे बढ़ रहा है और दुनिया देश की बढ़ती आर्थिक ताकत को पहचान रही है और उसका सम्मान कर रही है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान और भारत का जन्म 1947 में एक ही तारीख को हुआ था... आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि पाकिस्तान हाथ में कटोरा लेकर भीख मांग रहा है। भारत लोकतंत्र के जरिए विकास कर रहा है। भारत के आर्थिक विकास से दुनिया प्रभावित है। हम जहां भी गए, उन्होंने हमसे भारत के साथ आर्थिक संबंध बनाने का अनुरोध किया। दुनिया भारत की आर्थिक ताकत का सम्मान कर रही है। इसलिए वे हमारा पक्ष भी सुन रहे हैं।"
हाल ही में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बारे में जानकारी देते हुए भाजपा सांसद ने कहा, "हमसे पूछा गया (सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान) कि इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' क्यों रखा गया? हमने कहा कि हमारी बेटियों और बहनों का 'सिंदूर' मिटा दिया गया, इसलिए हमने उन आतंकवादियों को नष्ट करने के लिए इसका नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' रखा... लोगों ने इसकी सराहना की..." इससे पहले 10 जून को भाजपा सांसद प्रसाद ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने वैश्विक नेताओं को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की दृढ़ नीति से अवगत कराया है।
भाजपा सांसद ने संवाददाताओं से कहा, "पाकिस्तान न केवल इनकार करने वाला देश है, बल्कि सैन्य-आतंकवादी गठजोड़ एक घातक संयोजन बन गया है।" "जब हमने इतिहास के बारे में बात की, तो हमने इस बारे में बात की कि कैसे पाकिस्तान जनरलों के हाथों में है... दुनिया को यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान एक सैन्य-जनरल गठजोड़ की गिरफ्त में है, जिसका गंदा काम आतंकवादियों और आतंकवादी शिविरों द्वारा किया जाता है। पाकिस्तान की नई व्यवस्था में, जनरल खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल छद्म रूप में करते हैं," उन्होंने कहा।
भाजपा के रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, एमजे अकबर, गुलाम अली खटाना और समिक भट्टाचार्य, कांग्रेस सांसद अमर सिंह, शिवसेना (यूबीटी) से प्रियंका चतुर्वेदी, एआईएडीएमके सांसद एम थंबीदुरई और पूर्व राजनयिक पंकज सरन भी शामिल थे। समूह ने आतंक के खिलाफ भारत की स्थिति को समझाने और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में देशों को जानकारी देने के लिए यूके, फ्रांस, जर्मनी, ब्रुसेल्स (बेल्जियम), इटली और डेनमार्क का दौरा किया।
यह ऑपरेशन 7 मई को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में 22 अप्रैल को किए गए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकी ढांचे के खिलाफ लक्षित हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। (एएनआई)
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Axiom-4 : भारतीय अंतरिक्ष यात्री को ले जाने वाला मिशन 19 जून को होगा लॉन्च

नई दिल्ली। एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग पर ताजा अपडेट आया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि 19 जून को एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च होगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने "एक्स" पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी। बताया कि "भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्च तारीख अब 19 जून 2025 के लिए फिर से निर्धारित की गई है। साथ ही स्पेस एक्स टीम ने पुष्टि की है कि लॉन्च को पहले स्थगित करने वाले सभी मुद्दों पर पूरी तरह से काम किया गया है।" सिंह ने कहा कि आगे का कोई भी अपडेट समय के अनुसार साझा किया जाएगा।
भारत के लिए एक्सिओम-4 मिशन काफी अहम है, क्योंकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के रूप में पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाएगा। 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला लखनऊ में जन्मे हैं। उन्हें जून 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला। उन्हें 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव हासिल है। वे सुखोई-30 एमके 1, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एएन-32 जैसे फाइटर जेट्स को उड़ा चुके हैं।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के लिए भी मिशन महत्वपूर्ण होगा। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर विशेष खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोग करेंगे। 11 जून को मिशन कुछ तकनीकी परेशानी के कारण स्थगित करना पड़ा। चौथी बार ऐसा हुआ कि मिशन लॉन्च करने की तारीख बदली गई। 11 जून को मिशन स्थगित करने की घोषणा करते हुए इसरो ने जानकारी दी कि लॉन्च से पहले टेस्टिंग के दौरान प्रोपल्शन बे में एलओएक्स रिसाव का पता चला था। 13 जून को इसरो प्रमुख वी नारायणन ने एक बयान में कहा, "इसरो, नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के ज्वेज्दा मॉड्यूल में देखी गई समस्या को जिम्मेदारी के साथ हल करने के लिए काम कर रहा है, जिसके कारण एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) में देरी हुई।" फिलहाल मिशन लॉन्च करने की नई तारीख का ऐलान कर दिया गया है। हर भारतीय इस मिशन की सफल लॉन्चिंग का इंतजार कर रहा है।
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