हिंदुस्तान

प्रधानमंत्री मोदी का पोर्ट ऑफ स्पेन में हुआ जोरदार स्वागत

  • दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, 38 मंत्री और चार सांसद रहे मौजूद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय कैरिबियाई देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यह उनकी पांच देशों की यात्रा का दूसरा चरण है. यहां राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन के पियार्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. उन्हें यहां गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान उनकी कैबिनेट के 38 मंत्री और चार सांसद मौजूद थे. खुद पीएम कमला ने पारंपरिक भारतीय परिधान साड़ी पहनी थी. उनके साथ कई मंत्री और सांसद भी भारतीय परिधानों में नजर आए, जो दोनों देशों के सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है.
पीएम मोदी के स्वागत समारोह में भारतीय संस्कृति की छठा बखूबी दिखाई दी. वहां के भारतीय समुदाय ने तिरंगा झंडा लहराकर और पारंपरिक लोकगीत गाकर पीएम मोदी का स्वागत किया. यह सांस्कृतिक प्रदर्शन दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक था.
पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय मूल के लोगों में पीएम मोदी के आगमन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया. लोगों ने हाथों में तिरंगे लेकर और पारंपरिक नृत्य पेश किए गए. पीएम मोदी ने भी इस गर्मजोशी का जवाब देते हुए भारतीय समुदाय का अभिनंदन किया.
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पोस्ट कर बताया कि पीए मोदी का पोर्ट ऑफ स्पेन में ऐतिहासिक स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर और त्रिनदाद एवं टोबैगो की पूरी कैबिनेट एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए मौजूद थी. 38 मंत्री और चार सांसदों ने पीएम मोदी का स्वागत किया, जो वैश्विक मंच पर पीएम मोदी के नेतृत्व के प्रति सम्मान को दर्शाता है.
बता दें कि पीएम मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यह पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा है. 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है. त्रिनिदाद और टोबैगो की 40 फीसदी से अधिक आबादी भारतीय मूल की है. यहां के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा स्पीकर भी भारतीय मूल के हैं.भी खास बनाता है.
पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और महाकुंभ का जिक्र भी किया. उन्होंने कमला प्रसाद बिसेसर को राम मंदिर की रिप्लिका और सरयू नदी का पवित्र जल भी भेंट किया.
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प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के स्पेस प्रोग्राम की प्रशंसा की

  • कहा- 'हम अपनी सफलताओं को दुनिया संग बांट रहे'
पोर्ट ऑफ स्पेन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने की जगह का नाम 'शिव शक्ति बिंदु' रखा। त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस समय एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद है। हम अब ‘गगनयान’ नाम के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे हैं। जल्द ही एक भारतीय चंद्रमा पर कदम रखेगा और भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन भी होगा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अपनी सफलताओं का फायदा दुनिया के बाकी देशों के साथ बांट रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मुझे भरोसा है कि आप सभी को भारत की तरक्की पर गर्व है। आज का नया भारत इतना आगे बढ़ रहा है कि अब उसके लिए आसमान भी कोई सीमा नहीं है। जब चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा था, तो आप सब ने जरूर खुशी मनाई होगी। जिस जगह चंद्रयान उतरा था, हमने उसका नाम ‘शिव शक्ति बिंदु’ रखा है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले भारतीय समुदाय की सराहना की और उन्हें 'राष्ट्रदूत' और 'भारतीय मूल्यों और संस्कृति के प्रतिनिधि' कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम अपने प्रवासी भारतीयों की ताकत और समर्थन को बहुत अहम मानते हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले 3.5 करोड़ से ज़्यादा भारतीय प्रवासी हमारे लिए गर्व की बात हैं। जैसा कि मैं अक्सर कहता हूं, आप में से हर एक व्यक्ति भारत के मूल्यों, संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधि है- एक सच्चा राष्ट्रदूत।"
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, "इस साल जब हमने भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया, तो त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू हमारी मुख्य अतिथि थीं। कुछ साल पहले, वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने भी अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया था।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "प्रवासी भारतीय दिवस पर मैंने दुनिया भर में बसे गिरमिटिया समुदाय को सम्मान देने और उनसे जुड़ने के लिए कई पहल शुरू करने की घोषणा की। हम अतीत की जानकारी जुटा रहे हैं और एक बेहतर भविष्य के लिए लोगों को एक-दूसरे से जोड़ रहे हैं। हम गिरमिटिया समुदाय का एक बड़ा और व्यवस्थित डाटा तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इसके तहत हम उन गांवों और शहरों का रिकॉर्ड बना रहे हैं जहां से उनके पूर्वज भारत से गए थे और उन देशों या जगहों की पहचान कर रहे हैं, जहां वे जाकर बसे थे। "
उन्होंने आगे कहा," हम उनके इतिहास और विरासत के संरक्षण के लिए भी काम कर रहे हैं। साथ ही, हम नियमित रूप से ‘विश्व गिरमिटिया सम्मेलन’ आयोजित करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। इससे त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले हमारे भाइयों और बहनों से हमारा ऐतिहासिक और भावनात्मक रिश्ता और मजबूत होगा।"
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स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि : अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

  • "उठो, जागो" का फिर गूंजा मंत्र
नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेताओं ने स्वामी विवेकानंद के योगदान को याद किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, "भारतीय ज्ञान, दर्शन और सांस्कृतिक स्वाभिमान के पुनर्जागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद जी के निर्वाण दिवस पर उन्हें सादर नमन। स्वामी जी ने एक ओर देशवासियों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित किया, तो दूसरी ओर युवाओं में नैतिक बल और आत्मविश्वास को जागृत किया। भारतीय ज्ञान-परंपरा को विश्वपटल पर पुनः प्रतिष्ठा दिलाने वाले विवेकानंद जी ने युवाओं से उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए, का आह्वान किया। शिक्षा को सामाजिक विकास की धुरी मानने वाले स्वामी विवेकानंद जी के विचार, राष्ट्रनिर्माण की दिशा में सदैव मार्गदर्शक बने रहेंगे।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, "स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें नमन करता हूं। वे भारत ही नहीं पूरे विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। एक समृद्ध और प्रगतिशील भारत के निर्माण के उनके स्वप्न को पूरा करने के लिए हम सभी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट में लिखा, "'चुनौती जितनी बड़ी होगी, जीत उतनी ही शानदार होगी' सभ्यता, संस्कार और स्वाभिमान के उद्घोष 'गर्व से कहो हम हिन्दू हैं' के द्वारा सोए हुए भारत को जागृत करने वाले युवा संन्यासी, ‘राष्ट्रऋषि’ स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि! आपने वेदांत, सेवा और आत्मबल के आलोक से सनातन संस्कृति को विश्वमंच पर प्रतिष्ठित किया। राष्ट्रनिर्माण की आपकी दृष्टि और ‘उठो, जागो’ का मंत्र, युगों तक युवा भारत का पथप्रदर्शक बना रहेगा।"
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट में लिखा, "भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्र चेतना को वैश्विक मंच पर स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। आपने न केवल भारतीय संस्कृति और वेदांत का पश्चिम में प्रचार किया बल्कि युवाओं में राष्ट्र भक्ति, आत्मविश्वास और सेवा की भावना जागृत की। आपके विचार भावी पीढ़ी को सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।"
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पोस्ट में लिखा, "अपने ज्ञान और अध्यात्म की पवित्र ज्योत से सम्पूर्ण मानवता का कल्याण करने वाले महान आध्यात्मिक गुरु, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत, युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं! आपके ओजस्वी विचार और जीवन-दर्शन हमें सदैव राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देते रहेंगे।"
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक्स पोस्ट में लिखा, "भारत की गौरवशाली संस्कृति को विश्वपटल पर स्थापित करने वाले महान युगदृष्टा स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर शत्- शत् नमन! स्वामी विवेकानंद जी ने अपने विचारों से भारत को आत्मविश्वास, गौरव और विश्व को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं।"
कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा, "ओजस्वी वक्ता व महान समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। भारत का नाम पूरे विश्व में गौरवान्वित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी के आदर्श देश के युवाओं को प्रेरणा देते रहेंगे।"
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट में लिखा, "भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को संपूर्ण विश्व में ख्याति दिलाने वाले महान विचारक एवं करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। अमरीका के शिकागो की धर्म संसद में वर्ष 1893 में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण के कुछ अंश, जो आज भी बेहद प्रासंगिक है। - “सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसके भयानक वंशज हठधमिर्ता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं। इन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है। कितनी बार ही यह धरती खून से लाल हुई है। कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है और न जाने कितने देश नष्ट हुए हैं। अगर ये भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नत होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चुका है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी हठधर्मिताओं, हर तरह के क्लेश, चाहे वे तलवार से हों या कलम से और सभी मनुष्यों के बीच की दुर्भावनाओं का विनाश करेगा।”
उन्होंने आगे लिखा, "स्वामी विवेकानंद जी ने अपने अल्प जीवनकाल में मानवता को आत्मिक विकास, सहिष्णुता व समानता जैसी महत्वपूर्ण बातों से अवगत करवाया और भारत को वैश्विक पटल पर एक अलग पहचान दिलाई।"
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तकनीकी चुनौतियों के कारण पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध संभव नहीं : दिल्ली सरकार

दिल्ली। दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखकर तर्क दिया है कि तकनीकी चुनौतियों के कारण अधिक आयु वाले वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है और आयोग से इसे तत्काल प्रभाव से रोकने का अनुरोध किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस कदम से लोगों में असंतोष है और सरकार उनके साथ खड़ी है।
सिरसा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार 10 साल या उससे अधिक पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों सहित जीवन-अंत वाहनों पर प्रतिबंध का समाधान खोजने की कोशिश कर रही है। सिरसा ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वाहनों को उनकी उम्र के आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जाए, बल्कि उनके द्वारा किए जाने वाले प्रदूषण के आधार पर प्रतिबंधित किया जाए। मंत्री ने 1 जुलाई से अधिक उम्र के वाहनों में ईंधन भरने पर प्रतिबंध को लागू करने में आने वाली विभिन्न चुनौतियों और समस्याओं का हवाला देते हुए कहा, "हमने सीएक्यूएम को बताया है कि हम इसे लागू करने में सक्षम नहीं हैं।" दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई से जीवन-अंत वाहनों के लिए ईंधन पर प्रतिबंध लगा दिया था - 10 साल या उससे अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहन - जिनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और जिन्हें सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है। सीएक्यूएम अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में सिरसा ने यह भी सुझाव दिया कि अधिक उम्र के वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लागू किया जाना चाहिए। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस 1 जुलाई से ईंधन भरने वाले वाहनों को जब्त कर रही है।
दिल्ली सरकार की ओर से सीएक्यूएम को लिखे पत्र में सिरसा ने आयोग से 23 अप्रैल के निर्देश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का आग्रह किया। जहां तक ​​ईंधन प्रतिबंध के कार्यान्वयन की बात है, तो कई महत्वपूर्ण परिचालन और ढांचागत चुनौतियां हैं, और इस समय इस आदेश को लागू करना "व्यवहार्य नहीं होगा," सिरसा ने अपने पत्र में कहा। उन्होंने कहा कि यह कदम संभावित रूप से प्रतिकूल भी हो सकता है। मंत्री ने कहा, "इस अत्यंत जटिल प्रणाली की तकनीकी विसंगतियों और पड़ोसी राज्यों के साथ एकीकरण की कमी के कारण, जनता में असंतोष और आक्रोश है और उक्त परिस्थितियों में, दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर स्थापित एएनपीआर कैमरों के माध्यम से पहचाने गए जीवन के अंत वाले वाहनों पर इस प्रणाली को लागू करना संभव नहीं है।"
उन्होंने कहा कि अधिकांश ईंधन स्टेशनों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ियों, कैमरा प्लेसमेंट, सेंसर और स्पीकर की खराबी जैसी समस्याएं आ रही हैं, जो उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेटों के बिना ओवरएज वाहनों की पहचान को रोकती हैं। इसके अलावा, सिस्टम पड़ोसी एनसीआर राज्यों के डेटाबेस के साथ अभी तक पूरी तरह से एकीकृत नहीं है। सिरसा ने कहा कि इन मुद्दों को दिल्ली में लागू करने से पहले उचित परीक्षण और त्रुटि सुधार की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रतिबंध अपने उद्देश्य को पूरा नहीं करेगा क्योंकि अधिक उम्र के वाहनों के मालिक गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद जैसे एनसीआर शहरों से ईंधन प्राप्त कर सकते हैं, जहां ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। पड़ोसी राज्यों में एएनपीआर कैमरा सिस्टम भी लागू नहीं है, जो ईंधन प्रतिबंध लागू होने पर फिर से एक मुद्दा होगा। मंत्री ने अपने पत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों को सूचीबद्ध किया, जिसमें विशेष रूप से राज्य के बाहर के वाहनों के लिए सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक नए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र व्यवस्था को लागू करना शामिल है।
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दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने 11 नई समितियों के गठन की घोषणा की

दिल्ली। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 2025-26 सत्र के लिए 11 नई समितियों के गठन की घोषणा की है। इसके साथ ही विधानसभा समितियों की कुल संख्या अब 29 हो गई है, जो नीति समीक्षा और शासन की निगरानी के लिए विधानसभा के संस्थागत ढांचे का एक बड़ा विस्तार है।
नए गठित किए गए पैनलों में महिला एवं बाल कल्याण, छात्र एवं युवा कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण और अनधिकृत कॉलोनियों से संबंधित मुद्दों पर समितियां शामिल हैं। इन निकायों से उम्मीद की जाती है कि वे हाशिए पर पड़े और कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेंगे, साथ ही दिल्ली के निवासियों के सामने आने वाले नागरिक मुद्दों को भी संबोधित करेंगे
विजेंद्र गुप्ता ने जोर देकर कहा कि भागीदारी और समावेशी लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को नए पैनलों में उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समितियां अपना दायित्व पूरा करेंगी और दिल्ली के नागरिकों के लिए ठोस नतीजे देंगी। उन्होंने कहा, "समितियां विधायी निगरानी के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं, जो विधानसभा सत्रों के दौरान उपलब्ध सीमित समय से परे सरकारी कामकाज की निरंतर जांच करने में सक्षम बनाती हैं।" प्रमुख नियुक्तियों में पूनम शर्मा को महिला एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष, अहीर दीपक चौधरी को छात्र एवं युवा कल्याण समिति और तरविंदर सिंह मारवाह को अल्पसंख्यक कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। राज करण खत्री अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति का नेतृत्व करेंगे, जबकि कुलदीप सोलंकी अनधिकृत कॉलोनियों से संबंधित मुद्दों पर समिति का नेतृत्व करेंगे।
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उत्तराखंड सरकार ने खराब मौसम के कारण "चार धाम यात्रा" रोकी

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार ने खराब मौसम की स्थिति के कारण चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला किया है. सीएम धामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। "मौसम को देखते हुए, चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। भविष्य में, हम मौसम के अनुसार यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। जब यात्रा सुरक्षित होगी, तो इसे जारी रखा जाएगा... यात्रा के दौरान हमारी प्राथमिकता सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा है... हमारे सभी जिला अधिकारी, आपदा प्रबंधन दल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल पूरी तरह से तैयार हैं", सीएम धामी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा।
उत्तराखंड के सोनप्रयाग क्षेत्र के मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में मलबा और पत्थर गिरने के कारण केदारनाथ धाम यात्रा को फिलहाल कुछ समय के लिए रोक दिया गया है, पुलिस ने गुरुवार को कहा, प्रशासन द्वारा सड़क साफ करने के बाद यात्रा फिर से शुरू होगी।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने 'एक्स' पोस्ट में कहा, "सोनप्रयाग क्षेत्र के मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में मलबा और पत्थर गिरने के कारण सड़क अवरुद्ध है। केदारनाथ धाम यात्रा को फिलहाल कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। सड़क साफ होने के बाद यात्रा फिर से शुरू होगी।"
हर साल होने वाली चार धाम यात्रा, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की तीर्थयात्राएं शामिल हैं, हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं में से एक है। राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे में कई सुधार किए हैं - जिसमें बेहतर सड़कें, हेलीकॉप्टर सेवाएं और बेहतर आवास शामिल हैं - ताकि श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम तीर्थयात्रा अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।
इस साल, केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की अभूतपूर्व आमद देखी गई, जिसका श्रेय अधिकारियों को बेहतर सुविधाओं और बढ़ती आध्यात्मिक रुचि दोनों को जाता है। अधिकारियों ने उच्च ऊंचाई वाली यात्रा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा और चिकित्सा प्रतिक्रिया टीमों को भी तैनात किया है। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर हिमालय में 11,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। वर्ष 2025 के लिए केदारनाथ यात्रा के द्वार 2 मई को भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। (एएनआई)
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डाबर च्यवनप्राश पर 'अपमानजनक' विज्ञापन रोकने का आदेश

  • पतंजलि पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पतंजलि को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन चलाने से रोक दिया। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने डाबर की याचिका पर अंतरिम निषेधाज्ञा की अनुमति दी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि "पतंजलि स्पेशल च्यवनप्राश" "विशेष रूप से डाबर च्यवनप्राश" और सामान्य रूप से च्यवनप्राश का अपमान कर रहा है, यह दावा करके कि "किसी अन्य निर्माता को च्यवनप्राश तैयार करने का ज्ञान नहीं है" - जो सामान्य अपमान का गठन करता है।
याचिका में दावा किया गया है कि "इसके अलावा, विज्ञापनों में (आयुर्वेदिक दवा/दवा के संबंध में) गलत और भ्रामक बयान दिए गए हैं, जो डाबर च्यवनप्राश के साथ अपमानजनक तुलना करते हैं।"
डाबर की ओर से अधिवक्ता जवाहर लाला और मेघना कुमार पेश हुए।
याचिका में आगे दावा किया गया कि विज्ञापन में अन्य सभी च्यवनप्राश के संबंध में "साधारण" उपसर्ग का उपयोग किया गया है, जो दर्शाता है कि वे "निम्न" हैं।
विज्ञापन में यह भी "गलत" दावा किया गया कि अन्य सभी निर्माताओं को आयुर्वेदिक ग्रंथों और च्यवनप्राश तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए गए फार्मूले के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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ईडी ने बताया- "सोनिया-राहुल ने 50 लाख में 2000 करोड़ की कंपनी खरीदी"

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का पूरा नियंत्रण मात्र 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया, जबकि कंपनी के पास 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति है।
यह दलील राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने के समक्ष दी गई, क्योंकि अदालत नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लेने के लिए दलीलें सुन रही थी। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि एजेएल के पास दिल्ली, लखनऊ, भोपाल, इंदौर, पंचकूला और पटना सहित कई शहरों में कीमती संपत्तियां हैं, जिन्हें केंद्र और राज्य सरकारों ने स्वतंत्रता के बाद समाचार पत्रों के प्रकाशन के उद्देश्य से आवंटित किया था।
हालांकि, ईडी के अनुसार, गांधी परिवार द्वारा नियंत्रित कंपनी यंग इंडियन द्वारा एजेएल का अधिग्रहण किए जाने के तुरंत बाद, यह घोषित किया गया था कि यंग इंडियन नेशनल हेराल्ड सहित किसी भी समाचार पत्र का प्रकाशन नहीं करेगा। एएसजी ने तर्क दिया कि 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के लिए, गांधी परिवार ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जिससे पूरी कंपनी को इसके मूल्य के एक अंश पर प्रभावी रूप से अधिग्रहित कर लिया गया। राजू ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी परिवार के करीबी विश्वासपात्रों को एजेएल का निदेशक नियुक्त किया गया था, और वित्तीय लेनदेन इस तरह से संरचित किए गए थे जो धोखाधड़ी के बराबर थे।
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एयर इंडिया ने वियना में तकनीकी खराबी के कारण दिल्ली-वाशिंगटन उड़ान रद्द की

नई दिल्ली। एयर इंडिया की दिल्ली से वाशिंगटन, डी.सी. जाने वाली उड़ान एआई 103 को तकनीकी खराबी के कारण रद्द कर दिया गया, क्योंकि विमान को वियना में ईंधन भरने के दौरान तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा, एयरलाइन ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बुधवार को सुबह 12.45 बजे उड़ान भरने वाली और गुरुवार को रात 8.45 बजे वाशिंगटन पहुंचने वाली उड़ान एआई 103 को वियना में रद्द कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, वाशिंगटन, डी.सी. से वियना होते हुए दिल्ली जाने वाली उड़ान एआई 104 को भी रद्द कर दिया गया।
एयरलाइन के एक बयान के अनुसार, प्रभावित यात्रियों को उनकी पसंद के आधार पर दिल्ली के लिए वैकल्पिक उड़ानों में फिर से बुक किया गया है या उन्हें पूरा रिफंड दिया गया है।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, "2 जुलाई 2025 को दिल्ली से वाशिंगटन, डी.सी. जाने वाली उड़ान एआई 103 ने वियना में ईंधन भरने के लिए एक नियोजित स्टॉप बनाया। नियमित विमान जांच के दौरान, एक विस्तारित रखरखाव कार्य की पहचान की गई, जिसे अगली उड़ान से पहले ठीक करने की आवश्यकता थी और इस प्रकार, पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता थी।" इसके कारण, वियना से वाशिंगटन, डी.सी. की उड़ान रद्द कर दी गई और यात्रियों को उतार दिया गया।
एयरलाइन ने कहा, "वीजा-मुक्त प्रवेश के लिए पात्र या वैध शेंगेन वीजा वाले यात्रियों को अगली उपलब्ध उड़ान तक वियना में होटल में रहने की सुविधा प्रदान की गई। प्रवेश की अनुमति के बिना, ऑस्ट्रियाई अधिकारियों द्वारा आव्रजन और सुरक्षा मंजूरी मिलने तक रहने की व्यवस्था की जा रही है।" एयरलाइन ने कहा कि उसे "इस असुविधा के लिए गहरा खेद है और वह सभी यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।" तकनीकी खराबी के कारण हाल के दिनों में एयर इंडिया की कई उड़ानें रद्द हुई हैं।
जापान से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की उड़ान एआई 357 को केबिन में लगातार गर्म तापमान के कारण एहतियातन कोलकाता की ओर मोड़ दिया गया। एयरलाइन के अनुसार, बोइंग 787 विमान द्वारा संचालित एयर इंडिया की उड़ान सुरक्षित रूप से उतरी और निरीक्षण के अधीन है। उड़ान, एआई 357 टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई थी, जब चालक दल ने तकनीकी समस्या की सूचना दी।
27 जून को मुंबई से चेन्नई जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI639 को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मुंबई वापस लौटना पड़ा, क्योंकि चालक दल को केबिन के अंदर जलने की गंध महसूस हुई। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस मिलकर प्रतिदिन 1,100 से अधिक उड़ानें संचालित करते हैं, जिनमें 1,50,000 से अधिक यात्री यात्रा करते हैं।
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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, सार्वजनिक उपयोगिताएँ बाधित

  • 261 सड़कें अवरुद्ध, 797 जल योजनाएँ प्रभावित
शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण सार्वजनिक उपयोगिताएँ व्यापक रूप से बाधित हुई हैं, 261 सड़कें अवरुद्ध, 599 वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) बाधित, और 797 जल आपूर्ति योजनाएँ प्रभावित हुई हैं, यह जानकारी 3 जुलाई को सुबह 10 बजे जारी राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में दी गई है।
हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक प्रेस नोट के अनुसार, रिपोर्ट में 2 जुलाई की शाम की तुलना में नुकसान में वृद्धि दिखाई गई है, जब 245 सड़कें, 918 डीटीआर, और 683 जल आपूर्ति योजनाएँ बाधित होने की सूचना मिली थी। नवीनतम आँकड़े कई जिलों में मानसून के प्रभाव में चिंताजनक वृद्धि को दर्शाते हैं। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां धरमपुर (42), सेराज (37), थलौट (31) और करसोग (27) सहित विभिन्न उपखंडों में 186 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अतिरिक्त, जिले में 511 डीटीआर और 580 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं, जिनमें गोहर (258 डीटीआर) और सुंदरनगर (559 जलापूर्ति योजनाएं) जैसे उपखंड सबसे अधिक प्रभावित हैं।
कुल्लू में भारी बारिश के कारण 37 सड़कें अवरुद्ध होने की सूचना मिली, जिनमें निरमंड में 21 और बंजार में 11 सड़कें शामिल हैं। जिले में 15 डीटीआर बाधित होने और 33 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित होने की भी सूचना मिली है। हमीरपुर में कोई सड़क अवरुद्ध नहीं हुई, लेकिन 62 डीटीआर बाधित होने और 144 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित होने की सूचना मिली, विशेष रूप से बरसर (37 डीटीआर) और हमीरपुर (54 डब्ल्यूएसएस) जैसे उपखंडों में। कांगड़ा में 12 सड़कें अवरुद्ध होने और तीन डीटीआर बाधित होने की सूचना मिली, हालांकि जलापूर्ति योजनाएं अप्रभावित रहीं। शिमला में तीन सड़कें अवरुद्ध हो गईं और एक डीटीआर बाधित हो गया, जबकि 12 जलापूर्ति योजनाएं--मुख्य रूप से कुपवी और रामपुर उपखंडों में-- प्रभावित हुईं।
सिरमौर जिले में नौ सड़कें अवरुद्ध हो गईं और 24 जल योजनाएं बाधित हो गईं, जबकि डीटीआर अप्रभावित रहीं। चंबा में नौ सड़कें अवरुद्ध हो गईं और छह डीटीआर बाधित हो गईं। सोलन में सात सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जबकि ऊना में तीन अवरोधों की सूचना मिली, लेकिन बिजली या पानी के बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ। किन्नौर में एक सड़क और एक डीटीआर प्रभावित हुई, जबकि लाहौल और स्पीति किसी भी व्यवधान से अप्रभावित रहे।
एसईओसी ने आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी, एचपीएसईबी और आईपीएच सहित विभागों के बीच समन्वय प्रयासों में सहायता के लिए इस रिपोर्ट को संकलित और प्रसारित किया है। राज्य सरकार स्थिति की निगरानी करना जारी रखे हुए है और संवेदनशील क्षेत्रों में निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है क्योंकि बारिश की गतिविधि जारी रहने की उम्मीद है। जहां सड़कें बंद हैं, वहां वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जा रही है और उपयोगिता बहाली दल प्रभावित क्षेत्रों में बाधित बिजली और पानी की आपूर्ति प्रणालियों को बहाल करने के लिए प्राथमिकता पर काम कर रहे हैं। (एएनआई)
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मंडी में भारी तबाही से जानमाल का नुकसान, अब तक 13 की मौत

मंडी। हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। प्रदेश में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। मंडी जिले में इस आपदा के कारण अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 29 लोग अभी भी लापता हैं।
जानकारी के अनुसार, मंडी जिले के थुनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर और गौहर इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। थुनाग में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि करसोग में एक और गौहर में सात लोगों की जान गई है। इसके अलावा, जोगिंद्रनगर के स्यांज से दो शवों को बरामद किया गया है। साथ ही थुनाग, करसोग और गौहर के 29 लोग लापता हैं।
इसके अलावा, इस आपदा के कारण मंडी जिले में 148 मकान, 104 गौशालाएं और 162 मवेशियों की हानि हुई है। साथ ही 14 पुल को भी आपदा में नुकसान पहुंचा है। 154 लोगों को बचाया गया है। मंडी प्रशासन ने आपदा से प्रभावित लोगों के लिए कई राहत शिविर भी बनाए हैं, जिनमें 357 लोगों ने आश्रय लिया है।
इस बीच, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, होम गार्ड और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। बता दें कि मंडी जिले में सोमवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, गोहर और सदर उपमंडल में भी भूस्खलन और जलभराव की कई घटनाएं सामने आई हैं।
वहीं, प्रशासन ने लोगों से जरूरी न होने पर यात्रा से बचने और आधिकारिक दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है। बचाव कार्यों में तेजी लाने और लापता लोगों का पता लगाने के लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
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अमरनाथ यात्रा के लिए दूसरा जत्था रवाना

  • तीर्थयात्रियों ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरकार की तारीफ की
जम्मू। 36 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का एक और जत्था गुरुवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ। दूसरे जत्थे में 5246 तीर्थयात्री शामिल हैं, जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू के कैनाल रोड स्थित भगवती नगर से घाटी के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि इन तीर्थयात्रियों में से 1993 यात्री बालटाल बेस कैंप जा रहे हैं, जबकि 3253 पहलगाम बेस कैंप जा रहे हैं।
तीर्थयात्री 'बम बम भोले' और 'हर हर महादेव' के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह दिखा। उन्होंने सरकार की ओर से मुहैया कराई गई सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं की तारीफ की। तीर्थयात्रियों ने भारतीय सेना पर पूरा भरोसा जताया।
श्रद्धालुओं ने कहा कि सेना के जवानों ने हमें बहुत अच्छे से भगवती नगर तक पहुंचाया। केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से जो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, वो बहुत अच्छी हैं। दूसरे जत्थे में कुछ ऐसे भी तीर्थयात्री हैं, जो पहली बार अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने भी सुरक्षा के साथ यहां की सुविधाओं की तारीफ की।
श्रद्धालुओं ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि वो बहुत खुश हैं, सरकार ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। एक श्रद्धालु ने कहा कि वो 2019 से लगातार अमरनाथ यात्रा के लिए यहां आता है। इस बार बहुत अच्छा लग रहा है। सरकार ने अच्छी व्यवस्था की है। एक महिला ने सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां की व्यवस्थाओं को देखकर बहुत खुशी हुई।
एक श्रद्धालु ने कहा, "जब संवेदनशील समय था, जब आतंकवादी हमले होते थे, उस समय भी भक्त इस यात्रा के लिए आते थे। अब बिल्कुल निर्भय होकर यहां श्रद्धालु आ रहे हैं।" एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "पहले और अब की यात्रा में जमीन-आसमान का फर्क है। यहां दो-तीन गुना अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है। पहले के मुकाबले चार गुना सुख-सुविधाएं यहां देखने को मिल रही हैं।"
श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वो सिर्फ सुरक्षा काफिले के साथ ही जम्मू से घाटी की ओर यात्रा करें और अकेले न निकलें। अमरनाथ यात्रा 36 दिनों तक चलेगी और इस बार इसका समापन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के दिन होगा।
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भारत में पाकिस्तानी हस्तियों के एक्स अकाउंट पर फिर लगाया बैन

नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की कई नामी हस्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की है। भारत ने गुरुवार को सभी पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स को फिर से ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा यूट्यूब चैनल्स पर भी प्रतिबंध जारी है।
सूत्रों के अनुसार, यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है। अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स और यूट्यूब चैनलों पर सख्ती बढ़ा दी थी।
हालांकि, कुछ पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को जुलाई की शुरुआत में कुछ समय के लिए अनब्लॉक किया गया था, लेकिन अब ताजा जानकारी के मुताबिक, सभी पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स फिर से ब्लॉक कर दिए गए हैं। इसके साथ ही, यूट्यूब पर भी पाकिस्तानी कंटेंट तक पहुंच पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह निर्णय देश में चल रहे सुरक्षा उपायों और डिजिटल प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए लिया गया है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद 28 अप्रैल को भारत सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई करते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
उनमें डॉन न्यूज, इरशाद भट्टी, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, बोल न्यूज, रफ्तार, द पाकिस्तान रेफरेंस, जियो न्यूज, समा स्पोर्ट्स, जीएनएन, उजैर क्रिकेट, उमर चीमा एक्सक्लूसिव, असमा शिराज़ी, मुनीब फारूक, सुनो न्यूज एचडी और रजी नामा शामिल थे।
इसके अलावा, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों शोएब अख्तर और बासित अली के यूट्यूब चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया गया था। ये चैनल जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सामुदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, गलत और भ्रामक कथन प्रसारित कर रहे थे।
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भारत की वैश्विक पहचान : घाना में पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान

  • अब तक 24 देशों ने किया सम्मानित
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती साख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कुशलता ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इसका ताजा उदाहरण जुलाई में घाना की राजधानी अक्रा में देखने को मिला, जहां पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा गया।
यह सम्मान विदेशी नेताओं को बहुत कम दिया जाता है और यह भारत-घाना के मजबूत रिश्तों का प्रतीक है। 30 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना यात्रा ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा किया।
घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत और घाना का रिश्ता सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपसी विश्वास और साझा मूल्यों की नींव पर टिका है। यह सम्मान भारत की जनता के लिए गर्व का क्षण है।” उन्होंने भारत-अफ्रीका सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और विकास की साझा यात्रा पर जोर दिया।
पीएम मोदी को अब तक 24 देशों से सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं, जो किसी भी भारतीय नेता के लिए रिकॉर्ड है। इनमें रूस का ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रू’, यूएई का ‘जायद मेडल’, फ्रांस का ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’, मालदीव का ‘रूल ऑफ इज्जुद्दीन’ और नाइजीरिया, साइप्रस, फिजी जैसे देशों के प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने भी उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार से सम्मानित किया था। ये सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और प्रभाव का परिचायक हैं।
पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को अपनाते हुए वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूत किया है। उनकी विदेश यात्राएं नए व्यापारिक अवसर, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बनी हैं।
घाना का यह सम्मान भारत के वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित करता है। पीएम मोदी ने न केवल भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, बल्कि वे विकासशील देशों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उनकी कूटनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद और प्रभावशाली साझेदार बनाया है। यह सम्मान भारत के उभरते कद और विश्वास की गवाही है, जो आने वाले समय में और सशक्त होगा।
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ओडिशा-झारखंड बॉर्डर पर हथियारों का बड़ा जखीरा पकड़ाया

राउरकेला। सुरक्षा बलों ने ओडिशा-झारखंड सीमा पर एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए डेटोनेटर का एक बड़ा जखीरा जब्त कर माओवादियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है।
यह अभियान मंगलवार को झारखंड के जरीकेला थाना क्षेत्र के सारंडा वन क्षेत्र में चलाया गया, जहां माओवादी संगठन सक्रिय है। सुरक्षा बलों ने ओडिशा-झारखंड सीमा पर 18,000 डेटोनेटर जब्त किए।
खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने टोंटो थाना क्षेत्र के हुसिपी गांव में एक विशेष अभियान चलाया और जंगलों और पहाड़ियों में छिपाकर रखे गए करीब 18,000 डेटोनेटर बरामद किए। जब्त किए गए डेटोनेटर को सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय करने के लिए बम निरोधक दल को बुलाया गया।
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मोहाली पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल समेत कई अकाली नेताओं को हिरासत में लिया

मोहाली। पंजाब के मोहाली में सुखबीर सिंह बादल समेत अकाली दल के कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया गया है। अकाली दल के नेता मोहाली में बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के समर्थन में एकजुट हुए, जिन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाना है। हालांकि, मोहाली कोर्ट से पहले ही पुलिस ने अकाली दल के नेताओं को रोका है, जिनमें से कई बड़े लीडर्स को हिरासत में लिया गया।
पूर्व मंत्री और अकाली दल के नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को पिछले हफ्ते ड्रग्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2 जुलाई को रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया जाना है। इसी बीच अकाली दल के नेताओं के मोहाली कूच से हालात तनावपूर्ण हैं। गुरुद्वारा श्री अंब साहिब के बाहर पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में लिया।
एक वीडियो संदेश में सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब सरकार और अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "मैं पंजाब की जनता से कहना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल ने पूरे पंजाब पर कब्जा कर लिया है। वो अकाली दल से डर गए हैं, इसलिए केजरीवाल के आदेश पर पंजाब पुलिस ने गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं-नेताओं को नजरबंद किया है।"
सुखबीर बादल ने आरोप लगाते हुए कहा, "पंजाब की जनता के सारे लोकतांत्रिक अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। केजरीवाल यहां सुप्रीम अथॉरिटी बनकर बैठ गए हैं। मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि सभी एकजुट हो जाएं और केजरीवाल से पंजाब को आजाद कराएं।"
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए सुखबीर बादल ने आगे कहा, "केजरीवाल ने पंजाब से डेढ़ साल में 10 हजार करोड़ रुपए इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है। सबसे बड़ा हमला एक नए एक्ट के जरिए हुआ, जिससे 40 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। कुछ दिल्ली के ठेकेदारों और बिल्डर्स के साथ सौदा करके पंजाब की जमीन बेचने की कोशिश है।"
उन्होंने कहा कि अकाली दल का एक-एक कार्यकर्ता कुर्बानी देने को तैयार है। अकाली दल की यूथ इकाई के अध्यक्ष सरबजीत सिंह जिझर ने कहा, "भगवंत मान स्पष्ट रूप से घबराए हुए हैं। वो दावा करते थे कि पंजाब में अकाली खत्म हो चुके हैं। अगर यह सच है तो आज हर जगह पुलिस क्यों खड़ी है? क्यों गाड़ियों को रोककर उनकी तलाशी ली जा रही है, सिर्फ इसलिए कि कहीं कोई नीली पगड़ी या भगवा पोशाक तो नहीं पहने हुए हैं। उन्हें अकाली कार्यकर्ता बताकर हिरासत में क्यों लिया जा रहा है या परेशान किया जा रहा है? अगर अकाली खत्म हो चुके हैं, तो इतना डर ​​क्यों?"
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भारतीय सेना प्रमुख की भूटान यात्रा, दोनों देशों की मित्रता को मिली नई ऊंचाइयां

नई दिल्ली। भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भूटान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। बुधवार को वह भूटान के जम्तशोलिंग स्थित ग्यालसुंग अकादमी पहुंचे। इस अवसर पर उन्हें भूटान के सैन्य अधिकारियों ने पंचम राजा की दूरदर्शी राष्ट्र निर्माण एवं युवा सशक्तीकरण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
जनरल द्विवेदी ने भारत और भूटान के बीच की गहरी और ऐतिहासिक मित्रता को दोहराते हुए आश्वस्त किया कि भारतीय सेना, भूटान की इस परिवर्तनकारी पहल में हर संभव सहयोग करती रहेगी। जनरल द्विवेदी ने अकादमी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान भूटान के युवाओं के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने अकादमी की आधुनिक अधोसंरचना एवं भावी योजनाओं की भी प्रशंसा की, जो कि महामहिम राजा के भव्य दृष्टिकोण को साकार करेंगी।
इससे पूर्व, भूटान के महामहिम राजा और महामहिम रानी ने ताशीछो जोग में जनरल उपेंद्र द्विवेदी को आमंत्रित किया। यहां राजा का कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और कई मंत्रालय है। भारतीय सेनाध्यक्ष का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। अपने चार दिवसीय आधिकारिक दौरे के दौरान, सेना प्रमुख ने ताशीछो जोग स्थित नेशनल मेमोरियल चोर्टेन में भूटान के तीसरे राजा महामहिम जिग्मे दोरजी वांगचुक को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने यहां एक प्रभावशाली गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण भी किया।
भारतीय सेनाध्यक्ष ने यहां रॉयल भूटान सेना के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग से भी मुलाकात की है। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सोमवार को भूटान की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए थे। सेनाध्यक्ष का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है। यह यात्रा भारत और भूटान के बीच लंबे समय से चले आ रहे गहरे व विश्वासपूर्ण रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है।
रक्षा मंत्रालय का मानना है कि जनरल द्विवेदी की यह यात्रा भारत-भूटान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक विश्वास को दर्शाती है। भारतीय सेना के मुताबिक यह दौरा भारत की अपने पड़ोसी देश भूटान के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराता है। सेना प्रमुख का यह दौरा दोनों राष्ट्रों के बीच पारंपरिक मित्रता तथा सहयोग को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। गौरतलब है कि इसी वर्ष रॉयल भूटान सेना के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे। उनकी भारत यात्रा के दौरान भारत ने भूटान को रक्षा तैयारियों में मदद देने की बात की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह विवाद को 14 जुलाई के लिए किया सूचीबद्ध

  • तत्काल सुनवाई से किया इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) और शिवसेना के दो अलग-अलग गुटों के बीच पार्टी चिन्ह को लेकर विवाद के संबंध में अपने समक्ष प्रस्तुत याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई की। शिवसेना (यूबीटी) की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य में जल्द ही चुनाव अधिसूचित होने वाले हैं। इसलिए, पार्टी ने चुनाव अधिसूचित होने से पहले पार्टी चिन्ह विवाद के संबंध में अंतरिम व्यवस्था करने के लिए कोर्ट से निर्देश मांगे।
प्रस्तुतियों की समीक्षा करने के बाद, जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई के लिए सूचीबद्ध की। शिवसेना (यूबीटी) ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक 'धनुष और बाण' पार्टी चिन्ह देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। उन्होंने अनुरोध किया था कि कोर्ट राज्य में चुनाव अधिसूचित होने से पहले विवाद की तत्काल सुनवाई करे और फैसला करे।
हालांकि, कोर्ट ने वकील से पूछा कि मामले में इतनी जल्दी क्या है। शिवसेना (यूबीटी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि मामला शीर्ष अदालत में दो साल से लंबित है और एक बार चुनाव अधिसूचित हो जाने के बाद पार्टी के चुनाव चिन्ह नहीं बदले जा सकते। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा, "एक बार चुनाव अधिसूचित हो जाने के बाद चुनाव चिह्न नहीं बदले जा सकते।" पीठ ने टिप्पणी की, "अगर यह दो साल से लंबित है, तो यह हमारी समस्या है", इस दलील पर आपत्ति जताते हुए कि मामले में कोई तात्कालिकता है। इस प्रकार इसने मामले की सुनवाई 14 जुलाई को तय की। 7 मई को मामले की एक अन्य सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने शिवसेना (यूबीटी) गुट से आगामी महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था, जबकि मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति कांत ने शिवसेना (यूबीटी) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा, "चुनाव सुचारू रूप से होने दें। आप उस पर ध्यान केंद्रित करें। स्थानीय निकायों में, ज्यादातर मतदाता किसी चुनाव चिह्न का समर्थन नहीं करते हैं।" (एएनआई)
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