हिंदुस्तान

पहलगाम आतंकी हमले के कुछ सप्ताह बाद स्थानीय लोगों ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया

पहलगाम। दक्षिण कश्मीर के लोगों ने बुधवार को अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का स्वागत किया। यह पहलगाम आतंकी हमले के कुछ सप्ताह बाद हुआ है जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। यह हमला धार्मिक आधार पर किया गया था। 45 दिवसीय तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी।
काजीगुंड में नवयुग सुरंग पर तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी और उत्साह के साथ स्वागत किया गया, जब वे पवित्र तीर्थस्थल की ओर बढ़ रहे थे। स्थानीय लोग सुबह-सुबह सुरंग के पास लाइन में खड़े हो गए। क्षेत्र के माहौल में आए सकारात्मक बदलाव के बारे में एएनआई से बात करते हुए दक्षिण कश्मीर के एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "हमें खुशी है कि पहलगाम हमले के बाद पहली बार श्रद्धालु कश्मीर आ रहे हैं। यहां के युवा खुश हैं। हमें खुशी है कि हमें उनका फिर से स्वागत करने का यह अवसर मिला।" दुदु के एक अन्य निवासी ने एएनआई को बताया, "हमें खुशी है कि पहलगाम हमले के बाद श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। हम उनका स्वागत करने के लिए (नवयुग) सुरंग पर हैं।" दुदु के एक स्थानीय निवासी ने आगे कहा, "...देश भर से श्रद्धालु यहां आ रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के लोग उनका स्वागत करने के लिए यहां हैं...कश्मीर अपने आतिथ्य के लिए जाना जाता है..." केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है, खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (एनएच-44) पर। जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच जम्मू से श्री अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। देशभर से श्रद्धालु यहां आए हैं। लोगों में काफी उत्साह है। भोलेनाथ के भक्तों ने सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर दिया है और बड़ी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी..."
अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए पूरे जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को काफी बढ़ा दिया गया है। सीआरपीएफ, सेना और पुलिस समेत 50,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही मार्ग पर सीसीटीवी, ड्रोन, जैमर और चेहरे की पहचान तकनीक के जरिए लगातार निगरानी की जा रही है। तीर्थयात्रा के दौरान अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टीमों, एयर एंबुलेंस और आपातकालीन निकासी योजनाओं के लिए उचित व्यवस्था की गई है। (एएनआई)
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वैश्विक नेताओं से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं : PM मोदी

  • पांच देशों की यात्रा पर प्रधानमंत्री घाना की राजधानी अकरा के लिए रवाना हुए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को घाना की राजधानी अकरा के लिए रवाना हुए। यह उनकी पांच देशों की यात्रा का पहला चरण है। इस यात्रा का उद्देश्य भारत के वैश्विक साझेदारी को ग्लोबल साउथ और अटलांटिक के दोनों पक्षों के साथ संबंधों को मजबूत करना है।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा में घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन देशों को भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण साझेदार बताया, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और बहुपक्षीय सहयोग से जुड़े हैं। अपने बयान में पीएम मोदी ने कहा, "राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 2-3 जुलाई को घाना का दौरा करूंगा। घाना ग्लोबल साउथ में एक मूल्यवान साझेदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"
उन्होंने निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास साझेदारी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी। इसके बाद, पीएम मोदी 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ ‘गहरी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच जुड़ाव’ साझा करता है।
उन्होंने कहा, "मैं राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मिलूंगा, जो इस साल के प्रवासी भारतीय दिवस की मुख्य अतिथि थीं और दूसरी बार कार्यभार संभालने वालीं प्रधानमंत्री कमला परसाद-बिसेसर से मुलाकात करूंगा।"
प्रवासी समुदाय के लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "180 साल पहले भारतीय पहली बार त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे थे। यह दौरा हमारे पुश्तैनी और रिश्तेदारी के विशेष बंधनों को नया जीवन देने का अवसर देगा।" पीएम मोदी पोर्ट ऑफ स्पेन से ब्यूनस आयर्स जाएंगे, जो 57 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का अर्जेंटीना का पहला द्विपक्षीय दौरा होगा।
अर्जेंटीना को "लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी20 में निकट सहयोगी" बताते हुए उन्होंने कहा, "मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मैं पिछले साल भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश जैसे क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ाने पर ध्यान देंगे।"
अर्जेंटीना के बाद, पीएम मोदी 6-7 जुलाई को रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत की ब्रिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा, "एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ब्रिक्स को उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच मानता है। हम मिलकर एक अधिक शांतिपूर्ण, समान, न्यायपूर्ण, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं।"
उन्होंने पुष्टि की है कि वह शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। ब्राजील की यात्रा ब्रासीलिया में एक द्विपक्षीय राजकीय दौरे के साथ जारी रहेगी, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा होगा।
उन्होंने कहा, "यह दौरा ब्राजील के साथ हमारी निकट साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर देगा।" पीएम मोदी की यात्रा का अंतिम पड़ाव नामीबिया होगा, जिसे उन्होंने "एक भरोसेमंद साझेदार" बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मुलाकात और "हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक ग्लोबल साउथ के लाभ के लिए सहयोग का एक नया रोडमैप तैयार करने" के लिए उत्सुक हैं।
वह नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी ने अपनी बहु-देशीय यात्रा के परिणामों के बारे में बात करते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि पांच देशों की मेरी यात्राएं ग्लोबल साउथ में हमारी दोस्ती के बंधनों को मजबूत करेंगी, अटलांटिक के दोनों पक्षों पर हमारी साझेदारी को और गहरा करेंगी और ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों में हमारी भागीदारी को बढ़ाएंगी।"
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प्रधानमंत्री मोदी घाना के लिए रवाना, पांच देशों की यात्रा करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर रवाना हुए। यह यात्रा 2 से 9 जुलाई तक चलेगी और भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।
प्रधानमंत्री मोदी घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर वहां पहुंचेंगे। घाना भारत का महत्वपूर्ण साझेदार है और अफ्रीकी संघ में अहम भूमिका निभाता है। इस दौरे में निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास साझेदारी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे, जो दोनों देशों के लोकतांत्रिक रिश्तों को दर्शाएगा।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे, जहां भारत के साथ गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। वह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मुलाकात करेंगे। यह दौरा दोनों देशों के बीच 180 साल पुराने भारतीय प्रवासी संबंधों को और मजबूत करेगा।
वहीं, 57 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली अर्जेंटीना यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली से मिलेंगे, जिनसे उनकी पिछले साल मुलाकात हो चुकी है। दोनों नेता कृषि, खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। अर्जेंटीना भारत का जी20 में करीबी सहयोगी है।
रियो डी जेनेरियो में प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां वे कई वैश्विक नेताओं से मिलेंगे। भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। इसके बाद ब्रासीलिया में राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी। यह छह दशकों में पहली ऐसी यात्रा होगी, जो दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करेगी।
अंत में प्रधानमंत्री नामीबिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलेंगे। इस दौरे में सहयोग का नया रोडमैप तैयार होगा। प्रधानमंत्री मोदी नामीबियाई संसद को संबोधित करेंगे, जो दोनों देशों की स्वतंत्रता और विकास के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा।
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क्या कोरोना टीकों की वजह से अचानक मर रहे लोग?

  • AIIMS और ICMR की स्टडी में सामने आया ये कारण
नई दिल्ली। केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक की वजह से होने वाली अचानक मौतों में कोई संबंध नहीं है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की ओर से किए गए गहन अध्ययन के आधार पर मंत्रालय ने यह बात कही है।
बता दें कि कोरोना महामारी के बाद कई लोग चलते, फिरते, नाचते-गाते अचानक दम तोड़ते दिखे। एक के बाद एक इस तरह के चौंकाने-डराने वाले वीडियो सामने आए और कई लोगों ने इन मौतों के लिए कोरोना टीकों पर शक जाहिर करना शुरू कर दिया था।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया,’आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) की ओर से किए अध्ययन ने इस बीत की पुष्टि की है कि भारत में कोरोना वैक्सीन के टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं। गंभीर साइड इफेक्ट्स के मामले बेहद दुर्लभ हैं।
मंत्रालय की ओर से कहा गया, ‘अचानक कार्डिएक अरेस्ट मौतों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें जेनेटिक्स, लाइफस्टाइल, पहले से मौजूद समस्याएं और कोरोना संक्रमण की जटिलताएं शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने दोहराया है कि कोरोना टीकों और अचानक मौतों को जोड़ने वाले बयान गलत और भ्रामक हैं। वैज्ञानिकों ने इनका समर्थन नहीं किया है।’
रिलीज के मुताबिक, आईसीएमआर और एनसीडीसी की ओर से 18 से 45 साल की उम्र के युवा लोगों की अचानक होने वाली मौतों को समझने के लिए अध्ययन किया गया। दो अलग-अलग तरीके से रिसर्च किया गया एक पुराने डेटा के आधार पर और दूसरा रियल टाइम जांच के आधार पर।
पहला अध्ययन मई से अगस्त 2023 के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया। इसमें अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच मरे ऐसे लोगों की पड़ताल की गई जो स्वस्थ दिख रहे थे और अचानक मौत हो गई।
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आफत की बारिश, भूस्खलन से 1 की जान गई, 7 लोग लापता

हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिसके चलते भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को रेड अलर्ट जारी किया है। दस जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई, जिसमें मंडी में रात भर लगातार बारिश हुई। नतीजतन, अधिकारियों ने पंडोह बांध से अतिरिक्त पानी ब्यास नदी में छोड़ दिया, जो अब खतरे के निशान के करीब बह रही है। ब्यास नदी के उफान पर होने से मंडी में अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। लगातार बारिश के कारण जिले के कई इलाकों में भारी जलभराव और नुकसान की खबर है।
मंडी के करसोग में बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि स्यांज (गोहर उपमंडल) में अचानक आई बाढ़ में उफनती धारा के पास एक घर बह जाने से सात लोग लापता हो गए। बचाव दल ने एक मां और बेटी को बचाने में कामयाबी हासिल की पंडोह के पास पाटेकरी पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि बाखली और कुकलाह में पुल भी बारिश के दबाव में ढह गए हैं।
एक निवासी सुशील ने बताया कि "मंडी में कल रात से भारी बारिश हो रही है, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।" उन्होंने कहा कि "बारिश जारी रहने के कारण कई जगहों पर भूस्खलन भी हो रहा है।" मौसम विभाग की ताजा चेतावनी के अनुसार, "कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है; ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और शिमला में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है; जबकि कुल्लू और चंबा जिलों में सोमवार शाम तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।"
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शिवकाशी पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 4 की मौत

तमिलनाडु। तमिलनाडु के शिवकाशी में एक पटाखा निर्माण इकाई में हुए एक बड़े विस्फोट में एक महिला समेत कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है। विस्फोट के कारण भीषण आग लग गई और फैक्ट्री से घना धुआं उठता देखा गया, क्योंकि अंदर पटाखे फूट रहे थे। आपातकालीन टीमों ने गंभीर रूप से जले हुए कुछ लोगों को बचाया है और अग्निशमन के प्रयास जारी हैं। यह दुखद घटना तेलंगाना के पशमीलारम में एक दवा संयंत्र में हुए एक और घातक विस्फोट के ठीक एक दिन बाद हुई है, जिसमें अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है।
अधिकारियों के अनुसार, तेलंगाना में यह विस्फोट सोमवार को सिगाची इंडस्ट्रीज फार्मा प्लांट में हुआ और यह रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण हुआ हो सकता है। बचाव दल अभी भी घटनास्थल पर काम कर रहे हैं और और लोगों के हताहत होने की आशंका है। जिला पुलिस अधीक्षक परितोष पंकज ने कहा, "मलबे के नीचे कई शव मिले हैं।" "अब तक मलबे से 31 शव बरामद किए जा चुके हैं और तीन अन्य की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
बचाव अभियान का अंतिम चरण अभी भी जारी है।" स्वास्थ्य मंत्री सी. दामोदर राजनरसिम्हा के अनुसार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों की दुखद मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। विस्फोटों के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारी जांच जारी रखे हुए हैं।
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आयुर्वेद और यूनानी, जो पिछड़े हुए थे, आज प्रगति कर रहे हैं : योगी आदित्यनाथ

  • महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन
गोरखपुर। मंगलवार को गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के उद्घाटन में भाग लेते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुर्वेद और यूनानी प्रगति कर रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, "आज पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन है जब राष्ट्रपति ने गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया है। हम सभी जानते हैं कि 2014 से पहले, भारत की स्वास्थ्य सेवा को वैश्विक स्तर पर मान्यता नहीं मिली थी। हम आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को मिलाकर देश में आयुष मंत्रालय बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं।"
उन्होंने कहा, "आयुर्वेद और यूनानी, जो पिछड़े हुए थे, आज प्रगति कर रहे हैं और राज्य सरकार उन्हें आगे ले जाएगी।" आयुष प्रणाली और भारतीय चिकित्सा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की योजना छह कमिश्नरी में आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने की है। उन्होंने कहा, "अगर हम भारत की आयुष प्रणाली की बात करें तो रस शास्त्र की उत्पत्ति भगवान गोरखनाथ नाथ ने की थी। हमारे पास राज्य में छह ऐसे कमिश्नरी हैं जहां आयुष प्रणाली स्थापित नहीं है, हम वहां भी आयुष विश्वविद्यालय बनाएंगे।" सीएम योगी ने कहा, "हम आयुष प्रणाली की स्थापना करेंगे, जो व्यक्ति को जीवन दे सके, ताकि हम बेहतर स्वास्थ्य की ओर बढ़ सकें।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आयुष विश्वविद्यालय की नींव 28 अगस्त, 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ के निमंत्रण पर तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रखी थी। यह विश्वविद्यालय गोरखपुर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर पिपरी, भटहट में 52 एकड़ में स्थित है। विश्वविद्यालय राज्य भर के 98 आयुष कॉलेजों से संबद्ध है। इनमें 76 आयुर्वेद, 10 यूनानी और 12 होम्योपैथी कॉलेज शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के गठन से पहले, इन कॉलेजों की देखरेख अलग-अलग संस्थाओं द्वारा की जाती थी। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ, विनियमन को एकल प्रणाली के तहत लाया गया है। विश्वविद्यालय 2021-22 शैक्षणिक सत्र से संचालन में है और वर्तमान में निम्नलिखित कार्यक्रमों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है और शैक्षणिक गतिविधियों का प्रबंधन करता है: आयुर्वेद में बीएएमएस, एमडी, एमएस; यूनानी में बीयूएमएस, एमडी, एमएस; और होम्योपैथी में बीएचएमएस, एमडी।
केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को आयुष श्रेणी में शामिल करने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय की अवधारणा शुरू की। आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के साथ-साथ भविष्य में विश्वविद्यालय में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध और सोवा-रिग्पा जैसी विधाओं को भी शामिल किया जाएगा। इन विधाओं में शैक्षणिक और उपचार संबंधी गतिविधियाँ शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है। (एएनआई)
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तेलंगाना केमिकल फैक्ट्री विस्फोट में 34 लोगों की मौत, CM ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का किया दौरा
  • मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा
संगारेड्डी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मंगलवार को संगारेड्डी जिले में सिगाची फार्मा इंडस्ट्रीज का दौरा किया, जहां एक दिन पहले हुए घातक विस्फोट में कम से कम 34 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को विस्फोट के कारणों की विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
फैक्ट्री अधिकारियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, "अनुमान या सामान्य राय के साथ निष्कर्ष न निकालें। मुझे इस दुर्घटना के लिए विशिष्ट कारणों की आवश्यकता है। तभी हम आज यहां जो हुआ, उसका पता लगा सकते हैं।"
मुख्यमंत्री ने घायल पीड़ितों के उपचार की स्थिति और अस्पताल के खर्च के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा, "कितने लोग अकुशल और कुशल श्रमिक हैं? क्या आपने विस्फोट के बाद मरने वाले कुशल और अकुशल श्रमिकों की संख्या को अलग किया है?" रेवंत रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाओं से सरकार और उद्योग जगत के हितधारकों को सीख लेनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, "हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है कि हमें अन्य उद्योगों में इसी तरह की समस्याओं से बचने के लिए क्या निर्देश देने चाहिए। हमें इससे दो चीजों की आवश्यकता है: पहली, एक विस्तृत रिपोर्ट और दूसरी, जवाबदेही।" उन्होंने अधिकारियों को पहले के निरीक्षणों या रिपोर्टों पर भरोसा न करने का निर्देश दिया और नए विशेषज्ञों द्वारा नए सिरे से मूल्यांकन करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने उद्योग द्वारा संभावित अनुपालन चूक का भी उल्लेख किया और पिछले नोटिसों और दंडों की समीक्षा करने का आह्वान किया। विस्फोट में अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है और विस्फोट स्थल पर बचाव अभियान जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विस्फोट में जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। (एएनआई)
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वेंकैया नायडू की जनसेवा और वंचितों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता अनुकरणीय है : PM मोदी

  • प्रधानमंत्री ने देश के पूर्व उपराष्ट्रपति को 76वें जन्मदिन की दी बधाई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को 76वें जन्मदिन की बधाई दी। पीएम मोदी ने उनके स्वस्थ जीवन की कामना की और उनके साथ किए काम के दिनों को भी याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे कई वर्षों तक वेंकैया जी के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उनकी जनसेवा और वंचितों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। मैं उनकी लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कामना करता हूं।"
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी वेंकैया नायडू को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने एक्स पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, "देश के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपका सरल, संवेदनशील और शुचितापूर्ण राजनीतिक जीवन अत्यंत प्रेरणादाई है। आपके स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर लिखा, "पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। भारतीय राजनीति में आपकी सशक्त भूमिका, वंचितों के उत्थान और राष्ट्रहित में आपके द्वारा उठाए गए निर्णायक कदम सदैव स्मरणीय रहेंगे। आपकी विनम्रता, विद्वता और सेवा-भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। महाप्रभु जगन्नाथ से आपके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता हूं।"
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा, "वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। साधारण शुरुआत से लेकर उपराष्ट्रपति के पद तक, राष्ट्र की सेवा करने की आपकी यात्रा युवा नेताओं के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा है। आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्रार्थना करता हूं।"
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने भी वेंकैया नायडू को जन्मदिन की बधाई दी और उनके स्वस्थ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा, "भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। जनसेवा, राष्ट्रवाद और ग्रामीण विकास के प्रति आपकी आजीवन प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र के प्रति समर्पित आपके अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।"
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CM रेखा गुप्ता ने रेल मंत्री से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का अनुरोध किया

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करने का अनुरोध किया। सीएम गुप्ता ने लिखा, "मैं महाराजा अग्रसेन के सम्मान में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए सम्मानपूर्वक विचार करने का अनुरोध कर रही हूं, जो एक सम्मानित ऐतिहासिक व्यक्ति हैं, जिनकी विरासत का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ा है, खासकर दिल्ली में।"
उन्होंने उल्लेख किया कि महाराजा अग्रसेन को सामाजिक न्याय और कल्याण का प्रतीक माना जाता है और उन्होंने दिल्ली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने लिखा, "महाराजा अग्रसेन को व्यापक रूप से सामाजिक न्याय, आर्थिक दूरदर्शिता और सामुदायिक कल्याण का प्रतीक माना जाता है। उनके अनगिनत अनुयायी और वंशज दिल्ली के आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।" इसे महाराजा अग्रसेन के लिए एक उचित श्रद्धांजलि बताते हुए उन्होंने कहा, "पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करना उनके स्थायी योगदान के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी और यह उन लाखों दिल्ली निवासियों की भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ेगा जो उन्हें सर्वोच्च सम्मान देते हैं। मैं आपके सम्मानित मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव पर अनुकूल और शीघ्र विचार करने में आपकी व्यक्तिगत हस्तक्षेप के लिए वास्तव में आभारी रहूंगी।"
शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, यानी दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन, एक किले की तरह बनाया गया था, जिसके दो विपरीत दिशाएँ हैं, कश्मीरी गेट और चांदनी चौक। दोनों इलाके कोडिया पुल नामक एक ऊंचे पैदल यात्री पुल से जुड़े हुए हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी के जल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, सीवरेज नेटवर्क को उन्नत करने, टैंकर सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और अत्यधिक प्रदूषित यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 45-सूत्रीय कार्य योजना शुरू की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि 9,000 करोड़ रुपये के बजट से समर्थित इस व्यापक योजना को अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। (एएनआई)
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डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष, पीएम मोदी ने कहा- "ये सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत"

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 'डिजिटल इंडिया' के 10 वर्ष पूरे होने के साथ ही अगला दशक और भी अधिक परिवर्तनकारी होगा, क्योंकि देश 'डिजिटल शासन' से 'ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप' की ओर बढ़ेगा। जहां भारत, इंडिया-फर्स्ट से इंडिया-फॉर-द-वर्ल्ड की ओर रुख करेगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष मना रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "दस वर्ष पहले, डिजिटल इंडिया की शुरुआत हमारे देश को डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में बदलने की पहल के रूप में हुई थी।"
पीएम मोदी के अनुसार, 'डिजिटल इंडिया' केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया है, यह लोगों का आंदोलन बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा, "यह 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण और भारत को दुनिया के लिए एक विश्वसनीय इनोवेशन पार्टनर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। सभी इनोवेटर्स, उद्यमियों और सपने देखने वालों के लिए दुनिया अगली डिजिटल सफलता के लिए भारत की ओर देख रही है।"
पीएम मोदी ने कहा कि जहां दशकों तक भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर संदेह किया जाता रहा, वहीं हमने इस दृष्टिकोण को बदल दिया और भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर भरोसा किया। उन्होंने कहा, "जबकि दशकों तक यह सोचा जाता रहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग संपन्न और वंचितों के बीच की खाई को गहरा करेगा, हमने इस मानसिकता को बदला और संपन्न और वंचितों के बीच की खाई को खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया। जब इरादा सही हो, तो इनोवेशन कम सशक्त लोगों को सशक्त बनाता है। जब दृष्टिकोण समावेशी होता है, तो टेक्नोलॉजी हाशिये पर रहने वालों के जीवन में बदलाव लाती है।"
इस विश्वास ने डिजिटल इंडिया की नींव रखी, जो कि पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने, समावेशी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और सभी के लिए अवसर प्रदान करने का मिशन है। 2014 में भारत में करीब 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो कि बढ़कर अब 97 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। 42 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर केबल अब सबसे दूरदराज के गांवों को भी जोड़ती है।
पीएम मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा, "भारत में 5जी की शुरुआत दुनिया में सबसे तेज गति से हुई है। केवल दो वर्ष में 4.81 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। हाई-स्पीड इंटरनेट अब शहरी केंद्रों और गलवान, सियाचिन और लद्दाख सहित अग्रिम सैन्य चौकियों तक पहुंच गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "डिजिटल आधार इंडिया स्टैक ने यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म को सक्षम किया है, जो अब सालाना 100 बिलियन से ज्यादा लेनदेन को संभालता है। सभी रियल टाइम के डिजिटल लेनदेन में से लगभग आधे भारत में होते हैं।"
पीएम मोदी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से, 44 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे नागरिकों को हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे बिचौलियों को हटाने में मदद मिली और 3.48 लाख करोड़ रुपए की लीकेज की बचत हुई है। स्वामित्व जैसी योजनाओं ने 2.4 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए हैं और 6.47 लाख गांवों का मानचित्रण किया है, जिससे भूमि से संबंधित अनिश्चितता के वर्षों का अंत हुआ है।
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था एमएसएमई और छोटे उद्यमियों को पहले से कहीं ज्यादा सशक्त बना रही है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) एक क्रांतिकारी प्लेटफॉर्म है, जो खरीदारों और विक्रेताओं के विशाल बाजार के साथ सहज कनेक्शन प्रदान कर नए अवसरों को पेश करता है।
पीएम मोदी ने कहा, " गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस आम आदमी को सरकार के सभी विभागों को सामान और सेवाएं बेचने में सक्षम बनाता है। यह न केवल आम आदमी को एक विशाल बाजार के साथ सशक्त बनाता है बल्कि सरकार के पैसे भी बचाता है।" पीएम मोदी ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कहा कि आधार, कोविन, डिजिलॉकर और फास्टैग से लेकर पीएम-वाणी और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन तक भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को अब वैश्विक स्तर अपनाया जा रहा है।
कोविन ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सक्षम बनाया, 220 करोड़ क्यूआर-वेरिफाइड सर्टिफिकेट जारी किए। 54 करोड़ यूजर्स के साथ डिजिलॉकर 775 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को सुरक्षित और निर्बाध रूप से होस्ट करता है।
प्रधानमंत्री ने आगे बताया, "हमारे जी20 प्रेसीडेंसी के माध्यम से, भारत ने ग्लोबल डीपीआई रिपॉजिटरी और 25 मिलियन डॉलर का सोशल इम्पैक्ट फंड लॉन्च किया, जिससे अफ्रीका और दक्षिण एशिया के देशों को समावेशी डिजिटल इकोसिस्टम अपनाने में मदद मिली।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत अब 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में शुमार है। लेकिन यह स्टार्टअप आंदोलन से कहीं अधिक है; यह एक तकनीकी पुनर्जागरण है। जब बात युवाओं में एआई स्किल पेनिट्रेशन और एआई प्रतिभा की आती है, तो भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।"
पीएम मोदी ने लिखा, "1.2 बिलियन डॉलर के इंडिया एआई मिशन के माध्यम से भारत ने 1 डॉलर/जीपीयू घंटे से भी कम कीमत पर वैश्विक स्तर पर बेजोड़ कीमतों पर 34,000 जीपीयू तक पहुंच को सक्षम किया है, जिससे भारत न केवल सबसे सस्ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था बन गया है, बल्कि सबसे सस्ता कंप्यूटिंग गंतव्य भी बन गया है। भारत ने ह्युमैनिटी-फर्स्ट एआई का समर्थन किया है।"
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फार्मा प्लांट ब्लास्ट : 32 हुई मृतकों की संख्या, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

हैदराबाद। तेलंगाना के पाशमैलारम स्थित एक फार्मास्यूटिकल इकाई में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 32 हो गई है। सोमवार देर रात तक लगभग 15 घायल लोगों की अस्पताल में मौत हो गई।
तेलंगाना के सबसे भयानक औद्योगिक हादसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी विस्फोट के प्रभाव से ढही तीन मंजिला इमारत के मलबे में शवों की तलाश कर रहे हैं। सोमवार सुबह संगारेड्डी जिले के पाशमैलारम औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड की दवा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ। ये विस्फोट सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड के फार्मास्यूटिकल कारखाने में माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलूलोज ड्राइंग यूनिट में हुआ था, जिसमें 35 कर्मचारी झुलस गए और उनमें से 11 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, 27 कर्मचारी अभी भी लापता हैं। उनके मलबे में फंसे होने की आशंका है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी, राजस्व और पुलिस के कर्मियों ने मलबा हटाना जारी रखा है।
मृतकों में अधिकांश प्रवासी मजदूर थे, जो बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से थे। विस्फोट के समय कारखाने में 108 कर्मचारी मौजूद थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी आवाज पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई, जिसे बुझाने के लिए 15 दमकल गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कर्मचारी हवा में उछलकर कई मीटर दूर जा गिरे। कुछ पीड़ितों के शव टुकड़ों में बिखर गए या पूरी तरह जल गए, जिसके कारण उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी मंगलवार को हादसे की जगह का दौरा करेंगे और सरकारी अस्पताल में घायलों से मिलेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि विस्फोट का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि 40-45 साल पुरानी यह कंपनी माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज बनाती है।
श्रम मंत्री जी. विवेक ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह रिएक्टर विस्फोट नहीं था। एयर ड्रायर सिस्टम में कुछ समस्या के कारण हुआ विस्फोट माना जा रहा है। राज्य सरकार ने इस आपदा और इसके कारणों की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसमें मुख्य सचिव, विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन), प्रधान सचिव (श्रम), प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), और अतिरिक्त डीजीपी (अग्निशमन सेवाएं) शामिल हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह समिति ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी देगी।
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राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने डॉक्टरों को दी शुभकामनाएं

  • पोस्ट में लिखा- "वे वास्तव में स्वास्थ्य के रक्षक और मानवता के स्तंभ हैं"
नई दिल्ली। हर साल देशभर में 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य नेताओं ने देश के डॉक्टरों को शुभकामनाएं देते हुए उनके योगदान को नमन किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "डॉक्टर दिवस पर सभी मेहनती डॉक्टरों को शुभकामनाएं। हमारे डॉक्टरों ने अपने कौशल और परिश्रम से एक अलग पहचान बनाई है। उनकी करुणा की भावना भी उतनी ही सराहनीय है। वे वास्तव में स्वास्थ्य के रक्षक और मानवता के स्तंभ हैं। भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सशक्त बनाने में उनका योगदान अत्यंत उल्लेखनीय है।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर डॉक्टरों को सलाम करते हुए लिखा, " राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। डॉक्टर मानवता की वह शक्ति हैं, जो अपने समर्पण के माध्यम से जीवन को बचाते हैं और हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हैं। उनकी निःस्वार्थ सेवा को सलाम।"
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर लिखा, "वे सफेद कोट पहनते हैं, टोपी नहीं, लेकिन कई लोगों के लिए, वे उम्मीद और उपचार का कारण हैं। राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर, हमारे डॉक्टरों के प्रति हार्दिक आभार, जो देखभाल से ज़्यादा हिम्मत देते हैं।"
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक्स पर लिखा, "राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और उत्थान के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने वाले सभी डॉक्टरों का हार्दिक आभार। उनका निस्वार्थ समर्पण, करुणा और अथक प्रयास हमारे गहरे सम्मान के पात्र हैं।"
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, "डॉक्टर का काम सिर्फ़ विज्ञान या सेवा नहीं है - यह एक आह्वान है, जिसे रोज़ाना लंबे समय तक, कठिन निर्णयों और अदृश्य बलिदान के जरिए जिया जाता है। राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर हम उन लोगों के रोज़मर्रा के साहस, शांत लचीलेपन और अटूट प्रतिबद्धता को सलाम करते हैं, जो सिर्फ एक काम के तौर पर नहीं, बल्कि जीवन जीने के तरीके के तौर पर उपचार को चुनते हैं। सभी डॉक्टरों को: आपकी करुणा, आपकी ताकत और आपके सेवा भाव के लिए धन्यवाद।"
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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीजल

  • निगरानी के लिए पुलिस टीमें तैनात
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मंगलवार से एक महत्वपूर्ण यातायात नियम लागू कर दिया गया है। राजधानी में 10 साल से अधिक पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही यदि कोई ऐसी गाड़ी ईंधन भरवाने की कोशिश करती है तो उसे जब्त किया जा सकता है। परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस और यातायात कर्मियों के साथ मिलकर सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए खास रणनीति बनाई है।
मंगलवार को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से तस्वीरें आईं, जहां आम जनता के लिए पेट्रोल पंपों पर नोटिस लगाए गए हैं। मेहरौली-बदरपुर रोड स्थित लाल कुआं के भारत पेट्रोलियम पेट्रोल पंप पर सुबह से ही वाहन चालक पेट्रोल भरवाने के लिए पहुंचे। पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें रात 12 बजे के बाद प्रशासन की ओर से निर्देश प्राप्त हो गए थे कि तय समय सीमा से पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं दिया जाए।
उन्होंने कहा, "अब हम गाड़ियों की स्थिति और रजिस्ट्रेशन साल देखकर ही ईंधन भर रहे हैं। यदि कोई जबरदस्ती करता है तो उसके लिए हमें पुलिस की मदद लेने के लिए नंबर दिए गए हैं।" इसी तरह चिराग दिल्ली स्थित पेट्रोल पंप पर ट्रांसपोर्ट एनफोर्समेंट और ट्रैफिक पुलिस की टीम तैनात दिखी, जो 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कड़ी निगरानी रख रही है।
ट्रांसपोर्ट एनफोर्समेंट के सब इंस्पेक्टर धर्मवीर ने कहा, "दिल्ली सरकार के इस फैसले का सख्ती से पेट्रोल पंप पर पालन करवा रहे हैं। सुबह 6 बजे से ही ड्यूटी लगा दी गई है। लोकल थाने की पुलिस और ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी हमारी मदद कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "तमाम पेट्रोल पंप पर कैमरे और हूटर लगा दिए गए हैं। अगर कोई तयशुदा पैमाने पर खरी न उतरती गाड़ी आती है तो कैमरा उसको डिटेक्ट कर लेता है, जिसके बाद ऑटोमेटिक हूटर बजने लग जाता है।"
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आज से बदल जाएंगे बैंकिंग से जुड़े कई नियम

जुलाई का महीना हमारे आपके जीवन और घरेलू बजट में बड़ा बदलाव ला सकता है. इसका कारण यह है कि 1 जुलाई, 2025 से बैंकों में लेनदेन के साथ ही कई अहम नियमों में बदलाव होने की संभावना है. आइए, जानते हैं कि आने वाले जुलाई के महीने में किन-किन नियमों बदलाव होने जा रहा है, जो आपकी जेब और घरेलू बजट को सीधे प्रभावित कर सकता है.
अगर आपको नया पैन (स्थायी खाता नंबर) कार्ड बनाना है, तो 1 जुलाई 2025 से इसके लिए आधार नंबर देना और उसका वेरिफिकेशन जरूरी होगा. पैन कार्ड बनाने के लिए अभी तक पहचान पत्र और बर्थ सर्टिफिकेट ही जमा कराना पड़ता था, लेकिन अब डिजिटल वेरिफिकेशन और टैक्स कम्लायंस को बढ़ावा देने के लिए आधार नंबर को आवश्यक कर दिया है.
अगर आप आयकरदाता हैं और हर साल आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते हैं या फिर पहली बार ही फाइल करेंगे, तो आपके लिए बड़ी राहत है. सरकार ने आईटीआर फाइल करने की तिथि को बढ़ा दिया है. पहले यह 31 जुलाई 2025 थी, जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है. आयकर विभाग की ओर से करदाताओं को यह सलाह भी दी जा रही है कि आखिरी तारीख के आने से पहले ही आईटीआर फाइल कर दीजिए. समय से पहले आईटीआर फाइल करने से आयकर विभाग के पोर्टल पर भीड़ नहीं बढ़ेगी और आपको सहूलियत भी होगी.
अगर आपके पास एसबीआई का प्रीमियम क्रेडिट कार्ड है और आप हवाई जहाज से सफर करते हैं, तो 15 जुलाई 2025 से इस पर हवाई दुर्घटना बीमा का लाभ मिलना बंद हो जाएगा. इसका मतलब यह है कि एसबीआई कार्ड एलिट, माइल्स एलिट और माइल्स प्राइम पर बीमा राशि के तौर पर 1 करोड़ रुपये नहीं मिलेंगे. एसबीआई प्राइम और पल्स पर भी 50 लाख रुपये का बीमा मिलना बंद हो जाएगा.
प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड पर कुछ खर्चों पर अतिरिक्त 1% चार्ज जोड़ने का फैसला किया है. इसमें रेंट पेमेंट पर 1% (4,999 रुपये तक की सीमा) चार्ज लगाया जाएगा. इसके अलावा 10,000 रुपये मासिक से अधिक के स्किल-गेमिंग खर्च पर 1% चार्ज, 50,000 रुपये मासिक से ज्यादा के यूटिलिटी बिल (बीमा को छोड़कर) पर 1% चार्ज और 10,000 रुपये मासिक से अधिक के वॉलेट लोड पर 1% चार्ज का भुगतान करना होगा. हालांकि, बीमा प्रीमियम पर अब रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे, लेकिन अधिकतम सीमा 10,000 प्वाइंट प्रति माह होगी.
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भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के चौथे दिन पुरी में उमड़े श्रद्धालु

पुरी। रथ यात्रा के चौथे दिन, बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने और इसे देखने के लिए उमड़े। 27 जून को जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा शुरू हुई थी। 5 जुलाई को इस आयोजन का समापन होगा, जिसे 'बहुदा यात्रा' के नाम से जाना जाता है। रथ खींचने का अवसर पाने वाली अनीता नामक श्रद्धालु ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा, "हम पिछले दो दिनों से खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं, क्योंकि जब हम पहली बार यहां आए थे, तो भगवान ने हमें रथ पर दर्शन दिए थे। यहां बहुत भीड़ थी, लेकिन इसके बावजूद ऐसा लग रहा था कि वे हमारी रक्षा कर रहे हैं।"
"कल सुबह भगदड़ के बाद, हमारे परिवार के सदस्य चिंतित थे। हालांकि, हमें यहां कोई अराजकता महसूस नहीं हुई। यहां सब कुछ अच्छा है और सभी दयालु हैं। ऐसे सुंदर दृश्य देखने के लिए हम बहुत धन्य हैं," उन्होंने आगे कहा। रथ यात्रा में पहली बार शामिल हुए एक अन्य भक्त दीपक रावत ने कहा, "मैं पहली बार यहां आया हूं और भगवान जगन्नाथ ने मुझे रथ खींचने का अद्भुत अवसर दिया है। मैं भगवान जगन्नाथ को धन्यवाद देना चाहता हूं ताकि वे सभी को ऐसे अवसर प्रदान कर सकें और सभी की मनोकामनाएं पूरी कर सकें।" पुरी में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा में रविवार को हुई भगदड़ में तीन भक्तों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने भगदड़ को "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
हरिचंदन ने संवाददाताओं से कहा, "घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है और एक वरिष्ठ अधिकारी घटना की जांच करेंगे। जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद हम कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने कहा, "महाप्रभु अपनी इच्छा से अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। कल भक्तों को प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा। मैंने महाप्रभु से सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की।"
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक श्रद्धालु के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने का संकल्प लिया। घटना के बाद, राज्य सरकार ने विकास आयुक्त की निगरानी में एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच का आदेश दिया है। पुरी के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा को पिछले एसपी की जगह नियुक्त किया गया है और पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन की जगह चंचल राणा को नियुक्त किया गया है। ओडिशा के डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को भी ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया। (एएनआई)
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चार धाम यात्रा भूस्खलन के कारण रुकी थी, अब फिर से शुरू

उत्तराखंड। उत्तराखंड में बरकोट के पास भारी बारिश और बादल फटने के कारण हुए घातक भूस्खलन के कारण 24 घंटे के निलंबन के बाद सोमवार को चार धाम यात्रा 2025 फिर से शुरू हो गई, अधिकारियों ने पुष्टि की।
खतरनाक मौसम की स्थिति के बीच तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को अस्थायी रोक लगाई गई थी। गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने विकास की पुष्टि की। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "चार धाम यात्रा पर 24 घंटे का प्रतिबंध हटा दिया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि यात्रा मार्ग के साथ जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूदा मौसम की स्थिति के आधार पर वाहनों को रोकने का निर्देश दिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के बाद रविवार को तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी।
कुछ ही देर बाद उत्तरकाशी जिले में बरकोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने से भूस्खलन हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, दो मजदूरों की जान चली गई और सात अन्य लापता हैं। क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का काम शनिवार तक पूरा कर लिया गया। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया, "जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड से पहले बादल फटने से जो भूस्खलन हुआ था, उसे ठीक कर दिया गया है और सड़क को सुचारू कर दिया गया है, जबकि अन्य भूस्खलन को सुचारू करने का काम जारी है।
" उन्होंने बताया कि 33 केवी बिजली लाइन को बहाल कर दिया गया है, जबकि 11 केवी लाइन की मरम्मत का काम जारी है। इस बीच, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें लापता सात श्रमिकों की तलाश जारी रखे हुए हैं। उत्तरकाशी पुलिस के अनुसार, बादल फटने और उसके बाद भूस्खलन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पालीगाड़ से लगभग चार किलोमीटर आगे हुआ। मृतक दो श्रमिकों की पहचान नेपाल के राजापुर जिले के 43 वर्षीय केवल बिष्ट और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के 55 वर्षीय दूजे लाल के रूप में हुई है।
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विधानसभा के बाहर तीन भाषा नीति के खिलाफ एमवीए का प्रदर्शन

मुंबई। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने सोमवार को विधानसभा के बाहर महाराष्ट्र सरकार की तीन भाषा नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। विडियो में एमवीए के नेता तीन भाषा नीति के विरोध में नारे लिखे बैनर पकड़े हुए दिखाई दिए। नारे में लिखा था, "तीन भाषा नीति अस्वीकार्य है, आम मुझे मार दो", और "वोट के लिए क्या करें, आम मुझे मार दो।"
इस बीच, एनसीपी-एससीपी विधायक रोहित पवार ने तीन भाषा नीति को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और कहा कि जब मराठी पत्रकार और सामाजिक संगठन एकजुट हुए, तो सरकार को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा, "तीन भाषा नीति के संबंध में महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी जीआर का कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। मराठी पत्रकार और सामाजिक संगठन भी इसके खिलाफ थे। जब वे सभी इस मामले पर एकजुट हुए, तो यह सरकार पर हावी हो गया और आखिरकार, राज्य सरकार ने तीन भाषा नीति पर जीआर वापस लेने का फैसला किया।"
उन्होंने कहा कि विपक्ष हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं है, बल्कि प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी पढ़ाने की अनिवार्यता के खिलाफ है। रोहित पवार ने कहा, "हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, हम प्राथमिक शिक्षा में हिंदी पढ़ाने की अनिवार्यता के खिलाफ हैं।" महाराष्ट्र सरकार ने विपक्ष की कड़ी आलोचना के बाद रविवार को तीन-भाषा नीति के क्रियान्वयन पर दो आदेशों को रद्द कर दिया। विपक्ष ने सरकार पर राज्य के लोगों पर "हिंदी थोपने" का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 16 अप्रैल और 17 जून को पारित प्रस्तावों को रद्द करने की जानकारी देते हुए घोषणा की कि राज्य में तीन-भाषा फार्मूले के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए एक समिति बनाई जाएगी।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "राज्य में तीन-भाषा फार्मूले के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव के नेतृत्व में एक समिति बनाई जाएगी... जब तक समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपती, तब तक सरकार ने दोनों सरकारी प्रस्तावों (16 अप्रैल और 17 जून के) को रद्द कर दिया है।" 16 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया। हालांकि, विरोध के बाद सरकार ने 17 जून को संशोधित प्रस्ताव के जरिए नीति में संशोधन किया, जिसमें कहा गया, "हिंदी तीसरी भाषा होगी। जो लोग दूसरी भाषा सीखना चाहते हैं, उनके लिए कम से कम 20 इच्छुक छात्रों की आवश्यकता होगी।" (एएनआई)
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