Love You ! जिंदगी

पढ़िए तिल्दा निवासी और पत्रकारिता के स्टूडेंट केशव पाल का लिखा आलेख..."नववर्ष विशेष"

न्यूज़डेस्क@झूठा-सच: राजधानी रायपुर स्थित मढ़ी (बंजारी) तिल्दा-नेवरा निवासी केशव पाल, जो एक फ्रीलांसर लेखक और कवि है, इसके साथ ही वे भांटागांव स्थित कुशाभाऊ पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में M.SC इन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने नये साल के अवसर पर एक आलेख लिखा है...जिसका शीर्षक हैं "नववर्ष विशेष"  

  "नववर्ष विशेष"  

कोशिश करते रहने का ही नाम है नया साल...

                     जीवन की देहरी पर नूतन वर्ष ने फिर से दस्तक दे दिया हैं। भोर की प्रथम किरण नये उमंग, नया उत्साह और नई खुशियां लेकर मन के आंगन में फैल गई है। ठंड में छनकर निकली धूप की तरह, चहूँ ओर बिखरी उजालों की तरह, मन का कोना-कोना भी नई ऊर्जा से सराबोर सुखद अहसास को महसूस कर रहा है। नये साल का इंतजार हर किसी को रहता है और रहेगा भी क्यों नहीं। क्योंकि हर कोई इसे अपने-अपने अंदाज से जीना चाहतें हैं। नया साल सभी के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता है। किसी को उनकी मंजिल तक पहुंचा देता है तो किसी के लिए एक नये वादे, नये इरादे और नये संकल्प लेने का दिन है। आओ हम सब मिलकर इस नूतन वर्ष का स्वागत करें, अभिनंदन करें। एक नई सोच और नये उत्साह के साथ नई कदम इनके साथ-साथ बढ़ाते चले जाए। वैसे नववर्ष का आगमन अपने आप में एक सुखद क्षण का अहसास कराने वाला होता है और यही मानव को मानव से जोड़ने का एक विनम्र प्रयास भी है। हर नया वर्ष अपने साथ एक नवीन ऊर्जा लेकर आता है। यह बीती बातों को भुलाने और पुरानी धुंधली यादों को भूलकर एक नई यादों की पोटली सजाने का मौका देता है। नववर्ष नई ऊर्जा का संचार कर हमारी सिमटी और सिकुड़ी हुई सोच को विस्तार देता है। जिसे अब-तक हासिल नहीं कर पाए उसे फिर से पाने की ललक जगाता है। निराशा की गर्त से निकालकर मानव को आशा की ओर ले जाता है। रग-रग में एक नवीन संचार का भाव भरकर, जिंदगी की अधूरी कोरे कैनवास में फिर से रंग भरने का अवसर देता है। केवल अक्षर या अंकों का बदलना ही नये साल की परिभाषा नहीं है, बल्कि जिंदगी को एक नये तरीक़े से परिभाषित करने, जीवन के बारे में नए सिरे से सोचने और जो मिला है उसी में ही खुश रहने का मौका देता है। जिंदगी के प्रति नए नजरिए देकर जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए प्रेरित करता है। हमारी दृष्टि को नये दृष्टिकोण प्रदान कर जीवन के चक्र और चाल को वास्तविक ढंग से जानने और समझने का मौका देता है।आधुनिकता की भागमभाग में दौड़ते, भागते, हांफते मानव को पल भर के लिए ही सहीं खुद के बारे में विचार करने के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। 

                छोटे-छोटे वादे लेकर, छोटी-छोटी खुशियों में ही मन को खुश रखने के लिए प्रेरित करता है। नये साल में घर, परिवार, रिश्तेदार, यार, दोस्त, सगा संबंधियों सभी के साथ एक नवीन रिश्ता स्थापित कर इसे और भी मीठा और मजबूत बना सकते हैं। प्यार, स्नेह, सहयोग, परवाह, दया, करूणा का भाव मन में जगाकर आपस में एकता के सूत्र में बंधकर जीवन को नये तरीके से जी सकते है। नये साल में कोई नई योजना बनातें है, तो कोई नये कार्यों को मूर्त रूप देने का प्रयास करते है। कोई अधूरे काम को फिर से पूरा करने का प्रयास करते हैं तो कोई मंजिल और लक्ष्य को ध्यान में रखकर आहिस्ता-आहिस्ता कदम बढ़ाते चले जाते हैं। यह जरूरी नहीं कि, हर नया साल हर किसी के लिए खुशियों का खजाना लेकर ही आए। यह नियति का निर्णय है, कि किसी को गम दे जाता है, तो किसी पर अथाह खुशियां लुटाता है। मगर मानव को सच्चाई का बोध अवश्य करा जाता है। अंधेरे की गर्त से निकालकर उजाले की शरण में ले आता है। मनुष्य में नेक दृष्टिकोण को स्थापित कर मानव में मानवता, मनुष्य में मनुष्यता और इंसान में इंसानियत का गुण विकसित कर एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है। ईर्ष्या, द्वेष, बैर, छल, कपट की दीवार को हमेशा के लिए ढहाकर, नफरत की दुनिया से निकालकर दिल में प्यार ही प्यार भर देता है। दिल में प्रेम, करूणा, समानता, सहानुभूति, मानवता जैसी नैतिक मूल्यों को स्थापित कर सुप्त मानवीय संवेदनाओं को जगा देता है।  

                  एकाकीपन और कुंठा से ग्रसित मानव में संवेदना का संचार कर उसे प्रकृति और दुनिया के करीब ला देता है। अब-तक किए गए कार्यों की समीक्षा और मूल्यांकन कर उसमें फिर से नई सुधार का गुंजाइश पैदा करता है। एक बार फिर से अवसर देता है जिंदगी को नये तरीक़े से देखने और खुद को तराशने का। अपने चिरस्वप्न को पाने और उसे मुकम्मल करने का यही एक बेहतर समय भी होता है। जब मन उत्साह की रंग में सराबोर रहता है। मन में उपजती नकारात्मक विचारों को पाटकर सकरात्मक सोच को विकसित करने और कल्पना की दुनिया को लांघकर जमीनी हकीकत की दुनिया से रूबरू होने का बेहतरीन अवसर है नया साल।जीवन के प्रति सोच और नजरिए को बदलकर जिंदगी को जिंदगी की तरह देखने और जीने का नाम है नववर्ष। 

                        मधुमास की तरह ही है नूतन वर्ष का आगमन। मानव के ह्रदय से लुप्त होती मानवीय संवेदनाओं को फिर से जगाकर उनमें आशाओं के बीज अंकुरित करता है। खुद को ढूंढने और जानने का भी यह एक बेहतरीन मौका होता है। खुद के प्रति वफादार बनने का मौका देता है, नया साल। असफलता के कारणों को ढूंढ़ निकालना और सफलता के नवीन तरीकों को तलाशने में जी जान लगा देने के लिए हमें बार-बार उत्साहित करता है। अपनी कमियों को दूर कर अपनी खूबियों को पहचान कर उसे ही अपनी ताकत बना लेना और फिर दुनिया के समक्ष एक सफल इंसान के रूप में पहचान स्थापित करना। यह प्रयास हम सबको नये साल की मंगल बेला के अवसर पर अवश्य करनी चाहिए। बस जीवन में संतुलन और गतिशीलता बनी रहे। इसके साथ ही नवीन चीजों को जानने और सीखने की ललक मन में हमेशा बनी रहे। क्योंकि कोशिश करते रहने का ही नाम है नया साल।

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आईसीएमआर ढूंढेगा दुर्लभ वंशानुगत बीमारियों का इलाज

नई दिल्ली एजेंसी : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) महंगे इलाज वाली दुर्लभ बीमारियों का इलाज खोजेगा। इसके लिए वे एक ऐसे रिसर्च ग्रुप की तलाश कर रहे हैं जो आगामी दो से तीन वर्ष में शोध को पूरा कर सकें और इसके बाद क्लीनिकल ट्रायल के जरिए न सिर्फ इलाज की प्रक्रिया बल्कि दवाएं और जांच की नई तकनीकों को भी विकसित करेंगे। उम्मीद है कि आगामी वर्ष 2023 में यह शोध शुरू हो जाएगा।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन बीमारियों को आजीवन विकार के रूप में परिभाषित किया है जो प्रति एक हजार की आबादी पर एक मामला है। अगर उपचार की बात करें तो यह किसी हैरानी से कम नहीं है कि दुर्लभ विकारों में से केवल पांच फीसदी का ही उपचार मौजूद है और इनमें से भी अधिकांश महंगे हैं और सभी जगह उपलब्ध भी नहीं हैं जबकि उपलब्धता और पहुंच इन बीमारियों की रोकथाम व मृत्यु दर कम करने के महत्वपूर्ण उपाय हैं।

आईसीएमआर की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मोनिका पाहुजा के अनुसार, दुर्लभ बीमारियों में छोटे अणु जन्मजात त्रुटियां, प्राथमिक इम्यूनोडिफीसिअन्सी डिसऑर्डर (पीआईडी), न्यूरोमस्कुलर विकार (एनएमडी), रुधिर संबंधी विकार (सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया को छोड़कर) और स्केटल डिसप्लेसिया इत्यादि शामिल हैं। स्केटल डिसप्लेसिया ऐसी बीमारी है जिसमें बच्चे की हड्डी, जोड़ों और उपास्थि में असामान्य विकास होता है।
 
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आज कोलकाता फिल्म महोत्सव ,उद्घाटन समारोह में पहुंचेंगे अमिताभ -जया बच्चन के साथ शाहरुख खान

कोलकाता@झूठा-सच : विश्व प्रसिद्ध कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (kolkata film festival ) के 28वें संस्करण का उद्घाटन गुरुवार  को होगा। 22 दिसंबर तक चलने वाले इस फिल्म महोत्सव में दस स्थानों पर 42 देशों की 52 लघु और डाक्यूमेंट्री सहित करीब 183 फिल्में दिखाई जाएंगी।

उद्घाटन समारोह नेताजी इनडोर स्टेडियम में होगा जिसमें अमिताभ बच्चन, जया बच्चन के साथ शाहरुख खान भी शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहेंगी। केआईएफएफ में सबसे पहले ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन वाली बच्चन की फिल्म अभिमान दिखाई जाएगी।
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आपकी थोड़ी सी चूक से प्यार में पार्टनर हां बोलते हुए मना न कर दे, इसलिए कैसे करे..पढ़े पूरी खबर

नईदिल्ली :- हम सभी के साथ यह दिक्कत होती हैं कि हम चाहते तो किसी को बहुत हैं लेकिन उनसे अपने दिल की बात कहने में डर लगता है | दरअसल प्यार का रिश्ता ही कुछ ऐसा हैं, यदि आपने इसमें थोड़ी सी भी चूक कर दी तो सामने वाला आपकी जिंदगी से हमेशा के लिए जा सकता हैं और यदि आपने इसमें थोड़ा सा भी अच्छा कर दिया तो सही तरीके से प्रपोज कर दिया तो सामने वाला ना बोलते हुए भी हाँ कर देगा। ऐसे में अपने प्यार को कैसे प्रपोज किया जाए, आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताएँगे।

यादगार और स्पेशल जगह में करे प्रपोज

 हम जिनके साथ अपनी जिंदगी बिताने का सपना देखते हैं उनके साथ ना जाने कितनी ही जगहों पर घूम कर आते हैं और ना जाने कितनी ही जगहों पर हमारी उनके साथ स्पेशल यादें जुड़ जाती हैं। ऐसे में जिस जगह पर आपकी पहली बार मुलाकात हुई थी वह सभी जगहों में सबसे स्पेशल जगह ही होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह जगह ही एक ऐसी जगह हैं जिसकी जगह कोई और नही ले सकता।

 लव लेटर का ले सकते हैं सहारा

यदि आप अपनी दिल की बात कहने में शर्मीले हैं या आपको किसी बात का डर हैं तो आप अपने दिल की बात को लिखकर भी दे सकते हैं। इसके लिए आप सोशल मीडिया पर या ऑनलाइन उन्हें कुछ लिखकर देने की बजाए एक लेटर के रूप में लिखकर देंगे तो ज्यादा उचित रहेगा और यूनिक भी लगेगा। इसलिए आप सबसे पहले तो बाजार से जाकर एक अच्छा सा कार्ड ले आये जो दिखने में अच्छा सा हो।

 कैसे आया ये ट्रेडिशन?

इस ट्रेडिशन की शुरुआत का कोई लिखित साक्ष्य नहीं है. हालांकि, जानकारों का मानना है कि प्रपोज का ये स्टाइल 'वादे' का संकेत होता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो ये परंपरा मध्यकालीन युग में शुरू हुई थी. उस युग में योद्धा कुलीन महिलाओं के आगे घुटने पर झुकते थे. वहीं, घुटने टेकना भी कई औपचारिक अनुष्ठानों के लिए प्रोटोकॉल हुआ करता था. उस समय की कई पेंटिंग्स में इसकी झलक दिखाई देती है. उस वक्त शूरवीर अपने लॉर्ड के सामने घुटने पर झुकते थे. ये सम्मान का संकेत होता था. अब घुटने पर झुककर प्रपोज करना होने वाले जीवनसाथी के प्रति सम्मान का संकेत है. इस तरह प्रपोज करके वे बताते हैं कि उनका पूरा जीवन अब दूसरे के हाथों में है, इस आशा के साथ कि दूसरा दयालु और प्रेमपूर्ण होगा.

 

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दिसंबर की सर्दी में खूबसूरत लाइट से सजे कुछ बेहतरीन स्पॉट जहाँ सेलिब्रेट कर सकते है क्रिसमस

Love you zindagi@झूठा-सच :- साल का आखिरी और दुनियाभर में मनाया जाने वाला बड़ा पर्व क्रिसमस आ रहा है।लास्ट इयर को विदाई देने के साथ नए साल का इंतजार किया जाता है.सभी जानते हैं हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। क्रिसमस पर परिवार, दोस्त, रिश्तेदार आपस में मिलते हैं पार्टी करते हैं. क्रिसमस के मौके पर कई लोग बाहर घूमने का प्लान बनाते हैं।अगर आप इस क्रिसमस में परिवार या दोस्तों के साथ घर से बाहर क्रिसमस मनाने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले ये तय कर लीजिए कि कहां घूमने जाना है। वैसे तो कुछ जगह स्पेशल हैं क्रिसमस पार्टी के लिए यहां आपको देश-विदेश की ऐसी ही जगहों के बारे में बताया जा रहा है, जहां आप अपना क्रिसमस मना सकते हैं यादगार।

क्रिसमस सेलिब्रेशन में गोवा फर्स्ट

क्रिसमस सेलिब्रेशन की बात हो रही हो और गोवा का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता.पर्यटकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन है गोवा.सागरतट (BEACH) के किनारे और चर्च (CHURCH) के लिए मशहूर गोवा में म्यूजिक, डांस, मस्ती और पार्टी करते लोग क्रिसमस और नए साल के सेलिब्रेशन करते हुए नज़र आते हैं। गोवा में क्रिसमस की पार्टी  सबसे खूबसूरत समुद्र तट पर होती हैं जहां आप पूरे दिन मस्ती कर सकते हैं |जिसमे है बागा बीच (Baga Beach),कलंगुट बीच (Calangute Beach)वागातोर बीच (Vagator Beach),अंजुना बीच (Anjuna Beach),कोल्वा बीच (Colva Beach),अरामबोल बीच (Arambol Beach),मोरजिम बीच (Morjim Beach).यहाँ काफी फेमस चर्च भी हैं।जिसमेBasilica of Bom Jesus,Se cathedral,Church of Our Lady of the Mount,Church of St. Cajetan,Mae De Deus Church.आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ गोवा में क्रिसमस सेलिब्रेट कर सकते हैं।

कोलकता हावड़ा ब्रिज बेस्ट क्रिसमस पार्टी स्पॉट

कोलकाता में ब्रिटिश शासन से ही धूमधाम से क्रिसमस मनाने का ट्रेंड शुरू हो गया था, जो आज भी जारी है।वैसे बंगाल दुर्गा पूजा के लिए प्रसिद्ध है लेकिन क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए भी हर साल यहां हजारों लोग आते हैं।कोलकाता में क्रिसमस के मौके पर पार्क स्ट्रीट का नजारा देखने के लायक है। इसके अलावा कोलकाता के सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च,ज़ूलोजिकल गार्डन अलीपुर(Alipore Zoo),विक्टोरिया मेमोरियल(Victoria Memorial),बिड़ला प्लेनेटेरियम(Birla Planetarium),निक्को पार्क(Nicco Park),इको पार्क(Eco Park) में लोगों की भीड़ मिलती है। यहां हर साल क्रिसमस फेस्ट का आयोजन किया जाता है।

शिमला के हिल स्टेशन बेहतर विकल्प

साल का आखिरी त्यौहार दिसंबर की सर्दी में बर्फबारी के बीच खूबसूरत लाइट से सजे हिल स्टेशन की रौनक देखनी हो तो क्रिसमस में शिमला जाएं। क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए शिमला बेहतर विकल्प है। कपल्स के लिए यह जगह क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए बेस्ट रहेगी। कालका से शिमला के लिए टॉय ट्रेन का मजा लें। यहां ब्रिटिश काल की कई ऐतिहासिक इमारतें भी आपको देखने को मिलेंगी।

कोच्चि में क्रिसमस कार्निवाल

कोच्चि शहर में काफी सारे पुराने और फेमस चर्च हैं। भारत का सबसे पुराना युरोपियन चर्च भी कोच्चि में ही है। यहां क्रिसमस के मौके पर कार्निवाल का आयोजन होता है। कोच्चि कार्निवाल में म्यूजिकल फायर वर्क, गेम्स, स्पोर्ट्स जैसी कई ऐक्टिविटीज होती हैं।

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फिल्म डायरेक्टर रोहित शेट्टी के लिए खास है इस साल "क्रिसमस",एक्शन के बाद...पढ़िए पूरी खबर

नईदिल्ली एजेंसी @झूठा-सच। गोलमाल,सिंघम, बोल बच्चन,ऑल द बेस्ट, और सिम्बा जैसे हिट फिल्मों को निर्देशित कर अपनी गिनती सफल निर्देशकों में कराने वाले रोहित शेट्टी इस साल क्रिसमस पर सर्कस लेकर आ रहे हैं। यह कॉमेडी फिल्म है, जिसमें रणवीर सिंह डबल रोल में दिखेंगे। फिल्म की रिलीज में एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में रोहित ने सोशल मीडिया में एक मजेदार टीजर के साथ ट्रेलर की रिलीज डेट बतायी, जिसके मुताबिक सर्कस का ट्रेलर 2 दिसम्बर को आने वाला है, यानी फिल्म की रिलीज से ठीक 21 दिन पहले | टीजर में फिल्म की पूरी स्टार कास्ट को शामिल किया गया है और बातचीत के अंदाज में ट्रेलर की तारीख 23 दिसम्बर को बतायी गयी है। इस टीजर से सर्कस के मिजाज का अंदाजा भी होता है।


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टीजर में रणवीर और वरुण शर्मा डबल रोल में

23 दिसम्बर को रिलीज होने वाली है 'सर्कस' ।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्कस शेक्सपियर के नाटक कॉमेडी ऑफ एरर्स का अडेप्टेशन है, जिस पर 1982 में गुलजार ने अंगूर बनायी थी। अंगूर में संजीव कुमार और देवेन वर्मा ने डबल रोल निभाये थे। सर्कस का निर्माण टी-सीरीज और रिलायंस एंटरटेनमेंट के साथ रोहित शेट्टी ने किया है।बात करे अगर टीजर की तो इसकी शुरुआत संजय मिश्रा से होती है, जो बताते हैं कि सर्कस साठ के दशक की कहानी है। इसके बाद सभी किरदार उन दिनों को याद करते हुए इसकी तुलना आज हुए बदलावों करते हैं, जब बच्चे गूगल करने के बजाए दादा-दादी से सवाल करते थे। सोशल मीडिया नहीं था। बच्चे लोरी सुनकर सोते थे, स्टोरी देखकर नहीं। टीजर में रणवीर और वरुण शर्मा डबल रोल में हैं। उनके अलावा जैकलीन फर्नांडिज, पूजा हेगड़े, वरुण शर्मा, मुकेश तिवारी, अश्विनी कालसेकर, जॉनी लीवर, सिद्धार्थ जाधव, व्रजेश हिरजे, टीकू तलसानिया भी नजर आते हैं। 

रणवीर के साथ रोहित की दूसरी फिल्म

सिम्बा के बाद रणवीर के साथ रोहित की सर्कस दूसरी फिल्म है। सिम्बा, रोहित के कॉप यूनिवर्स में दूसरी फिल्म है। रोहित की पिछली रिलीज कॉप ड्रामा सूर्यवंशी है, जो 2021 में दिवाली पर रिलीज हुई थी और काफी सफल रही थी। अक्षय कुमार और कटरीना कैफ स्टारर फिल्म पैनडेमिक के बाद पहली बड़ी सफलता थी। फिल्म ने 195 करोड़ का नेट कलेक्शन किया था। फिल्म में अजय देवगन और रणवीर सिंह ने भी कैमियो किये थे। इस साल बॉलीवुड फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर जो हाल रहा है, उसे देखते हुए सर्कस से ट्रेड को काफी उम्मीदें हैं। रोहित की फिल्में हिट होती रही हैं। ऐसे में सर्कस को लेकर भी कयास लगाये जा रहे हैं कि फिल्म सफलता के नये कीर्तिमान रच सकती है। हालांकि, बॉक्स ऑफिस पर इसकी टक्कर मोस्ट अवेटेड हॉलीवुड फिल्म अवतार- द "वे ऑफ वाटर से होगी", जो एक हफ्ता पहले 16 दिसम्बर को सिनेमाघरों में उतरेगी।

 

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जानिए सूजी का हलवा बनाने की विधि

भगवान श्री कृष्ण प्रमुख हिंदू देवताओं में से एक हैं. श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. जन्माष्टमी पर यशोदानंदन की बड़े धूमधाम से पूजा-अर्चना की जाती है. कन्हैया का विशेष वस्त्रों और आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है और उनका पसंदीदा भोग लगाया जाता है. इस बार आज (18 अगस्त) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. इस विशेष दिन पर उन्हें सूजी हलवा भोग के तौर पर लगाया जा सकता है. आज हम आपको सूजी का हलवा बनाने की आसान रेसिपी बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप बेहद कम वक्त में ही कृष्ण जी का भोग तैयार कर सकेंगे.

सूजी का हलवा बनाने के लिए सामग्री
सूजी (रवा) – 2 कप
देसी घी – 3-4 टेबलस्पून
चीनी – 2 कप
इलायची कुटी – 1 टी स्पून
बादाम कटी – 15
किशमिश – 15
पिस्ता कतरन – 1 टी स्पून
नमक – 1 चुटकी
 
सूजी का हलवा बनाने की विधि
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यशोदानंदन को भोग लगाने के लिए सूजी का हलवा बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले एक कड़ाही में सूजी (रवा) डालकर उसे मीडियम आंच पर भून लें. जब सूजी का रंग सुनहरा भूरा हो जाए तो उसे एक बाउल में निकालकर रख दें. अब कड़ाही में देसी घी डालें. इसके बाद घी में इलायची डाल दें. कुछ सेकंड तक इलायची भूनने के बाद सूजी डाल दें और करछी या बड़ी चम्मच की मदद से चलाते हुए सूजी को घी के साथ अच्छी तरह से मिक्स कर दें.
 
सूजी और घी को अच्छे से मिक्स करने के बाद इसे 1-2 मिनट तक पकाएं. इसके बाद इसमें 2 गिलास पानी (या आवश्यकतानुसार) डाल दें. इसके कुछ देर बाद चीनी डालें और करछी से सूजी और चीनी को ठीक तरह से मिलाएं. अब हलवा चलाते हुए पकाएं. जब सूजी का हलवा गाढ़ा होने लग जाए तो इसमें बारीक कटे काजू और किशमिश डालकर मिक्स कर लें. इसके बाद हलवे में एक चुटकी नमक डालें. इससे हलवे का स्वाद और बढ़ जाएगा.
 
अब हलवा मीडियम आंच पर लगभग 10 मिनट तक पकाएं. जब उसका रंग गहरा भूरा हो जाए और उसमें से खुशबू आने लगे तो फ्लेम दें. कृष्णजी को भोग लगाने के लिए सूजी का हलवा बनकर तैयार हो चुका है. भोग लगाने से पहले इसे कटी बादाम और पिस्ता से गार्निश कर सकते हैं |
 
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आज मनाया जा रहा है इंटरनेशनल डे ऑफ फ्रेंडशिप

हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1958 से हुई थी. इस दिन हम दोस्ती को सेलिब्रेट करते हैं. दोस्ती का रिश्ता सबसे खूबसूरत और सबसे मुख्य रिश्तों में से एक माना जाता है. ज्यादातर लोग इतना खुश अपने परिवार वालों के साथ भी नहीं रह पाते हैं जितना खुश दोस्तों के साथ रहते हैं. इस दिन का महत्त्व जानने के लिए ही फ्रेंडशिप डे सेलिब्रेट किया जाता है. हर कोई इस दिन को अलग-अलग तरीके से मना सकता है.अगर इंटरनेशनल डे ऑफ फ्रेंडशिप की बात की जाए तो यह हर साल 30 जुलाई को मनाया जाता है. लेकिन कुछ देशों जैसे भारत, मलेशिया, यूएई, बांग्लादेश में अगस्त के पहले रविवार को यह दिन मनाया जाता है. आइए जानते हैं इसे कैसे मनाया जा सकता है और इसके पीछे का इतिहास. इसकी शुरुआत 1958 में पहली बार पारागिय में हुई थी. यह हॉलमार्क कार्ड से ऑरिजिनेट हुआ था. यूनाइटेड नेशन ने 30 जुलाई को इसे इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाने की शुरुआत की.


कैसे करें सेलिब्रेट
  • अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने फिरने या फिर खाने पीने जा सकते हैं. साथ ही अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप बैंड गिफ्ट कर सकते हैं.
  • अगर यह सब संभव नहीं है तो इस तरह विश भी कर सकते हैं
  • इस बड़ी दुनिया में तुम जैसा दोस्त ढूंढ पाना काफी मुश्किल है. मैं तुमसे मिल कर खुद को काफी भाग्यशाली मानता या मानती हूं.
  • आज के इस खास दिन पर मैं तुम्हे बताना चाहता/चाहती हूं कि तुम इस दुनिया में मेरे सबसे मन पसंदीदा व्यक्ति हो.
  • अगर दिल में दोस्ती है तो दूर रहना भी मैटर नहीं करता है.
  • किसी ऐसे को ढूंढना जो मुश्किल वक्त में तुम्हारे साथ रहे थोड़ा मुश्किल होता है. इसलिए मैं खुश किस्मत हूं कि मुझे तुम मिले.
  • अगर तुम जैसा दोस्त मिल जाए तो जीवन के सारे गम ही खत्म हो जाएं.
 
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जानिए बथुआ का पराठा बनाने की विधि

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बथुआ से बने पराठे खाएं हैं। जी हां बथुआ के पराठे खून को साफ करने के साथ कब्ज को दूर करने, दांतों की समस्या में राहत देने वाले और पाचन शक्ति को मजबूत करने वाले होते हैं। आप इन बथुआ के पराठे को ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर में कभी भी बनाकर खा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे बनाएं जाते हैं ये टेस्टी सेहतमंद पराठे।

बथुआ का पराठा बनाने के लिए सामग्री-

-बथुआ के पत्ते – 4 कप

-आलू – 1

-आटा – 3 कप

-जीरा पाउडर – 1/2 टी स्पून

-अजवाइन – 1/2 टी स्पून

-हींग – 1 चुटकी

-हरी मिर्च कटी – 2

-तेल

-नमक – स्वादानुसार

-पानी

बथुआ का पराठा बनाने की विधि- बथुआ का पराठा बनाने के लिए सबसे पहले बथुआ के पत्ते अच्छी तरह से धोकर काट लें। अब एक कड़ाही में धीमी आंच पर पानी गर्म करने के लिए रख दें। इसमें बथुआ के पत्ते और आलू डालकर उबालने के लिए रख दें। कड़ाही को ऊपर से ढंककर पत्तों के नर्म होने तक पकाएं, पत्ते पक जाएं तो गैस बंद कर दें। अब एक गहरे तले वाले बर्तन में आटा छानकर इसमें जीरा पाउडर, अजवाइन, एक चुटकी हींग और स्वादानुसार नमक डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह मिक्स करें।इसके बाद बथुआ के उबाले हुए पत्तों को छानकर पानी निथार लें और उसे आटे के साथ मिक्स कर दें। इसके बाद उबले आलू को मैश कर इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला दें। फिर कटी हरी मिर्च को डालकर सभी को अच्छी तरह से मिलाएं। अब इस आटे को अच्छी तरह से गूंथकर इसे एक कपड़े से ढंककर दस मिनट के लिए अलग रख दें।ध्यान रखें कि बथुआ के पत्तों और आलू में पहले से पानी होने की वजह से आपको आटा गूंथने में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होगी। अब इस आटे से लोइयां तैयार करके गोल या तिकोना आकार का पराठा बेल लें।अब एक नॉनस्टिक पैन लें और उसे गैस पर गर्म करने के लिए रख दें। जब तवा ठीक से गर्म हो जाए तो उसमें पराठा डालकर सेकें। एक तरफ से पराठा जब सिक जाए तो उस पर तेल लगाकर पलट दें। अब दूसरी तरफ से तेल लगाकर पराठे को तब तक सेकें जब तक कि वह गोल्डन ब्राउन न हो जाए। इसी तरह सभी लोइयों के पराठे बना लें। आपका बथुआ का हेल्दी और टेस्टी पराठा तैयार हो चुका है। इसे चटनी, अचार या दही के साथ सर्व करें।
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मुख्यमंत्री ने कटकोना में की कई बड़ी घोषणाएं

झूठा सच @ रायपुर :- कोरिया जिले के कटकोना ग्राम में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे ही एक बहुउपयोगी और बहुउद्देश्यीय गोठान का लोकार्पण किया। यहां 14 महिला समूहों के 140 सदस्यों द्वारा आय जनित गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।

सीएम की घोषणाएं -

1. कटकोना मुख्य मार्ग से पहाड़पारा तथा पहाड़पारा से करी छापर तक पक्की सड़क का निर्माण किया जायेगा।

2. कटकोना धान उपार्जन केंद्र में नये खाद गोदाम का निर्माण किया जायेगा।

3. खड़गवॉ में नये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थापना की जायेगी।

4. छोटे कलुआ में बिजली सब स्टेशन की स्थापना की जायेगी।

5. ग्राम पंचायत कौड़ीमार से पैनारी मार्ग पर पुल का निर्माण किया जायेगा।

6. चिरमिरी में शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्थापना की जायेगी।

7. ग्राम पंचायत फुनगा से बेलबहरा मार्ग में पुल का निर्माण किया जायेगा।

8. चिरमिरी में नवीन इनडोर स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा।
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कोकोनट सूप नूडल्स बनाने की विधि जानिए

नूडल्स के साथ थाई कोकोनट सूप एक स्वादिष्ट सूप रेसिपी है,
कोकोनट सूप नूडल्स बनाने की सामग्री- 
2 कप नूडल्स
2 टुकड़े कटा हुआ अदरक
1/2 कप कटा हुआ बेबी कॉर्न
500 मिली नारियल का दूध
1 लीटर शाकाहारी स्टॉक
आवश्यकता अनुसार नमक
2 कटी हुई थाई चिड़िया मिर्च (ऑप्शनल) 
1/2 कप बटन मशरूम
2 बड़े चम्मच थाई हरी करी पेस्ट
4 बड़े चम्मच नींबू का रस
1 बड़ा चम्मच रिफाइंड तेल

 कोकोनट सूप नूडल्स-
इस स्वादिष्ट नूडल सूप रेसिपी को बनाने के लिए मध्यम आंच पर एक पैन रखें और उसमें नूडल्स डालें। नूडल्स पकाने के लिए पर्याप्त पानी डालें और उन्हें आधा उबाल लें। एक बार हो जाने के बाद, उन्हें एक तरफ रख दें। तेल से हल्के से ढके एक सॉस पैन में, मिर्च, अदरक डालें और 30 सेकंड के लिए भूनें। बेबी कॉर्न और कटे हुए मशरूम डालें और 2 मिनट तक पकाएं। एक बार जब यह पानी छोड़ने लगे, तो करी पेस्ट डालें और अच्छी तरह मिलाएं। स्टॉक को मिलाकर अच्छी तरह  5 मिनट के लिए उबाल लें। नारियल का दूध और नीबू का रस डालें। स्वादानुसार नमक डालें, सब कुछ मिलाएं और मसाला मिलाकर रखें। अब पैन में आधे उबले नूडल्स डालें और सूप बनने तक पकाएं। हो जाने के बाद गरमागरम परोसें।
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जानिए कॉन्टिनेंटल कुज़िन: रविओली विद अलफ्रेडो सॉस बनाने की रेसिपी



झूठा-सच न्यूज़ | पंजाबी ,नार्थ इंडियन ,साउथ इंडियन और चायनीज व्यंजनों के साथ अब लोगो में कॉन्टिनेंटल फ़ूड को लेकर भी रुचि बढ़ रही हैं | इसलिये आज हम आपको बताने जा रहे है कॉन्टिनेंटल व्यंजन रविओली विद अलफ्रेडो सॉस की रेसिपी जिसे आप घर में भी बना सकती हैं | 

सामग्रियां 
  • 1 कप मैदा
  • 1-1 टेबलस्पून बेसिल लीव्स और लहसुन (दोनों कटे हुए)
  • 2 टेबलस्पून तेल
  • नमक स्वादानुसार
  • आवश्यकतानुसार पानी

फिलिंग के लिए:
  • 1 टमाटर (ब्लांच करके छिलका निकाल लें.
  • बीज निकालकर बारीक़ काट लें.
  • स्वादानुसार नमक मिलाएं.

रविओली बनाने की विधि 

  • रविओली बनाने  के लिए सबसे पहले बताई गई सारी सामग्री मिक्स करके गूंध लें.
  • इसे 15 मिनट तक कपड़े से ढंककर रखें.
  • गुंधे हुए मैदे की 2 लोइयां लेकर रोटी की तरह बेल लें.
  • एक रोटी पर थोड़ा-सा ठंडा पानी लगाकर कटे हुए टमाटर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर फैलाएं.
  • ऊपर से दूसरी रोटी से ढंक दें.
  • पानी लगाकर किनारों को चिपका लें.
  • चौकोर टुकड़ों में काट लें.
  • एक पैन में पानी, नमक और थोड़ा-सा तेल डालकर रविओली डालकर 5 मिनट तक उबाल लें.
  • पानी निथारकर रविओली को ठंडे पानी के बाउल में डालें.
  • अलफ्रेडो सॉस के साथ रविओली सर्व करें
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तनाव ही नहीं झड़ते बालों की समस्या से भी छुटकारा देगा कैक्टस ऑयल

किसी भी व्यक्ति की खूबसूरती को बढ़ाने में उसके सुदंर काले लंबे बालों का बहुत बड़ा हाथ होता है। लेकिन आजकल हर दूसरा व्यक्ति बालों के झड़ने से परेशान है। अगर आपकी भी यही समस्या है तो मंहगे हेयर ऑयल नहीं बल्कि कैक्टस तेल आपकी समस्या को दूर कर सकता है। कैक्टस ऑयल में फिनोल, फैटी एसिड, फाइटोस्टेरॉल, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो स्कैल्प साफ रखने के साथ संक्रमण को भी दूर करने में भी मदद करते हैं। इसका यूज करके आप अपने बालों को लंबा और घना बना सकते हैं। 
कैक्टस ऑयल यूज करने के फायदे-
झड़ते बालों की समस्या करें दूर- 
बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए ओमेगा फैटी एसिड बेहद जरूरी होता है। इसकी मदद से बालों का झड़ना कम किया जा सकता है। कैक्टस में पाया जाने वाले ओमेगा -6, जिसे लिनोलिक एसिड भी कहा जाता है, बालों को जड़ को मजबूत बनाने के साथ चमकदार भी बनाता है। बालों का झड़ना रोकने के लिए आप रात को अपने बालों में कैक्टस का तेल लगाकर सो जाए। सुबह उठते ही किसी माइल्ड शैम्पू से अपने बालों को धो लें। 
डैंड्रफ रखे दूर-
बालों के झड़ने की एक वजह रूसी भी होती है। इसकी वजह से बालों में खुजली और जलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में कैक्टस ऑयल में पाए जाने वाले एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को खुजली और संक्रमण से निजात दिलाने में मदद करते हैं। डैंड्रफ को दूर रखने के लिए आप कैक्टस के तेल में आधा नींबू काटकर मिला लें। अब इस तेल से स्कैल्प पर 15 मिनट तक मसाज करने के बाद बाल अच्छी तरह धो लें। 
तनाव रखें दूर-
मानसिक तनाव से शरीर में कई बीमारियां जन्म लेती हैं। कैक्टस का तेल इस समस्या से भी निजात दिलाने में सहायक है। इसमें मौजूद स्ट्रेस रिलीफ़ प्रॉपर्टीज अच्छी नींद और तनाव से मुक्ति दिलाने में मदद करती है। इसके लिए आप कैक्टस ऑयल को थोड़ा गर्म करके उसे ठंडा होने दें। फिर बालों में अच्छे से मसाज करते हुए लगाएं। ऐसा करने से बालों की जड़ों को आराम मिलता है और व्यक्ति का तनाव भी दूर होता है। 
दोमुंहे बालों से छुटकारा-
दोमुंहे बालों से छुटकारा पाने के लिए आप कैक्टस तेल को अच्छे से बालों की जड़ से सिरे तक लगाएं और बालों की मसाज कर इसे आधा घंटे बाद बाल धो लें। 
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क्या आपकी आंख के नीचे गड्ढा है, जानिए इसके कारण

आंखों की खूबसूरती आपके चेहरे की खूबसूरती को बढ़ा सकती है। कुछ लोगों की आंखों के नीचे गड्ढे हो जाते हैं। इसके अनेक कारण हैं। अगर आपकी लाइफस्टाइल खराब है और आपको कम पानी पीने की आदत है तो आप इस समस्या के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे कारण भी हैं जिन्हें आपको जानना जरूरी है। 

1. बढ़ती उम्र हो सकती है वजह

आंखों के नीचे के गड्ढे उम्र के साथ गिरने लगते हैं। दरअसल, उम्र के साथ त्वचा में कोलेजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे आंखों के आसपास की त्वचा झुर्रीदार नजर आने लगती है, इसके अलावा त्वचा भी ढीली हो जाती है और आंखों के नीचे गड्ढे नजर आने लगते हैं।
 
2. थकान और नींद की कमी
 
अक्सर नींद की कमी से आपकी आंखों के नीचे गड्ढे हो सकते हैं। पर्याप्त नींद न लेने से आपकी त्वचा कमजोर हो जाती है और यह अंदर की ओर खिसकने लगती है।

3. विटामिन के भी जिम्मेदार
 
इसके अलावा, अगर आपके शरीर में विटामिन K की कमी है, तो यह आपकी आंखों में जा सकता है। ऐसे में आपको विटामिन सी और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए ताकि विटामिन की कमी को दूर किया जा सके।
 
4. कारण निर्जलीकरण हो सकता है
 
गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है। जिससे आपकी आंखों के नीचे गड्ढे भी हो जाते हैं। ऐसे में आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। तो आपकी आंखों के आसपास की त्वचा बेहतर होगी।
 
5. यूवी किरणों और प्रदूषण से भी बढ़ जाती है परेशानी
 
यह यूवी किरणों और प्रदूषण के कारण आपकी आंखें भी बंद कर देता है। इससे बचने के लिए सनस्क्रीन लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। इससे आंखों का तनाव कम होगा और त्वचा संबंधी समस्याएं भी कम होंगी।
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अदरक के पानी के फायदे जानिए

 आज की आलसी लाइफस्टाइल में सबसे बड़ी समस्या है अगर कोई चल रहा है तो वह है वजन बढ़ना। शरीर में चर्बी का जमा होना आम बात है। पेट पर यह अतिरिक्त चर्बी न केवल पेट में बल्कि शरीर के विभिन्न हिस्सों में भी जमा होने लगी है लेकिन अगर आप इस समस्या को जड़ से खत्म करना चाहते हैं तो आपको हर दिन एक आदत अपनानी होगी। और वह यह कि आपको रोजाना अदरक का पानी पीना है। अदरक के पानी के रोजाना इस्तेमाल से मोटापा दूर होगा। अदरक का पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होगा। इससे बैड फैट तेजी से बर्न होगा और वजन भी कम होगा।


इतना ही नहीं अदरक के पानी की मदद से आप कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। इसके एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
ऐसे बनाएं अदरक का पानी - अदरक का पानी बनाने के लिए सबसे पहले अदरक के टुकड़ों को पानी में काटकर 15 मिनट तक गर्म करें. फिर पानी को छान लें। इसमें एक चम्मच नींबू का रस लें।
 
 फायदे
  • कैंसर जैसी बीमारियों से बचाता है। साथ ही फेफड़े, प्रोस्टेट, ओवेरियन, कोलन, ब्रेस्ट, स्किन और पैंक्रियाटिक जैसी बीमारियों से भी बचाता है।
  • खाने के 20 मिनट बाद एक कप अदरक का पानी पीने से शरीर में एसिड की मात्रा कंट्रोल में रहती है. इससे हार्ट बर्न की समस्या दूर होती है।
  • अदरक का पानी शरीर में पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। जिससे पाचन क्रिया बढ़ती है।
  •  रोजाना अदरक का पानी पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. यह मधुमेह के खतरे को कम करता है
  • मांसपेशियों में दर्द की समस्या होने पर भी अदरक का पानी पीने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
  • अदरक या इसके पानी का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
  • अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं इसलिए अदरक का पानी पीने से खांसी की समस्या भी दूर हो जाती है.

 

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आज हैं विश्व स्वास्थ्य दिवस

पिछले कुछ सालों में हम सभी का झुकाव स्वस्थ जीवन की तरफ हुआ है। खासतौर पर कोरोना वायरस महामारी ने हमारा फोकस स्वास्थ्य की तरफ कर दिया है। अब हम सभी इस बात पर ज़्यादा ध्यान देते हैं कि क्या खा रहे हैं ताकि बीमारियों से बचे रहें। अब लोग अपनी डाइट में सेहतमंद फूड आइट्स को ज़रूर शामिल करते हैं और बाहर का खाना कम से कम खाने लगे हैं। साथ ही एक्सरसाइज़ की एहमियत को भी समझा है।

हालांकि, इससे काफी पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी तरफ से स्वस्थ जीवन और इससे जुड़ी दिक्कतों से कैसे निपटना है इसके बारे जागरुकता फैला रहा था। संगठन ने हर साल 7 अप्रैल के दिन को विश्व स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाना शुरू कर दिया। हर साल अलग-अलग थीम तय की जाती है, उन स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।विश्व स्वास्थ्य दिवस की संकल्पना पहली बार 1948 में पहली स्वास्थ्य सभा में की गई थी और इसे वर्ष 1950 से मनाना शुरू किया गया था।

WHO ने साल 1950 से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। विश्व स्वास्थ्य दिवस डब्ल्यूएचओ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया जाता है। साथ ही इसे संगठन द्वारा हर साल वैश्विक स्वास्थ्य के लिए प्रमुख महत्व के विषय पर दुनिया भर में ध्यान आकर्षित करने के अवसर के रूप में देखा जाता है।

पिछले साल विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 की थीम थी 'सभी के लिए एक बेहतर, स्वस्थ दुनिया का निर्माण', जो जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए उनकी उम्र, जाति, धर्म और सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना अच्छे स्वास्थ्य को हासिल करने पर केंद्रित था।विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम है 'हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य'। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य हमारे ग्रह और उस पर रहने वाले मनुष्यों की भलाई की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना है।डब्ल्यूएचओ की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, "विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 पर एक महामारी, एक प्रदूषित ग्रह, कैंसर, अस्थमा, हृदय रोग जैसी बढ़ती बीमारियों के बीच, WHO मानव और ग्रह को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक तत्काल कार्यों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करेगा और इस आंदोलन को बढ़ावा देगा।"
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7 प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने का घरेलु उपचार

घरेलु उपचार से पाए चमकती त्वचा 

1. हल्दी

हम त्वचा की देखभाल में हल्दी के महत्व पर जोर नहीं दे सकते। जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर, यह मसाला न केवल आपके भोजन में स्वाद जोड़ता है, बल्कि आपको एक चमकदार त्वचा भी देता है। अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ हल्दी सूजन से भी छुटकारा दिलाने में मदद करती है। अपने चेहरे पर हल्दी लगाने का सबसे आसान तरीका है हल्दी पाउडर, बेसन और दूध या पानी को मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। पेस्ट को सूखने दें और अपने चेहरे पर लगाएं और फिर इसे ठंडे पानी से हटा दें।

2. दूध
हमारे घर से आसानी से मिलने वाली इस सामग्री के कई फायदे हैं। हमारी त्वचा में टायरोसिन होता है जो मेलेनिन को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है। दूध आपको चमकदार त्वचा देने के लिए इस हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है। कच्चा दूध दूध का सबसे प्रभावी रूप है और इसे सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है।

3. खीरा
यह सब्जी सबसे आम सलाद सामग्री है और त्वचा के लिए भी इसके फायदे हैं। मुंहासे वाली, संवेदनशील और रूखी त्वचा के लिए अधिक उपयुक्त, खीरा रूखी, बेजान त्वचा और काले घेरे से भी छुटकारा दिलाता है। हमारी त्वचा के समान PH स्तर के साथ, खीरा त्वचा को हाइड्रेट और कोमल बनाता है। या तो कटे हुए खीरे को फेस पैक के रूप में चेहरे पर लगाएं या सेब खीरे के रस को चेहरे पर लगाएं और कुछ मिनट के लिए इसे जमने दें। फिर आप इसे ठंडे पानी से धो सकते हैं।

4. पपीता
त्वचा-चमकदार सौंदर्य उत्पादों में आम सामग्री में से एक, पपीता में एक महत्वपूर्ण सौंदर्य घटक होता है जिसे पपैन कहा जाता है। पपैन न केवल लीवर के लिए अच्छा है बल्कि इसमें त्वचा को हल्का करने वाले गुण भी होते हैं जो दाग-धब्बों को कम कर सकते हैं और निशान को हल्का कर सकते हैं। यह एक प्रभावी प्राकृतिक एक्सफोलिएटर के रूप में भी काम करता है और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है। पपीता मुख्य रूप से रूखी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। पपीते को मिक्सी में पीस लें और पेस्ट को अपने चेहरे पर अच्छे से लगाएं। सूखने के बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें।

5. दही
हमें यकीन है कि आप सभी जानते हैं कि दही आपकी त्वचा के लिए कितना सुखदायक और प्रभावी है। लैक्टिक एसिड से भरपूर दही त्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है और उसे प्राकृतिक चमक देता है। इतना ही नहीं, यह झुर्रियों और महीन रेखाओं, तन के निशान और काले घेरों को भी कम करने के लिए कहा जाता है। दही के कई फायदे हैं जिनमें मुँहासे के विकास को कम करना और त्वचा को सुखदायक बनाना शामिल है। सीधे इसका सेवन करने के अलावा, आप दही को कॉटन पैड से अपने चेहरे पर मिला सकते हैं और इसे 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर इसे गुनगुने पानी से धो लें।

6. केला
पोटेशियम और विटामिन से भरपूर केले में हाइड्रेटिंग और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं। ये त्वचा को शांत करते हैं और मुंहासों के निशान और पिग्मेंटेशन को भी कम करते हैं, जिससे त्वचा चमकदार और चमकती है। केले को मैश करके सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है। या आप केला, शहद और नींबू के रस का फेस पैक भी बना सकते हैं। एक पके केले को मैश करके उसमें एक-एक चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाएं। 15 से 20 मिनट के लिए फेस पैक को ठंडे पानी से धोने से पहले लगाएं।

7. एलोवेरा
विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण एलोवेरा त्वचा को चमकदार और मुलायम रखता है। यह त्वचा को सूरज के संपर्क में आने, बग के काटने आदि जैसे आघात का सामना करने की स्थिति में तेजी से उपचार में भी मदद करता है। त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के अलावा, एलोवेरा त्वचा की लोच में भी सुधार करता है। एलोवेरा के गूदे को पत्तियों से निकालकर सीधे चेहरे पर लगाएं और 15 से 20 मिनट के लिए जमने के लिए छोड़ दें। फिर इसे गुनगुने पानी से धो लें।

अपनी त्वचा के लिए किसी भी प्राकृतिक घरेलू उपचार पर हाथ आजमाने से पहले त्वचा विशेष से सलाह लें।

 

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मलाई कोफ्ता दम रेसिपी

सामग्री ;~ 2 कप कीमा बनाया हुआ मांस , 1/2 टी स्पून लहसुन का पेस्ट ,1/2 टी स्पून अदरक का पेस्ट ,स्वादानुसार नमक ,1/4 टी स्पून पिसी हुई काली मिर्च , 1/4 टी स्पून गरम मसाला , तलने के लिए तेल , क्रीम सॉस के लिए ,1 कप मलाई ,1 कप प्याज , कद्दूकस ,1/2 टी स्पून गरम मसाला ,2 टी स्पून धनिया पाउडरस्वादानुसार ,1/2 मिर्च पाउडर , 2 टेबल स्पून हरा धनिया, टुकड़ों में कटा ,1 टी स्पून हरी मिर्च ,बारीक कटा हुआ ,हरा धनिया गार्निश के लिए | 

वि​धि;~

1. मीट बॉल के मिश्रण को अखरोट के आकार के गोल आकार दें, और कम से कम एक घंटे के लिए फ्रिज में ठंडा करें.
2. तेल गरम करें और जितने मीट बॉल्स आराम से फिट हों उतने डालें, इन्हें अच्छी तरह पकाने के लिए आंच धीमी ही रखें. इसी तरह सारे मीट बॉल्स को फ्राई कर लें.
3. वे थोड़े सिकुड़ेंगे और गहरे भूरे रंग के हो जाएंगे.
4. ओवनप्रूफ डिश में, मीटबॉल की एक परत लगाएं, क्रीम मिश्रण की एक परत के साथ कवर करें.
5. तब तक दोहराएं जब तक कि सभी मीट बॉल्स डिश में न आ जाएं.
6. पहले से गरम ओवन में लगभग आधे घंटे के लिए बेक करें.
7. हरे धनिये से सजाकर परोसें.
8. नोट: ओवन का तापमान 325 डिग्री फ़ारेनहाइट / 160 डिग्री सेल्सियस है |
 
 

 

 

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