धान का कटोरा

सौर ऊर्जा से बदल रही है ज़िंदगी

  • प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बनी ऊर्जा क्रांति की जननी
  • पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में नई पहल
रायपुर। ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरणीय संकट के बीच छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम जनता के लिए नई आशा की किरण बनकर उभरी है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से अब आम उपभोक्ता भी ऊर्जा उत्पादक बनते जा रहे हैं। यह योजना न केवल बिजली बिल से राहत दे रही है, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त भी कर रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करते हुए संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना सस्ती और स्थायी ऊर्जा समाधान की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। जिले के कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के निर्देशन में बिलासपुर जिले में अब तक 313 उपभोक्ताओं के घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं। ये सोलर सिस्टम अब खुद की जरूरत से अधिक बिजली का उत्पादन कर रहे हैं और शेष बिजली को ग्रिड में भेजकर आमदनी का नया स्रोत भी बन चुके हैं।
इस योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं को उनके घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने हेतु सब्सिडी दी जा रही है, जो सीधे उनके बैंक खाते में जमा होती है। इसके साथ ही सस्ती दरों पर बैंक ऋण की सुविधा भी मिलती है। यह योजना नेट मीटरिंग प्रणाली पर आधारित है, जिसके जरिए उपभोक्ता द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली सीधे ग्रिड को भेजी जाती है। इस व्यवस्था से उपभोक्ता का बिजली बिल शून्य हो जाता है और ग्रिड में आपूर्ति की गई अतिरिक्त बिजली के बदले आमदनी भी होती है। इसके अतिरिक्त योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक बिजली बिल्कुल मुफ्त प्रदान की जा रही है।
इस योजना के तहत सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की ओर से अनुदान दिया जा रहा है। एक किलोवाट प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार से 30,000 रूपए एवं राज्य सरकार से 15,000 रूपए कुल 45,000 रूपए, 2 किलोवाट प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार से 60,000 रूपए एवं राज्य सरकार से 30,000 रूपए कुल 90,000 रूपए प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार 3 किलोवाट प्लांट केंद्र सरकार से 78,000 रूपए तथा राज्य सरकार से 30,000 रूपए कुल 1,08,000 रूपए सब्सिडी दी जाती है।
यह योजना आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सार्थक पहल है। सौर ऊर्जा का उपयोग कोयले पर निर्भरता कम करता है, जिससे प्रदूषण घटता है और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता है देश। यह योजना न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक है, बल्कि हरित भारत की परिकल्पना को भी मजबूत करती है।
इस योजना से जुड़े कार्यों जैसे सोलर पैनल की आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और तकनीकी सेवाओं के कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। इससे युवाओं को नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिल रहा है।

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