मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत कब है? जानिए...तिथि, मुहूर्त, विधि और नियम
25-Mar-2025 3:40:48 pm
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इस व्रत में विशेष रूप से भगवान शिव का पूजन, शिवलिंग का अभिषेक, बेलपत्र, आक के फूल चढ़ाना और शिव मंत्रों का जाप करना आवश्यक होता है। प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय प्रदोष काल में होता है।
आइए जानते हैं, इस माह का आखिरी प्रदोष व्रत कब होगा, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा, और इस व्रत को करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रदोष व्रत तिथि
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 26 मार्च 2025, देर रात 1 बजकर 42 मिनट पर
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त: 27 मार्च 2025, रात 11 बजकर 3 मिनट पर
प्रदोष व्रत की पूजा विशेष रूप से प्रदोष काल में की जाती है, जो सूर्यास्त के बाद का समय होता है। इस दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त: 27 मार्च 2025, सायं 6 बजकर 35 मिनट से रात्रि 8 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
इस अवधि में पूजा करना अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। इस समय में भगवान शिव का ध्यान और पूजा विशेष रूप से प्रभावशाली होती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
सबसे पहले, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान शिव का ध्यान करते हुए प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल पर शिवलिंग स्थापित करें और उस पर जल, बेलपत्र, आक के फूल, गुड़हल के फूल और मदार के फूल चढ़ाएं।
पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय और ॐ त्र्यम्बकं यजामहे जैसे शिव मंत्रों का जाप करें।
पूजा के बाद, प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और उनका प्रिय भोग अर्पित करें।
पूरे शिव परिवार की पूजा करें, जिसमें भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा भी शामिल हो।
प्रदोष व्रत के अगले दिन व्रत का पारण करें।
प्रदोष व्रत पर ध्यान रखें ये बातें
प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन, मांसाहार और मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
व्रत रखने वाले भक्तों को दिनभर भगवान महादेव का ध्यान और स्मरण करना चाहिए।
किसी के प्रति गुस्सा या द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए और नकारात्मक सोच को मन से दूर रखना चाहिए।
व्रत के दौरान झूठ बोलने से बचना चाहिए और किसी का अपमान या अनादर करने से परहेज करना चाहिए।
पूरी श्रद्धा और भक्ति से व्रत करें, ताकि महादेव की कृपा प्राप्त हो सके।