विनायक चतुर्थी कल 1 अप्रैल को, जानिए...शुभ मुहूर्त
31-Mar-2025 2:53:19 pm
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हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगी. वहीं इस शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन 2 अप्रैल को देर रात 2 बजकर 32 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म उदया तिथि देखी जाती है. ऐसे में 1 अप्रैल यानी कल विनायक चतुर्थी रहेगी. कल ही विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा..हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है. इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश का पूजन और व्रत किया जाता है. इस दिन जो भी भगवान गणेश का व्रत और पूजन करता है उसके सभी विघ्न बप्पा दूर करते हैं. इस साल चैत्र माह की विनायक चतुर्थी कल है. ऐसे में आइए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त, पूजा विधि से व्रत पारण तक सब कुछ|
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त-
विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा. ये 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी. ये 3 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा. ये शाम 7 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 1 मिनट से शुरू होगा. ये 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा|
पूजा विधि-
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. स्नान आदि कर साफ कपड़े पहनकर बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. फिर मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतीमा को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद भगवान को साफ जल से स्नान कराना चाहिए. भगवान गणेश को चंदन, रोली, कुमकुम और फूल चढ़ाने चाहिए. फिर उन्हें लड्डू और मोदक का भोग लगाना चाहिए. भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसके बाद विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए. अंत मे भगवान गणेश की आरती कर पूजा समाप्त करनी चाहिए. पूरा दिन व्रत करना चाहिए|
क्या खाएं क्या नहीं-
विनायक चतुर्थी के दिन फल में केला, सेब, अनार, अंगूर खाने चाहिए. दूध, दही, पनीर, श्रीखंड आदि खाना चाहिए. साबूदाना की खिचड़ी या खीर खानी चाहिए. सिंघाड़े के आटे की पूड़ी या हलवा खाना चाहिए. आलू की सब्जी या टिक्की खानी चाहिए. मूंगफली के दाने या मूंगफली की चिक्की खानी चाहिए. नारियल पानी पीना चाहिए. इस दिन चावल, गेहूं, दालें आदि का सेवन करने से बचना चाहिए. प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए. मांस और मदिरा का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए. तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए|
इन दिन क्या करें क्या नहीं-
इस दिन पर सात्विक जीवनशैली अपनानी चाहिए. इस दिन धार्मिक काम करने चाहिए. इस दिन भगवान गणेश को पूजा में दूर्वा चढ़ाना चाहिए. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इस दिन किसी से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए. किसी को दुख नहीं देना चाहिए. भगवान की पजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए. इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए|
इन चीजों का करें दान-
विनायक चतुर्थी के दिन फलों का दान करना चाहिए. गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्रों और अन्न का दान करना चाहिए. धन का दान अवश्य करना चाहिए. प्रसाद के रूप में मोदक देना चाहिए|
इन मंत्रों का करें जाप-
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्॥
सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा ॥
विनायक चतुर्थी का महत्व-
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का व्रत बहुत महत्वपूर्व माना जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन पूजन और व्रत करने से बप्पा प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं. उनके आशीर्वाद से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास बना रहता है. ज्ञान और बुद्धि प्राप्त होती है. सभी कार्योंं में सफलता मिलती है. साथ ही सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं|
व्रत का पारण-
हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि जिस दिन विनायक चुतुर्थी का व्रत रखा जाता है, उसके अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है. ऐसे में चैत्र माह की विनायक चतुर्थी के व्रत का पारण दो अप्रैल को सूर्योदय के बाद किया जाएगा. विनायक चतुर्थी व्रत के पारण से पहले शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए. गणेश जी की प्रतिमा के सामने धूप-दीपक जलाना चाहिए. हाथ में जल लेकर पारण का संकल्प लेना चाहिए. फल, दूध, दही, पनीर खाकर व्रत का पारण करना चाहिए. व्रत के पारण के बाद ब्राह्मणों को दान देना चाहिए|