आज प्रदोष व्रत पर इन विधियों से करें बेलपत्र के पेड़ की पूजा
10-Apr-2025 3:56:15 pm
1118
- महादेव करेंगे मनोकामना पूरी
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से जातक पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। चैत्र माह यानी हिंदू नववर्ष का पहला प्रदोष व्रत 10 अप्रैल को रखा जाएगा। बता दें कि हिंदू पंचांग में चैत्र पहला माह है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही बेलपत्र पेड़ की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें बेलपत्र पेड़ की पूजा
प्रदोष व्रत के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। फिर व्रत का संकल्प लें।
पहले घर के मंदिर में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा कर लें।
इसके बाद बेलपत्र पेड़ के नीचे की साफ-सफाई कर लें।
बेलपत्र के पेड़ के सामने पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
फिर बेलपत्र पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें। पेड़ के तने पर चंदन या रोली का तिलक करें और चावल, फूल भी चढ़ाएं।
बेलपत्र के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
भगवान शिव की आरती के बाद बेलपत्र पेड़ की परिक्रमा करें।
वहीं ध्यान रहें कि प्रदोष व्रत के बेलपत्र का पत्ता गलती से भी नहीं तोड़ें। पूजा के लिए एक दिन पहले ही बेलपत्र तोड़कर रख लें।
बेलपत्र पूजा का महत्व
भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है। महादेव की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने से भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन शिवजी के साथ बेलपत्र पेड़ की पूजा अत्यंत फलदायी माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में ग्रह दोष हैं तो उसे भी इससे शांति मिलती है।