23 अप्रैल से शुरू होगी पंचकोसी यात्रा
19-Apr-2025 2:47:28 pm
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- उज्जैन में भगवान नागचंद्रेश्वर से बल लेकर रवाना होते हैं श्रद्धालु
उज्जैन। पौराणिक मान्यता अनुसार, वैशाख कृष्ण दशमी पर 23 अप्रैल को पंचकोसी यात्रा का शुभारंभ होगा। मध्य प्रदेश में विभिन्न स्थानों से इस यात्रा की शुरुआत होती है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भक्त पटनी बाजार स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में श्रीफल भेंट कर भगवान से बल लेकर यात्रा पर रवाना होंगे। 27 अप्रैल को अमावस्या के दिन भगवान को मिट्टी का अश्व अर्पित कर बल लौटाने के बाद घरों को रवाना होंगे।
उज्जैन में 118 किलोमीटर की यात्रा-
हमेशा की तरह इस बार भी श्रद्धालु निर्धारित तिथि से दो दिन पहले 21 अप्रैल से प्रथम पड़ाव पिंग्लेश्वर की ओर यात्रा करने लगेंगे। उज्जैन में पंचकोसी यात्रा की निर्धारित तिथि वैशाख कृष्ण दशमी से अमावस्या है।
देशभर के श्रद्धालु पांच दिन पांच कोस की पद यात्रा करते हुए पंचदेव की आराधना करते हैं। नागचंद्रेश्वर के दर्शन के साथ यात्रा शुरू होती है। इसके बाद 118 किलो मीटर की पदयात्रा करते हुए पिंग्लेश्वर, कायावरूहणेश्वर, दुर्दुरेश्वर तथा बिल्वकेश्वर के दर्जन पूजन करेंगे।
नियमानुसार निर्धारित तिथि पर यात्रा की शुरुआत होना चाहिए, लेकिन श्रद्धालु भीड़ से बचने तथा पड़ाव स्थलों पर यात्री सुविधाओं का पहले लाभ प्राप्त करने की होड़ में दो दिन पहले से यात्रा पर रवाना होने लगते हैं।
इस बार भी 21 अप्रैल से श्रद्धालु यात्रा पर रवाना होने लगेंगे। प्रशासन ने परंपरा को देखते हुए ही पड़ाव पर अभी से ही इंतजाम शुरू कर दिए हैं।
सत्तू, दाल बाटी व कैरी, प्याज का उपयोग
पंचकोसी यात्रा वैशाख की भीषण गर्मी में की जाती है। इन दिनों दोपहर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस है। इस गर्मी में पांच दिन तक खुले में रखना अपने आप में एक तप है। यात्री इस मौसम में खुद को स्वस्थ रखते हुए, धर्म आराधना करने के लिए सुबह सत्तू का सेवन करते हैं।
दिन में दाल बाटी के साथ केरी,प्याज की चटनी का सेवन किया जाता है। छाछ, ककड़ी, मौसमी फल डाइट का हिस्सा रहते हैं।