दुनिया-जगत

मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री जयशंकर से की बात

  • कहा- बातचीत बहाल करने के तरीके तलाशें दोनों पक्ष
वाशिंगटन। भारत-पाकिस्तान की तनावपूर्ण स्थिति के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की। केंद्रीय मंत्री ने इसकी पुष्टि की। वहीं अमेरिकी विदेश विभाग ने भी बातचीत को लेकर एक बयान जारी किया है।
इस जयशंकर ने एक्स पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा- सुबह अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो से बातचीत हुई। भारत का दृष्टिकोण हमेशा संतुलित और जिम्मेदाराना रहा है और आज भी ऐसा ही है।
वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस के हवाले से कहा गया कि, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की। रुबियो ने दोनों पक्षों को तनाव कम करने और सीधी बातचीत बहाल करने के तरीके तलाशने की सलाह दी, ताकि गलतफहमी से बचा जा सके। उन्होंने भविष्य के विवादों को टालने के लिए मदद की पेशकश करते हुए कहा कि 'अमेरिका ने रचनात्मक वार्ता का प्रस्ताव भी रखा है।'
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शनिवार सुबह पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बात की थी। उन्होंने तनाव कम करने का आग्रह किया। टैमी ब्रूस ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बात की। इस दौरान उन्होंने दोनों पक्षों से तनाव कम करने के तरीके खोजने का आग्रह किया और भविष्य में संघर्ष टालने के लिए रचनात्मक वार्ता शुरू करने में अमेरिका की सहायता की पेशकश की।
मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से ऐसे समय में बात की थी, जब पाकिस्तान की ओर से भारतीय क्षेत्रों पर लगातार ड्रोन से हमला किया जा रहा है, जिसका भारतीय सेना करारा जवाब दे रही है।
वहीं, भारतीय सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि भारत के हमले में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, "पाकिस्तान की इन हरकतों के बाद तुरंत जवाबी हमले का एक्शन लिया गया। रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहमयार खान पर पाक सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों और लड़ाकू जेट से हमला किया गया। सियालकोट का एयरबेस भी टारगेट किया गया। कम से कम कोलेटरल डैमेज की क्षति हमने निश्चित की। पाकिस्तान ने नागरिक विमानों की आड़ लेकर अंतरराष्ट्रीय एयर रूट का गलत इस्तेमाल किया।"
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पाकिस्तानी सांसद ने नेशनल असेंबली में PM शहबाज शरीफ को बताया बुजदिल

  • बोले- पीएम मोदी का नाम तक न ले सके आप
  • भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई का असर अब पाकिस्तान की संसद में भी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की ओर से गुरुवार को किए गए हमले का भारत की तरफ से करारा जवाब दिया गया है। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई का असर अब पाकिस्तान की संसद में भी दिखाई देने लगा है। एक पाकिस्तानी सांसद ने अपने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ही 'बुजदिल' बता दिया है।
पाकिस्तान के सांसद शाहिद अहमद खट्टक ने नेशनल असेंबली में कहा, "भारत के रुख पर उनका (पीएम शहबाज शरीफ) कोई बयान नहीं आया है। मुझे टीपू सुल्तान का वो बयान याद आ रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर एक लश्कर का सरदार शेर हो और उसके साथ गीदड़ हों, तो वो शेरों की तरह लड़ते हैं। लेकिन, अगर शेरों के लश्कर का सरदार गीदड़ हो, तो वो लड़ नहीं सकते और जंग हार जाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "इस वक्त बॉर्डर पर खड़ा हमारा फौजी ये उम्मीद रखता है कि हमारा नेता, जो हमारा चेहरा है, जो हमारी ताकत का आइना है, वो सियासी तौर पर भी उतना ही दमदार हो। वो दुश्मन से मुकाबला करने की हिम्मत रखें, लेकिन जब आपका वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ) बुजदिल हो और वो मोदी का नाम तक न ले पाए, तो आप सीमा पर लड़ने वाले जवान को क्या संदेश दे रहे हैं?"
गुरुवार को ही एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के एक सदस्य और सेना के पूर्व मेजर ताहिर इकबाल अपनी बात रखते हुए रो पड़े थे। पूर्व पाकिस्तानी मेजर ताहिर इकबाल ने नेशनल असेंबली में कहा था, "हम अपनी कौम से कहते हैं कि सब मिलकर चलो और अपने रब से दुआ करो कि हम सबकी हिफाजत करें। इस मुल्क की रक्षा करें।" ताहिर इकबाल ने कहा था कि अल्लाह ने चाहा कि पाकिस्तान बने और उन्होंने ही इस मुल्क को बनाया है। अब वही इसकी हिफाजत करेंगे। उन्होंने रोते हुए कहा था, "अल्लाह, तू हमें माफ कर दे। हम तेरे सामने सर झुकाते हैं, माफी मांगते हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम तेरे बड़े गुनहगार हैं।"
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भारत-पाकिस्तान संघर्ष से हमारा कोई सरोकार नहीं : अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस

अमेरिका। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष "से मूलतः हमारा कोई सरोकार नहीं है", हालांकि वह और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों से अमेरिका के अलग होने के समर्थक रहे वेंस ने फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि इन लोगों को थोड़ा तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें, लेकिन हम युद्ध के बीच में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, जिससे मूल रूप से हमारा कोई सरोकार नहीं है और इसका अमेरिका की इसे नियंत्रित करने की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है। आप जानते हैं, अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता। हम पाकिस्तानियों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते। और इसलिए, हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ाने जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारी आशा और अपेक्षा है कि यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध या, भगवान न करे, एक परमाणु संघर्ष में न बदले। अभी, हमें नहीं लगता कि ऐसा होने वाला है।" वेंस की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और कई अन्य शहरों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने का असफल प्रयास किया। भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने इस्लामाबाद द्वारा दागी गई कम से कम आठ मिसाइलों को मार गिराया।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान "जैसे को तैसा" वाली कार्रवाइयों को "बंद" करें, उन्होंने कहा कि अगर वह "मदद" के लिए कुछ कर सकते हैं, तो जरूर करेंगे। उन्होंने कहा, "यह बहुत भयानक है। मेरी स्थिति यह है कि मैं दोनों के साथ मिलकर काम करता हूं। मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और मैं उन्हें इसे हल करते हुए देखना चाहता हूं। मैं उन्हें रुकते हुए देखना चाहता हूं और उम्मीद है कि वे अब रुक सकते हैं। उन्होंने जैसे को तैसा किया है, इसलिए उम्मीद है कि वे अब रुक सकते हैं। मैं दोनों को जानता हूं, हम दोनों देशों के साथ बहुत अच्छे से मिलकर काम करते हैं।"
भारत और पाकिस्तान के बीच "युद्ध" पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "अगर मैं मदद के लिए कुछ कर सकता हूं, तो मैं करूंगा।" ट्रम्प की टिप्पणी बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा किए गए हमलों के बाद आई थी। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम गांवों को निशाना बनाकर तोपों और मोर्टार से गोलाबारी की। इससे पहले, भारत ने मंगलवार-बुधवार की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की और 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
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'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय हमले के बाद बहावलपुर में आतंक का गढ़ मलबे में तब्दील हो गया

बहावलपुर। बुधवार को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिए जाने के बाद, पंजाब के बहावलपुर शहर में आतंकी गतिविधियों का गढ़ मलबे में तब्दील हो गया।
बहावलपुर में 2015 से संचालित मरकज सुभान अल्लाह है, जो जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण और विचारधारा का मुख्य केंद्र है और जैश-ए-मोहम्मद के संचालन मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। यह 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले सहित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा की गई आतंकवादी योजनाओं से जुड़ा है। मरकज में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, जैश-ए-मोहम्मद के वास्तविक प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और मसूद अजहर के अन्य परिवार के सदस्यों के आवास हैं। मसूद अजहर ने इस सुविधा से कई भाषण दिए हैं, जिसमें भारत विरोधी बयानबाजी की गई है और युवाओं से इस्लामिक जिहाद में शामिल होने की अपील की गई है। मरकज सुभान अल्लाह में जैश-ए-मोहम्मद अपने कैडरों को नियमित रूप से हथियार, शारीरिक और धार्मिक प्रशिक्षण देता है।
रॉयटर्स द्वारा प्राप्त दृश्यों में बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए मिसाइल हमलों के बाद बहावलपुर में आतंकी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट होते हुए दिखाया गया है।
बुधवार को दिल्ली में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के उद्देश्यों को रेखांकित किया। पाकिस्तान में कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े पीओजेके में पांच आतंकी ठिकाने शामिल हैं, ताकि नागरिक हताहतों से बचा जा सके। कर्नल कुरैशी ने लक्षित शिविरों का विवरण देते हुए बताया कि पाकिस्तान में नष्ट किए गए चार आतंकी शिविर बहावलपुर, मुरीदके, सरजाल और महमूना जोया हैं। उन्होंने बहावलपुर में मरकज सुभानल्लाह के नष्ट होने की भी पुष्टि की, जो पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर स्थित है।
उन्होंने कहा, "यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने निशाना बनाया था।" विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के रणनीतिक इरादे के बारे में विस्तार से बताया, "'ऑपरेशन सिंदूर' 22 अप्रैल के भयानक पहलगाम आतंकी हमले का बदला था, ताकि निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय मिल सके। नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया।" उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने तीन दशकों से एक जटिल आतंकी ढांचा बनाए रखा है, जिसमें पाकिस्तान और पीओजेके में 21 भर्ती, प्रशिक्षण और लॉन्च पैड केंद्र शामिल हैं।
सिंह ने ऑपरेशन की सटीकता को रेखांकित करते हुए कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्य विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं और स्थानों पर आधारित थे, जिन्हें नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने और नागरिक जीवन के नुकसान से बचने के लिए चुना गया था।" बुधवार को सुबह 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच किए गए हमलों में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा समन्वित प्रयास शामिल थे, जिसमें पाकिस्तान के साथ-साथ पीओजेके में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के ठिकानों जैसी प्रमुख सुविधाओं को निशाना बनाया गया। (एएनआई)
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पाकिस्तानी नागरिक ने खोली पाक सेना और उसकी कमजोर रक्षा प्रणाली की पोल

  • कहा- "एक भी मिसाइल नहीं रोक सके"
नई दिल्ली। बुधवार को जब भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में प्रमुख आतंकी ठिकानों पर बमबारी की, तो पाकिस्तान ने अपनी साख बचाने के लिए झूठे प्रचार का सहारा लिया। हालांकि, पाकिस्तान के ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिना हिचक के पूरी बेबाकी के साथ अपनी सेना की खामियों को उजागर कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी नागरिक का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उसने पाकिस्तानी सेना की रक्षा प्रणाली में बड़ी खामियों और किसी भी हमले को विफल करने की तैयारी के बारे में खुलकर बात की है।
वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक कह रहा है, "कल रात भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 24 मिसाइल हमले किए और हैरानी की बात है सारे टारगेट पर जाकर लगे। इंडिया ने अपना टारगेट हासिल कर लिया और हम एक भी मिसाइल को रोक नहीं सके। हम पूरी तरह नाकाम रहे और भारत ने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया। कहावत है 'घर में घुसकर मारना', और भारत ने यही काम करके दिखाया। हम भारत को रोक नहीं सके।
उसने आगे कहा, "आप लोग यह मत सोचें कि मैं भारत की तारीफ कर रहा हूं। आप सुनते आ रहे हैं कि ईरान ने इजरायल की ओर लक्ष्य करके हजारों मिसाइल दाग दी। लेकिन वास्तव में इजरायल में एक भी मिसाइल नहीं गिरती क्योंकि उनका डिफेंस सिस्टम बहुत मजबूत है। ईरान की केवल एक-दो मिसाइल ही मुश्किल से इजरायल में जाकर गिर पाती हैं। इजरायल के डिफेंस सिस्टम की तुलना में हमारा हाल बुरा है। हम भारत की 24 मिसाइल में एक को भी गिरा नहीं पाए।"
वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक ने अपने देश की सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, "गनीमत यह रही कि भारत ने हमारे सैन्य ठिकानों या रिहायशी इलाकों पर हमला नहीं किया। भारत ऐसा करता तब भी हम उन मिसाइलों को रोक नहीं पाते। भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में रातभर अफवाहों का दौर चलता रहा कि हमने भारत के विमान गिरा दिए। कई तस्वीरें वायरल होने लगीं, लेकिन मैंने खुद चेक किया तो पता चला कि सभी फोटो कई महीने पुराने हैं। अंत में हमारी ओर से भारतीय विमानों को गिराने के दावे फेक न्यूज ही साबित हुए।"
इतनी स्पष्टता के साथ पाकिस्तानी रक्षा तंत्र की कमियों को स्वीकारने के बाद यह पाकिस्तानी व्यक्ति सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, और उसका वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान के झूठे दावों और बयानबाजी की कलई खोलता है।
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लाहौर स्थित वाल्टन एयरपोर्ट के पास सुनाई दी धमाके की आवाज, खौफ का माहौल

  • ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में हड़कंप
लाहौर। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच, पाकिस्तान के लाहौर में धमाकों से जुड़ी खबरें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि लाहौर में एक के बाद एक कई धमाकों की आवाज सुनी गई है।
लाहौर पुलिस के मुताबिक लाहौर के वाल्टन रोड पर जोरदार धमाका हुआ है। करीब 2 से 3 ब्लास्ट हुए हैं। इन धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि लोग घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल धमाकों की वजह और जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। साथ ही पुलिस मौके पर पहुंच गई है और किसी को भी घटनास्थल पर जाने नहीं दे रही है।
लाहौर में धमाकों से जुड़ी यह खबर उस समय सामने आई है, जब 6-7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया।
पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के प्रमुख जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि इन हवाई हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई और 46 घायल हुए हैं। ये हमले पीओके और पंजाब प्रांत के उन इलाकों में हुए जहां भारत के अनुसार आतंकियों के ठिकाने थे।
इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है, देश की हवाई सीमाएं 24 से 36 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं, इस्लामाबाद और पंजाब के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है।
इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत अपने आक्रामक रुख से पीछे हटता है, तभी यह तनाव खत्म हो सकता है। ब्लूमबर्ग से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमला शुरू नहीं किया, बल्कि केवल भारत के हमले का जवाब दिया है।
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ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को रोकने मदद की पेशकश की

नई दिल्ली। भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चिंता जताई है और कहा है कि वह इस मामले में मदद के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता हुआ यह झगड़ा जल्द से जल्द रुक जाए।
ट्रंप ने कहा, "यह बहुत दुखद है। मेरी स्थिति यह है कि मैं दोनों के साथ मिलकर काम करता हूं। मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। मैं चाहता हूं कि वे आपस में मिलकर मामला सुलझाएं। उन्होंने एक-दूसरे को जवाब दिया है, लेकिन अब रुक जाना चाहिए। अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मैं तैयार हूं। मैं उन दोनों को जानता हूं, हम दोनों देशों के साथ बहुत अच्छे से मिलकर काम करते हैं। अगर मैं इसमें कुछ मदद कर सकता हूं तो मैं इसके लिए तैयार हूं।"
भारत ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पीओके और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। यह हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी।
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर कहा कि वे राष्ट्रपति ट्रंप की इस बात से सहमत हैं कि यह तनाव जल्द खत्म हो और अमेरिका दोनों देशों से शांति के लिए बातचीत करता रहेगा। इससे पहले बुधवार को, ट्रंप ने मंगलवार को भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता "बहुत जल्दी" खत्म हो जाएगी।
इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस झगड़े के बारे में तभी जानकारी मिली जब वे अपने ऑफिस में जा रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। पिछली बातों के आधार पर लोगों को पता था कि कुछ होने वाला है। भारत और पाकिस्तान पिछले कई दशकों से, बल्कि सदियों से, एक-दूसरे से लड़ते आ रहे हैं।" जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास दोनों देशों के लिए कोई संदेश है, तो उन्होंने कहा, "नहीं, मैं बस चाहता हूं कि यह लड़ाई जल्दी खत्म हो।"
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ऑपरेशन सिंदूर : जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का परिवार खत्म, रोया आतंकी

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं. जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं.
इस हमले के बाद दुखी मसूद अजहर ने कहा कि अच्छा होता कि इस हमले में मै भी मारा जाता. एक बयान में कहा गया है, "मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन के साथ मौलाना कशफ का पूरा परिवार मारा गया है और मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां, बाजी सादिया के पति समेत सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे घायल हुए हैं. ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे हुए हैं."
आपको बता दें कि देर रात भारतीय सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ पंजाब का वहावलपुर भी शामिल है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और निर्देशित किया गया. कुल मिलाकर नौ जगहों को निशाना बनाया गया.”
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आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाए दुनिया : एस. जयशंकर

  • ऑपरेशन सिंदूर पर बोले विदेश मंत्री 
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दोहराया। पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने रातभर इस ऑपरेशन पर नजर रखी। इस बीच जयशंकर ने 'एक्स' पर लिखा, "दुनिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।" भारतीय सेना ने पुष्टि की है कि हमले पूरी सटीकता के साथ सावधानीपूर्वक किए गए, ताकि पाकिस्तान में किसी नागरिक या सैन्य ढांचे को नुकसान न पहुंचे। इस ऑपरेशन में 22 अप्रैल के पहलगाम हमले से जुड़े आतंकी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन के दौरान शीर्ष सैन्य कमांडरों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। आधिकारिक बयानों के मुताबिक, 9 लक्ष्यों में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सक्रिय आतंकी समूहों के कैंप और लॉजिस्टिक ठिकाने शामिल थे। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे हमले केंद्रित और सटीक थे। हमने केवल उन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ हमले की योजना बनाई गई थी।"
सेना ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन का मकसद तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि आतंकी ढांचे को नष्ट करना था, जिसमें नागरिक, सैन्य और आर्थिक ढांचों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। प्रवक्ता ने कहा, "न्याय हुआ, जय हिंद।"
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया था कि पहलगाम हमले के तार पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों से जुड़े हैं, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली थी। इसके जवाब में भारत ने कूटनीतिक दबाव और सैन्य तैयारियों के साथ निर्णायक कार्रवाई का वादा किया था। ऑपरेशन सिंदूर 2019 के बालाकोट हवाई हमलों के बाद भारत के सबसे बड़े सीमा-पार ऑपरेशन में से है।
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दुनिया को भारत ने बताया हमने आतंकी ठिकानों पर की एयर स्ट्राइक

  • यूएन महासचिव ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पाकिस्तान के खिलाफ भारत के सैन्य अभियान को लेकर “बहुत चिंतित” हैं और उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक के अनुसार, “दुनिया दोनों देशों के बीच टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।”
भारत द्वारा पाकिस्तान और कश्मीर में अपने कब्जे वाले क्षेत्र में मिसाइल हमले की घोषणा के तुरंत बाद दुजारिक ने कहा, "वह दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान करते हैं।" उन्होंने कहा, "महासचिव नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार भारतीय सैन्य अभियानों को लेकर बहुत चिंतित हैं। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती।"
भारत के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर के नौ स्थानों पर "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया है। एक्स पोस्ट में कहा, "बर्बर पहलगाम आतंकी हमले के सटीक और संयमित जवाब में" "नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचे स्थलों पर केंद्रित हमले किए गए।"
इससे पहले, भारतीय सेना ने कहा था कि उसने पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान के भीतर नौ स्थानों पर हमला किया है। सेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "थोड़ी देर पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई और निर्देशित किया गया था।"
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी पोस्ट किया, "न्याय हुआ। जय हिंद।" सेना ने कहा, "कुल मिलाकर नौ (9) स्थलों को निशाना बनाया गया है। हमारी कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और उकसावे की नहीं रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है।"
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने कश्मीर के पर्यटन स्थल में 26 लोगों के नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी। सोमवार को गुटेरेस ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा, "नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है - और जिम्मेदार लोगों को पारदर्शी, विश्वसनीय और वैध तरीकों से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।"
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UNSC ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पर बंद कमरे में विचार-विमर्श किया

  • अध्यक्ष सेकेरिस ने इसे उपयोगी बताया
संयुक्त राष्ट्र। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई और इसके अध्यक्ष इवेंजेलोस सेकेरिस ने बाद में इसे "उत्पादक बैठक" बताया।सोमवार को बैठक से बाहर निकलते समय उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "सुरक्षा परिषद हमेशा तनाव कम करने के ऐसे प्रयासों में मददगार रही है।" "यह परिषद की जिम्मेदारी है"। उन्होंने कहा, "यह एक उपयोगी और मददगार बैठक थी।"
चूंकि बैठक बंद कमरे में विचार-विमर्श के लिए थी, इसलिए इसकी कार्यवाही आधिकारिक रिकॉर्ड के बिना गुप्त रखी गई।बैठक की जानकारी देने वाले सहायक महासचिव मोहम्मद खालिद खैरी ने बाहर निकलते समय कहा कि सभी तनाव कम करना चाहते हैं।जब उनसे पूछा गया कि वे इसे कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा, "स्थिति अस्थिर है", और इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।
बैठक में भाग लेने वाली रूस की उप स्थायी प्रतिनिधि अन्ना इवेस्टिग्नेवा ने कहा, "हमें तनाव कम होने की उम्मीद है"।सेकेरिस ने पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद के अनुरोध पर बैठक बुलाई। अहमद ने बंद कमरे में विचार-विमर्श का आह्वान किया क्योंकि परिषद के सदस्य नहीं होने वाले देशों को परिषद की प्रक्रियाओं के तहत इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं है। इससे भारत को प्रभावी रूप से बाहर कर दिया गया, जबकि पाकिस्तान, वर्तमान निर्वाचित सदस्य के रूप में, इसमें शामिल हुआ। बैठक से पहले, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि स्थिति "उबलते बिंदु" पर थी और उन्होंने दोनों देशों से "खतरे से पीछे हटने" के लिए कहा। उन्होंने कहा, "यह भी आवश्यक है-
विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय पर - एक सैन्य टकराव से बचना जो आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है।" पिछले महीने पहलगाम में 26 लोगों के आतंकवादी नरसंहार की "कड़ी निंदा" करते हुए उन्होंने कहा, "मैं भयानक आतंकवादी हमले के बाद की भावनाओं को समझता हूं"। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध द रेजिस्टेंस फ्रंट ने आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली। परामर्श के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अहमद ने भारत के इस आरोप का "स्पष्ट रूप से" खंडन किया कि हमले में पाकिस्तान शामिल था। वे उग्रवाद और समझौते के बीच झूलते रहे। उन्होंने कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र बताया, जहां व्यापक असंतोष व्याप्त है और यही भारत के साथ समस्या की जड़ है, न कि आतंकवाद। साथ ही उन्होंने भारत के साथ सहयोग की पेशकश भी की। उन्होंने कहा, "हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।" उन्होंने कहा, "हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगात्मक संबंधों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और हम बातचीत के लिए तैयार हैं।" अहमद ने कहा, "स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बातचीत और तनाव कम करने तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की अपील, जैसा कि हमने आज परिषद के सदस्यों से भी सुना, सबसे प्रासंगिक है।"
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PM मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री से टेलीफोन पर की बातचीत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से टेलीफोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया के 32वें प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक पुनर्निर्वाचन पर बधाई दी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एंथनी अल्बानीज को टैग करते हुए लिखा, ''अपने मित्र एंथनी अल्बानीज से बात की और उन्हें उनकी पार्टी की ऐतिहासिक जीत पर व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। हम भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने के लिए नए जोश के साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं।''
इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि अपने पांच वर्षों में सीएसपी ने विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत सहयोग विकसित होते देखा है। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में भारतीय मूल के प्रवासियों की भूमिका पर जोर दिया।
दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और एक स्वतंत्र, खुले, स्थिर, नियम-आधारित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री अल्बानीज को वार्षिक शिखर सम्मेलन और इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन सहित यहां आने का निमंत्रण दिया। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
इससे पहले पीएम मोदी ने एंथनी अल्बानीज को ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर बधाई दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा था, ''एंथनी अल्बानीज ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में आपकी शानदार जीत और पुनः निर्वाचित होने पर बधाई। यह जोरदार जनादेश आपके नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई लोगों के स्थायी विश्वास को दर्शाता है। मैं भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए हमारे साझा विजन को आगे बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हूं।''
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पाकिस्तान से युद्ध जैसे हालात...भारत को अमेरिका से मिला ग्रीन सिग्नल

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत को आतंकवाद के खिलाफ दुनियाभर से समर्थन मिल रहा है. अब अमेरिका ने भी डंके की चोट पर भारत का साथ देने का वादा कर दिया है.
अमेरिकी संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने कहा कि भारत को हर हाल में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा. हम भारत का साथ देने का हर मुमकिन प्रयास करेंगे. ट्रंप प्रशासन आतंकवाद से निपटने के लिए भारत को हर संसाधन मुहैया कराएगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका हर वो कोशिश करेगा, जो वो कर सकता है. मुझे लगता है कि रिश्ते ऐसे ही प्रगाढ़ होते हैं. ट्रंप प्रशासन स्पष्ट रूप से इसकी अहमियत को समझता है और आतंकवाद के खतरे को भी समझता है.
उन्होंने कहा कि देखो, भारत में जो कुछ हुआ है, उसके प्रति हमारी पूरी संवेदना उनके साथ है. हम हमारे सहयोगियों के साथ खड़े होना चाहते हैं. मुझे लगता है कि भारत कई मायनों में हमारा महत्वपूर्ण साझेदार देश है. दोनों देशों के बीच जल्द ही ट्रेड को लेकर बातचीत सफल होगी. अगर खतरा बढ़ता है तो आप देखेंगे कि ट्रंप प्रशासन संसाधनों के साथ हर मुमकिन मदद करेगा.
जॉनसन ने कैपिटल हॉल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत और अमेरिका के बीच की ट्रेड डील पर भी बात की और उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जल्द ही बातचीत सफल होगी.
बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. यह हमला पहलगाम की बैसरन घाटी में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया था.
पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया.
कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई. यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता.
इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से जुड़े कई यूट्यूब चैनल भी भारत में बैन कर दिए थे. साथ ही पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय एयरस्पेस को भी 23 मई तक के लिए बंद कर दिया है.
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आतंक के खिलाफ जंग में भारत के साथ रूस

  • पुतिन ने PM मोदी को किया फोन, पहलगाम हमले की निंदा की
नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस ने भारत का साथ देने की प्रतिबद्धता दोहराई है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। 
जायसवाल ने कहा, 'पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके मददगारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस साल के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।'
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UNSC आज भारत-पाक स्थिति पर बंद कमरे में बैठक करेगी

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सोमवार को दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिति पर बंद कमरे में बैठक करेगी, जहां पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। यह जानकारी एक राजनयिक सूत्र ने दी। सूत्र ने रविवार रात को बताया कि परिषद के अध्यक्ष इवेंजेलोस सेकेरिस को पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद से बंद कमरे में विचार-विमर्श के लिए अनुरोध मिला है।
सूत्र ने बताया कि सेकेरिस सोमवार दोपहर को बैठक बुला रहे हैं। पाकिस्तानी अनुरोध में कहा गया है कि वह "क्षेत्रीय माहौल के बिगड़ने और भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, खासकर जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देखते हुए" बैठक बुला रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि यह "क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है।" परिषद की प्रक्रियाओं के तहत, जो देश सदस्य नहीं हैं, उन्हें बंद परामर्श में भाग लेने की अनुमति नहीं है, जिसे "संपूर्ण परामर्श" भी कहा जाता है।
पाकिस्तान वर्तमान में परिषद का एक निर्वाचित सदस्य है और बैठक में भाग लेगा। बैठकें परिषद कक्ष में नहीं, बल्कि एक साइड रूम में अनौपचारिक रूप से आयोजित की जाती हैं, और परामर्शों का कोई रिकॉर्ड प्रकाशित नहीं किया जाता है। अहमद ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान परिषद की बैठक बुलाने पर विचार कर रहा है क्योंकि भारत द्वारा "गतिशील कार्रवाई" आसन्न है।
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध द रेजिस्टेंस फ्रंट ने पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों के नरसंहार की जिम्मेदारी ली। हमले के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कसम खाई, "हम हर आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेंगे, उनका पता लगाएंगे और उन्हें दंडित करेंगे। हम उन्हें धरती के छोर तक खदेड़ेंगे।"
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ से बात की और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर "गहरी चिंता" व्यक्त की। उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक के अनुसार, उन्होंने आतंकवादी हमले की "कड़ी निंदा" भी की और कहा कि "कानूनी तरीकों से इन हमलों के लिए न्याय और जवाबदेही" प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक कूटनीतिक अभियान शुरू किया है, जिसमें अहमद ने गुटेरेस, महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग, इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्यों के प्रतिनिधियों और अन्य लोगों से मुलाकात की है, ताकि अपनी बेगुनाही का दावा किया जा सके और तनाव कम करने का आह्वान किया जा सके। (आईएएनएस)
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भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान एक और मिसाइल का किया परीक्षण

इस्लामाबाद। हलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे में पाकिस्तान गीदड़भभकी दिखाते हुए बड़बोलापन दिखा रहा है। हालांकि भारत के आक्रामक रुख से पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है। अब अपनी खीझ को छिपाते हुए पाकिस्तान ने एक और बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है बीते 3 दिनों में यह दूसरी बार है। पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण को भारत उकसावा मान रहा है। वहीं LOC पर लगातार गोलीबारी हो रही है।
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भारत से बचने पाकिस्तान के पत्रकार ने दी घिनौनी सलाह

  • कहा- महिलाओं को पब भेजना चाहिए...
नई दिल्ली। भारत के खिलाफ कूटनीतिक मोर्चे पर असफलता स्वीकारते हुए पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार नजम सेठी ने एक टीवी शो में ऐसा बयान दे दिया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त हंगामा मच गया है। सेठी ने कहा कि पाकिस्तान के राजनयिक भारत के मुकाबले कमजोर हैं और अगर भारत के असर को अमेरिका में रोकना है, तो पाकिस्तान को महिलाओं को पब भेजना चाहिए ताकि वो अपने "आकर्षण" से अमेरिकी थिंक टैंकों को प्रभावित करें।
पाकिस्तानी पत्रकार और पूर्व पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अध्यक्ष नजम सेठी ने Samaa TV पर कहा, “हमारे राजनयिक इतने सक्षम नहीं हैं कि भारत जैसे कूटनीतिक हमले का जवाब दे सकें। हमें NGO और विदेशी मामलों में अनुभवी लोगों, खासकर महिलाओं को सामने लाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आपको वहां के कल्चर की समझ होनी चाहिए। पब में जाकर बातचीत करनी पड़ती है, थोड़ा ह्यूमर और आकर्षण भी चाहिए। यही असली कूटनीति है।”
इस बयान के बाद पाकिस्तान और दुनिया भर में उनकी आलोचना हो रही है। लोग कह रहे हैं कि ये महिलाओं का अपमान है और इससे पाकिस्तान की सोच भी साफ हो जाती है। कई महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बयान को शर्मनाक बताया है।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। दुनिया के कई देश भी भारत के साथ खड़े हैं। अब लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान की कूटनीति वाकई इतनी कमजोर हो चुकी है कि वो महिलाओं को "हथियार" मानकर इस्तेमाल करने की बात कर रहा है?
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जयशंकर ने कहा, PM मोदी और अंगोला के राष्ट्रपति लौरेंको के बीच वार्ता से भारत-अफ्रीका संबंधों को बढ़ावा मिलेगा

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको से मुलाकात की। विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अंगोला के राष्ट्रपति के बीच बैठक से न केवल भारत और अंगोला के बीच सहयोग मजबूत होने की उम्मीद है , बल्कि भारत-अफ्रीका संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा। एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, जयशंकर ने लिखा, " भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। भारत के लिए उनकी गर्मजोशी भरी भावनाओं और हमारी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूँ।" पोस्ट में कहा गया, "मुझे विश्वास है कि आज बाद में पीएम @narendramodi के साथ उनकी बातचीत भारत - अंगोला और भारत - अफ्रीका संबंधों के लिए विकास के नए रास्ते तैयार करेगी।" इससे पहले लौरेंको का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और अन्य लोग भी मौजूद थे। एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने लिखा, "ग्लोबल साउथ पार्टनर का विशेष स्वागत। अंगोला के राष्ट्रपति श्री जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में पहुंचने पर 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू @rashtrapatibhvn और प्रधानमंत्री @narendramodi द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया"
लौरेंको ने भी महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। अंगोला के राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए।
एक अन्य पोस्ट में जायसवाल ने लिखा, "बापू और उनके आदर्शों को याद करते हुए। अंगोला के राष्ट्रपति श्री जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।"
एक दिन पहले, लौरेंको एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। हवाई अड्डे पर राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने उनका विशेष स्वागत किया। लौरेंको की यात्रा के दौरान पारंपरिक चिकित्सा, कृषि और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। अक्टूबर 2015 में, अंगोला के उपराष्ट्रपति मैनुअल विसेंट ने तीसरे भारत - अफ्रीका शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया , जिसके दौरान उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग की अपनी यात्रा के दौरान, अंगोला के राष्ट्रपति लौरेंको ने 26 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। भारत ने 1985 में अंगोला के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए । तब से, इसने देश के साथ मजबूत संबंध बनाए रखे हैं। इस वर्ष इन संबंधों की 40वीं वर्षगांठ है। अंगोला वर्ष 2025 के लिए अफ्रीकी संघ का अध्यक्ष है । विदेश मंत्री जयशंकर और अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो ने 18 जनवरी, 2024 को एनएएम मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान कंपाला में मुलाकात की। (एएनआई)
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