धान का कटोरा

स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर दी शुभकामनाएं

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को  अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रसिद्ध चिकित्सक और राजनेता डॉ विधान चंद्र रॉय के नाम पर हम राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाते हैं। छत्तीसगढ़ के चिकित्सक सुदूर इलाकों में, जंगलों में, नक्सली क्षेत्रों में बहुत ही मुश्किल रास्तों को पार करके, कठिन परिस्थिति में कड़ी मेहनत करके लोगों की सेवा कर रहे हैं। कोरोना महामारी के समय चिकित्सकों ने जो काम किया उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।  मै उनके जज्बे, हौसले को सलाम करता हूं। साथ ही ये उम्मीद करता हूं कि वो ऐसे हे जनता की सेवा करते रहेंगे। 
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स की मेहनत के कारण छत्तीसगढ़ का नाम आज चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक जाना पहचाना नाम है। उनके इस योगदान के लिए पूरा राज्य उनका आभारी है। मै सभी चिकित्सकों को , सपोर्टिंग स्टाफ को डॉक्टर्स डे की बधाई देता हूं।
और भी

धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान बनी जनजातीय सशक्तिकरण की मिसाल

  • 2340 नागरिकों को मिला आधार समाधान
रायपुर। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय समुदाय के जीवन में आशा की नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना के अंतर्गत लगाए जा रहे शिविरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक आधार से संबंधित सेवाएं पहुँचाई जा रही हैं, जिससे हजारों नागरिकों को घर के पास ही राहत मिल रही है।
अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया, अद्यतन एवं समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि धरती आबा योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के लिए एक डिजिटल सशक्तिकरण अभियान बन गई है।
जिले के आधार सेवा संचालक श्री लखन लाल साहू को जिला अंतर्गत राज्य में Best performing Operator in Aadhaar Enrolment &Update services in LWE Districts of Chhattisgarh State यह पुरस्कार  UIDAI REGIONAL OFFICE HYDERABAD द्वारा 20 जून 2025 को रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।   
धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत नागरिकों को डिजिटल सेवा आधार, आय, जाति, निवास, बिजली की बिल भुगतान, गैस रिफिलिंग, ट्रेन टिकट, बैंकिग, किसानों का फसल बीमा, किसान पंजीयन, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आदि सेवाएं जनजातीय समुदाय के नागरिकों को धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान शिविर में ग्राम स्तर पर ही मुहैया हो रहा है।
धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान आज ग्राम विकास, जन सुविधा और डिजिटल समावेश का प्रतीक बन चुकी है। यह पहल न केवल आधार जैसी महत्वपूर्ण सेवा को सुलभ बना रही है, बल्कि जनजातीय अंचलों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।
और भी

इरकभट्टी के 55 परिवारों को हर घर नल कनेक्शन से मिल रहा शुद्ध पेय जल

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल पर नियद नेल्लानार योजना के तहत छत्तीसगढ़ के सुदूर और पिछड़े वनांचल क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। इसी कड़ी में नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के अति संवेदनशील ग्राम इरकभट्टी में वर्षों पुरानी पेयजल समस्या का समाधान कर 55 परिवारों को हर घर नल कनेक्शन से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है। 
गौरतलब है कि घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ी रास्तों से घिरे इस गांव में पहले केवल 5 हैंडपंप ही पेयजल का एकमात्र साधन थे, जो पारा-मोहल्लों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाते थे। इससे ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी कठिनाई और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता था।
भारत सरकार की जल जीवन मिशन के सहयोग से गांव में 3,850 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है और 10,000 लीटर क्षमता वाले 9 मीटर ऊंचे स्टेजिंग टैंक पर आधारित 4 सोलर जल संरचनाएं स्थापित की गई हैं। इन संरचनाओं के माध्यम से अब प्रत्येक परिवार को नल कनेक्शन के जरिए घर पर ही स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस व्यवस्था से न केवल पानी की समस्या हल हुई है बल्कि महिलाओं को भी राहत मिली है। अब वे पानी के लिए दूर-दूर नहीं भटकतीं और उन्हें घर-परिवार की देखरेख एवं अन्य आजीविका कार्यों के लिए अधिक समय मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नियद नेल्लानार योजना का उद्देश्य वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के समग्र विकास को गति देना है। ग्राम इरकभट्टी में जल जीवन मिशन के माध्यम से हुआ यह कार्य इस योजना की सफलता का प्रतीक है, जिसने दूरस्थ गांव में विकास, खुशहाली और स्वास्थ्य की नई उम्मीद जगाई है।
और भी

युक्तियुक्तिकरण से सशक्त हो रही शिक्षा व्यवस्था, बढ़ रही बच्चों की उपस्थिति

  • शिक्षक पदस्थापना के बाद स्कूलों में लौटी रौनक
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लागू की गई युक्तियुक्तिकरण नीति अब विद्यालयों में सकारात्मक बदलाव ला रही है। वर्षों से शिक्षकविहीन रहे प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अब नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही बच्चों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।
बलरामपुर जिले में इस नीति के अंतर्गत कुल 14 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। वाड्रफनगर विकासखंड के माध्यमिक शाला जरहाटोला और प्राथमिक शाला टोलकुपारा में शिक्षकों की नियुक्ति के बाद स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहले जहां जरहाटोला स्कूल में केवल 5 छात्र पंजीबद्ध थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 56 तक पहुँच चुकी है। इसी तरह टोलकुपारा में भी बच्चों की उपस्थिति में स्पष्ट बढ़ोतरी हुई है। गांव के पारा-मोहल्लों से अब बच्चे नियमित रूप से विद्यालय पहुँच रहे हैं और समय पर स्कूल खुलने से ग्रामीणों का शासकीय स्कूलों पर विश्वास फिर से लौटने लगा है। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति से बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है और वे पहले से अधिक उत्साह और मनोयोग से पढ़ाई में जुट गए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि युक्तियुक्तिकरण नीति के तहत स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों का समायोजन कर शिक्षकविहीन विद्यालयों को प्राथमिकता के आधार पर शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इससे शिक्षण व्यवस्था में स्थायित्व आया है और अब विषय विशेषज्ञ शिक्षक कक्षा संचालन कर रहे हैं। पहले जहां एकल शिक्षक को सभी विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ती थी, वहीं अब विषयवार शिक्षकों के आने से विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है। विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं, जिससे विद्यार्थियों की समझ में वृद्धि हो रही है और भविष्य में बेहतर परीक्षा परिणाम की आशा की जा रही है। शिक्षकगण भी पूरे समर्पण भाव से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
युक्तियुक्तिकरण शिक्षा के क्षेत्र में एक नवाचार के रूप में सामने आया है, जिसने न केवल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन को संभव बनाया है, बल्कि ग्रामीण अंचलों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह पहल शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ ही विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है।
और भी

पर्यावरण मित्र होने के साथ-साथ सौर ऊर्जा का सही उपयोग भविष्य के लिए महत्वपूर्ण

  • सौर ऊर्जा से घर अब हो रहे रौशन, बढ़ते हुए बिजली बिल से लोगों को मिली राहत
रायपुर। सौर ऊर्जा से घर अब रौशन हो रहे है और विद्युत आपूर्ति होने से बढ़ते हुए बिजली बिल से लोगों को राहत मिली है। वर्धमान नगर के श्री हर्ष पिंचा ने कहा कि उन्होंने अपने घर में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 2 लाख 25 हजार रूपए की लागत से 3 केवी क्षमता का सोलर पैनल लगाया है। शासन की ओर से 78 हजार रूपए की अनुदान राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से पर्यावरण के साथ-साथ बिजली की बहुत बचत हुई। शासन की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना महत्वाकांक्षी योजना है। पर्यावरण मित्र होने के साथ-साथ सौर ऊर्जा का सही उपयोग भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। राजनांदगांव शहर में इस योजना के प्रति जनमानस में रूचि बढ़ी है और सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए अपने बिजली के बिल में कमी लाने के लिए अपने घरों में सोलर पैनल लगाकर विद्युत की बचत कर रहे हैं। 
श्री हर्ष पिंचा ने बताया कि पहले बिजली का बिल 2200 से 2500 रूपए तक आता था। वह अब घटकर शून्य हो गया है। इसके साथ ही 300 यूनिट अतिरिक्त जमा हो गए हैं, जो आगे काम आएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से प्राकृतिक ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रही है। सौर ऊर्जा प्राकृतिक ऊर्जा निःशुल्क होने के कारण इस योजना से लाभान्वित हो सकते है। उन्होंने इस बेहतरीन योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से संयोजित होगा, जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। शासन द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत 30 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी प्रति प्लांट दिए जाने का प्रावधान है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार लागत राशि एवं सब्सिडी अलग-अलग है। उपभोक्ता द्वारा सोलर प्लांट के ब्रांड चयन कर सकते हैं। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए तक सब्सिडी केन्द्र सरकार के द्वारा दिए जाने, इसका अलावा राज्य सरकार अलग से अनुदान देती है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को वेबसाईट https://pmsuryaghar.gov.in/ या PMSuryaGhar मोबाईल एप पर पंजीयन कर लॉग इन आईडी प्राप्त करना होगा। इसके बाद वेब पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर का चुनाव कर बिजली कर्मचारी की मदद से वेब पोर्टल पर पूर्ण आवेदन करना होगा। निर्धारित अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात वेंडर द्वारा छत पर प्लांट की स्थापना एवं डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित किया जाता है। स्थापित प्लांट के सत्यापन पश्चात शासन द्वारा सब्सिडी ऑनलाईन जारी की जाती है। इस दौरान यदि उपभोक्ता इच्छुक हो तो शेष राशि का प्रकरण 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण हेतु बैंकों को जनसमर्थन पोर्टल द्वारा ऑनलाईन प्रेषित किया जाता है।
और भी

नई दिल्ली में सहकारिता की राष्ट्रीय कार्यशाला में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप हुए शामिल

रायपुर। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में भारत मण्डपम नई दिल्ली के सभागार में सभी राज्यों के सहकारिता मंत्री तथा सहकारिता विभाग के सचिवों की राष्ट्रीय कार्यशाला का आज आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ से सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप तथा सहकारिता सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना इस कार्यशाला में भाग लिए। 
भारत सरकार के सहकार से समृद्धि की योजनाओं तथा कार्यक्रमों को सभी राज्यो के पैक्स सोसाइटियों, दुग्ध तथा वनोपज समितियों में लागू किया गया है। सभी पैक्स को कामन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप द्वारा इस राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ में सहकार से समृद्धि की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ में 25 अगस्त 2025 को बैठक उपरांत 750 नवीन मत्स्य, दुग्ध तथा वनोपज समितियों का गठन किया जा चुका है। साथ ही 532 नवीन पैक्स का गठन प्रक्रियाधीन है। एक लाख किसानों का कोआपरेटिव्ह बैंको में नवीन खाता खोला गया है। एक लाख केसीसी कार्ड जारी किया गया। छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में आदिवासी परिवारों को गाय बांटने की कार्ययोजना तैयार की गई है। किसानों को राशि रुपये 7500 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किया गया है। धान विक्रय करने वाले किसानों को 2058 पैक्स सोसाइटी द्वारा माइक्रो एटीएम से राशि रुपये 145 करोड़ का भुगतान किया गया। छत्तीसगढ़ में 2028 पैक्स सोसायटियो का कम्प्यूटरीकरण व डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है।
और भी

सूरज बना सहारा, बिजली का बिल हुआ जीरो

रायपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति की मिसाल बन चुकी है। इस योजना ने न केवल आर्थिक राहत दी है, बल्कि आम लोगों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रेरित किया है।
कोरबा जिले के राजेंद्र प्रसाद नगर निवासी सेवानिवृत्त बालको कर्मचारी श्री शुभेंदु घोष इस योजना की सफलता की जीवंत मिसाल हैं। पर्यावरण प्रेमी और ऊर्जा संरक्षण के प्रति सजग श्री घोष ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस योजना की जानकारी प्राप्त की और तीन किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल अपने घर पर स्थापित कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया।
श्री घोष को इस पहल के लिए केंद्र सरकार से ₹78,000 की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे सोलर पैनल की लागत का बड़ा हिस्सा वहन हुआ। पैनल लगने के बाद उनका बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है और कभी-कभी यूनिट माइनस में चले जाते हैं। उनके द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली ग्रिड में ट्रांसफर होती है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हो रहा है। श्री घोष का कहना है, सूर्य की ऊर्जा अनमोल और निःशुल्क है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए जिम्मेदार विकल्प भी है। अब समय आ गया है कि हम पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से हटकर नवीकरणीय विकल्पों को अपनाएं।
सिर्फ खुद तक सीमित न रहकर श्री घोष ने अपने अनुभवों को आसपास के लोगों से साझा किया और उन्हें भी इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरूप, उनके प्रेरणा से कई परिवारों ने योजना में आवेदन कर सौर ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाया है।
श्री घोष ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, यह योजना न केवल बिजली बिल को शून्य करने का माध्यम है, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए योगदान देने का अवसर भी है। यह एक क्रांतिकारी पहल है, जो देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है। ऐसा आंदोलन, जो हर घर को रोशन कर रहा है, हर जेब में बचत ला रहा है, और हर नागरिक को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर दे रहा है।
और भी

अब बिजली बिल नहीं बचत और आत्मनिर्भरता की पहचान बना सौर पैनल

  • शिक्षक नगर के प्रशांत ने लिया पीएम सूर्यघर योजना का लाभ, हर माह तीन हजार रूपए की सीधी बचत
रायपुर। तेजी से बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं और बिजली दरों में इज़ाफ़े के बीच प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना आम नागरिकों के लिए नई उम्मीद बनकर उभरी है। इसी क्रम में मुंगेली के शिक्षक नगर निवासी श्री प्रशांत कुमार ने इस योजना के तहत अपने घर को ‘सोलर वाला घर’ बनाकर आत्मनिर्भरता और पर्यावरण सुरक्षा का उदाहरण प्रस्तुत किया है। श्री प्रशांत कुमार ने अपनी मासिक 1000 यूनिट बिजली खपत और भारी बिल से परेशान होकर इस योजना के तहत 03 किलोवॉट का रूफटॉप सोलर पैनल लगवाया। उन्होंने पीएम सूर्यघर पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस पूरे सिस्टम की कुल लागत 01 लाख 90 हजार रूपए रही, जिसमें से 78 हजार रूपए की राशि केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में सीधे उनके बैंक खाते में जमा की गई। बची हुई राशि का भुगतान उन्होंने आसान फाइनेंस विकल्प के माध्यम से किया, जिससे उन्हें आर्थिक बोझ महसूस नहीं हुआ।
हितग्राही श्री प्रशांत कुमार ने बताया कि मार्च से मई 2025 के बीच मात्र तीन महीनों में ही बिजली बिल में 09 हजार रूपए तक की बचत की। अब उनका घर स्वच्छ सौर ऊर्जा से संचालित हो रहा है, जिससे वे न सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड को भी सप्लाई कर रहे हैं। उन्होंने इस पहल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन का आभार प्रकट किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना न केवल आर्थिक दृष्टि से सहायक है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर पर्यावरण संतुलन को भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
और भी

गर्मियों में तीन हजार का बिजली बिल अब हुआ माइनस

  • पीएम सूर्यघर योजना बनी राहत की किरण
रायपुर। गर्मियों के मौसम में जब आमतौर पर बिजली बिल लोगों की जेब पर बोझ बन जाते हैं, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने आम उपभोक्ताओं को इस चिंता से बड़ी राहत दी है। इस योजना के तहत घरों की छत पर लगाए जा रहे रूफटॉप सोलर पैनल न सिर्फ बिजली बिल को शून्य तक पहुंचा रहे हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को ऊर्जा उत्पादक बनाकर अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी बन रहे हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण रायगढ़ के कोड़ातराई निवासी श्री सतीश कुमार चौधरी का है, जिन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया है। इस पर उन्हें 78 हजार रुपये की सरकारी सब्सिडी प्राप्त हुई। श्री चौधरी बताते हैं कि पहले गर्मियों के दौरान अप्रैल और मई में उनका बिजली बिल क्रमशः 2430 और 3220 रूपए तक आता था। लेकिन इस वर्ष जब उनके घर पर सोलर सिस्टम ने उत्पादन शुरू किया, तो अप्रैल 2025 में उनका बिजली बिल माइनस 921 रूपए और मई में माइनस 1077 रूपए रहा।
इसका मतलब यह है कि उनके घर में इतनी बिजली उत्पन्न हुई कि न केवल घरेलू खपत की पूर्ति हुई, बल्कि अतिरिक्त बिजली विद्युत ग्रिड को सप्लाई कर दी गई, जिसके बदले उतनी राशि उनके बिल में कटौती के रूप में जुड़ गई। अब वह राशि भविष्य की बिजली खपत के लिए उपयोग में लाई जा सकेगी। श्री चौधरी ने इसे किफायती बिजली का सबसे कारगर उपाय बताया और लोगों से इस योजना का लाभ लेने की अपील भी की।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक दूरदर्शी पहल है, जो देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा की दिशा में आगे ले जा रही है। यह योजना उपभोक्ताओं को न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्त करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और नवीन रोजगार सृजन का भी अवसर प्रदान करती है।
इस योजना के तहत 1 से 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर संयंत्रों पर केंद्र और राज्य सरकार से अधिकतम 1.08 लाख रूपए तक की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे अब सोलर पैनल लगवाना आम लोगों के लिए किफायती और आसान हो गया है। रूफटॉप सोलर सिस्टम नेट मीटरिंग प्रणाली के जरिए विद्युत ग्रिड से जोड़े जाते हैं। इस प्रणाली के अंतर्गत जब उपभोक्ता आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं, तो वह अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को भेज सकते हैं। इसके बदले उपभोक्ताओं को उनकी यूनिट के मूल्य के अनुरूप राशि बिल से माइनस कर दी जाती है या अगली बार उपयोग के लिए जमा हो जाती है।
इस योजना ने छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में हजारों परिवारों को बिजली के बढ़ते खर्च से राहत दी है। साथ ही, पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा विकल्प को अपनाने की दिशा में प्रेरित किया है। यह वास्तव में एक ऊर्जा क्रांति है, जिसमें उपभोक्ता अब केवल ग्राहक नहीं, बल्कि साझेदार भी बन रहे हैं।
और भी

सौर ऊर्जा से बदल रही है ज़िंदगी

  • प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बनी ऊर्जा क्रांति की जननी
  • पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में नई पहल
रायपुर। ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरणीय संकट के बीच छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम जनता के लिए नई आशा की किरण बनकर उभरी है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से अब आम उपभोक्ता भी ऊर्जा उत्पादक बनते जा रहे हैं। यह योजना न केवल बिजली बिल से राहत दे रही है, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त भी कर रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करते हुए संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना सस्ती और स्थायी ऊर्जा समाधान की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। जिले के कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के निर्देशन में बिलासपुर जिले में अब तक 313 उपभोक्ताओं के घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं। ये सोलर सिस्टम अब खुद की जरूरत से अधिक बिजली का उत्पादन कर रहे हैं और शेष बिजली को ग्रिड में भेजकर आमदनी का नया स्रोत भी बन चुके हैं।
इस योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं को उनके घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने हेतु सब्सिडी दी जा रही है, जो सीधे उनके बैंक खाते में जमा होती है। इसके साथ ही सस्ती दरों पर बैंक ऋण की सुविधा भी मिलती है। यह योजना नेट मीटरिंग प्रणाली पर आधारित है, जिसके जरिए उपभोक्ता द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली सीधे ग्रिड को भेजी जाती है। इस व्यवस्था से उपभोक्ता का बिजली बिल शून्य हो जाता है और ग्रिड में आपूर्ति की गई अतिरिक्त बिजली के बदले आमदनी भी होती है। इसके अतिरिक्त योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक बिजली बिल्कुल मुफ्त प्रदान की जा रही है।
इस योजना के तहत सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की ओर से अनुदान दिया जा रहा है। एक किलोवाट प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार से 30,000 रूपए एवं राज्य सरकार से 15,000 रूपए कुल 45,000 रूपए, 2 किलोवाट प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार से 60,000 रूपए एवं राज्य सरकार से 30,000 रूपए कुल 90,000 रूपए प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार 3 किलोवाट प्लांट केंद्र सरकार से 78,000 रूपए तथा राज्य सरकार से 30,000 रूपए कुल 1,08,000 रूपए सब्सिडी दी जाती है।
यह योजना आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सार्थक पहल है। सौर ऊर्जा का उपयोग कोयले पर निर्भरता कम करता है, जिससे प्रदूषण घटता है और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता है देश। यह योजना न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक है, बल्कि हरित भारत की परिकल्पना को भी मजबूत करती है।
इस योजना से जुड़े कार्यों जैसे सोलर पैनल की आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और तकनीकी सेवाओं के कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। इससे युवाओं को नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिल रहा है।
और भी

राज्यपाल से छत्तीसगढ़ ब्राम्हण समाज के पदाधिकारियों ने की भेंट

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका से सोमवार को यहां राजभवन में उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा ने भेंट की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, डॉ. मेघेश तिवारी, श्री अविनाश शुक्ला, श्री भूपेंन्द्र शर्मा, श्री संजय दीवान उपस्थित थे।
और भी

CM विष्णुदेव साय की घोषणा के अनुरूप पत्थलगांव में ऑडिटोरियम निर्माण हेतु 4 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की घोषणा के फलस्वरूप पत्थलगांव में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग से 4 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है।  कुछ दिन पूर्व ही नगर पालिका जशपुर के वार्ड क्रमांक 16 में ऑडिटोरियम निर्माण हेतु 6 करोड़ 76 लाख 55 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी।
ऑडिटोरियम निर्माण होने से आम लोगों को सांस्कृतिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक सुव्यवस्थित मंच प्राप्त होगा। यहाँ विभिन्न प्रकार के आयोजन जैसे नाटक, संगोष्ठी, सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं सरकारी कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया जा सकेगा। इससे प्रतिभाओं को अपनी कला और विचारों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा तथा स्थानीय स्तर पर रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में जन सुविधा आधारित अधोसंरचना विकास को नई गति मिल रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर किसानों, विद्यार्थियों, व्यापारियों, महिलाओं  और आम नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखते हुए विभिन्न विकास कार्यों को निरंतर स्वीकृति मिल रही है और योजनाएं भी तेजी से क्रियान्वित हो रही है।
और भी

खूब पढ़ें और आगे बढ़ें, सरकार आपके साथ है : CM विष्णुदेव साय

  • मुख्यमंत्री ने बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से की आत्मीय मुलाकात
  • मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के खिले चेहरे
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को यहां मंत्रालय महानदी भवन में बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से उनका हाल-चाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि वे खूब पढ़ें और आगे बढ़ें। छत्तीसगढ़ सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के युवाओं से आत्मीय चर्चा की। उन्होंने कहा कि नक्सली विकास विरोधी हैं। वे नहीं चाहते कि बस्तर के लोगों को पानी, बिजली, सड़क और विद्यालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें। सरकार की प्राथमिकता बस्तर का विकास है। बहुत जल्द बस्तर से नक्सलवाद खत्म होगा। मुख्यमंत्री ने बड़े प्रेम से प्रदेश के सुदूर क्षेत्र से आये इन युवाओं से बातचीत की और उनके बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने युवाओं से पूछा कि उन्हें रायपुर आकर कैसा लग रहा है ? जिसके जवाब में युवाओं ने बताया कि उनके दल के अधिकतर युवा पहली बार राजधानी रायपुर आये हैं। अधिकांश ने इस भ्रमण के दौरान पहली बार जगदलपुर को देखा। पहली बार अपने गांव से रायपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है। नई-नई चीजें देखने को मिल रही हैं। आज उन्हें मंत्रालय को देखने और यहां की कार्यप्रणाली समझने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से यह अनुभव आपके लिए लाभदायक रहेगा। इस भ्रमण का पूरा लाभ उठाएं और स्वयं को समृद्ध करें। 
मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा के युवाओं से विशेष रुप से उनकी शिक्षा के विषय में चर्चा की। विभिन्न आयुवर्ग के युवाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे दसवीं, बारहवीं सहित कॉलेज तक में पढ़ रहे हैं। सहज सरल मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से युवाओं ने खुलकर संवाद किया। इस दौरान एक छात्र ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह बीएससी के सेकेंड ईयर में पढ़ रहा है, वहीं एक छात्र ने स्वयं खड़े होकर मुख्यमंत्री को बताया कि वह भी बीए फाइनल का विद्यार्थी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं की पढ़ाई के प्रति रुचि की सराहना की और इसी तरह पढ़ लिख कर आगे बढ़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाया। 
उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत नियद नेल्लानार कार्यक्रम के तहत बस्तर संभाग के युवाओं का बौद्धिक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में सुकमा जिले के 95 युवाओं को 2 दिवसीय भ्रमण पर राजधानी रायपुर आये हैं। इस दल में 77 बालक और 18 बालिकाएं शामिल हैं।
और भी

मुख्यमंत्री साय ने किया मंत्रालय के पंचम तल में नवीन सभागार का लोकार्पण

यपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन के सेक्रेटरी ब्लॉक के पंचम तल पर निर्मित नवीन सभागार का लोकार्पण किया। 13.90 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित यह भव्य सभागार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। 6450 वर्गफुट क्षेत्र में बने इस कॉन्फ्रेंस हॉल की बैठक क्षमता 185 सीटों की है। सभागार आंतरिक विद्युतीकरण, अग्निशमन व्यवस्था, वातानुकूलन, ऑडियो-विजुअल प्रणाली, आंतरिक साज-सज्जा तथा फर्नीचर सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है। 
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, श्री पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस., श्री राहुल भगत, सचिव श्री रजत कुमार, श्री अंकित आनंद, श्री अविनाश चम्पावत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
और भी

छत्तीसगढ़ में लॉजिस्टिक हब बनाने पर निजी निवेशकों को मिलेगा 140 करोड़ तक अनुदान

  • मंत्रिपरिषद ने लॉजिस्टिक्स नीति 2025 को दी मंजूरी
  • कैबिनेट की बैठक में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय-
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज महानदी भवन मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक्स नीति 2025 को मंजूरी दे दी गई। इस नई नीति के तहत राज्य सरकार लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 140 करोड़ रुपये तक की अनुदान राशि और अन्य कई रियायतें देगी।
लॉजिस्टिक हब, ड्राइ पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो, एयर कार्गाे टर्मिनल और गति-शक्ति कार्गाे टर्मिनल जैसे अधोसंरचना लागत का 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा 140 करोड़ रुपये होगी। इसके अतिरिक्त बाह्य अधोसंरचना हेतु 50 प्रतिशत अनुदान सहित अन्य रियायतें निवेशकों को दी जाएगी। ट्रांसपोर्ट हब या फ्रेट स्टेशन के लिए यह अनुदान 35 प्रतिशत होगा, जिसकी अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये प्रावधानित है। राज्य सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को देश के प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करना है, जिससे उद्योगों, व्यापारियों और किसानों को सस्ती और आधुनिक भंडारण सुविधाएं मिल सकें।
मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति लॉजिस्टिक्स गतिविधियों के लिए उपयुक्त है। इसी का लाभ उठाते हुए राज्य सरकार अब लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करेगी। इससे राज्य की भंडारण क्षमता बढ़ेगी और लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी, जिससे व्यापार और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
इस नीति के तहत ड्राइ पोर्ट, कंटेनर डिपो और एयर कार्गाे टर्मिनल की स्थापना से स्थानीय उद्योगों और उत्पादकों को निर्यात बाजार तक पहुंचने का मौका मिलेगा। साथ ही वन संसाधन, वनोपज और औषधीय पौधों के लिए निर्यात के नए रास्ते खुलेंगे। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने पर 35 से 45 प्रतिशत तक पूंजी निवेश अनुदान, 50 से 60 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान सहित विद्युत शुल्क और स्टांप शुल्क में छूट का प्रावधान किया गया है। इसी तरह लॉजिस्टिक पार्क के लिए प्रति एकड़ 25 लाख तक अनुदान, बाहरी अधोसंरचना के लिए 50 प्रतिशत सहायता, बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। ग्रीन लॉजिस्टिक्स अपनाने पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है। 500 करोड़ से अधिक निवेश या 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। 
इस नीति का उद्देश्य राज्य में लॉजिस्टिक लागत को कम करना, आधुनिक मल्टीमोडल अधोसंरचना विकसित करना, निर्यात अधोसंरचना को मजबूत करना और लॉजिस्टिक सेक्टर में निजी निवेश को बढ़ाना है। यहां उल्लेखनीय है कि पहले औद्योगिक नीति के तहत लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलता था, लेकिन अब भारत सरकार के लीड्स सर्वे के अनुरूप छत्तीसगढ़ ने स्वतंत्र लॉजिस्टिक नीति बनाकर देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में कदम रख दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस नई पहल से जहां निवेश को नई दिशा मिलेगी, वहीं रोजगार, व्यापार और निर्यात के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख राज्य होगा।
कैबिनेट की बैठक में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय-
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए- मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों को संशोधित करते हुए इसके दायरे को और विस्तृत कर दिया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा। 
खरीफ 2024 में पंजीकृत कृषक जिन्होंने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, उनके द्वारा खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल की खेती की जाती है, तो उन्हें भी अब कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। 
मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन हेतु छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। 
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास एवं राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन तथा इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे राज्य के राजस्व में असामान्य वृद्धि/कमी का समुचित प्रबंधन एवं आर्थिक मंदी के समय वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होगी। 
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में लॉजिस्टिक सेक्टर के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा तथा निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी। 
राज्य की भौगोलिक स्थिति का लाभ लेते हुए लॉजिस्टिक सेक्टर तथा ई-कॉमर्स की राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के उद्योगो, व्यापारियों और किसानों को सस्ती भंडारण सुविधा मिलेगी। प्रदेश में लॉजिस्टिक में लगने वाले लागत कम होने से व्यापार, निवेश एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। 
इस नीति के माध्यम से ड्राई पोर्ट/इन्लैंण्ड कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। राज्य के प्रचुर वन संसाधन, वनोपज एवं वनौषधि उत्पाद के निर्यात हेतु इको सिस्टम तैयार होगा। यह पॉलिसी राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक्स एवं निर्यात क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में स्थापित करेगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जन विश्वास विधेयक से व्यवसाय व जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी। अनावश्यक न्यायालयीन प्रकरणों और उनमें होने वाले व्यय में कमी आएगी।  
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न विभागों/निगम/मण्डल/कम्पनी/बोर्ड के पूर्व निर्मित एवं जर्जर भवनों तथा इनके स्वामित्व की अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रिडेव्हलपमेंट योजना अंतर्गत 7 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इसमें शांति नगर रायपुर, बीटीआई शंकर नगर रायपुर, कैलाश नगर राजनांदगांव, चांदनी चौक फेस-2 जगदलपुर, सिविल लाइन कांकेर, क्लब पारा महासमुंद, कटघोरा कोरबा शामिल हैं।
मंत्रिपरिषद द्वारा वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक/रिकार्ड कीपर से तृतीय श्रेणी कार्यपालिक, उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए विहित 05 वर्ष की न्यूनतम अर्हकारी सेवा को केवल एक बार के लिए न्यूनतम अर्हकारी सेवा 02 वर्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
और भी

छत्तीसगढ़ में आज से मानसून पूरी तरह एक्टिव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून के ग्राफ में बढ़ोतरी देखने को मिली है। प्रदेश में तेज बारिश का दौर अब शुरू हो चुका है। राजधानी रायपुर में सुबह से घने बादल छाए हुए हैं और बारिश भी हो रही है।
पिछले 24 घण्टों राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों में मानसून एक्टिव रहा। अधिकांश जिलों में मध्यम से तेज बारिश दर्ज की गई है। तेज बारिश के कारण राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में ठंडक का एहसास बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आज से मानसून पूरी तरह एक्टिव हो चूका है। वहीं मौसम विभाग ने राजधानी रायपुर और बिलासपुर में तेज आंधी के साथ भारी बारिश होने की संभवना जताई है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इतना ही नहीं प्रदेश के कई इलाकों में भी तेज आंधी-तूफ़ान के साथ रुक-रुककर बारिश का दौर भी जारी रहेगा।
और भी

कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना के कार्यों के लिए 41.32 करोड़ रूपए स्वीकृत

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के विकासखण्ड-बस्तर के कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना की मुख्य नहर के आर.डी. 0 से 24 कि.मी. तक जीर्णोद्वार कार्य हेतु 41 करोड़ 32 लाख 58 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से सिंचाई परियोजना के कार्यों को पूर्ण कराने के लिए मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग जगदलपुर को प्रशासकीय स्वीकृत जारी की गई है।
और भी

छत्तीसगढ़ में अब तक 142.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 142.4 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 293.7 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 67.4 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 125.8 मि.मी., सूरजपुर में 177.7 मि.मी., जशपुर में 284.8 मि.मी., कोरिया में 221.0 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 142.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 123.1 मि.मी. बलौदाबाजार में 154.7 मि.मी., गरियाबंद में 142.1 मि.मी., महासमुंद में 129.3 मि.मी. और धमतरी में 114.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 87.9 मि.मी., मुंगेली में 109.7 मि.मी., रायगढ़ में 187.9 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 113.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 152.2 मि.मी., सक्ती में 83.2 मि.मी. कोरबा में 141.2 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 138.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 103.7 मि.मी., कबीरधाम में 76.5 मि.मी., राजनांदगांव में 69.0 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 133.9 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 93.9 मि.मी., बालोद में 127.6 मि.मी. और बस्तर जिले में 190.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 118.9 मि.मी., कांकेर में 151.9 मि.मी., नारायणपुर में 105.8 मि.मी., दंतेवाड़ा में 184.2 मि.मी., सुकमा में 93.0 मि.मी. और बीजापुर में 261.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

 

और भी