हिंदुस्तान

अमृतसर पहुंचे राज्यपाल रमेन डेका, स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका

पंजाब। राज्यपाल रमेन डेका ने अमृतसर प्रवास पर श्रीहरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में मत्था टेका और देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा डेका को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। तत्पश्चात राज्यपाल ने दुर्गियाना मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।
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मंडी में 30 लोग लापता, बचाव अभियान जारी

मंडी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पिछले सप्ताह मंडी जिले के थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद लापता हुए 30 लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और होमगार्ड के करीब 250 जवान प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर खोज और बचाव कार्य कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा 20 टीमें सूचना एकत्र कर रही हैं और दुर्गम क्षेत्रों में राशन और चिकित्सा किट वितरित कर रही हैं।
अब तक प्रभावित लोगों को 1,538 राशन किट वितरित किए जा चुके हैं और 12.44 लाख रुपये की तत्काल राहत प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि थुनाग और जंझेली क्षेत्रों में पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भेजी जा रही है। आपदा में करीब 225 घर, सात दुकानें, 243 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल 215 मवेशी मारे गए हैं, जबकि 494 लोगों को बचाया गया है। रविवार शाम तक राज्य में 243 सड़कें बंद थीं, जिनमें से 183 अकेले मंडी जिले में थीं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 241 ट्रांसफार्मर और 278 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुईं। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। नांगल डैम में 56 मिमी बारिश हुई, इसके बाद ओलिंडा (46 मिमी), बर्थिन (44.6 मिमी), ऊना (43 मिमी), नैना देवी (36.4 मिमी), गोहर (29 मिमी) और ब्राह्मणी (28.4 मिमी) में बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 10 जुलाई (गुरुवार) तक राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की पीली चेतावनी जारी की है। एसईओसी के अनुसार, अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 572 करोड़ रुपये है, हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपये के करीब है, क्योंकि डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है। 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में 78 मौतें हुई हैं, जिनमें से 50 बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं से जुड़ी हैं। अब तक 121 लोग घायल हुए हैं।
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‘युद्ध जैसी आपदा’ में बदली हिमाचल की तस्वीर, मौतों से हिल उठे पहाड़

हिमाचल प्रदेश। मंडी में स्थानीय लोग बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आगे आए और जरूरतमंदों को राशन किट बांटे। यह तब हुआ जब बारिश के कारण व्यापक तबाही हुई जिसमें अब तक कम से कम 69 लोगों की जान जा चुकी है। राशन किट में चावल और गेहूं शामिल थे और इन्हें मंडी जिले के प्रभावित परिवारों को दिया गया। यूनियन के अध्यक्ष राज कुमार ठाकुर ने एएनआई को बताया, "चैल चौक व्यापार मंडल (व्यापारी संघ) के सभी व्यापारियों ने उन लोगों की मदद करने का फैसला किया जिन्होंने इस त्रासदी में अपने घर खो दिए हैं या सड़क संपर्क खो दिया है।" 110 परिवारों को दिए गए राशन किट में 10-10 किलो चावल और गेहूं के अलावा तेल और अन्य खाद्य सामग्री शामिल थी।
ठाकुर ने कहा, "हमने 10 से 15 दिनों का राशन मुहैया कराया है।" हिमाचल प्रदेश के मंडी और कई अन्य जिलों में भारी बारिश हो रही है, जिससे निवासियों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इससे पहले, बादल फटने और लगातार भारी बारिश के कारण कई घरों के क्षतिग्रस्त होने और वाहनों के बह जाने की खबर मिली थी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 7 जुलाई तक राज्य में बारिश का अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शुक्रवार को कई राहत उपायों की घोषणा की, जिसमें बाढ़ से विस्थापित परिवारों के लिए 5,000 रुपये प्रति माह किराया सहायता शामिल है।
यह घोषणा शिमला में डिप्टी स्पीकर और मंत्रियों के साथ सीएम की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद की गई। उन्होंने कहा कि राज्य "युद्ध जैसी आपदा" का सामना कर रहा है। "अब तक, लगभग 69 (वर्षा के प्रकोप के कारण 43 मौतें और 20 जून से सड़क दुर्घटना के कारण 26) लोगों की जान चली गई है, 37 लापता हैं और 110 घायल हुए हैं। कुल नुकसान लगभग 700 करोड़ रुपये होने का अनुमान है", उन्होंने कहा।
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भारत में जापानी राजदूत ने अयोध्या में हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना की

अयोध्या। भारत में जापानी राजदूत ओनो केइची ने शनिवार को अयोध्या का दौरा किया, जहां उन्होंने हनुमानगढ़ी और श्री राम जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना की। राजदूत अपनी टीम के साथ पवित्र स्थलों पर पूजा-अर्चना करने के बाद माला पहने और टीका लगाए हुए देखे गए। केइची की अयोध्या यात्रा लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के एक दिन बाद हुई। एक्स पर एक पोस्ट में केइची ने कहा, "निवेश, प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास और पर्यटन में जापान-यूपी सहयोग के लिए योगी आदित्यनाथ के साथ सहमति जताई।
हमारे सहयोग के वादे के रूप में दारुमा गुड़िया की दाहिनी आंख लगाकर सीएम योगी के साथ काम करने के लिए तत्पर हूं: जब यह सच हो जाएगा तो बाईं आंख लगा दी जाएगी।" योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास पर भारत में जापान के राजदूत श्री ओनो केइची के साथ एक उपयोगी बैठक और सार्थक चर्चा हुई।"
राजदूत ने लखनऊ में हैदराबादी मटन बिरयानी भी खाई। X पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "नवाबों के शहर में हैदराबादी मटन बिरयानी और कुछ अवधी ज़ायका का लुत्फ़ उठाया!!" यह बैठक 3 जुलाई को नई दिल्ली में जापानी दूतावास द्वारा "बैटरी और महत्वपूर्ण खनिज पारिस्थितिकी तंत्र सम्मेलन" की मेजबानी के एक दिन बाद हुई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कार्यक्रम का विवरण साझा करते हुए, केइची ने लिखा, "कल हमने दूतावास में 'बैटरी और महत्वपूर्ण खनिज पारिस्थितिकी तंत्र सम्मेलन' की मेजबानी की। 70 से अधिक कंपनियों के 200 से अधिक प्रतिभागियों के साथ, हमने इस आयोजन में भाग लिया। इस क्षेत्र में भविष्य के सहयोग के लिए भारत और जापान के बीच एकजुटता।" यह सम्मेलन भारत-जापान आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के व्यापक प्रयास के साथ जुड़ा हुआ है - एक विषय जिसे इस वर्ष की शुरुआत में 6 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित जापान-भारत व्यापार सहयोग समिति (JIBCC) और इसके भारतीय समकक्ष, भारत-जापान व्यापार सहयोग समिति (IJBCC) की 48वीं संयुक्त बैठक के दौरान भी उजागर किया गया था। उन्होंने भारतीय दृष्टिहीन और पैरा जूडो एसोसिएशन का भी दौरा किया और वहां खिलाड़ियों से बातचीत की।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "भारतीय दृष्टिहीन और पैरा जूडो एसोसिएशन, लखनऊ, यूपी में भावी ओलंपियन/पैरालिंपियन, --और पदक विजेताओं-- से मिलने के लिए उत्साहित हूं। जापान उनके जुनून, निष्पक्षता की भावना और उत्कृष्टता की खोज का समर्थन करना जारी रखेगा।" (एएनआई)
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केंद्र ने पुल, फ्लाईओवर, सुरंग वाले राजमार्गों के लिए टोल रेट्स में 50 प्रतिशत तक की कटौती की

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वाहन चालकों को बड़ी राहत देते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर टोल रेट्स में 50 प्रतिशत तक की कमी की है। इन हिस्सों में सुरंग, पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड जैसे स्ट्रक्चर शामिल हैं।
इस कदम का उद्देश्य यात्रा की लागत को कम करना और सड़क यात्रा को लोगों के लिए अधिक किफायती बनाना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 में संशोधन किया है और टोल चार्ज की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला अधिसूचित किया है
नए नियम के अनुसार, अब टोल की गणना इस तरह से की जाएगी कि राजमार्ग के उन हिस्सों पर शुल्क में कमी आएगी, जिनमें मुख्य रूप से महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। अधिसूचना के अनुसार, अगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किसी हिस्से में फ्लाईओवर या सुरंग जैसे स्ट्रक्चर शामिल हैं तो टोल की गणना या तो स्ट्रक्चर की लंबाई का दस गुना या राजमार्ग खंड की कुल लंबाई का पांच गुना दोनों में से कम मूल्य के आधार पर की जाएगी।
मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर राजमार्ग का 40 किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से पुल या फ्लाईओवर जैसे स्ट्रक्चर से बना है तो टोल की गणना स्ट्रक्चर की लंबाई का 10 गुना (400 किमी) या कुल लंबाई का 5 गुना (200 किमी) में से कम मूल्य आधार यानी 200 किमी के आधार पर की जाएगी, जिससे प्रभावी रूप से दर आधी हो जाएगी। इससे पहले, वाहन चालकों को ऐसे स्ट्रक्चर के प्रत्येक किलोमीटर के लिए नियमित टोल दर से दस गुना अधिक भुगतान करना पड़ता था, क्योंकि इस प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और रखरखाव अधिक महंगा होता है।
इस बीच, परेशानी मुक्त राजमार्ग यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने निजी वाहनों के लिए एक नए फास्टैग-आधारित वार्षिक पास की घोषणा की। 3,000 रुपए की कीमत वाला यह पास इस साल 15 अगस्त से उपलब्ध होगा।
विशेष रूप से गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए डिजाइन किया गया यह वार्षिक पास एक्टिवेशन की तारीख से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, तक वैलिड रहेगा।
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'हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं', भाषा विवाद पर बोले राज ठाकरे

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 'मराठी एकता' पर मुंबई के वर्ली डोम में एक रैली को संबोधित किया। इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा, "मैंने कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है।" हम 20 साल बाद एक मंच पर आए हैं। हमारे लिए कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी हमारे लिए एजेंडा है।
राज ठाकरे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम शांत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी से डरते हैं। मुंबई को महाराष्ट्र से कोई भी अलग नहीं कर सकता। हिंदी अच्छी भाषा है, लेकिन इसे थोपा नहीं जा सकता है। हिंदी बोलने वाले महाराष्ट्र में रोजगार के लिए आते हैं।
मनसे अध्यक्ष ने कहा, "एक मंत्री मुझसे मिले और अपनी बात सुनाने को कहा। मैंने साफ कहा कि मैं सुनूंगा पर मानूंगा नहीं। मैंने उनसे सवाल किया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में तीसरी भाषा क्या होगी। ये सभी हिंदी भाषी राज्य हमसे पीछे हैं, हम उनसे आगे हैं, फिर हमें जबरन हिंदी क्यों सीखनी पड़े? तो यह अन्याय है।"
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला कहां से आया? ये सिर्फ केंद्र सरकार से आया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ अंग्रेजी में है, किसी और राज्य में ऐसा नहीं है। सिर्फ महाराष्ट्र में ही ऐसा क्यों? जब महाराष्ट्र जागता है, तो दुनिया देखती है। मराठा शासन हिंदी भाषा से भी पुराना है। मेरे पिता और बाला साहेब ने भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई की थी। क्या आपने कभी उनके मराठी या महाराष्ट्र प्रेम पर सवाल उठाया?
राज ठाकरे ने कहा कि हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम जाते हैं तो हमारी मराठी पर सवाल उठते हैं। लालकृष्ण आडवाणी मिशनरी स्कूल में पढ़े हैं तो क्या उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाएं? हम हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे बस मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहते हैं, यही उनका एजेंडा है। वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। अब वे यह मुद्दा उठा रहे हैं कि ठाकरे के बच्चे अंग्रेजी में पढ़े हैं। यह क्या बकवास है? कई भाजपा नेताओं ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की है, लेकिन किसी को उनके हिंदुत्व पर संदेह है।
उन्होंने कहा, "दक्षिण में स्टालिन, कनिमोझी, जयललिता, नारा लोकेश और सूर्या, सभी ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है। बालासाहेब और मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने अंग्रेजी में पढ़ाई की है, लेकिन वे मातृभाषा मराठी के प्रति बहुत संवेदनशील थे। बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा से समझौता नहीं किया। किसी को भी मराठी को तिरछी नजर से नहीं देखना चाहिए।" वहीं, उद्धव ठाकरे ने मंच पर आते ही कहा, "राज ठाकरे ने बहुत कुछ बोल दिया, क्या मुझे कुछ बोलने की जरूरत है?"
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बिहार में मतदाता पुनरीक्षण का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, एडीआर ने दी चुनौती

नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यह याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि एडीआर ने दाखिल की है।
याचिका में चुनाव आयोग के इस आदेश को 'मनमाना' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की गई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि अगर 24 जून का एसआईआर आदेश रद्द नहीं किया गया तो लाखों मतदाता अपने प्रतिनिधियों को चुनने से वंचित रह सकते हैं।
याचिका में आगे कहा गया है, "एसआईआर लोगों के समानता और जीने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। साथ ही ये जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के प्रावधानों खिलाफ है। इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए।"
याचिकाकर्ता ने अनुमान लगाया है कि 3 करोड़ से अधिक मतदाता, विशेष रूप से एससी, एसटी और प्रवासी श्रमिकों जैसे हाशिए के समूहों से, एसआईआर आदेश में निर्धारित सख्त आवश्यकताओं के कारण अपने वोट देने के अधिकार से वंचित रह सकते हैं।
बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने विशेष प्रक्रिया शुरू की है, जिसे संक्षेप में एसआईआर कहा जा रहा है। दरअसल, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए किसी भी चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है जो एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार 1 जुलाई से मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा शुरू कर दी है।
इसे लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रह है। चुनाव आयोग ने दलील दी थी कि बिहार में मतदाता सूची की गंभीर समीक्षा की ऐसी आखिरी प्रक्रिया साल 2003 में हुई थी। उसके बाद से यह प्रक्रिया फिर से नहीं हो पाई। इसलिए ये मुहिम जरूरी है। इस समीक्षा के लिए चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए एक फॉर्म तैयार किया है।
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मराठी अस्मिता ने राज-उद्धव ठाकरे को एकजुट किया

  • राज ठाकरे ने कहा- "महाराष्ट्र किसी भी लड़ाई से बड़ा है"
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर परोक्ष हमला किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने वह किया जो बालासाहेब ठाकरे के लिए संभव नहीं था, क्योंकि उन्होंने ठाकरे परिवार के दो अलग-अलग भाइयों को एक साथ लाया।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई के वर्ली डोम में एक संयुक्त रैली की, जब उन्होंने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को रद्द करने के बाद एक साथ रैली की।
ठाकरे भाइयों ने मुंबई के वर्ली डोम में अपनी पार्टियों, शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की संयुक्त रैली में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। राज ठाकरे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और लड़ाई से बड़ा है। आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ आए हैं। जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया... हम दोनों को साथ लाने का काम किया है।" "मंत्री दादा भुसे मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे उनकी बात सुनने का अनुरोध किया। मैंने उनसे पूछा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के लिए तीसरी भाषा क्या होगी। सभी हिंदी भाषी राज्य हमसे पीछे हैं और हम सभी हिंदी भाषी राज्यों से आगे हैं; फिर भी हमें हिंदी सीखने के लिए मजबूर किया जा रहा है। क्यों? मुझे हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है; कोई भी भाषा बुरी नहीं होती। भाषा बनाने के लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं।
मराठा साम्राज्य के दौरान हम मराठी लोगों ने बहुत से राज्यों पर शासन किया, लेकिन हमने कभी उन हिस्सों पर मराठी नहीं थोपी। उन्होंने हम पर हिंदी थोपने का प्रयोग शुरू किया और यह परखने की कोशिश कर रहे थे कि अगर हम इसका विरोध नहीं करते, तो वे मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर देते।" उन्होंने आगे पूछा कि क्या कोई मराठी में उनके गर्व के बारे में सवाल उठाएगा?
उन्होंने आगे कहा, "वे कहते हैं कि हमारे बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़े हैं। तो क्या हुआ? दादा भुसे मराठी स्कूलों में पढ़े और मंत्री बने। देवेंद्र फडणवीस अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़े और महाराष्ट्र के सीएम बने। तो क्या हुआ? मैं आपको बता दूं कि मैंने मराठी स्कूल में पढ़ाई की है, लेकिन मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे और चाचा बालासाहेब ठाकरे ने अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ाई की थी। क्या कोई उनके मराठी प्रेम के बारे में सवाल उठा सकता है? कल, मैं हिब्रू भी सीखूंगा। क्या कोई मराठी में मेरे गर्व के बारे में सवाल उठाएगा?"
उन्होंने कहा, "चाहे गुजराती हो या कोई और, मराठी जरूर आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता है तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर कोई बेकार का नाटक करता है, तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए। मैं आपको एक और बात बताता हूं: अगर आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो न बनाएं। पीटे गए व्यक्ति को बताएं कि उसे पीटा गया है, आपको सभी को यह बताने की जरूरत नहीं है कि आपने किसी को पीटा है।" इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि ठाकरे परिवार के दो प्रमुख नेता मराठी मानुष को दिशा देंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, "यह महाराष्ट्र में हम सभी के लिए एक उत्सव की तरह है कि ठाकरे परिवार के दो प्रमुख नेता, जो अपनी राजनीतिक विचारधाराओं के कारण अलग हो गए थे, आखिरकार 20 साल बाद एक मंच साझा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। यह हमारी हमेशा से इच्छा रही है कि हम उन लोगों से लड़ें जो महाराष्ट्र के लोगों के खिलाफ हैं। आज एक साथ आकर उद्धव और राज ठाकरे मराठी मानुष को दिशा देंगे।" हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार ने तीन-भाषा नीति के कार्यान्वयन पर अपने 16 अप्रैल के आदेश को वापस ले लिया, जिसमें अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के स्कूली छात्रों के लिए हिंदी को "अनिवार्य" तीसरी भाषा बना दिया गया था। (एएनआई)
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दिल्ली विधानसभा में 6 नई विशेष समितियां, कुल संख्या हुई 35

नई दिल्ली। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने छह विशेष समितियों के गठन की घोषणा की है, जिससे विधानसभा में समितियों की कुल संख्या 35 हो गई है। इनमें वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण, शांति और सद्भाव, तथा ट्रांसजेंडर और विकलांग व्यक्तियों के कल्याण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित पैनल शामिल हैं। संस्थागत तंत्र को मजबूत करने और हाशिए पर पड़े तथा कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों की चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इन विशेष समितियों का गठन किया गया है। गठन प्रक्रिया चार चरणों में हुई - पहले चरण में 11 समितियां, दूसरे में 7, तीसरे में 11 और चौथे चरण में नवीनतम 6 विशेष समितियां बनाई गईं। गुप्ता ने कहा कि इन नई समितियों के जुड़ने से विधानसभा उत्तरदायी और न्यायसंगत कानून बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 6 विशेष समितियां हैं,
दिल्ली विधानसभा के सदस्यों के वेतन और अन्य भत्तों पर विशेष समिति, जिसकी अध्यक्षता भाजपा विधायक अभय कुमार वर्मा करेंगे, प्रोटोकॉल मानदंडों के उल्लंघन और सरकारी अधिकारियों द्वारा विधायकों के साथ अपमानजनक व्यवहार पर विशेष सदन समिति, जिसका नेतृत्व भाजपा विधायक संजय गोयल करेंगे, दिल्ली नगर निगम पर विशेष समिति, जिसका नेतृत्व भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी करेंगे, शांति और सद्भाव पर विशेष समिति, जिसका नेतृत्व भाजपा विधायक चंदन कुमार चौधरी करेंगे, वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर विशेष समिति, जिसका नेतृत्व भाजपा विधायक तिलक राम गुप्ता करेंगे और ट्रांसजेंडर और विकलांग व्यक्तियों के कल्याण पर विशेष समिति, जिसका नेतृत्व भाजपा विधायक करनैल सिंह करेंगे।
अध्यक्ष ने कहा कि इन विशेष समितियों का गठन उभरती चुनौतियों से निपटने में विधानसभा की विकसित होती भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये समितियां न केवल संस्थागत तंत्र हैं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के साधन भी हैं।
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संभल हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

  • मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए भीषण सड़क हादसे में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी के हवाले से लिखा, "संभल, उत्तर प्रदेश में दुर्घटना के कारण जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। पीएमएनआरएफ से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी।"
दरअसल, शुक्रवार शाम थाना जुनावई क्षेत्र में एक तेज रफ्तार बोलेरो बेकाबू होकर जनता इंटर कॉलेज की दीवार से टकरा गई। सभी बोलेरो सवार संभल के ग्राम हरगोविंदपुर (थाना जुनावई) के रहने वाले थे। वे बिल्सी (जिला बदायूं) बारात लेकर जा रहे थे। इसी दौरान गाड़ी अनियंत्रित होकर जनता इंटर कॉलेज की दीवार से जा टकराई और पलट गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही दूल्हे समेत 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। घायल 5 लोगों को गंभीर अवस्था में अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही रवि, कोमल और मधु ने दम तोड़ दिया। अब तक कुल 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
घटना की सूचना मिलते ही संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई और एएसपी अनुकृति शर्मा घटनास्थल पहुंचे। बोलेरो में फंसे घायलों को कड़ी मशक्कत करके गाड़ी से बाहर निकाला गया। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलों को प्राथमिक उपचार दिलवाया। प्राथमिक जांच में हादसे का कारण तेज रफ्तार और ड्राइवर की लापरवाही को बताया गया है। स्थानीय प्रशासन पीड़ित परिवारों के संपर्क में है और हरसंभव सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
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रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस में ईडी का एक्शन, करोड़ों की संपत्ति कुर्क

बेंगलुरु। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कन्नड़ अभिनेत्री हर्षवर्दिनी रान्या उर्फ रान्या राव और उनके सहयोगियों के खिलाफ सोने की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने 34.12 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनमें बेंगलुरु और तुमकुर जिले की संपत्तियां शामिल हैं। इनमें बेंगलुरु के विक्टोरिया लेआउट में एक घर, अर्कावती लेआउट में एक भूखंड, तुमकुर में औद्योगिक भूमि और अनेकल तालुक में कृषि भूमि शामिल है।
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई। ईडी की जांच 7 मार्च 2025 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक एफआईआर पर शुरू हुई, जो राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत पर आधारित थी।
3 मार्च 2025 को डीआरआई ने रान्या राव को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर 12.56 करोड़ रुपये के 14.2 किलो 24 कैरेट सोने के साथ पकड़ा, जिसकी कीमत 12.56 करोड़ रुपये थी। उनके घर की तलाशी में 2.67 करोड़ रुपये नकद और 2.06 करोड़ के सोने के आभूषण बरामद हुए थे।
इसके अलावा, मुंबई हवाई अड्डे पर दो विदेशी नागरिकों (एक ओमानी और एक यूएई नागरिक) को 21.28 किलो तस्करी के सोने के साथ पकड़ा गया, जिसकी कीमत 18.92 करोड़ रुपये थी। जांच में खुलासा हुआ कि रान्या राव ने तरुण कोंडुरु राजू और अन्य के साथ मिलकर एक सुनियोजित तस्करी रैकेट चलाया। सोना दुबई, युगांडा और अन्य जगहों से खरीदा गया और हवाला के जरिए नकद भुगतान किया गया। दुबई में फर्जी दस्तावेजों में सोने का गंतव्य स्विट्जरलैंड या अमेरिका बताया गया, जबकि उसे भारत लाया गया। तस्करी को आसान बनाने के लिए दोहरे यात्रा दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। कथित तौर पर तस्करी का सोना भारत में जौहरियों को नकद बेचा गया और उसकी आय को हवाला के जरिए विदेश भेजकर फिर से तस्करी के लिए इस्तेमाल किया गया। ईडी ने रान्या के मोबाइल और डिजिटल उपकरणों से मिले सबूतों, जैसे चालान, निर्यात दस्तावेज और चैट, से उनकी तस्करी में सक्रिय भूमिका साबित की।
रान्या ने बयान में सोने और संपत्तियों की जानकारी से इनकार किया, लेकिन दस्तावेजों ने उनके दावों का खंडन किया। जांच में अपराध की कुल आय 55.62 करोड़ रुपये आंकी गई, जिसमें से 34.12 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की गईं। जांच में यह भी सामने आया कि रान्या को हवाई अड्डे पर कुछ लोक सेवकों ने मदद की, जिनकी भूमिका की जांच जारी है। ईडी अब बाकी आय की वसूली और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान में जुटी है।
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सरकार एक और प्रोत्साहन योजना लाने की तैयारी में : पीयूष गोयल

  • भारत 153 देशों को निर्यात करता है खिलौने
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का खिलौना उद्योग, जो कभी आयात पर बहुत अधिक निर्भर था, अब घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है और 153 देशों को निर्यात कर रहा है।
16वें 'टॉय बिज इंटरनेशनल बी2बी एक्सपो 2025' को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यह बदलाव लगातार नीतिगत समर्थन, गुणवत्ता मानकों के प्रवर्तन और लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मजबूत करने के माध्यम से संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन ने भारत को गुणवत्ता के प्रति जागरूक देश बनाने में मदद की है और घरेलू खिलौना निर्माताओं को वैश्विक मानदंडों को पूरा करने में सक्षम बनाया है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत की 1.4 बिलियन की आबादी एक विशाल कैप्टिव बाजार प्रदान करती है, जो मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए एक स्वाभाविक लाभ पैदा करती है। इस पैमाने के साथ, उद्योग लागत दक्षता प्राप्त कर सकता है और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बन सकता है।
उन्होंने कहा कि बड़ा घरेलू बाजार न केवल विस्तार का समर्थन करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए आधार का काम भी करता है। उन्होंने बताया कि सरकार खिलौना क्षेत्र के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना शुरू करने की तैयारी में है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय खिलौना निर्माताओं की डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाकर, गुणवत्तापूर्ण मैन्युफैक्चरिंग सुनिश्चित कर, पैकेजिंग मजबूत कर और ब्रांड निर्माण को समर्थन देकर उन्हें विश्व स्तरीय बनने में मदद करना है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने वैश्विक बाजार में आगे आने के लिए उद्योग को अच्छी ब्रांडिंग, आकर्षक पैकेजिंग और मजबूत उत्पाद डिजाइन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इन तीन पहलुओं को प्राथमिकता दी जाती है तो भारतीय खिलौने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत अपील हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' पहल की शुरुआत की थी तो कई लोगों ने इसे संदेह के साथ देखा था, क्योंकि विदेशी उत्पाद उपभोक्ता की पसंद पर हावी थे। हालांकि, 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन और इस विश्वास के तहत कि स्थानीय वैश्विक हो सकता है, घरेलू उद्योगों के लिए जागरूकता और समर्थन लगातार बढ़ा है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि खिलौनों की इनोवेटिव अवधारणाएं विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिसे अब 20 वर्ष तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे छोटे व्यवसायों के लिए कोलेटेरल-फ्री लोन तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देश भर में 18 खिलौना क्लस्टरों को समर्थन दिया गया है।
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प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद एंड टोबैगो यात्रा: ऐतिहासिक संबंधों में नई ऊर्जा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 और 4 जुलाई को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की आधिकारिक यात्रा की। ये यात्रा पिछले 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। यह दौरा विशेष रूप से 1845 में भारतीयों के पहली बार त्रिनिदाद आगमन की 180वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुआ, जिससे इस यात्रा को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर के निमंत्रण पर हुई इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, "ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो" प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें भारत और वैश्विक मंच पर उनके नेतृत्व और योगदान के लिए दिया गया।
दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने व्यापक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। बातचीत में स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, खेल, व्यापार, कृषि, न्यायिक सहयोग, आईसीटी और स्किल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी को और गति देने पर सहमति बनी।
भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली को अपनाने वाला त्रिनिदाद एंड टोबैगो कैरेबियन क्षेत्र का पहला देश बना, जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना की। दोनों देशों ने इंडिया स्टैक के तहत डिजिलॉकर, ई-साइन और जीईएम जैसे प्लेटफॉर्म पर सहयोग बढ़ाने की बात कही। त्रिनिदाद ने राज्य भूमि पंजीकरण प्रणाली के डिजिटलीकरण में भारत से सहायता मांगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की डिजिटल शिक्षा योजना को समर्थन देने के लिए 2 हजार लैपटॉप भेंट किए। साथ ही उन्होंने स्थानीय छात्रों को भारत के विभिन्न छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया।
भारत ने त्रिनिदाद की राष्ट्रीय कृषि विपणन और विकास निगम को 10 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की कृषि मशीनरी की सहायता दी। प्राकृतिक खेती, समुद्री शैवाल आधारित उर्वरक, और बाजरा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भी भारत सहयोग करेगा।
भारत ने 20 हीमोडायलिसिस यूनिट और 2 समुद्री एम्बुलेंस दान की हैं। साथ ही, 800 लोगों के लिए कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर आयोजित करने की घोषणा की गई। त्रिनिदाद सरकार द्वारा इंडियन फार्माकोपिया की मान्यता से दोनों देशों के बीच फार्मा क्षेत्र में सहयोग और गहरा होगा।
संस्कृति के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद के पुजारियों को भारत में प्रशिक्षण देने की घोषणा की, जो 'गीता महोत्सव' में भाग लेंगे। दोनों देशों ने इस उत्सव को भारत और त्रिनिदाद दोनों में संयुक्त रूप से मनाने पर सहमति व्यक्त की। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कल्चरल कोऑपरेशन के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को 2025-28 तक के लिए नवीन समझौता किया गया।
खेलों में, विशेष रूप से क्रिकेट को लेकर साझा उत्साह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को भारत में प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव भी दोहराया। त्रिनिदाद का ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) में शामिल होना भारत की "मिशन लाइफ" पहल के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत त्रिनिदाद के विदेश मंत्रालय के मुख्यालय पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाने के लिए सहायता प्रदान करेगा।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया, वहीं भारत ने 2027-28 के लिए त्रिनिदाद की गैर-स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार, वैश्विक दक्षिण की आवाज को बल और शांति व जलवायु न्याय की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि त्रिनिदाद में बसे भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी तक को ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड जारी किए जाएंगे। साथ ही, नेल्सन आइलैंड को संस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और भारतीय आगमन रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज करने पर सहमति बनी।
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की जनता और सरकार का सद्भावना और अतिथि सत्कार के लिए आभार प्रकट किया और प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को भारत आने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने इस सफल यात्रा को भारत-त्रिनिदाद संबंधों के एक नए युग की शुरुआत बताया और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित एक मजबूत, समावेशी और भविष्यदर्शी साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अर्जेंटीना दौरा

  • डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, स्पेस सेक्टर, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी समेत कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार (भारतीय समयानुसार) को दो दिवसीय दौरे के लिए अर्जेंटीना पहुंचे। प्रधानमंत्री पांच जुलाई को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। दोनों देशों के बीच डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, स्पेस सेक्टर, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, पीएम भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी की अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर के साथ द्विपक्षीय बातचीत में रक्षा, ऊर्जा, कृषि, खनिज, व्यापार, आतंकवाद विरोध, खनिज और डिजिटल सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री अर्जेंटीना के व्यापार मंत्री, विदेश मंत्री और ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक करने के अलावा लिथियम और लिक्विड नेचुरल गैस की सप्लाई जैसे मुद्दों पर समझौता कर सकते हैं। भारत की खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) ने पहले ही अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में लिथियम की खुदाई के अधिकार हासिल कर लिए हैं। ऐसे में अब इस क्षेत्र में नई घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है।
5 जुलाई को पीएम मोदी भारत-अर्जेंटीना बिजनेस समिट 2025 में हिस्सा लेने के अलावा महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। साल 2024 में भारत-अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5.2 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। भारत, अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है।
अब तक दोनों देशों के बीच सोयाबीन तेल और कृषि उत्पादों पर व्यापार केंद्रित रहा है, लेकिन भारत आईटी, हेल्थटेक और फार्मा जैसे क्षेत्रों में भी निर्यात बढ़ाना चाहता है। वहीं, अर्जेंटीना भारत के तेजस लड़ाकू विमान जैसे रक्षा उत्पादों में रुचि दिखा रहा है।
पीएम मोदी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए आर्थिक और व्यापारिक हितों के विषयों पर चर्चा करेंगे। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, स्पेस सेक्टर, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डीपीआई जैसे नए क्षेत्रों में भारत की प्रगति मूल्यवान विशेषज्ञता प्रदान कर सकती है। टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थकेयर सॉल्यूशन में भारत की विशेषज्ञता अर्जेंटीना के लिए मेडिकल सर्विस तक पहुंच बढ़ाने और समग्र गुणवत्ता और लागत प्रभावी स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार करने में भी एक प्रस्ताव है।
भारत और अर्जेंटीना शांतिपूर्ण न्यूक्लियर प्रोग्राम और एनर्जी में सहयोग पर भी जोर देते हैं। अर्जेंटीना भारत की न्यूक्लियर स्प्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) सदस्यता का समर्थन करता है। अर्जेंटीना में करीब तीन हजार भारतीय प्रवासी हैं। पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों के साथ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। भारत-अर्जेंटीना जी20, जी77 और यूनाइटेड नेशन के सदस्य हैं।
अर्जेंटीना साल 2019 से भारत का रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों ने पिछले साल राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी। प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना यात्रा महत्वपूर्ण समय पर हो रही है, क्योंकि अर्जेंटीना इस समय बड़े आर्थिक सुधार की प्रक्रिया से गुजर रहा है, जो काफी हद तक उन सुधारों से मिलते-जुलते हैं जिनसे भारत पहले गुजर चुका है।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारन के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले साल 2018 में जी-20 बैठक के लिए अर्जेंटीना की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन पिछले 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी और इसलिए यह ऐतिहासिक है।
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अमरनाथ यात्रा : चौथा जत्था भगवती नगर से रवाना, श्रद्धालुओं में उत्साह

श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा के लिए आज जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से चौथा जत्था भोले बाबा के दर्शन के लिए रवाना हुआ। सुबह के शांत और भक्ति भरे माहौल में "बम बम भोले" और "बोले बाबा की जय" के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इसके साथ ही श्रद्धालु 'इंडियन आर्मी जिंदाबाद' और 'भारतीय सेना जिंदाबाद' के नारे लगाते दिखे।
यात्रा के दौरान कुछ श्रद्धालु अपने हाथों में गमले लिए हुए थे, जिनमें 'ऑपरेशन सिंदूर' का स्टीकर लगा हुआ था। आईएएनएस से खास बातचीत में कुछ यात्रियों ने कहा, "सभी देशवासियों से यहीं कहना चाहते हैं कि इंडियन आर्मी पर भरोसा करें और जितना हो सके उतना हुजूम में अमरनाथ यात्रा पर आएं और यात्रा का आनंद उठाएं।"
हजारों श्रद्धालुओं की आंखों में बाबा बर्फानी के दर्शन की ललक और मन में अपार श्रद्धा साफ झलक रही थी। इस जत्थे में देश के कोने-कोने से आए भक्त शामिल थे, जिनमें बुजुर्ग, युवा और महिलाएं सभी उत्साह से भरे हुए थे। यात्रा शुरू होने से पहले भगवती नगर बेस कैंप में भक्ति का अनोखा नजारा देखने को मिला।
जैसे ही बसों और अन्य वाहनों का काफिला रवाना हुआ, माहौल में एक अलग ही जोश और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार देखने को मिला। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि वे कई साल से इस पवित्र यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं, और हर बार यह अनुभव उनके लिए नया और अविस्मरणीय होता है। इसके साथ ही श्रद्धालु 'जय-जय श्रीराम' के नारे लगाते नजर आए।
एक बुजुर्ग श्रद्धालु रामप्रसाद ने भावुक होकर कहा, "हम हर साल बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। उनके सामने सिर झुकाने का सुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जम्मू-कश्मीर के बारे में पहले कुछ गलत धारणाएं थीं, लेकिन यहां आकर देखा तो सब कुछ शांत और व्यवस्थित है।"
उन्होंने आगे कहा, "प्रशासन ने हमारे लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। खाने-पीने से लेकर रहने और सुरक्षा तक, हर चीज का पूरा ध्यान रखा गया है।" प्रशासन ने यात्रियों के लिए मेडिकल कैंप, लंगर और विश्राम स्थलों की भी व्यवस्था की है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं।
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"हमें रोपण के लिए 50 करोड़ पौधे मिले हैं" : योगी आदित्यनाथ

  • 'एक पेड़ माँ के नाम' पहल पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ। लखनऊ में मैंगो फेस्टिवल 2025 को संबोधित करते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 'एक पेड़ माँ के नाम' पहल की सराहना की और कहा कि 9 जुलाई को 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। सीएम आदित्यनाथ ने कहा, "मुझे याद है कि 2017 में, जब हमने वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया था, तो मैं पाँच करोड़ पौधे भी नहीं जुटा पाया था। अब, इस बार, जब हम 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तत्वावधान में एक बड़े वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत कर रहे हैं, जिसमें हम 9 जुलाई को शामिल होंगे, तो हमें रोपण के लिए 50 करोड़ पौधे मिले हैं।"
उन्होंने दावा किया कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके उत्तर प्रदेश का किसान प्रति एकड़ एक लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा किसान एक एकड़ में एक लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमा रहा है। इससे पता चलता है कि उसने अब आधुनिक तरीके से खेती शुरू कर दी है, इसका नतीजा हम देख रहे हैं। इसी तरह, गन्ने में भी नई तकनीक है।"
उन्होंने कहा, "अभी हमने इसके लिए कुछ उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं। कृषि विज्ञान केंद्र नए तरीके से काम कर रहे हैं। और इन तरीकों को आगे बढ़ाने के लिए अब उद्यान विभाग ने वन विभाग और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ काम शुरू कर दिया है।"
मैंगो फेस्टिवल के बारे में उन्होंने कहा, "यहां विभिन्न सेमिनार भी होंगे। क्रेता और विक्रेता मीट आयोजित की जाएगी और प्रगतिशील किसान और कृषि वैज्ञानिक अपने अनुभव साझा करेंगे।" इस बीच, गुरुवार को सीएम योगी ने 27 एकीकृत विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स क्लस्टर (आईएमएलसी) के शुभारंभ कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने एक एक्स पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "आज लखनऊ में 27 एकीकृत विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स क्लस्टर (IMLC) के शुभारंभ के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। मुझे पूरा विश्वास है कि ये एकीकृत विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स क्लस्टर आने वाले समय में एक्सप्रेसवे के परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, साथ ही 'नए उत्तर प्रदेश' को औद्योगिक निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करेंगे।"
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ऑपरेशन सिंदूर : लेफ्टिनेंट जनरल का बड़ा खुलासा, चीन ने पाकिस्तान को दिए लाइव इनपुट

नई दिल्ली। भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से हमें यकीनन बहुत सारे सबक सीखने को मिले हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने FICCI के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जंग एक बॉर्डर पर हो रही थी लेकिन विरोधी तीन थे. पाकिस्तान मोर्चे पर सामने था लेकिन चीन उसे हरसंभव मदद दे रहा था. हालांकि, इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है. पिछले पांच साल में पाकिस्तान जिन हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है, उनमें से 81 फीसदी चीन के हैं.
उन्होंने कहा कि चीन अपने हथियारों को अन्य हथियारों के साथ परख रहा था. वह लाइव लैब की तरह अपने हथियारों को टेस्ट कर रहा था. तुर्की ने भी पाकिस्तान को सपोर्ट करने में अहम भूमिका निभाई. वह लगातार पाकिस्तान के साथ था.
उन्होंने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान दोनों ओर से DGMO स्तर की वार्ता हो रही थी तो पाकिस्तान को हमारे वेक्टर्स की लाइव अपडेट्स चीन से मिल रही थी. हमें मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना किया जा सके. सिंह ने कहा कि इस दौरान हमारे कुछ स्वदेशी हथियारों ने बढ़िया काम किया. लेकिन कुछ ने नहीं किया.
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन से लाइव इनपुट मिल रहे थे. हमें इस पर तेजी से काम करना होगा. जहां तक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की बात है. हमें हमारे एयर डिफेंस सिस्टम को और मबजूत करना होगा. हमारे पास इजरायल की तरह आयरन डोम नहीं है. उस तरह की लग्जरी हमारे पास नहीं है क्योंकि हमारा देश बहुत बड़ा है और इन चीजों में बहुत पैसा लगता है.
बता दें कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था. इसके तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और Pok में 9 आतंकी ठिकानों को उड़ा दिया था. इससे बौखलाकर पाकिस्तानी सेना ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. चार दिन तक चले सैन्य टकराव के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच 'सीजफायर' हो गया था.
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भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग पुलिस के अनुसार, गौरीकुंड से लगभग एक किलोमीटर आगे छोडी गधेरे के पास भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद उत्तराखंड में केदारनाथ धाम यात्रा शुक्रवार को अस्थायी रूप से रोक दी गई। अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के कारण, केदारनाथ के पवित्र मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए असुरक्षित हो गया है, जिसके कारण अधिकारियों ने अगले नोटिस तक मार्ग पर आवाजाही को निलंबित कर दिया है।
एक्स पर एक पोस्ट में, रुद्रप्रयाग पुलिस ने लिखा, "गौरीकुंड से एक किलोमीटर आगे छोडी गधेरे में पैदल मार्ग भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप, केदारनाथ धाम यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है।" एक दिन पहले, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उत्तराखंड सरकार ने प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला किया है।
सीएम धामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। "मौसम को देखते हुए, चार धाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। भविष्य में, हम मौसम के अनुसार यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। जब यात्रा सुरक्षित होगी, तो इसे जारी रखा जाएगा... यात्रा के दौरान हमारी प्राथमिकता सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा है... हमारे सभी जिला अधिकारी, आपदा प्रबंधन दल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल पूरी तरह से तैयार हैं", धामी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा।
इस साल, केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की आमद देखी गई है, जिसका श्रेय अधिकारियों को बेहतर सुविधाओं और बढ़ती आध्यात्मिक रुचि दोनों को जाता है। अधिकारियों ने उच्च ऊंचाई वाली यात्रा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा और चिकित्सा प्रतिक्रिया टीमों को भी तैनात किया है। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर हिमालय में 11,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। वर्ष 2025 के लिए केदारनाथ यात्रा के द्वार 2 मई को भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। (एएनआई)
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