हिंदुस्तान

मंडी में 30 लोग लापता, बचाव अभियान जारी

मंडी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पिछले सप्ताह मंडी जिले के थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद लापता हुए 30 लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और होमगार्ड के करीब 250 जवान प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर खोज और बचाव कार्य कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा 20 टीमें सूचना एकत्र कर रही हैं और दुर्गम क्षेत्रों में राशन और चिकित्सा किट वितरित कर रही हैं।
अब तक प्रभावित लोगों को 1,538 राशन किट वितरित किए जा चुके हैं और 12.44 लाख रुपये की तत्काल राहत प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि थुनाग और जंझेली क्षेत्रों में पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भेजी जा रही है। आपदा में करीब 225 घर, सात दुकानें, 243 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल 215 मवेशी मारे गए हैं, जबकि 494 लोगों को बचाया गया है। रविवार शाम तक राज्य में 243 सड़कें बंद थीं, जिनमें से 183 अकेले मंडी जिले में थीं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 241 ट्रांसफार्मर और 278 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुईं। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। नांगल डैम में 56 मिमी बारिश हुई, इसके बाद ओलिंडा (46 मिमी), बर्थिन (44.6 मिमी), ऊना (43 मिमी), नैना देवी (36.4 मिमी), गोहर (29 मिमी) और ब्राह्मणी (28.4 मिमी) में बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 10 जुलाई (गुरुवार) तक राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की पीली चेतावनी जारी की है। एसईओसी के अनुसार, अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 572 करोड़ रुपये है, हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपये के करीब है, क्योंकि डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है। 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में 78 मौतें हुई हैं, जिनमें से 50 बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं से जुड़ी हैं। अब तक 121 लोग घायल हुए हैं।

Leave Your Comment

Click to reload image