एयर इंडिया हादसे और बढ़ते किराए पर संसद समिति ने विमानन मंत्रालय व एयरलाइंस से जवाब मांगा
08-Jul-2025 3:13:26 pm
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नई दिल्ली। संसदीय समिति ने मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ एयरलाइन और हवाईअड्डा प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इस दौरान कई सांसदों ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना और जांच रिपोर्ट तैयार होने की तिथि का जिक्र किया। सूत्रों ने बताया कि सदस्यों ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद श्रीनगर हवाई किराए में अचानक वृद्धि पर भी चिंता जताई। सूत्रों ने बताया कि अन्य मुद्दों के अलावा कुछ सदस्यों ने नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) की ऑडिट की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) ने वरिष्ठ अधिकारियों और एयरलाइन प्रतिनिधियों से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन समेत एयरलाइन के शीर्ष प्रतिनिधि मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि समिति के कई सदस्यों ने 12 जून को एयर इंडिया विमान दुर्घटना का जिक्र किया और एक सदस्य ने मंत्रालय के अधिकारियों से विमान के ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण पूरा करने की समय सीमा के बारे में जानना चाहा। 12 जून को उड़ान भरने के तुरंत बाद अहमदाबाद में लंदन गैटविक जाने वाले एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण लगभग 270 लोग मारे गए थे।
सूत्रों ने कहा कि कई समिति सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद श्रीनगर की उड़ानों के लिए हवाई किराए में अचानक वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया था, जिसमें 22 अप्रैल को 26 लोग मारे गए थे। मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (AERA), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), AAI कार्गो लॉजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (AAICLAS) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार, बैठक का एजेंडा 'सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और अन्य सार्वजनिक उपयोगिताओं पर शुल्क, टैरिफ, उपयोगकर्ता शुल्क आदि का अधिरोपण और विनियमन' विषय पर मंत्रालय, डीजीसीए, एईआरए, एएआई, एएआईसीएलएएस, बीसीएएस और हवाईअड्डा संचालकों और एयरलाइंस सहित अन्य संबंधित संगठनों के प्रतिनिधियों से मौखिक साक्ष्य लेना है।