योगिनी एकादशी पर करें ये खास उपाय, पापों और रोगों से मिलेगी मुक्ति
17-Jun-2025 4:08:54 pm
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हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी का व्रत रखने से जीवन में आई बीमारियों से राहत मिलती है और पूर्व जन्मों के पापों से भी मुक्ति प्राप्त होती है। पुराणों में योगिनी एकादशी को रोगों को दूर करने वाली सबसे प्रभावशाली तिथि बताया गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से मानसिक या शारीरिक पीड़ा से जूझ रहे हैं।
व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त:
साल 2025 में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा, जो शनिवार का दिन है। एकादशी तिथि की शुरुआत 21 जून की सुबह 7:18 बजे से होगी और इसका समापन 22 जून की सुबह 4:27 बजे तक होगा। उदया तिथि के आधार पर 21 जून को ही योगिनी एकादशी का व्रत मनाया जाएगा।
योगिनी एकादशी के दिन करें ये उपाय:
इस विशेष दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता तुलसी की पूजा का भी अत्यंत महत्व होता है। दिन की शुरुआत स्नान करके साफ वस्त्र पहनने से करें। फिर भगवान विष्णु और तुलसी माता का विधिवत पूजन करें। तुलसी को जल अर्पित करें, दीपक और अगरबत्ती जलाएं और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। तुलसी की सात बार परिक्रमा करना भी शुभ माना जाता है।
विष्णु भगवान को अर्पित किए जाने वाले भोग में तुलसी के पत्तों जरूर रखें, क्योंकि मान्यता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते। आप चाहें तो इस दिन तुलसी की माला का उपयोग पूजा या जप के लिए कर सकते हैं। यदि आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो इस दिन एक नया पौधा लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
व्रत का महत्व:
योगिनी एकादशी का व्रत मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने वाला माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से न केवल रोगों से मुक्ति मिलती है, बल्कि पितृ दोष, पारिवारिक कलह और नकारात्मक ऊर्जा से भी छुटकारा मिलता है। भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।