आषाढ़ अमावस्या पर करें ये काम, होगा लाभकारी
18-Jun-2025 3:39:12 pm
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हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि बहुत शुभ और पुण्यदायी मानी गई है, जो कि पितरों के लिए समर्पित है. इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है और आषाढ़ अमावस्या 25 जून को मनाई जाएगी. वैसे तो अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित मानी गई है, लेकिन इस दिन को धन की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है|
ज्योतिष शास्त्र में आषाढ़ अमावस्या पर किए जाने वाले ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है, जिनको करने से आपको देवी लक्ष्मी की कृपा मिल सकती है. देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके घर में कभी धन की कमी नहीं रहेगी. अगर आप भी धन की देवी की कृपा पाना चाहते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि आषाढ़ अमावस्या पर क्या उपाय करने चाहिए|
घी का दीपक जलाएं:
आषाढ़ अमावस्या पर घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप इस दीपक में 7 लौंग भी डाल सकते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को करने से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है. साथ ही, मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है|
तुलसी माला से मंत्र जाप:
आषाढ़ अमावस्या पर तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करना काफी शुभ माना गया है. इस दिन विशेष रूप से 108 बार तुलसी की माला से मंत्र जाप करें. धार्मिक मान्यता है कि इससे मानसिक शांति और समृद्धि मिलती है. इसके अलावा, मां लक्ष्मी भी आपसे प्रसन्न हो जाती हैं|
केसर और लौंग का उपाय:
आषाढ़ अमावस्या के दिन कपूर के साथ केसर और लौंग को जलाएं. धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. साथ ही, यह उपाय देवी लक्ष्मी को बहुत ज्यादा आकर्षित करता है. अगर आप आषाढ़ अमावस्या पर इस उपाय को करते हैं, तो आपके घर में धन लाभ होता है|
स्नान और तर्पण:
आषाढ़ अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें. अगर यह संभव नहीं हो तो नहाने के पानी में गंगाजल डालर स्नान करना चाहिए. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों को तर्पण करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है|
पीपल के पेड़ की पूजा:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल का पेड़ पितरों का प्रिय होता है. ऐसे में आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें. साथ ही, पीपल की जड़ में दूध और मिश्री मिला जल अर्पित करें. इसके बाद पीपल की 108 बार परिक्रमा करें. इस उपाय से पितृ दोष दूर होता है|
पिंडदान और तर्पण:
पितरों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या पर पिंडदान और तर्पण करना जरूरी होता है. आप इस काम के लिए किसी पंडित की मदद ले सकते हैं. पितरों के तर्पण के लिएतिल, कुश, जल, फूल आदि का इस्तेमाल करें. इसके बाद पिंडदान करें और पितरों के नाम से दान करें|