सोम प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप
23-Jun-2025 3:16:13 pm
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- दांपत्य जीवन में आएगी शुभता
इस वर्ष आषाढ़ मास का पहला प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, जिसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन कुछ मंत्रों का जाप कर आप कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
प्रदोष व्रत की तिथि-
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 23 जून को रात 1:21 बजे होगी और यह तिथि उसी दिन रात 10:09 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए व्रत 23 जून को ही रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ समय शाम 07:22 बजे से 09:23 बजे तक रहने वाला है।
शिव जी के मंत्र-
“ॐ नमः शिवाय”
यह भगवान शिव का सर्वाधिक प्रसिद्ध पंचाक्षरी मंत्र है। इस मंत्र का जाप मानसिक शांति के साथ-साथ जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है और वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
“ॐ पार्वतीपतये नमः”
यह मंत्र शिव को माता पार्वती के पति के रूप में स्मरण करता है, जिससे शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। प्रेम, विवाह और दांपत्य जीवन में मधुरता लाने के लिए यह मंत्र अत्यंत फलदायी है।
“ॐ महादेवाय नमः”
यह मंत्र भगवान शिव के व्यापक, करुणामय स्वरूप को समर्पित है। इसके नियमित जाप से जीवन की समस्त बाधाएं शांत होती हैं।
शिव गायत्री मंत्र-
“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”
यह मंत्र ध्यान, विवेक और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है। यह विवाह से जुड़े उचित निर्णय लेने में सहायता करता है।
शीघ्र विवाह हेतु विशेष मंत्र-
“हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया। मां कुरु कल्याणि कांत कांतां सुदुर्लभाम्॥”
इस मंत्र के माध्यम से माता पार्वती से प्रार्थना की जाती है कि जिस प्रकार वे शिव की प्रिय हैं, उसी प्रकार साधक को भी मनोनुकूल जीवनसाथी मिले। यह मंत्र शीघ्र विवाह और वैवाहिक जीवन में सुख की कामना के लिए अति प्रभावशाली माना जाता है।