शनिदेव को शांत करने के उपाय
28-Jun-2025 3:04:31 pm
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हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन विशेष माना जाता है। शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार दंड या पुरस्कार देते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैय्या या महादशा चल रही हो तो उसका जीवन संघर्ष, बाधाओं और आर्थिक संकटों से घिर सकता है। खासकर जिन लोगों को बार-बार धन की हानि हो रही हो, व्यापार में घाटा हो रहा हो या नौकरी में स्थिरता नहीं मिल रही हो, उनके लिए शनिदेव की कृपा पाना बहुत लाभकारी होता है। शनिवार के दिन किए जाने वाले कुछ खास उपाय शनिदेव की अशुभ दृष्टि को शांत कर जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता ला सकते हैं। ये उपाय व्यक्ति को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी सहायक होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 कारगर उपाय, जिन्हें शनिवार के दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
सरसों का तेल और काली वस्तुओं का दान करें-
शनिवार की शाम शनि मंदिर जाकर शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जप करें। इसके बाद गरीबों या जरूरतमंदों को काले कपड़े, काले तिल, उड़द की दाल, जूते-चप्पल, या कंबल का दान करें। माना जाता है कि इन चीजों के दान से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और धन संबंधी रुकावटें दूर होती हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा करें-
शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और उसे जल अर्पित करें। इसके बाद सात परिक्रमा करें और शनिदेव का ध्यान करते हुए प्रार्थना करें। यह उपाय शनि दोष को शांत करने और घर में सुख-समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है।
हनुमान जी की पूजा करें-
हनुमान जी को शनिदेव का परम मित्र माना जाता है। शनिवार के दिन सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव की वक्र दृष्टि से बचा जा सकता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और जीवन की चुनौतियां कम होती हैं।
शनि चालीसा और मंत्र जाप करें-
शनिवार को स्नान आदि के बाद शांत मन से शनि चालीसा पढ़ें। साथ ही “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” या “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह साधारण और प्रभावी तरीका है शनि की कृपा पाने का।
गरीबों और ज़रूरतमंदों की सेवा करें-
शनिदेव को न्यायप्रिय और गरीबों का संरक्षक माना जाता है। शनिवार को भूखों को भोजन कराना, दिव्यांगों या सफाई कर्मचारियों की मदद करना शनिदेव को अत्यंत प्रिय है। यह सेवा भाव शनि दोष को कम करता है और जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने में मदद करता है।