धर्म समाज

सावन में पुत्रदा एकादशी मंगलवार 5 अगस्त को

  • जानिए...सही तिथि और पूजा विधि
सनातन परंपरा में एकादशी तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। सालभर में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं, और हर एकादशी भगवान विष्णु तथा देवी लक्ष्मी को समर्पित होती है। इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत रखने और विधिवत पूजा-अर्चना करने से साधक को इच्छित फल की प्राप्ति होती है। सावन मास भगवान शिव को समर्पित होता है, उसमें आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने और श्री हरि की उपासना करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
कब रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत-
दृक पंचांग के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की शुरुआत 4 अगस्त 2025 को प्रातः 11:41 बजे से हो रही है, जो कि 5 अगस्त दोपहर 1:12 बजे तक जारी रहेगी। ऐसे में 5 अगस्त 2025, मंगलवार को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
दुर्लभ योग में मिलेगा कई गुना पुण्य-
पुत्रदा एकादशी के दिन भद्रा काल के साथ-साथ रवि योग का संयोग बन रहा है। रवि योग को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग में श्री हरि की आराधना करने से स्वास्थ्य लाभ, सुख-समृद्धि और कार्यक्षेत्र में प्रगति के योग बनते हैं। साथ ही पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
पुत्रदा एकादशी व्रत पारण-
पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण उपवास के अगले दिन किया जाएगा। पारण के लिए 6 अगस्त को सुबह 05:45 बजे से सुबह 08:26 बजे तक का समय बताया गया है। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय दोपहर 02:08 बजे है।
पुत्रदा एकादशी का महत्व-
शास्त्रों के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ती हैं और घर में लक्ष्मी-नारायण की कृपा बनी रहती है। विशेषकर वे दंपत्ति जो संतान सुख की इच्छा रखते हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायक माना गया है।

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