धर्म समाज

हरियाली तीज, नाग पंचमी और देवशयनी एकादशी कब है? जानिए...

सनातन धर्म की परंपरा में हर महीना अपनी अलग धार्मिक गरिमा और आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आता है। जुलाई का महीना भी कुछ ऐसा ही है, जो न सिर्फ पंचांग में विशेष स्थान रखता है, बल्कि श्रद्धा और भक्ति के लिहाज से भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष जुलाई की शुरुआत के साथ ही 11 तारीख से सावन मास का आगमन हो रहा है , वह पावन काल जिसमें शिवभक्त पूरे मन, वचन और कर्म से महादेव की आराधना में लीन हो जाते हैं।सावन के साथ ही जुलाई में देवशयनी एकादशी, हरियाली तीज, मंगला गौरी व्रत, नाग पंचमी और सावन शिवरात्रि जैसे पर्वों की सजीव झांकी देखने को मिलेगी। यह महीना व्रत, उपवास और अनुष्ठानों के साथ आत्मिक शुद्धि और पारिवारिक सुख-समृद्धि का प्रतीक है। मान्यता है कि इस मास में भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी होती है और वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चनें भी दूर होती हैं। ऐसे में आइए जानें जुलाई के धार्मिक कैलेंडर में किन-किन पर्वों और तिथियों का है महत्व।
जुलाई माह के व्रत त्योहार :-
6 जुलाई- देवशयनी एकादशी, गौरी व्रत
8 जुलाई- भौम प्रदोष व्रत,
9 जुलाई -आषाढ़ चौमासी चौदस
10 जुलाई -कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा
11 जुलाई -सावन की शुरुआत
14 जुलाई – सावन का पहला सोमवार
15 जुलाई- मंगला गौरी व्रत
16 जुलाई – कर्क संक्रांति
21 जुलाई – सावन का दूसरा सोमवार
22 जुलाई- दूसरा मंगला गौरी व्रत, सावन प्रदोष व्रत
23 जुलाई – सावन की शिवरात्रि
24 जुलाई – हरियाली अमावस्या
27 जुलाई – हरियाली तीज
28 जुलाई -सावन का तीसरा सोमवार, विनायक चतुर्थी
29 जुलाई -नाग पंचमी
30 जुलाई को स्कंद षष्ठी
31 जुलाई – तुलसीदास जयंती
6 जुलाई 2025 : देवशयनी एकादशी :-
यह एकादशी न केवल व्रतों में विशेष मानी जाती है, बल्कि इस दिन से देवताओं का शयनकाल यानी चातुर्मास भी आरंभ हो जाता है। अगले चार महीनों तक कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते, क्योंकि देवी-देवता विश्राम करते हैं। इस एकादशी का व्रत रखने से जीवन में पुण्य, संयम और आत्मिक उन्नति का द्वार खुलता है।
10 जुलाई 2025: कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन वेद व्यास जी के प्राकट्य के उपलक्ष्य में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। साथ ही, कोकिला व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा, जो विशेष रूप से सुहागिनों और विवाह की इच्छुक कन्याओं द्वारा किया जाता है। यह व्रत जीवन में सुख-शांति, प्रेम और उत्तम दांपत्य सुख प्रदान करता है।
11 जुलाई 2025: सावन मास प्रारंभ :-
श्रावण मास, भगवान शिव को समर्पित वह दिव्य समय है जब आकाश भी जलाभिषेक करता है। इस माह शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करने से समस्त पाप क्षय होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह मास विशेषकर सोमवार व्रत और रुद्राभिषेक के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है।
27 जुलाई 2025: हरियाली तीज :-
शृंगार, समर्पण और प्रेम का प्रतीक हरियाली तीज विवाहित और अविवाहित दोनों स्त्रियों के लिए मंगलदायक होती है। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा कर सौभाग्य, प्रेम और उत्तम वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। यह पर्व प्रकृति की हरियाली और नवजीवन के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।

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